त्रिपुरा की राजधानी क्या है (Capital of Tripura) अगर आप भारत में रहते है, तो आपको भारत के राज्यों की राजधानी के बारे में जरूर पता होना चाहिए। जिसमे से Tripura Ki Rajdhani के बारे में आज हम इस लेख में जानने वाले है। त्रिपुरा क्षेत्रफल के अनुसार भारत का तीसरा सबसे छोटा राज्य है, जो की भारत की उत्तर-पूर्वी सीमा पर स्थित है। त्रिपुरा के पूर्व में असम और मिजोरम राज्य स्तिथ है, जबकि उत्तर, पश्चिम और दक्षिण में त्रिपुरा की सीमा बांग्लादेश के साथ जुड़ी हुई है। त्रिपुरा की जनसँख्या 2012 के अनुसार 36 लाख 71 हजार थी। यहाँ की मुख्य भाषा कोक और बोरोक है।
त्रिपुरा की स्थापना माणिक्य नामक इण्डो-मंगोलियन आदिवासी द्वारा 14वीं शताब्दी में की गयी थी। यह इण्डो-मंगोलियन जनजाति का मुखिया था, जिसने हिन्दू धर्म को अपनाया था। ब्रिटिश साम्राज्य के संरक्षण के तहत त्रिपुरा एक स्वतंत्र रियासत का हिस्सा था। जिसे हिल टिपेरा के नाम से भी जाना जाता है। सन 949 में त्रिपुरा को नये स्वतंत्र भारत में शामिल किया गया। सन 1972 में त्रिपुरा को राज्य का दर्जा मिला। त्रिपुरा का आधे से ज्यादा हिस्सा जंगलों से घिरा हुआ है, जिसकी वजह से त्रिपुरा प्राकृतिक प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान है।
हालाकिं त्रिपुरा के जंगलों में आतंकवादी भी रहते है, जो की समय समय पर प्रशाशन से कुछ मांगो को लेकर लड़ते रहते है। यहाँ का मुख्य उद्योग हैण्डलूम बुनाई का है। त्रिपुरा के नाम को लेकर भी कई तरह तरह की किवदंतियां है। कुछ स्थानीय लोगो का कहना है, की त्रिपुरा में एक त्रिपुर नाम का ययाति वंश में 39वाँ राजा था, इसी राजा के नाम पर इस जगह का नाम त्रिपुरा रखा गया।
जिसके अनुसार ऐसा माना जाता है, इसके वंशज अहीरो ने यहाँ पर प्राचीन काल में शासन भी किया था। एक दूसरे मत के अनुसार ऐसा भी माना जाता है, की यहाँ पर एक स्थानीय देवी त्रिपुर सुन्दरी का मंदिर भी है, जिसके नाम पर इस जगह का नाम त्रिपुरा पड़ा। यह मंदिर हिन्दू पंथ के 51 शक्ति पीठों में से एक है। वही अगर हम इतिहासकारो की माने तो इतिहासकार कैलाश चन्द्र सिंह के अनुसार ऐसा मन्ना है, की यहाँ की स्थानीय भाषा कोकबोरोक के दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसमे त्वि और प्रा शामिल है।
त्वि शब्द का अर्थ होता है, पानी और प्रा शब्द का अर्थ होता है निकट। जिसके अनुसार यह निष्कर्ष निकलकर सामने आता है, यह जगह प्राचीन काल से बंगाल की खाड़ी (समुद्र) के किनारे के निकट है, जिसकी वजह से इसे त्रिपुरा के नाम से पुकारा जाता है। त्रिपुरा का उल्लेख सम्राट अशोक के शिलालेखों, पुराणों और महाभारत में भी मिलता है। अभी तक हमने त्रिपुरा के बारे में जानकारी पढ़ी। आइये अब जानते है, त्रिपुरा की राजधानी क्या है –
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त्रिपुरा की राजधानी क्या है (Tripura Ki Rajdhani)
भारत के त्रिपुरा राज्य की राजधानी अगरतला है, जिसकी स्थापना महाराज राधा कृष्ण किशोर माणिक्य बहादुर द्वारा सन 1850 में की गयी थी। अगरतला बांग्लादेश से सिर्फ 2 किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ है, यह त्रिपुरा का सबसे समृद्ध शहर है। शहर से हरोआ नदी होकर गुजरती है, जो की पर्यटन की दृष्टि से भी पयर्टको को आकर्षक करता है। अगरतला में पर्यटकों के लिए बहुत से एडवेंचर मौजूद है।
इसके अलावा पर्यटक अगरतला में Rajbari National Park में भी देखने के लिए बहुत से जीव जंतु है, जो की पर्यटकों को आकर्षक करते है। अगरतला को 19वीं शताब्दी से पहले नहीं जाना जाता था, यह उस समय सामने आया जब माणिक्य वंश इसे अपनी राजधानी के रूप में चुना। 19वीं शताब्दी में त्रिपुरा के उदयपुर स्थित रंगामाटी में लगातार कुकी के हमले हो रहे थे, जिन से परेशान होकर महाराज कृष्ण माणिक्य ने अपनी रंगामाटी से अपनी राजधानी को स्थानांतरित करके अगरतला बना लिया था।
इसके अलावा राजधानी को महाराज ने इसलिए भी बदला था, क्योकिं पड़ोसी देश ब्रिटिश बांग्लादेश के साथ भी संपर्क बनना चाहते थे। महाराज वीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर ने आज के अगरतला की परिकल्पना सन 1940 में की थी। उन्होंने उस समय में ही अगरतला में नगर निगम की योजना बनाई, जहाँ पर मार्किट बुल्डिंग, सड़क आदि को बनाने की तैयारी की थी। जिसकी वजह से अगरतला को “बीर बिक्रम सिंह माणिक्य बहादुर का शहर” भी कहा जाता है।
अगरतला शाही राजधानी और बांग्लादेश के नजदीक होने की वजह से कई प्रसिद्ध व्यक्तियों ने अगरतला में भ्रमण किया है। जिसमे की रवीन्द्रनाथ ठाकुर कई बार अगरतला घूमने आये, उनके बारे में ऐसा कहा जाता है, उनके त्रिपुरा के राजाओं के साथ अच्छे सम्बन्ध थे।
त्रिपुरा के बारे में जानकारी | |
त्रिपुरा राज्य का गठन | 21 जनवरी 1972 |
त्रिपुरा की राजधानी | अगरतला |
सबसे बड़ा शहर | अगरतला |
त्रिपुरा में जिले | 8 |
कुल क्षेत्रफल | 10,492 किमी² |
जनसंख्या (2012) | 36.6 लाख |
त्रिपुरा की राजभाषा | बंगाली, ककबरक, अंग्रेज़ी |
आधिकारिक वेबसाइट | https://tripura.gov.in/ |
अगरतला के पर्यटन स्थल
अगरतला का मुख्य आकर्षण उज्जयंत पैलेस है, जिसे सन 1901 में बनवाया गया था। उज्जयंत पैलेस को मुगल-यूरोपीय शैली में बनवाया गया है। यह प्लेस 800 एकड़ जमीन पर बना हुआ है, जो की त्रिपुरा राज्य की विधान सभा है। इसके अंदर बहुत सुन्दर सुन्दर बगीचे है, और कई मानव निर्मित झीले है।
इस प्लेस को आम नागरिको के लिए नहीं खोला गया है, हालाकिं अगर आप 3 से 4 शाम के समय प्लेस के मुख्य द्वार पर आते है, तो आपको प्रवेश के लिए Entrance Pass प्राप्त कर सकते है। ज्जयंत पैलेस में दो मंदिर भी बने हुए जिनका रंग नारंगी है, जिसमे उम्मेनश्वर मंदिर और जगन्नाथ मंदिर मौजूद है।
इन मंदिरो में कोई भी व्यक्ति दर्शन के लिए जा सकता है। इसके अलावा अगरतला में एयरपोर्ट से करीब 1 किलोमीटर की दुरी पर वेणुबन विहार मंदिर है, जो की बौद्ध धर्म को समर्पित है। साथ ही गेदू मियां मस्जिद भी है, यह मस्जिद क्राकरी के टूटे हुए टुकड़ो से बनाई गयी है, जो की बहुत ही अनोखे तरीके से इस मस्जिद को बनाने के लिए उपयोग किये गए है।
अगरतला में पर्यटकों के देखने के लिए बहुत कुछ है, आप एचजीबी रोड पर स्थित स्टेट म्यूजियम में जा सकते है, जहाँ पर आप एथनोग्राफिकल और आर्कियोलॉजी से सम्बंधित वस्तुओं को देख सकते है। स्टेट म्यूजियम के खुलने का समय सोमवार से शनिवार तक प्रात: 10 से सायं 5 बजे तक होता है।
इसमें प्रवेश करने के लिए आपको शुल्क देना होता है। अगरतला में एक चौदह मूर्तियों वाला मंदिर भी है, जहाँ पर जुलाई महीने में कड़छी-पूजा के श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होती है। यह मंदिर पुराना अगरतला के पूर्व में स्तिथ है। आइये अगरतला में घूमने के कुछ और मुख्य दर्शनीय स्थलों के बारे में जानते है –
1. जगन्नाथ मंदिर
जगन्नाथ मंदिर अगरतला के सबसे पूजनीय मंडियों में से एक है, जो की अपनी अनूठी वास्तुशिल्पीय शैली के लिए लोकप्रिय है। मंदिर को अष्टभुजीय संरचना में बनाया गया है, इसके चारो और आकर्षक प्रधक्षण पठ बने हुए है।
2. लक्ष्मीनारायण मंदिर
लक्ष्मीनारायण मंदिर भी अगरतला के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। इस मंदिर की स्थापना कृष्णानंद सेवायत ने कराई थी। यह मंदिर हिन्दू धर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यहाँ पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है।
3. महाराजा बीर बिक्रम कॉलेज
इस कॉलेज को महाराजा बीर बिक्रम सिंह ने सन 1947 में बनवाया था। महाराजा बीर बिक्रम सिंह जी स्थानीय युवाओं को उच्च शिक्षा और व्यवसायिक तो पर मजबूत बनाना चाहते है, इसी उद्देश्य से उन्होंने इस कालजे की स्थापना करवाई थी।
4. रवीन्द्र कानन
रवीन्द्र कानन राज भवन की बगल में स्तिथ एक बहुत बड़ा गार्डन है। यहाँ पर लोग अपनी शाम के समय घूमने के लिए आते है। कुछ बच्चे इस गार्डन में क्रिकेट आदि गेम भी खेलते है। यहाँ पर सभी उम्र के लिए अपने समय को व्यतीत करने के लिए आते है।
5. त्रिपुरा सुंदरी मंदिर
त्रिपुरा सुंदरी मंदिर त्रिपुरा की राजधानी से करीब 55 किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ है। यह मंदिर भारत के 51 शक्ति पीठों में से एक है। पुरातत्वविदों के अनुसार ऐसा माना जाता है, त्रिपुरा सुंदरी मंदिर को करीब 500 साल पहले बनवाया था। यह मंदिर बौद्ध गुम्बदों के आकर में बना हुआ है। इस मंदिर में दिवाली के त्यौहार पर दुनियाभर के तीर्थयात्री आते है। मंदिर को दीयों से सजाया जाता है, जो की पीली रौशनी से पूरा जगमगाता रहता है। जिसकी वजह से दिवाली के दौरान यह मंदिर मुख्य पर्टयन स्थलों में से एक बन जाता है।
6. मेखलीपारा टी एस्टेट
मेखलीपारा टी एस्टेट त्रिपुरा की राजधानी से करीब 10 किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ है। भारत के उत्तर पूरी हिस्से में चाय का उत्पादन बहुत बड़ी मात्रा में किया जाता है। अगर आप विशाल चाय के बागान देखना चाहते है, तो आप हावड़ा नदी के तट पर स्तिथ मेखलीपारा टी एस्टेट में जा सकते है। यहाँ के स्थानीय लोगो की कमाई का मुख्य जरिया चाय की खेती है। अगर यहाँ पर देखने की कोई सबसे अच्छी चीज है, तो वह त्रिपुरा के चाय के बागान है, जो आपको मन्त्रमुगंध कर देने वाले दृश्य प्रदान करते है।
7. गुनावती मंदिर समूह
गुनावती मंदिर समूह त्रिपुरा की राजधानी से करीब 54 किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ है। जैसा की इसके नाम से ही पता चलता है, की यह मंदिर तीन मंदिरो का समूह है। इस मंदिर के बारे में इतिहासकारो का ऐसा मन्ना है, की यह मंदिर 17 वीं शताब्दी के आसपास निर्मित किया गया है। मंदिर के शिलालेखों से ऐसा पता चलता है, की इस मंदिर का निर्माण रानी गुणवती के नाम पर किया गया था। आप इस मंदिर में जब प्रवेश करते है, तो आप खुद को भारत के ऐतिहासिक काल में पाएंगे। अगर आप त्रिपुरा के कुछ प्राचीन आकर्षणों में घूमना चाहते है, तो आपको गुणवती मंदिर जरूर जाना चाहिए।
भारत के सभी राज्यों की राजधानी के नाम
भारत के सभी राज्यों की राजधानी के नाम | |
ओडिशा की राजधानी | पश्चिम बंगाल की राजधानी |
पंजाब की राजधानी | त्रिपुरा की राजधानी |
राजस्थान की राजधानी | मणिपुर की राजधानी |
सिक्किम की राजधानी | मेघालय की राजधानी |
आंध्र प्रदेश की राजधानी | हिमाचल प्रदेश की राजधानी |
हरियाणा की राजधानी | झारखण्ड की राजधानी |
अरुणाचल प्रदेश की राजधानी | कर्नाटक की राजधानी |
असम की राजधानी | केरल की राजधानी |
गोवा की राजधानी | मध्यप्रदेश की राजधानी |
गुजरात की राजधानी | महाराष्ट्र की राजधानी |
बिहार की राजधानी | मिजोरम की राजधानी |
छत्तीसगढ़ की राजधानी | नागालैंड की राजधानी |
उत्तराखंड की राजधानी | तमिलनाडु की राजधानी |
उत्तर प्रदेश की राजधानी | तेलंगाना की राजधानी |
Note – यह लेख त्रिपुरा की राजधानी क्या है (Capital of Tripura) इसके बारे में था। जिसमे आपको त्रिपुरा की राजधानी से सम्बंधित और भी कई महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में बताया गया है। मुझे उम्मीद है, की आपको यह लेख पढ़ने के बाद यह भी पता चल गया होगा “अगरतला कहाँ की राजधानी है” अगर आपका इस लेख से सम्बंधित कोई भी सवाल है, तो आप हमें कमेंट करके बता सकते है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा तो कृपया इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, धन्यवाद।