मेघालय की राजधानी क्या है (Capital of Meghalaya) अगर आप भारत में रहते है, तो आपको Meghalaya Ki Rajdhani के बारे में जरूर पता होना चाहिए। मेघालय का शाब्दिक अर्थ होता है, “बादलों का घर”। मेघालय अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए पुरे देश के अलावा विदेशो में भी जाना जाता है। यह खूबसूरत राज्य करीब 220 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
राज्य की सुंदरता को स्कॉटलैंड से मापा जाता है। जिसकी वजह से इसे पूर्व का स्कॉटलैंड भी माना जाता है। मेघालय भारत के पूर्वोत्तर में बसा हुआ है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जीव विविधता के लिए परिपूर्ण है। राज्य के बीचो में खासी पर्वत फैला हुआ है, जिसके पूरी सिरे पर छोटे जयन्तिया पर्वत और पश्चिम में छोटे छोटे गारो पर्वत स्तिथ है।
इन्ही प्रसिद्ध पर्वतो के नाम पर यहाँ की प्रसिद्ध जनजातियां का नाम भी है, जो की इन्ही पर्वतो पर अपना जीवन यापन करती है। बहुत समय पहले इन क्षेत्रो में किसी भी विदेशो पर्यटक को आने की अनुमति नहीं थी। अगर कोई पर्यटक इन क्षेत्रो में आना भी चाहता था, तो उसे इसके लिए प्रवेश की अनुमति लेनी पड़ती थी।
लेकिन सन 1955 में मेघालय से सभी प्रतिबन्ध हटा दिए गए। अभी तक आपने मेघलाय के बारे में सभी सामान्य जानकारियों के बारे में जाना है। आइये अब हम इस लेख की और आगे बढ़ते है, और जानते है,मेघलाय की राजधानी क्या है –
मेघालय की राजधानी क्या है (Meghalaya Ki Rajdhani)
मेघालय की राजधानी शिलांग है, जो की एक पर्वतीय स्थल है। शिलांग मेघालय का सबसे बड़ा शहर है, जो की पर्यटन स्थल भी है। पयर्टक शिलांग की यात्रा पैदल भी कर सकते है। अपनी सुविधा के अनुसार पुरे दिन के लिए स्थानीय टेक्सी या सिटी बस भी किराये अपर ले सकते है।
मेघालय के बारे में जानकारी | |
मेघालय राज्य का गठन | 1 अप्रैल 1970 |
मेघालय की राजधानी | शिलांग |
सबसे बड़ा शहर | शिलांग |
मेघालय में जिले | 11 |
कुल क्षेत्रफल | 22,429 किमी2 (8,660 वर्गमील) |
जनसंख्या (2016) | 3212000 |
मेघालय की राजभाषा | गारो एवं खासी भाषाएँ |
आधिकारिक वेबसाइट | https://meghalaya.gov.in |
शिलांग के बारे में जानकारी | Shillong Information in Hindi
शिलांग भारत का एक पर्वतीय शहर है, यह पूर्वोत्तर भारत के एक खूबसूरत राज्य मेघालय की राजधानी भी है। इसके अलावा शिलांग शहर ईस्ट खासी हिल्स जिले का मुख्यालय भी है। शिलांग के बारे में ऐसा कहा जाता है, की इस शहर की खूबसूरत घूमती हुई पहाड़ियां ब्रिटिश लोगो को स्कॉटलैण्ड की याद दिलाती थी। जिसकी वजह से शिलांग को ब्रिटिश लोगो ने स्कॉटलैण्ड ऑफ़ द ईस्ट का नाम दिया था।
शिलांग में सन 1864 में खासी एवं जयन्तिया हिल्स क्षेत्र के लिए सिविल स्टेशन बनाया गया, जिसकी वजह से इसका आकर बढ़ता चला गया। वर्तमान समय में शिलांग एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जहाँ पर प्रतिवर्ष घूमने के लिए देश विदेश पर्यटक आते है। आइये शिलांग के कुछ दर्शनीय स्थलों के बारे में जानते है। इसके अलावा हम शिलांग के आस पास के भी कुछ प्रमुख स्थानों के बारे में जानेगे, जहाँ पर आप घूमने के लिए जा सकते है –
1. लेडी हैदरी पार्क
लेडी हैदरी पार्क शिलांग का एक मुख्य आकर्षण है, अगर आपको फूलों से प्यार है, तो आपको इस पार्क में जरूर घूमने के लिए जाना चाहिए। इस पार्क में एक छोटा सा चिड़ियाघर भी है, जहाँ पर कई प्रकार की तितलियों को भी पाला गया है।
2. कैलांग रॉक
कैलांग रॉक शिलांग में मेरंग-नोखलॉ रोड पर सीथ एक ग्रेनाइट बहुत ऊँची और विशाल चट्टान है। इसका आकर गोलाकार है, जो की दूर से देखने पर एक गुम्बद कर तरह नजर आती है। इसके आस पास घने देवदार के जंगल है, आप गुम्बद के ऊपर जाकर आस पास के विचित्र गांव के शानदार दृश्यों को देख सकते है। इसके अलावा यहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त का भी शानदार नजारा देखा जा सकता है।
3. शिलांग पीक
शिलांग पीक शहर का सबसे ऊँचा स्थान है, जो की समुद्र तल से 1965 मीटर की ऊंचाई पर स्तिथ है। यह आपको प्राकृतिक के कई मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है, आप यहाँ से कुछ शानदार झरने और बांग्लादेश के मैदानों इलाको के लुभाने दृश्यों को देख सकते है। लेकिन यह आमतौर पर घने कोहरे में घिरा रहता है। शिलांग शहर का नाम शिलांग पीक से ही लिया गया है।
क्षेत्रीय कथाओं के अनुसार स्थानीय लोगो का ऐसा मानना है, की यहाँ पर संरक्षक देवता ‘लीशिलॉन्ग’ निवास है, जो की शहर को सभी बुराइयों से बचाते है। शिलांग पीक भारतीय वायु सेना के अंतर्गत आती है, और यहाँ पर भारतीय वायु सेना का रडार स्टेशन है। भी मौजूद है, सभी पर्यटकों को यहाँ पर कैमरा जमा करने लिए बोला जाता है।
4. वार्डस झील
वार्डस झील शिलांग शहर के केंद्र में स्तिथ है, यह एक कृत्रिम झील है, इसके आस पास पेड़ पौधे और हरियाली है। यह झील शिलांग का एक प्रमुख आकर्षण है। इस झील का आकर घोड़े की नाल की तरह है। वार्ड के बीच में पर्यटकों के लिए एक छोटा सा पुल भी बनाया गया है, जो की पर्यटकों को झील के मनोरम दृश्य प्रदान कराता है। इसके अलावा झील के प्रवेश द्वार से आप मछलियों को खिलाने के लिए चावल भी ले सकते है। यह वास्तव में बहुत ही सुन्दर झील है।
5. स्वीट फॉल्स
स्वीट फॉल्स शिलांग के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले आकर्षणों में से एक है। यह झरना देश के सबसे ऊँचे झरनो की सूचि में भी आता है। जो की हैप्पी वैली से करीब 5 किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ है। स्वीट फॉल्स 96 मीटर की ऊंचाई से गिरता है, जो की इसे सबसे खरतनाक और आकर्षक झरना बनाता है। यह झरना इतनी ऊंचाई से गिरता है, की यहाँ पर नहाना और खड़े रहना असंभव है। स्वीट फॉल्स के आस पास आपको कई तरह की चिड़ियों के चहकाने की आवाज आती है।
6. एलीफेंट फॉल्स
एलीफेंट फॉल्स जिसे हाथी झरना भी कहा जाता है। यह शिलांग के उत्तर-पूर्व में स्तिथ सबसे प्रमुख झरनो में से एक है। इस झरने का नाम एलिफेंट फाल्स इसलिए रखा गया, क्योकिं जिस चट्टान से यह गिरता है, उसका आकर हाथी की तरह है। हालाकिं यह पत्त्थर सन 1897 में आये भूकम के कारण बिखर कर वह गया था। एक शांत और प्राकृतिक जगह पर समय बिताने के लिए यह एक शानदार जगह है।
7. नोहकालिकाई फाल्स
नोहकालिकाई फॉल्स भारत का सबसे ऊँचा झरना है। यह झरना ऊंचाई 340 मीटर (1,115 फीट) की ऊंचाई से गिरता है। यह झरना चेरापूंजी में स्तिथ है, जो की दुनिया का सबसे ज्यादा नम स्थान है।
8. सेवन सिस्टर फाल्स
सेवन सिस्टर फाल्स में सात अलग अलग धाराएं बहती है। जो की एक बड़ी चट्टान से नीचे गिरती है। सेवन सिस्टर फाल्स मेघालय की राजधानी से 57 किलोमीटर दुरी पर स्तिथ है। बारिश के बाद यह झरना बहुत ज्यादा सुन्दर हो जाता है, जो की आपको देखने बहुत मनोरम दृश्य प्रदान करता है। झरने की आवाज आपको मन्त्रमुगंध करती है, इसके अलावा यहाँ से डूबते सूरज का शानदार नजारा भी देखा जा सकता है। यहाँ पर पर्यटक फोटोग्राफी के लिए भी आते है।
9. बिशप और बीडन फाल्स
बिशप और बीडन फाल्स मेघालय की राजधानी शिलांग के बस स्टैंड से करीब 5 किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ है। यह दोनों जुड़वाँ झरने है। बिशप झरना उमशिरफी नदी द्वारा बनता है, यह बहुत ही लोकप्रिय झरनो में से एक है। इस झरने की बहती धरा एक सफ़ेद रिबन की तरह दिखाई देती है। यह भारत के सबसे ऊँचे झरनो में भी आता है। बीडॉन फॉल्स को बिशप फॉल्स का भाई माना जाता है, क्योकिं यह दोनों झरने एक दूसरे से थोड़ी दुरी पर ही स्तिथ है। बीडॉन फॉल्स लंबा और संकरा है, जो की पहाड़ी से करीब 100 फिट की ऊंचाई से उमियाम नदी में गिरता है।
10. उमियम झील
बरापानी या उमियम झील मेघालय की राजधानी से 17 किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ है। यह एक मानव निर्मित झील है, जिसका निर्माण जलविद्युत शक्ति बनाने के लिए एक बांध को बनाने के बाद किया गया था। उमियम झील चारो और से खासी पहाड़ियों से घिरी हुई है। अगर आप एक प्राकृतिक प्रेमी है, तो आपके लिए यह झील एक आदर्श विकल्प है।
जो की शिलांग के सबसे अच्छे प्राकृतिक और मनोरम आकर्षणों में से एक है। झील से आप सूर्योदय का नजारा देख सकते है। उमियम झील के आस पास घने शंकुधारी वृक्ष है, जो की करीब 222 वर्ग किलोमीटर में फैले हुए है। झील में आप नाव की सवारी भी कर सकते है, इसके अलावा झील में कुछ पानी की गतिविधियां भी होती है।
भारत के सभी राज्यों की राजधानी के नाम
भारत के सभी राज्यों की राजधानी के नाम | |
ओडिशा की राजधानी | पश्चिम बंगाल की राजधानी |
पंजाब की राजधानी | त्रिपुरा की राजधानी |
राजस्थान की राजधानी | मणिपुर की राजधानी |
सिक्किम की राजधानी | मेघालय की राजधानी |
आंध्र प्रदेश की राजधानी | हिमाचल प्रदेश की राजधानी |
हरियाणा की राजधानी | झारखण्ड की राजधानी |
अरुणाचल प्रदेश की राजधानी | कर्नाटक की राजधानी |
असम की राजधानी | केरल की राजधानी |
गोवा की राजधानी | मध्यप्रदेश की राजधानी |
गुजरात की राजधानी | महाराष्ट्र की राजधानी |
बिहार की राजधानी | मिजोरम की राजधानी |
छत्तीसगढ़ की राजधानी | नागालैंड की राजधानी |
उत्तराखंड की राजधानी | तमिलनाडु की राजधानी |
उत्तर प्रदेश की राजधानी | तेलंगाना की राजधानी |
Note – यह लेख मेघालय की राजधानी क्या है (Capital of Meghalaya) के बारे में था। जिसमे आपको बताया गया है, मेघालय की राजधानी कहाँ है और इसके अलावा आपको मेघालय की कैपिटल के बारे में और भी कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी गयी है। अगर आपका इस लेख से सम्बंधित कोई भी सवाल है, तो आप हमें कमेंट करके बता सकते है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा, तो इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, धन्यवाद।