Planets Name in Hindi : सौरमंडल के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा, लेकिन क्या आपको सौरमंडल के 9 ग्रहों के नाम पता है? अगर आपको Planets Name in Hindi and English में नहीं पता है, तो चिंता की कोई बात नहीं आज के इस लेख में आपको नौ ग्रह के बारे में जानकारी पूरी जानकारी मिलने वाली वाली है।
जिसमे सौरमंडल के साथ साथ ब्रह्माण्ड के बारे में भी जानेगे। जब हम इन ग्रहों को पृथ्वी से देखते है, तो यह हमें बहुत छोटे लगते है, लेकिन वास्तव में ग्रहों का आकर बहुत बड़ा होता है। मनुष्य किसी भी एक गृह के कण की बराबर भी नहीं है। आपको बता दें, की Astrology भी ग्रहों के अनुसार ही कार्य करती है।
आज भी कई लोगो को भूगोल के बारे में Basic जानकारी बहुत कम है। कई बार Exam में सौरमंडल और ग्रहों के नाम से जुड़े कई सवाल भी आ जाते है। ग्रहों के नाम बताएं, लेकिन इस सवाल को देखभाल वह सोच में पद जाते है। हालाकिं आमतौर पर सूर्य, चन्द्रमा, बुध, मंगल आदि ग्रहों के नाम बता भी देते है।
लेकिन 9 ग्रहों के नाम नहीं बता पाते है। हालाकिं वर्तमान में सौरमंडल में 8 गृह है, लेकिन पहले 9 ग्रह हुआ करते है, जिसमे नौवां गृह प्लूटो Pluto था। लेकिन इसे ग्रहों की List से निकल दिया गया, और बोन ग्रह की सूचि में डाल दिया गया है। अभी वर्तमान समय में सौरमंडल में कुल 8 ग्रह मौजूद है।
इन सभी जानकारियों के अलावा क्या आपको पता है, की सौरमंडल क्या है(What Is Solar System in Hindi), सौरमंडल में कुल कितने ग्रह हैं (How Many Planets Are There in the Solar System), ग्रह क्या होते हैं (What are Planets) और इन ग्रहों के नाम हिंदी इंग्लिश में क्या होते है, (All Planets Name in Hindi and English with Pictures) तो चलिए जानते है सभी ग्रहों की जानकारी विस्तार से। मुझे पूरी उम्मीद है, की अगर आप इस पोस्ट ग्रहों के नाम को पूरा पढ़ते है, तो आपको कोई और लेख पढ़ने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
Planets Name In Hindi And English | ग्रहों के नाम हिंदी और इंग्लिश में | Graho Ke Naam
S. N. | Planet English Name | Planet Hindi Name |
1 | Mercury (मर्करी) | बुध (Budh) |
2 | Venus (वेनस) | शुक्र (Shukra) |
3 | Earth (अर्थ) | पृथ्वी (Prithvi) |
4 | Mars (मार्स) | मंगल (Mangal) |
5 | Jupiter (जुपिटर) | बृहस्पति (Brahspati) |
6 | Saturn (सैटर्न) | शनि (Shani) |
7 | Uranus (युरेनस) | अरुण (Arun) |
8 | Neptune (नेप्च्यून) | वरुण (Varun) |
यहां पर दिए गए 8 ग्रहों के नाम हिंदी और इंग्लिश में पढ़कर आपको पता चल गया होगा की सौरमंडल में कौन कौन से ग्रह होते है। अगर आपसे कोई Planets Name पूछता है, तो आप आसानी से उसको बता सकते है। लेकिन इसके अलावा अभी आपने इन सभी ग्रहों के Pictures नहीं देखे है, और इनके बारे में Details में नहीं जाना है, तो आइये जानते है, सौरमंडल क्या है, ग्रह क्या है, कितने ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं, और पृथ्वी से सभी ग्रहों की दूरी के बारे में सभी Information विस्तार से आपकी अपनी मातृ भाषा हिंदी में –
सौरमंडल क्या है (What is Solar System in Hindi)
सौरमंडल सूर्य और खगोलीय पिंड से मिलकर बना है, यह सभी पिंड एक दूसरे से गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा जुड़े हुए है। ब्रह्माण्ड में किसी तारे के आस पर परिक्रमा करते हुए खगोलीय वस्तुओं को ग्रह मंडल कहते है, जो की दूसरे तारे ना हो जैसे की, प्राकृतिक उपग्रह, धूमकेतु, खगोलीय धूल, और बोन ग्रह। सूर्य हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा तारा है, इसके आस पास सबसे ज्यादा ग्रह, पिंड चक्कर लगते है, सूर्य और ग्रहो को मिलकार ही हमर सौरमंडल बनता है।
यहाँ पर शायद आप सोच रहे होंगे की खगोलीय पिंड या खगोलीय वास्तु क्या होती है, जिनसे मिलकर ग्रह मंडल बनता है। आपको बता दें, की खगोलीय पिंड को ही खगोलीय वस्तु कहते है। यह वस्तुए सौरमंडल में प्राकृतिक रूप से पायी जाती है। मलतब इनका निर्माण किसी मनुष्य द्वारा या किसी मशीन के द्वारा नहीं होता है। यह ब्रह्माण्ड में प्राकृतिक रूप से पहले से ही मौजूद होती है। जैसे की उल्का पिंड, आकाश गंगा, उपग्रह तारे, ब्लैक होल, और बोन ग्रह आदि।
ग्रह क्या है What is The Planet in Hindi
किसी तारे के चारो और चक्कर लगाने वाले खगोलीय पिंडो को ग्रह कहते है। जिस तरह से सूर्य एक तारा है, और इसके चारो और चक्कर लगा रहे खगोलीय पिंड ग्रह है। ग्रह अलग अलग आकर के होते है। यह गुर्त्वाकर्षण वाल के कारण पर्याप्त निश्चित कक्षा दुरी पर चक्कर लगाते है। इनके आस पास किसी दूसरे खगोलीय पिंडो का झुण्ड नहीं होता है।
यहाँ पर आपके मन में एक सवाल आ रहा होगा की तारों में और ग्रहों में क्या अंतर होता है – आपको बता दें, की जो रात के समय में आकाश में अधिकतर चमकाने वाले पिंड जो की हमेशा पूरब की दिशा से निकलते है, और पश्चिम की दिशा में अस्त हो जाते है, इन पिंडो को तारा या तारें कहते है।
लेकिन इसके अलावा कुछ पिंड ऐसे भी होते है, जो की अन्य सभी पिंडो के अनुरूप कभी आगे या कभी पीछे जाते है, इन्हे Planet या ग्रह कहते है। ज्यादा घूमने वाले इस तरह के पिंडो को घुम्मकड़ Planet भी कहते है। Plante एक लैटिन भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है, इधर – उधर घूमने वाला। इसलिए इन पिंडो को English में Planet और हिंदी में ग्रह नाम से जाना जाता है।
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सौरमंडल के ग्रहों के नाम और चित्र | Planets Name in Hindi and English with Pictures
अब जानते है, 8 ग्रहों के नाम के बारे में और इनसे जुड़ी सभी जानकारियां। हालांकि सौरमंडल में 9 या नव ग्रह थे, जिसमे अंतिम ग्रह प्लूटो था। लेकिन प्लूटो को ग्रहो की List से निकल कर इसे बोन ग्रह की सूचि में डाल दिया गया है। लेकिन हम प्लूटो ग्रह के बारे में भी विस्तार से जानेगे। जिसमे ग्रह की दुरी, क्षेत्रफल, तापमान, किस ग्रह पर क्या पाया जाता है, और भी कई महत्पूर्ण और रोचक जानकारियां। तो आइये जानते है, ग्रहो की जानकारी के बारे में विस्तार से –
1. बुध (Mercury)
- बुध (Mercury), सूर्य का सबसे निकटम ग्रह और 8 ग्रहो में से सबसे छोटा ग्रह है।
- बुध ग्रह पर सभी अन्य ग्रहो की अपेक्षा तापमान में ज्यादा उतार चढ़ाव होता है, यहाँ पर दिन का तापमान रात का तापमान −173 °C; −280 °F और दिन का तापमान लगभग 427 °C, 800 °F तक रहता है।
- बुध ग्रह पृथ्वी की तरह ही एक चट्टानी पिंड है, जो की सौरमंडल के चार स्थलीय ग्रहों में से एक है।
- बुध ग्रह लगभग 70% धातु व 30% सिलिकेट पदार्थ से मिलकर बना हुआ है। साथ ही यह आकर में ब्रह्माण्ड के बड़े उपग्रहों गेनिमेड और टाइटन से छोटा है, लेकिन यह वजन में इनसे भारी है।
- बुध ग्रह की सतह पर कंक्रीट और पत्त्थर जैसी ज्यादा है, यहाँ पर इसके अलावा क्लोरीन, सल्फर भी शामिल है, इसकी सतह चन्द्रमा की तरह है। जो की देखने में हलके भूरे रंग या Grey रंग की होती है।
- बुध ग्रह पर पृथ्वी या अन्य ग्रहो की तरह मौसम नहीं बदलते है।
- बुध ग्रह पृथ्वी के आसमान में सुबह और शाम के समय नजर आता है। लेकिन इसे मध्यरात्रि को नहीं देखा जा सकता है।
- अगर बुध ग्रह को पृथ्वी से देखा जाए, तो यह एक चमकते सितारे या उज्जवल वास्तु की तरह दिखाई देगा।
- सूर्य से बुध ग्रह की दुरी लगभग 46,000,000 से लेकर 70,000,000 किमी तक मानी जाती है। इसे सूर्य का पूरा चक्कर लगाने में 87.969 या (88 दिन)पृथ्वी के दिन का समय लगता है।
2. शुक्र (Venus)
- शुक्र (Venus), सौरमंडल का दूसरा सबसे निकटम ग्रह है।
- शुक्र ग्रह का नाम प्रेम और सौन्दर्य की रोमन देवी के नाम पर रखा गया था।
- इस ग्रह की सतह पर वायुमंडल का दबाब पृथ्वी की सतह की तुलना में लगभग 92 गुना ज्यादा है।
- शुक्र ग्रह चन्द्रमा के बाद आसमान में रात को सबसे ज्यादा चमकने वाली वास्तु है।
- यह ग्रह सूर्य निकलने से पहले और सूर्यास्त के बाद सिर्फ कुछ ही देर की लिए अपनी ज्यादा चमकीला होता है। जिसकी वजह से यह कुछ प्राचीन संस्कृतियों द्वारा सुबह और शाम का तारा भी कहा जाता है।
- यह सौरमंडल का सबसे गरम ग्रह है, जिसका तापमान 462°C रहता है।
- शुक्र ग्रह एक स्थलीय ग्रह के रूप में भी जाना जाता है। इसका आकर, गुर्त्वाकर्षण, और बनावट के कारण इसे पृथ्वी की “बहन ग्रह” भी कहा गया है।
- शुक्र ग्रह पृथ्वी का निकटम ग्रह है।
- शुक्र ग्रह पर बहुत अधिक मात्रा में कार्बन डाईऑक्साइड पायी जाती है, इसके अलावा यह सल्फ्यूरिक एसिड युक्त बदलो की एक पारदर्शी परत से ढका हुआ है। जिसकी वजह से इसके ऊपर अंतरिक्ष के प्रकाश की किरणे नहीं पहुंच पाती है।
- इस ग्रह की सतह पर सूखे शिलाखंड बिखरे हुए है, जिसकी वजह शुक्र को सूखा मरुस्थल भी कहते है, यह समय समय पर ज्वालामुखी के द्वारा ताजा होते रहते है।
- शुक्र ग्रह की पृथ्वी से दुरी 2.6 करोड़ मील है, और सूर्य से इसकी दुरी 6.72 करोड़ मील है।
- इस ग्रह को सूर्य की परिक्रमा करने में 224.7 पृथ्वी दिनों का समय लगता है। इसे हम इस तरह से भी के सकते है, की शुक्र ग्रहो को सूर्य की परिक्रमा करने में 25 दिनों में कुछ घंटे कम का समय लगता है।
3. पृथ्वी (Earth)
- सूर्य पृथ्वी से दुरी के स्थान पर तीसरा ग्रह है, जिसे विश्व कहते है। इसके अलावा पृथ्वी को नीला ग्रह भी कहा जाता है।
- यह सौरमंडल के 8 ग्रहो में एक मात्र ऐसा ग्रह है, जहाँ पर जीवन है।
- पृथ्वी का 71% भाग जल और 29% भाग भूमि से ढका हुआ है। पृथ्वी की सतह तरह तरह की प्लेटो से मिलकर बनी हुई है। इसके दोनों ध्रुवों पर बर्फ की एक मोटी परत जमी हुई है।
- पृथ्वी पर पानी प्राकृतिक रूप से तीन अवस्थाओं में पाया जाता है। जिसमे आसमान से जल वाष्प और बादल के द्वारा, समुन्द्र में, समुंद्री जल के द्वारा, और पहाड़ो और नदियों के द्वारा पृथ्वी पर पानी पाया जाता है।
- पृथ्वी का एक उपग्रह भी है, जिसका नाम चन्द्रमा है।
- पृथ्वी की उत्त्पत्ति लगभग 4.54 अरब साल पहले की मानी जाती है। इस समय जीवों का विकास महासागरों में हुआ था, जिसके बाद पृथ्वी का वायुमंडल प्रभावित होना शुरू हो गया था। इस अनुमान के मुताबिक पृथ्वी पर जीवन का अनुमान 4.1 अरब साल पहले का माना जाता है।
- पृथ्वी पर धीरे धीरे बहुत बदलाब हुए है, यह एक ऐसा ग्रह है, जिसकी सूर्य से एक उच्चतम दुरी, बेहतर जलवायु और समय समय पर बदलते मौसम के कारण यहाँ पर जीवन संभव है।
- पृथ्वी ग्रह का वायुमंडल भी कई परतो से मिलकर बना हुआ है। इसमें सबसे ज्यादा आक्सीजन और नाइट्रोजन की मात्रा पायी जाती है। इसके साथ ही पृथ्वी के वायुमंडल में एक ओजोन गैस की परत भी मौजूद है, जो की हमें सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाती है।
- कभी आपने आसमान से टूटता हुआ तारा जरूर देखा होगा। जो की आसमान से आता आता बिच में ही गायब हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है, की जो भी उल्कापिण्ड पृथ्वी के वायुमण्डल में आता है, वह घर्षण के कारण वायुमंडल में ही छोटे छोटे टुकड़ो में टूटकर बिखर जाता है।
- पृथ्वी की सबसे ऊपरी सतह बहुत कठोर है, यह पत्थरो और मिटटी से मिलकर बनी है। इसकी सतह पर विशाल पर्वत, द्वीप, समुन्द्र, नदियां, और पठार जैसी कई सुन्दर प्राकृतिक सुन्दर सरंचनाएँ है।
- पृथ्वी ग्रह की दुरी सूर्य से लगभग 15 करोड़ किलोमीटर है। पृथ्वी सौरमंडल का सबसे बड़ा चट्टानी ग्रह है।
- जिस तरह से सभी ग्रह सूर्य के चक्कर लगते है, उसी तरह से पृथ्वी भी सूर्य का चक्कर लगाती है, पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर लगाने 365 दिन का समय लगता है।
- अब जानते है, की पृथ्वी पर दिन और रात किस कारण होते है। पृथ्वी अपनी दैनिक गति पर पश्चिम से पूरब की ओर घूमती है, पृथ्वी को अपने अक्ष पर एक चाकर लगाने में 24 घंटे का समय लगता है, जिसकी वजह से दिन और रात होते है।
- सूर्य से पृथ्वी तक प्रकाश पहुंचने में 8.3 मिनट का समय लगता है।
- पृथ्वी से चन्द्रमा की दुरी 384,4000 किलोमीटर है।
4. मंगल (Mars)
- मंगल (Mars) ग्रह सौरमंडल का सूर्य से चौथा स्थान पर आता है, मंगला ग्रह को “लाल ग्रह” “Red Planet” के नाम से भी जाना जाता है, जो की सौरमंडल का दूसरा सबसे छोटा ग्रह है।
- सौरमंडल में सामान्यतौर पर दो प्रकार के ग्रह होते है, स्थलीय ग्रह, जो की Vartual होते है, जिस तरह से पृथ्वी एक स्थलीय ग्रह है। और दूसरे “गैसीय ग्रह” जो की गैसों से बने होते है। सौरमंडल में ज्यादातर ग्रह गैसीय है।
- मंगल ग्रह की सतह बहुत ही Rare है, यह चन्द्रमा की सतह की तरह है, और पृथ्वी की घाटियों, बर्फीली चोटियों और रेगिस्तानों की याद दिलाती है। सौरमंडल का सबसे ऊँचा पर्वत भी मंगल ग्रह पर ही स्तिथ है, जिसका नाम “ओलम्पस मोन्स” है।
- मंगल ग्रह पर जीवन होने संभावना को हेमशा आँका गया है। मंगल ग्रह पर Satellite द्वारा देखगे गए कुछ गहरे निशानों से ऐसा अनुमान लगाया गया था, की इस ग्रह पर पानी हो सकता है, लेकिन जब मंगल ग्रह पर पहुंचे तो मालूम हुआ, की यह सिर्फ प्रकाशीय निशान के रूप मैं एक भ्रम है। लेकिन अभी भी मंगल ग्रह पर जीवन होने का महत्पूर्ण विकल्प है।
- 1965 में मेरिनर ४ के द्वारा की पहली मंगल उडान से पहले तक यह माना जाता था कि ग्रह की सतह पर तरल अवस्था में जल हो सकता है। यह हल्के और गहरे रंग के धब्बों की आवर्तिक सूचनाओं पर आधारित था विशेष तौर पर, ध्रुवीय अक्षांशों, जो लंबे होने पर समुद्र और महाद्वीपों की तरह दिखते हैं, काले striations की व्याख्या कुछ प्रेक्षकों द्वारा पानी की सिंचाई नहरों के रूप में की गयी है। इन् सीधी रेखाओं की मौजूदगी बाद में सिद्ध नहीं हो पायी और ये माना गया कि ये रेखायें मात्र प्रकाशीय भ्रम के अलावा कुछ और नहीं हैं। फिर भी, सौर मंडल के सभी ग्रहों में पृथ्वी के अलावा, मंगल को जीवन विस्तार का महत्वपूर्ण विकल्प माना जाता है।
- मंगल के दो उपग्रह है, जिनका नाम फो़बोस और डिमोज़ हैं। इन दोनों का आकर अनियमित और छोटा है।
- मंगल ग्रह को पृथ्वी की सतह से नंगी आँखों से देखा जा सकता है। हालाँकि बृहस्पति ग्रह मंगल की तुलना में अधिक चमकीला और साफ दिखाई देता है, जब हम पृथ्वी से इसे नंगी आँखों से देखते है।
- मंगल ग्रह से सूर्य की दुरी 250.61 मिलियन किलोमीटर है। मंगल और पृथ्वी पर दिन में सिर्फ कुछ ही मिनटों का अंतर है, पृथ्वी पर एक दिन 24 घंटे का होता है, और मंगल पर एक दिन 24 घंटे 37 मिनट का होता है।
5. बृहस्पति (Jupiter)
- बृहस्पति Jupiter, सौरमंडल का सबसे बड़ा और सूर्य का पांचवा ग्रह है।
- बृहस्पति ग्रह एक गैसीय पिंड है, जैसा की आपको पहले ही बताया गया है, की ग्रह दो प्रकार के होते है, गैसीय और Virtual Planet या आभासी ग्रह। बृहस्पति गैसीय ग्रहों की List में आता है।
- इस ग्रह का द्रव्यमान सौरमंडल में मौजूद अन्य सात ग्रहो से ढाई गुना और सूर्य के हजारवें भाग की बराबर है। बृहस्पति को रात के समय पृथ्वी की सतह से नंगी आँखों द्वारा देखा जा सकता है।
- बृहस्पति का नाम रोमन सभ्यता के देवता जुपिटर के नाम पर “जुपिटर” रखा गया था।
- यह ग्रह चन्द्रमा और शुक्र के बाद आसमान में चमकने वाली तीसरी सबसे चमकीली वस्तु है।
- बृहस्पति की सतह पर हीलियम और हाइड्रोज़ोन गैस पायी जाती है।
- बृहस्पति के 79 प्राकृतिक उपग्रह है, जिसमे चार सबसे बड़े उपग्रह भी बृहस्पति पर ही मौजूद है। इनमे एक गैलीलियन उपग्रह के नाम से जाना जाता है। इसे 1610 में गैलीलियो गैलिली के द्वारा खोजा गया था। इसके अलावा यहाँ का सबसे बड़ा उपग्रह गैनिमीड है, जिसका आकर बुध ग्रह से भी ज्यादा बड़ा है।
- बृहस्पति ग्रह की सूर्य से दुरी 77 करोड़ 80 लाख किलोमीटर है, इसे सूर्य का एक सम्पूर्ण चक्कर लगाने में 11.86 साल का समय लगता है।
- बृहस्पति का गुरुत्वाकर्षण बल अन्य ग्रहों की अपेक्षा ज्यादा होने की वजह से इसका वजन पृथ्वी से लगभग 318 गुना ज्यादा है। जिसका आकर धरती से 11 गुना अधिक है।
6. शनि (Saturn)
- शनि (Saturn) ग्रह बृहस्पति के बाद सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा और सूर्य से छठां ग्रह है।
- शनि ग्रह से सूर्य की दुरी 1.4 अरब किलोमीटर से ज्यादा है। जिसकी वजह से शनि सूर्य का एक पूरा चक्कर लगाने में पृथ्वी के 10,759 दिन यानी की लगभग 30 साल का समय लेता है
- शनि एक गैसीय ग्रह है, जिसका अंदरूनी भाग लोहा, सिलिकॉन, ऑक्ससीजन, हाइड्रोज़ोन, और मोटी चट्टानों से मिलकर बना है। इसकी बाहरी परत हीलियम तथा हाइड्रोजन से बनी है। शनि का वायुमंडल हमेशा हल्का पीला रहता है, इसका कारण है, ग्रह के ऊपरी वायुमंडल में अमोनिया क्रिस्टल का होना।
- शनि ग्रह को गैस का गोला भी कहते है, वैज्ञानिको के अनुसार शनि सात छल्लो से मिलकर बना है। तथा इस ग्रह को पृथ्वी की सतह से नंगी आँखों के द्वारा भी देखगे जा सकता है। पृथ्वी से नंगी आखो के द्वारा देखे जाने वाला शनि अंतिम ग्रह है।
- शनि का सबसे बड़ा उपग्रह टाइटन है, तथा यह सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा उपग्रह भी है। इस उपग्रह का आकर बुध ग्रह से बड़ा है, जो की वायुमंडल को संजोकर रखने वाला एक मात्र उपग्रह है।
7. अरुण (Uranus)
- अरुण (Uranus), या यूरेनस सूर्य से सातवाँ ग्रह है। अगर इसके व्यास की बात की जाएँ, तो यह सौरमंडल का तीसरा सबसे बड़ा ग्रह है।
- अरुण का आकर पृथ्वी से 63 गुना ज्यादा बड़ा है, और यह द्रव्यमान में पृथ्वी से 14.5 गुना ज्यादा भारी है।
- अरुण ग्रह की खोज 13 March 1781 में विलियम हरशल ने की थी। यह दूरबीन के द्वारा खोजै गया पहला ग्रह था।
- सौरमंडल में चार गैसीय ग्रह है, जिनकी परत मिटटी-पत्थर की बजाय गैसों से बनी हुई है, साथ ही इनका आकर भी बहुत बड़ा है। इन गैसीय ग्रहो में से अरुण भी एक है।
- अरुण ग्रह पर अमोनियाँ और मीथेन गैसों की जमी हुई बर्फ मौजूद है। इसलिए इसे खगोलीय विद्वानों में “बर्फ़ीले गैस दानव” की सूचि में भी डाला है।
- अरुण सौरमंडल का सबसे ठंडा ग्रह है। इसका न्यूनतम तापमान -224° Centigrade तक मापा गया है। अरुण बदलो की कई परतो से ढका हुआ है, ऐसा माना जाता है, की इसके सबसे ऊपर की परत मीथेन गैस की है, और इसके बाद निचे पानी के बादल है। अगर इसके केंद्र में जाय जाएँ तो यहाँ पर बर्फ और पत्थर को देखा जा सकता है।
- अरुण सौरमंडल का लेता हुआ ग्रह है। ऐसा इसलिए है, क्योकिं यह ग्रह अपने अक्ष पर लगभग 82° झुका हुआ है। जिसकी वजह से यह लेता हुआ नजर आता है।
- अरुण ग्रह के 27 प्राकृतिक उपग्रह है। जो की पृथ्वी की विपरीत दिशा में चक्कर लगाते है।
- अरुण ग्रह का रंग हल्का हरा दिखाई देता है, इसका कारण है, इस पर मौजूद मीथेन गैस की अधिक मात्रा का होना।
8. वरुण (Neptune)
- वरुण Neptune, सौरमंडल का आठवा ग्रह है। यह अपने नजदीकी ग्रह अरुण से थोड़ा सा ज्यादा बड़ा है।
- वरुण ग्रह आकर में सौरमण्डल का चौथा सबसे बड़ा ग्रह है। और इसका द्रव्यमान पृथ्वी ग्रह से 17 गुना ज्यादा है।
- वरुण पृथ्वी की अपेक्षा सूर्य से लगभग 30 गुना ज्यादा दूर है। वरुण को सूर्य का पूरा चक्कर लगाने में 164.79 साल का समय लगता है।
- यह भी एक गैसीय ग्रह है, गैसीय ग्रहो को गैस दानव के नाम से जाना जाता है। क्योकिं इनकी सतह मिटटी पत्थर की ना होकर गैसों की होती है। और इनका आकर बहुत विशाल होता है।
- अरुण और वरुण ग्रह बहुत हद तक एक जैसी ही है। अरुण और वरुण ग्रह की सतह पर बृहस्पति और शनि की अपेक्षा ज्यादा बर्फ जमी हुई है। जिसमे अमोनिया और मीथेन गैस मुख्य है।
- वरुण सौरमंडल का पहला ऐसा ग्रह था जिसकी भविष्यवाणी इसे दिखे बिना ही गणित के आधार पर की गयी थी है। ऐसा इसलिए था, क्योकिं जब अरुण ग्रह की परिक्रमा में कुछ अजीब सी हलचल पायी गयी, तब वैज्ञानिको को पता लगा, की उसका नजदीकी ग्रह उस पर अपना गुर्त्वाकर्षाण प्रभाव डाल रहा है।
- वैज्ञानिको ने पूरी खोजबीन करने के बाद वरुण को 23 सितम्बर 1846 को पहली बार दूरबीन से देखा, और इसका नाम “Neptune” रखा। प्राचीन काल में भारत में वरुण देवता के स्थान पर इसको हिंदी में वरुण कहा गया। प्राचीन रोमन धर्म में “नॅप्टयून” समुन्द्र के देवता थे, जिसकी वजह से इसे English में “नॅप्टयून” का नाम दिया गया है।
- वरुण ग्रह पर मौसम का बदलाफ बिल्कुल साफ़ देखा जा सकता है। यहाँ पर तूफानी हवाएं अन्य सभी ग्रहों की अपेक्षा ज्यादा तीव्र होती है। जिनकी गति 2100 प्रति घटा तक देखी गयी है।
- वरुण के 13 प्राकृतिक ज्ञात उपग्रह है, जिनमे ट्राइटन, डस्पीना, और थलेसा मुख्य है।
सौर परिवार में सूर्य से दूरी के बढ़ते क्रम में ग्रहों का सही क्रम क्या होगा
सूर्य से दूरी के क्रम ग्रहों के क्रम की स्तिथि इस प्रकार है: बुध > शुक्र > पृथ्वी > मंगल > बृहस्पति > शनि > अरूण > वरूण
प्लूटो ग्रह की जानकारी (Pluto Planet in Hindi)
Pluto ग्रह का नाम यम है, यह सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा बोना ग्रह है। यह पहले नव ग्रह में शामिल था। प्लूटो सौरमंडल का 9 वां ग्रह था। प्लूटो ग्रह की खोज 18 फरवरी 1930 को Clyde Tombaugh ने की थी। लेकिन इसे 24 अगस्त 2006 को ग्रह की List से निकल दिया गया था। तब से वर्तमान में सौरमंडल के 8 ग्रह शामिल है। जिस समय प्लूटो को सौरमंडल के ग्रहो की सूचि से निकला गया था, उस समय लगभग ढाई हजार से ज्यादा खगोल वैज्ञानिक इकठ्ठा हुए थे।
सभी के मत से इस ग्रहो को सूचि से निकला गया था। प्लूटो का आकर पृथ्वी और चन्द्रमा से एक तिहाई छोटा है। यह सौरमंडल में बहुत बेढंग से परिक्रमा करता है, कभी तो यह सूर्य के बहुत पास आ जाता है, और कभी सूर्य से दूर वरुण के पास चला जाता है। प्लूटो की सतह जमी हुई नाइट्रोजन की बर्फ, पानी की बर्फ और पत्थर की बनी हुई है। इसे सूरज की एक पूरी परिक्रमा करने में 248 साल का समय लगता है।
प्लूटो ग्रह का कुल व्यास लगभग 2300 किलोमीटर है, अगर हम इसकी तुलना पृथ्वी से करते है, तो यह पृथ्वी के 18% भाग की बराबर है। प्लूटो का रंग नारंगी, सफ़ेद और काले का मिश्रण है। खगोलीय विद्वानों ने इस ग्रह के रंगो को बदलते हुए देखा है। सन 1994 से 2003 के बिच में की गयी रिसर्च के अनुसार प्लूटो का उत्तरी ध्रुव का रंग थोड़ा चमकीला हो गया था, और दक्षिणी ध्रुव का रंग पहले से थोड़ा गाढ़ा हो गया था। इस मत के अनुसार विद्मानो का माना है, की यह प्लूटो ग्रह पर बदलते मौसम की पहचान है।
ग्रहों के नाम और सौरमंडल के बारे में अक्षर पूछे जाने वाले प्रश्न –
पृथ्वी से सभी ग्रहों की दूरी कितनी है?
पृथ्वी से सभी ग्रहो की दुरी इस प्रकार है – बुध ग्रह – 189.56 Million किलोमीटर, शुक्र ग्रह – 203.61 Million किलोमीटर, मंगल ग्रह – 380.26 Million किलोमीटर, बृहस्पति ग्रह – 615.94 Million किलोमीटर, शनि ग्रह – 1.3358 Billion किलोमीटर, अरुण ग्रह – 2.9823 Billion किलोमीटर, और वरुण ग्रह – 4.3779 Billion किलोमीटर की दुरी पर है।
कितने ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं?
सौरमंडल के आठों ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते है, जिनका परिक्रमा के दिन इस प्रकार है – बुध 88 दिन, शुक्र 225 दिन, पृथ्वी 365 दिन, मंगल 687 दिन, बृहस्पति 12 साल, शनि 29 साल, अरुण 84 साल, और वरूण 365 साल।
सौरमंडल का सबसे बड़ा उपग्रह कौन सा है?
सौरमंडल का सबसे बड़ा उपग्रह गैनिमीड है, जो की सूर्य से पांचवे ग्रह बृहस्पति का सब से बड़ा उपग्रह है। इसका व्यास 5268 किलोमीटर है। इस उपग्रह का द्रव्यमान सोमंडल में मौजूद सभी उपग्रह से ज्यादा है,ल यह पृथ्वी के उपग्रह चन्द्रमा से भी 2.2 गुना ज्यादा बड़ा है।
ग्रहों की दूरी कैसे नापते हैं?
ग्रहों की दुरी नापने के लिए खगोल वैज्ञानिक रेडियों तरंगो का उपयोग करते है। इसके लिए वह सितारों से ग्रहो के बिच रेडियों तरंगे भेजते है, इन तरंगो में आने जाने में लगा समय ही ग्रहों की दुरी बताता है। ग्रहों की दुरी नापने की इस प्रक्रिया को ‘कॉस्मिक डिस्टेंड लैडर’ कहते हैं।
सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह कौन सा है?
सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह Mercury बुध है, यह सौरमंडल का पहला और सूर्य के सबसे नजदीक का ग्रह है।
सूर्य से सबसे दूर स्थित ग्रह कौन सा है?
वरुण Neptune सूर्य के सबसे दूर का ग्रह है, और यह क्रम के अनुसार सौरमंडल का आखरी ग्रह है।
Conclusion
इस लेख में आपने ग्रहों के नाम हिंदी और इंग्लिश में पढ़े है, जिसमे प्रत्येक ग्रह की जानकारी के साथ उस ग्रह की फोटो भी दी गयी है। मुझे पूरी उम्मीद है, की आपको यह लेख Planets Name in Hindi-English With Picture के साथ जरूर पसंद आया होगा है। इसके अलावा निचे आपो ग्रहों के नाम क्रम से यानी की Order से भी बताएं गए है। जिससे की आपको पढ़ने और याद करने में आसानी हो जाएगी।
साथ ही आपको सौरमण्डल क्या है? (What Is Solar System) और ग्रह क्या होते है? (What is Planet) के बारे में भी विस्तार से बताया गया है। अगर इस लेख से सम्बंधित किसी भी तरह कोई और जानकारी चाहिये, तो हमें कमेंट करके बता सकते है। इस लेख को अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर शेयर करें। पूरा लेख पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत, धन्यवाद।
यह पोस्ट मुझे बहुत ही पसंद आया,
आपका बहुत बहुत धन्यवाद हमारे गुरू,
आपकी वजह से मुझे बहुत अच्छी जानकारी मिली है ,
आप जीवन हमेशा याद रहेंगे |