जीरो का आविष्कार किसने किया था और कब हुआ?

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Zero Ka Avishkar Kisne Kiya

Zero Ka Avishkar Kisne Kiya (0 का आविष्कार किसने किया) जीरो का हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। जीरो एक गणित भाषा का अंक है, जिसका अविष्कार सबसे महत्वूर्ण अविष्कारों में से एक है। अगर आज हमारी संख्याओं के बिच जीआर नहीं होता, तो शायद हमें किसी भी चीज को गिनने में बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता। हालाकिं अकेले जीरो का कोई भी मान नहीं होता है, लेकिन जब जीरो किसी एक संख्या के साथ जुड़ जाता है, तो उस संख्या का मान दस गुना कर देता है।

उदहारण के लिए, अगर हम सिर्फ 0 लिखते है, तो यहाँ पर जीरो का मान जीरो ही होता है। लेकिन हम 10 लिखते है, तो 1 के आगे जीरो लगाने से वह 10 हो जाता है। वही अगर हम 10 के आगे एक 0 लगा देते है, तो यह 100 हो जाता है। जिसका अर्थ की जीरो को अगर हम किसी संख्या के आगे लगा, तो यह उसका मान बढ़ा देता है। वही अगर हम जीरो को किसी संख्या से पहले लगाते है, तो उसका मान वही रहता है, जैसे की 09 इसको 9 ही पढ़ा जाएगा।

गणित भाषा की सबसे छोटी संख्या 0 है, जो की एक सकारात्मक संख्या है, जिसका अपना कोई मान नहीं होता है। अगर हम शून्य की बात करें तो शून्य का आविष्कार भारत के द्वारा ही किया गया है। लेकिन भारत में जीरो के अलावा बहुत से ऐसे आविष्कार हुए है, जिन्हे दुनिया के सामने नहीं लगाया गया है। इसका मुख्य कारण है, उस समय भारत में अंग्रेजी शासन था। जैसे की अगर हम सूक्ष्म जीवो की बात करें, तो सूक्ष्म जीवो के बारे में भगवान् महावीर ने बताया था, वही परमाणु के बारे में महर्षि कणाद द्वारा बताया गया था।

आज हम इस लेख में “जीरो का आविष्कार किसने किया” इसके बारे में जानेगे। वाताव में अगर आज शून्य का अविष्कार नहीं होता तो हमें बहुत सी चीजे देखने के लिए नहीं मिलती। क्योकिं शून्य के बिना बहुत सी टेक्नोलॉजी का उदय नहीं होता। ज्यादातर जब हम कंप्यूटर का उपयोग करते है, वहां पर भी हमें बहुत सी चीजों को लिखने के लिए 0 का उपयोग करना पड़ता है। जिन लोगो का भी यह सवाल था, जीरो का अविष्कार किसने किया गूगल बताएं? आज आपको इस लेख में इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों मिलने वाली है।

जीरो का आविष्कार किसने किया | Who Invented Zero in Hindi

शून्य का अविष्कार किसने किया है, इस बार को लेकर कई प्रकार के मत है। वास्तव में शून्य के अविष्कार का श्रेय भारतीय विद्वान ‘ब्रह्मगुप्त‘ को दिया जाता है। क्योकिं ब्रह्मगुप्त ने 628 ईसवी में शून्य को सभी सिद्धांतो के साथ उपयोग करके पेश किया था। इसके अलावा ब्रह्मगुप्त से पहले शून्य का अविष्कारक भारत के महान गणितज्ञ और ज्योतिषी आर्यभट्ट ने भी किया था।

आर्यभट्ट को शून्य का अविष्कारक नहीं माना जाता है, क्योकिं उनके पास जीरो के अविष्कार को लेकर किसी तरह के मुख्य सिद्धांत नहीं थे। यह तो हमने जान लिया है, की जीरो का अविष्कार किसने किया था। आइये कुछ जानकारी ब्रह्मगुप्त के बारे में भी जानते है, जिन्होंने जीरो का अविष्कार किया था।

ब्रह्मगुप्त के बारे में जानकारी

0 Ka Avishkar Kisne Kiya

ब्रह्मगुप्त भारत के प्रसिद्ध गणितज्ञ थे, ब्रह्मगुप्त का जन्म 598CE में राजस्थान के भीनमाल नामक नगर में हुआ था। ब्रह्मगुप्त की मृत्यु 668CE में उज्जैन के चालुक्य साम्राज्य में हुई थी, जो आज के समय में भारत के मध्य प्रदेश राज्य में आता है। ब्रह्मगुप्त उज्जैन की अंतरिक्ष प्रोयगशाला के प्रमुख थे। इस दौरान ब्रह्मगुप्त ने दो ग्रन्थ भी लिखे थे, जिनमे ब्राह्मस्फुटसिद्धान्त (सन 628 ईस्वी में) और खण्डखाद्यक या खण्डखाद्यपद्धति (सन् 665 ईस्वी में)। ब्रह्मगुप्त एक बहुत अच्छे वेधकर्ता भी थी। अलबरूनी जो की मध्यकालीन यात्री थे, इन्होने भी अपने कई लेखो में ब्रह्मगुप्त का उल्लेख किया है।

ब्रह्मगुप्त राजस्थान के जालौर जिले में स्तिथ भीनमाल नाम के गांव में रहते थे, जो की आबू पर्वत और लूणी नदी के बिच में स्तिथ है। ब्रह्मगुप्त के पिता का नाम जिष्णु था। इन्होने प्राचीन ब्रह्मपितामहसिद्धांत के आधार पर ब्राह्मस्फुटसिद्धान्त तथा खण्डखाद्यक ग्रंथो की रचना की। इन ग्रंथो का अरबी भाषा में अनुवाद किया गया, जिन्हे अनुमानित तोर पर खलीफा मंसूर के समय, सिंदहिंद और अल अकरंद नाम दिया गया। इसके अलावा ब्रह्मगुप्त ने ध्यानग्रहोपदेश ग्रन्थ की रचना भी की थी। यह सभी ग्रन्थ विश्वगणित में अपूर्व स्थान रखते है। ब्रह्मगुप्त को “भिल्लमालाआचार्य” के नाम से भी जाना जाता था। इसका उल्लेख कई किताबों में देखने के लिए मिलता है।

जीरो का उपयोग कहा होता है

जीरो गणित भाषा का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंक है। इसके बिना हम किसी भी तरह की बाइनरी डिजिट को नहीं बना सकते है। जीरो एक लखपति व्यक्ति को करोड़पति बना सकता है। अगर हम 1000000 के आगे एक जीरो लगा देते है, तो यह संख्या सीधी करोड़ हो जाती है। जीरो का उपयोग कंप्यूटर में भी किया जाता है।

क्या जीरो एक सम संख्या है

जी हाँ, जीरो एक सम संख्या है, जब हम सम संख्याओं को लिखते है, तो उनका क्रम 0, 2, 4, 6, 8, 10 होता है। इस प्रकार जीरो एक सम संख्या है। वही अगर हम विषम संख्याओं का क्रम देखे तो यह 1, 3, 5, 7, 9, 11 तक इसी तरह बढ़ता जाता है।

ज़ीरो का इतिहास

ब्रह्मगुप्त से पहले भी कई लोगो ने शून्य का प्रयोग किया है। कई प्राचीन ग्रंथो और मंदिरो के पुरातत्वो में शून्य को लिखा हुआ देखा गया है। हालाकिं शुरुआत में जीरो को एक स्थानधारक के रूप में उपयोग किया जाता था। लेकिन बाद में इसका उपयोग गणित के महत्वपूर्ण अंक के रूप में किया जाने लगा। आज के समय में जीरो हिंदी नंबर में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कुछ मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है, की जीरो की खोज तो बहुत पुरानी है, लेकिन इसका उपयोग भारत में पूर्ण रूप से 5वी शताब्दी हुआ था। जिन लोगो ने गणना प्रणाली शुरू की थे वह सुमेर निवासी थी। जीरो को सभी सिद्धांतों और परिभाषाओं को सबसे पहले भारतीय गणितीज्ञ ब्रह्मगुप्त द्वारा 628 ईस्वी में प्रस्तुत किया गया था।

और इसके बाद यह भारत में पूरी तरह से विकसित हो गया और इसे सभी जगह पर उपयोग किया जाने लगा। 8वी शताब्दी तक शून्य अरब सभ्यता में पंहुचा जहाँ पर इसे “0” के रूप में जाना गया। इसके बाद लगभग 12वी शताब्दी में यह यूरोप में पंहुचा, इसके बाद यूरोप की गणना जीरो मिलने की वजह से पूरी तरह से बदल चुकी थी।

Who Invented Zero in India Aryabhatta or Brahmagupta

भारत में शून्य की खोज किसने की आर्यभट्ट ने या ब्रह्मगुप्त ने, यह भी एक अपवाद है। लेकिन आपको बता दें, जैसा की कई लेख और रीसर्च से पता चला है, की शून्य का उपयोग आर्यभट्ट ने किया था। लेकिन आर्यभट्ट के पास शून्य को उपयोग करने के लिए बेहतर सिद्धांत नहीं थे। जिसकी वजह से उस समय शून्य का उपयोग नहीं किया गया था। लेकिन ब्रह्मगुप्त ने शून्य को सभी सिद्धांतों के साथ पेश किया था। जिसके कारण जीरो के आविष्कार का श्रेय ब्रह्मगुप्त को जाता है।

जीरो की खोज हुई या आविष्कार

जीरो की खोज हुई या आविष्कार, यह एक ऐसा सवाल है। जो गूगल पर बहुत ज्यादा पूछा जाता है। और कई लोगो को इसका जबाब अभी तक नहीं पता है। क्योकिं इंटरनेट पर बहुत से ऐसे लेख है, जहाँ पर अविष्कारों को भी खोज से जोड़ा जाता है। आपको बता दें, की जीरो की खोज नहीं हुई है, वास्तव में जीरो का आविष्कार किया गया है। खोज उन चीजों की की जाती है, जो पहले से मौजूद होती है।

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Note – यह लेख जीरो का अविष्कार किसने किया (0 Ka Avishkar Kisne Kiya) इसके बारे में था। जिसमे आपको जीरो के आविष्कार के बारे में बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में बताया गया है। हालाकिं कुछ लोग “सुनने का आविष्कार किसने किया था” यह भी सर्च करते है, मुझे उम्मीद है, की शून्य से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों आपको इस लेख में मिल चुकी होंगी। अगर आपका इस लेख से सम्बंधित कोई भी सवाल है, तो आप हमें कमेंट करके बता सकते है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा, तो कृपया इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, धन्यवाद।

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