माचिस का आविष्कार किसने किया और कब किया था?

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Machis Ka Avishkar Kisne Kiya Tha

क्या आप जानते है, माचिस का आविष्कार किसने किया और कब था (Machis Ka Avishkar Kisne Kiya Tha) माचिस का उपयोग सभी लोगो ने कभी ना कभी जरूर किया होगा। माचिस एक ऐसी चीज है, जिसके बिना हम आग नहीं जला सकते है। हालाकिं आज के ज़माने में गैस वाले लाइटर आ चुके है, लेकिन सभी शुद्ध चीजों को जलाने के लिए माचिस का ही उपयोग किया जाता है। अगर हम पुराने समय की बात करें, तो उस समय आग जलना बहुत ही कठिन कार्य था। सबसे पहले आग का पता पुरा पाषाण काल में चला था, जब दो पत्थरो के रगड़ने पर आग जल जाती थी।

लेकिन इस प्रक्रिया में आग जलना बहुत मुश्किल था। दो पठार को आपस में रगड़कर आग जलाने में बहुत समय लगता था। लेकिन आज हम माचिस की मदद से सिर्फ एक तिल्ली से बहुत ही आसानी से आग जला लेते है। हमने कई बड़े बड़े अविष्कारों के बारे में पढ़ा है, जैसे की हेलीकाप्टर का आविष्कार किसने किया, साइकिल का अविष्कार किसने किया, पेन का आविष्कार किसने किया? लेकिन हम बहुत बार छोटी छोटी चीजों पर ध्यान नहीं है। तो इसी लिए आज हम इस लेख में माचिस का आविष्कार किसने किया था? इसके बारे में विस्तार से जानेगे।

माचिस क्या होती है?

माचिस आग जलाने का एक साधन है, जिसके द्वारा हम आग जला सकते है। माचिस एक बॉक्स के आकर की होती है, इसके अंदर कुछ तिल्लियां होता है, उन तिल्लियों को कागज़ या लकड़ी के द्वारा बनाया जाता है, जिसके आगे के हिस्से पर एक ख़ास प्रकार की सामग्री लगी हुई होती है। जिसे माचिस के साइड में घर्षण करने से तिल्ली में आग जलने लगती है। माचिस का उपयोग सभी लोगो द्वारा किया जाता है।

Matchbox Meaning in Hindi

Matchbox अंग्रेजी भाषा का शब्द है। Matchbox का हिंदी अर्थ माचिस होता है। माचिस का उपयोग घरलू कार्य के लिए ज्यादा किया जाता है, जैसे चूल्हा जलाना, दिया जालना, लैंप जलना आदि।

माचिस शब्द को अंग्रेजी के मैच शब्द से लिया गया है, जिसका मतलब होता है बत्ती या लैंप की नोक, माचिस एक घरेलू सामान है, माचिस को आग जलाने के लिए प्रयोग में लिया जाता है।

माचिस का आविष्कार किसने किया और कब था?

सबसे पहले माचिस का आविष्कार ब्रिटिश वैज्ञानिक जॉन वॉकर द्वारा 31 दिसंबर 1827 को किया था। इन्होने माचिस की एक ऐसी तिल्ली का आविष्कार किया था, जो की किसी भी खुदरी जगह पर घर्षण करने से जल जाती थी। शुरुआत में लोगो को माचिस के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, इसी वजह से माचिस लोगो के लिए बहुत खतरनाक थी, उस समय माचिस के कारण कई दुर्घटनाये भी हुई।

शुरुआत में एक लकड़ी पर गोंद, स्टार्च, एंटीमनी सल्फाइड, पोटेशियम क्लोरेट, का लेप बनाकर उसे लकड़ी पर लगाया गया, और इसके सूखने के लिए छोड़ दिया गया, इसके बाद जब इसे किसी खुदरी जगह पर रगड़ा गया, तो इससे आग जल गयी है। इसी तरह से एक माचिस का अविष्कार किया गया था।

कुछ समय बाद माचिस को “सैमुअल जॉन्स” ने अपने नाम पेटेंट करवा लिया, इसका नाम लूसीफर मैच था। नीदरलैंड में आज भी माचिस को लूसिफर के नाम से जाना जाता है।

माचिस का क्या इतिहास है?

जिस तरह से सभी चीजों का इतिहास है, उसी तरह से माचिस का भी अपना एक इतिहास है। अभी तक हमें यह तो पता चल चुका है, की सबसे पहले माचिस किसने बनायीं थी। अब हम माचिस के इतिहास के बारे में जानते है। सबसे पहली माचिस का आविष्कार करने की कोशिश रॉबर्ट नाम के एक भौतिक वैज्ञानिक द्वारा की गयी थी, इन्होने सं 1680 में माचिस बनाने के लिए फास्फोरस और सल्फर का उपयोग किया था। लेकिन इस प्रयोग में वह असफल रहे है, क्योकिं उनक द्वारा उपयोग की गयी सामग्री अधिक ज्वलनशील थी।

इसके बाद भी वैज्ञानिको द्वारा इस पर तरह तरह के शोध होते रहे, लेकिन अभी तक कोई भी नतीजा सामने नहीं आया था, जिससे की एक आम नागरिक तक आग जलने के तरीके को पहुंचाया जा सके। वही अगर हम सेफ्टी मैच को बनाने की प्रेरणा के बारे में बात करें, तो यह प्रेरणा 17वीं शताब्दी के मध्य में केमिस्ट हेनिंग ब्रांट द्वारा मिली जिन्होंने ने सोने को शुद्ध करने के लिए तरह तरह की धातुओं का प्रयोग किया। जिससे की इन्होने यह पता लगा लिया था, की शुद्ध फास्फोरस को किस तरह से निकला जा सकता है।

साथ ही केमिस्ट हेनिंग ब्रांट ने कई जाँच के बाद फास्फोरस को अलग करने की विधि का भी पता लगा लिया था। उनके द्वारा खोजी गयी यह विधि भविष्य में कई खोजो को करने के काम आयी।

आधुनिक माचिस की खोज किसने की थी?

अभी तक हमने माचिस के बारे में बहुत सी महत्वपूर्ण Information के बारे में पढ़ा। अब जानते है, आधुनिक माचिस की खोज किसने की थी। आधुनिक माचिस की खोज 31 दिसंबर 1827 को ब्रिटेन के वैज्ञानिक जॉन वॉकर द्वारा की गयी थी। इस माचिस का उपयोग करने में बहुत ज्यादा मेहनत लगती थी। यह माचिस किसी खुदरी चीज, या फिर किसी लकड़ी पर घर्षण करने पर ही जल जाती थी।

इस माचिस को बनाने में जॉन वोकर ने पोटेशियम क्लोरेट, एंटीमनी सल्फाइड का उपयोग किया था, जिसे माचिस की तिल्ली के अगले हिस्से पर लगाया जाता है। इसके अलावा माचिस को बबूल की गोंद या स्टार्च के द्वारा भी बनाया जाता था, इस माचिस का उपयोग करते समय छोटी छोटी चिंगारियां और विस्फोट भी होते थे। इस माचिस का उपयोग करते समय इसके मसले में से एक तरह की अजीब दुर्गन्ध भी आती थी।

माचिस की तीली में कौन सी लकड़ी की बनती है?

जब भी हम माचिस का उपयोग करते है, तो हमारे मन में एक सवाल जरूर आता है, की माचिस की तीली किस पेड़ की लकड़ी से बनती है। हालाकिं कुछ माचिस की तीली को मोम के कागज के द्वारा भी बनाया जाता है। लेकिन अभी हम यह जानेगे, की माचिस की तीली में कौन से पेड़ की लकड़ी का उपयोग किया जाता है।

भारत में माचिस बनाने के लिए पॉप्लर के पेड़ की लकड़ी का उपयोग किया जाता है। इस लकड़ी से बानी माचिस की तीली बहुत देर तक जल्दी है। लेकिन बहुत सी कंपनियां माचिस बनाने के लिए तरह तरह की लकड़ी का उपयोग करती है। पॉप्लर के अलावा दूसरे पेड़ो की लकड़ियों से बानी माचिस की तीली ज्यादा देर तक नहीं जल पाती है। अगर हम सबसे अच्छी माचिस की लकड़ी की बात करें, तो सबसे अच्छी माचिस अफ्रीका में पाए जाने वाले अफ्रीकी ब्लैकवुड से बनाई जाती है।

माचिस में कौन से रसायन उपयोग किया जाता है?

माचिस की तीली बनाने के लिए फास्फोरस केमिकल का उपयोग किया जाता है। फास्फोरस बहुत ज्यादा ज्वलनशील रसायनिक तत्व होता है। यह इतना ज्यादा ज्वलनशील पदार्थ होता है, की हवा के संपर्क में आते ही जलने लगता है। इसकी की वजह से माचिस की तीली बनाने के लिए फास्फोरस में और भी कई तत्वों को मिलाया जाता है।

माचिस की तीली बनाने के लिए फास्फोरस में गोंद, स्टार्च का लेप, पोटेशियम क्लोरेट, सल्फर, पिघला हुआ कांच और लाल फास्फोरस मिलाया जाता है। माचिस की तीली की साधारण लकड़ी पर मसाला लगाने से पहले इसके ऊपर अमोनियम फॉस्फेट एसिड का लेप लगाया जाता है।

माचिस जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –

माचिस की डिबिया पर साइड में क्या लगाया जाता है?

माचिस की डिब्बी की साइड में “लाल फास्फोरस” लगा होता है, और माचिस की तीली ऊपर Potassium Chlorate जब इन दोनों का घर्षण होता है, तो माचिस की तीली जल जाती है।

माचिस को हिंदी में क्या कहते हैं?

माचिस का हिंदी नाम दीयासलाई है।

उत्तर प्रदेश में दियासलाई उद्योग का प्रमुख केंद्र कौन सा है?

उत्तर प्रदेश में दियासलाई उद्योग का प्रमुख केंद्र बरेली है।

माचिस की खाली डिब्बी से क्या बनता है?

Matchbox या माचिस की खाली डिब्बी से आप कई तरह के Creative चीजे बना सकते है। आपको YouTube पर बहुत सारी ऐसी वीडियो मिल जाएंगी, जो माचिस की खाली डिब्बी से कई तरह के Craft बनाना सिखाते है।

Note – यह लेख माचिस का आविष्कार किसने किया था? इसके ऊपर आधारित था, जिसमे आपको माचिस से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकरियों के बारे में बताया गया। अगर आपका इस लेख से सम्बंधित कोई भी सलवा है, तो आप हमें कमेंट करके बता सकते है। इसके अल्वा आप मोटरसाइकिल का अविष्कार किसने किया यह लेख भी जरूर पढ़ें। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा, तो कृपया इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, धन्यवाद।

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