100 किमी के भीतर दिल्ली के पास हिल स्टेशन – भारत की राजधानी दिल्ली में देश का दिल धड़कता है। देश के हर क्षेत्र के लोगों को अपने में समाये दिल्ली चौबीस घंटे सजग रहती है। यहां के नाइट-क्लब्स से लेकर मशहूर ऐतिहासिक स्मारकों तक दिल्ली में घूमने को बहुत कुछ है। पर यदि आप शहरी आपाधापी से दूर प्रकृति की गोद में कुछ पल बिताने की चाहत रखते हैं, तो दिल्ली-एनसीआर के आसपास पहाड़ियां यानी ‘हिल-स्टेशन’ भी बहुत मौज़ूद हैं।
जहां सैर करना आंखों ही नहीं दिलोदिमाग को भी खासा सुकून पहुंचाता है। इन वादियों में घूमने का अपना अलग ही मजा है, अलग ही आनंद है। फिर वो मसूरी हो कि शिमला या नैनीताल या फिर दिल्ली के सबसे नज़दीक स्थित लांस-डाउन हिल-स्टेशन। इनमें कुछ तो बहुत मशहूर हैं, पर कुछ की ज्यादातर लोगों को जानकारी ही नहीं है। हम बारी-बारी से इनकी ही बात करेंगे।
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100 किमी के भीतर दिल्ली के पास हिल स्टेशन (Hill Stations Near Delhi Within 100 Kms)
अगर आप अपनी छुट्टियां किसी हिल स्टेशन पर बिताना चाहते है, और 100 किमी के भीतर दिल्ली के पास हिल स्टेशन की तलाश कर रहे है, तो आपको बता दें, की दिल्ली के आस पास 100 किलोमीटर के भीतर सिर्फ अरावली हिल्स आती है, जहाँ पर आप अपनी छुट्टियां बिता सकते है। इसके अलावा हमने आपको 200 और 300 किमी के भीतर दिल्ली के निकट हिल स्टेशन की एक महत्वपूर्ण लिस्ट आपके साथ साझा की है। जहाँ पर आप आसानी से अपनी कार से या फिर वॉल्वो आदि से जा सकते है। तो आइये जानते है, दिल्ली के पास कौन कौन से हिल स्टेशन है, जहाँ पर आप अपने परिवार के साथ छुट्टियां बिता सकते है –
1. लांस डाउन (Lansdowne) हिल स्टेशन
खूबसूरत ‘हिल-स्टेशनों’ में दिल्ली के आसपास उसके सबसे नज़दीक है — लांस डाउन हिल-स्टेशन। यह दिल्ली से मात्र दो सौ सत्तर किलोमीटर दूर है। यहां की आबादी केवल बीस हजार लोगों की है। गर्मियों में भी यहां की ठंडी हवायें और प्राकृतिक छटा पर्यटकों का मन मोह लेती है। यह एक शांत और प्राचीन शहर है, जो समुद्र-तल से 5670 फीट की ऊंचाई पर बसा हुआ है। यहां गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंटल वॉर मेमोरियल भी देखने लायक है। इसके अलावा सेंट मेरी चर्च, सेंट जॉन चर्च आदि भी देखा जा सकता है।
2. कंगोजोड़ी गांव, हिल स्टेशन

अगर आप प्रकृति को और करीब से महसूुस करना चाहते हैं तो हिमाचल प्रदेश के कंगोजोड़ी गांव आयें। दिल्ली से इसकी दूरी मात्र 275 किलोमीटर है। पर यहां के कुदरती हुस्न के दिलकश नज़ारे पल भर में इस यात्रा को सफल कर देते हैं।
3. मसूरी, हिल स्टेशन
पहाड़ों की रानी कही जाने वाली मसूरी दिल्ली से करीब 280 किलोमीटर दूर है। यह उत्तराखंड का एक विश्व-प्रसिद्ध हिल-स्टेशन है। यह उत्तराखंड की राजधानी देहरादून, जो स्वयं एक बेहतर हिल-स्टेशन है, से मात्र पैंतीस किलोमीटर दूर है। यहां के मनोहर प्राकृतिक दृश्य हर कोई कैमरे में कैद कर लेना चाहता है।
मसूरी समुद्र-तल से 7000 फीट की ऊंचाई पर है। एडवेंचर के शौकीन लोग मसूरी में रिवर राफ्टिंग, रैपलिंग, पैराग्लाइडिंग, स्कीइंग, जिप लाइन, जिप स्विंग और स्काईवॉक या फिर रॉक-क्लाइंबिंग भी कर सकते हैं।
यहां पर मसूरी-लेक, कैंपटी-फ़ॉल्स, म्यूज़ियम, गन-हिल, जाबरखेत नेचर रिज़र्व, एडवेंचर पार्क, धनौल्टी, लाल टिब्बा जैसी तमाम घूमने की जगहें मौज़ूद हैं।
4. नैनीताल, हिल स्टेशन
कुमाऊं की पहाड़ियों के बीच स्थित यह हिल-स्टेशन किसी परिचय का मुंहताज़ नहीं। पर्यटकों को यह बहुत लुभाता है। यहां की सबसे फ़ेमस जगह है नैनी-झील। जो नैनीताल के हर कोने से देखी जा सकती है। नैनीताल दिल्ली से 287 किलोमीटर दूर है।
नैनीताल में घूमते हुये आप शॉपिंग और फोटोग्राफी से लेकर उड़नखटोले की सवारी, ट्रेकिंग, वॉटर ज़ोरबिंग, रॉक-क्लाइंबिंग, रैपलिंग, ट्रैकिंग या फिर पैराग्लाइडिंग भी कर सकते हैं। यहां के सेंट जॉन चर्च और नैना देवी मंदिर दर्शनीय हैं।
इसके अतिरिक्त नैनीताल में नैना चोटी, टिफिन टॉप, बड़ा पत्थर, स्नो व्यू, इको गुफा बगीचा, राजभवन, जीबी पंत हाई अल्टीट्यूड चिड़ियाघर, ठंडी सड़क, बड़ा बाजार, वेधशाला, हनुमानगढ़ी आदि घूमने लायक हैं।
नैनीताल जिले में ही मुक्तेश्वर स्थित है। करीब हजार लोगों की आबादी वाला यह गांव या हिल-स्टेशन पर्यटन-स्थलों के लिहाज़ से अपने आपमें एक अलग स्थान रखता है। यहां पहाड़ी पर शिवजी का एक प्रतिष्ठित मंदिर है। जिसे मुक्तेश्वर मंदिर कहते हैं।
5. बिनसर, हिल स्टेशन
अगर आप शहर की दौड़-भाग से कुछ ऊब गये हैं तो दिल बहलाने के लिये नैनीताल और अल्मोड़ा के करीब ही पड़ने वाला हिल-स्टेशन बिनसर आपको एक जुदा अहसास दे सकता है। बिनसर की दिल्ली से दूरी लगभग 355 किलोमीटर पड़ती है। ख़ास बात यह है कि इस हिल-स्टेशन को जोड़ने वाला कोई सीधा मार्ग न होने से यहां कम ही लोग आ पाते हैं। पर इससे इसकी ख़ूबसूरती कम नहीं हो जाती। बल्कि इससे आप यहां कहीं अधिक शांति और सुकून का अहसास पा सकते हैं।
पहाड़ों का सौंदर्य पसंद करने वाले सैलानियों के लिये बिनसर किसी जन्नत से कम नहीं। यहां की ढलानों पर हिमालयन काला भालू, लाल लोमड़ी, गुरिल्ला, तेंदुआ, हिरण, ईगल या चीतल जैसे वन्य जीव दिख सकते हैं। इसके अलावा यहां करीब दो सौ किस्म के पक्षी भी मिलते हैं। और यदि आप सौभाग्यशाली हुये तो उत्तराखंड का राज्य-पक्षी ‘मोनाल’ भी आपको दिख सकता है। इसलिये यहां आते समय हमें दिलचस्प फोटोग्राफी करने की पूरी तैयारी के साथ आना चाहिये।
बिनसर की पहाड़ियों से हिमालय की चौखंबा, केदारनाथ,नंदा देवी, नंदाकोट, त्रिशूल और पंचोली की चोटियों की तीन सौ किलोमीटर लंबी श्रृंखला का मनोहर दृश्य देखना हमें रोमांच से भर देता है। यहां का अभयारण्य, गणथ मंदिर, खाली एस्टेट घूमने की लोकप्रिय जगह है।
6. भीमताल, हिल स्टेशन
यह नैनीताल से सटा हुआ उससे भी बड़ा हिल-स्टेशन है। दिल्ली से भीमताल की दूरी 296 किलोमीटर है। यानी दिल्ली के आसपास तीन सौ किलोमीटर के दायरे में आने वाले एक बड़े हिल-स्टेशन में इसका भी शुमार है। समुद्र-तल से 4500 फीट की ऊंचाई पर स्थित भीमताल भी नैनीताल की तरह ही झीलों के बीच बसा हुआ है। जहां साल भर देश-दुनिया के पर्यटकों का तांता लगा रहता है। बाबा नीमकरौरी का आश्रम या मंदिर यहीं है।
इसके अलावा यहां भीमताल झील और भीमताल द्वीप, भीमेश्वर महादेव मंदिर, सैयद बाबा की मज़ार, लोक-संस्कृति संग्रहालय वगैरह देखने लायक स्थान हैं। भीमताल में झील के चारों ओर घूमने का अपना ही आनंद है। इसके अलावा आप यहां बोटिंग या फिर मॉल-रोड पर शॉपिंग का लुत्फ़ भी उठा सकते हैं।
7. नौकुचियाताल, हिल स्टेशन

चीड़ और देवदार के वृक्षों से सजे खूबसूरत नौकुचियाताल की दिल्ली से दूरी महज़ 306 किलोमीटर है। यह समुद्र-तल से चार हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां आने पर प्रकृति की गोद में पैदल ही विचरण करने और चीड़ के पेड़ों के बीच विश्राम करने का अपना ही मजा है।
इसके अलावा नौकुचियाताल की झील में बोटिंग करने या फ़िशरीज यानी मछलियां पकड़ने का आनंद भी उठाया जा सकता है। यह झील चालीस फीट गहरी है। नौकुचियाताल का जंगलिया गांव और हनुमान मंदिर भी दर्शनीय है। इसके प्राकृतिक जल-स्रोत के नौ कोने हैं; इसीलिये इसका नाम नौकुचियाताल पड़ा।
8. सातताल, हिल स्टेशन

झिलमिलाती झीलों से घिरा यह हिल-स्टेशन दिल्ली से 313 किलोमीटर दूर है। समुद्र-तल से 4500 फीट की ऊंचाई पर स्थित सातताल चीड़ के पेड़ों से घिरा है। यहां के प्राकृतिक सौंदर्य का अपना अलग नज़ारा है। यहां आप जैव-विविधता से दो-चार हो सकते हैं। सातताल में आपको अनेक दुर्लभ पक्षियों के दर्शन भी हो सकते हैं। क्योंकि यहां साल भर दुनिया के सैलानियों के अलावा तीतर, तोते, कठफोड़वे, फिंचेज़, हिमालयन ग्रिफिन गिद्ध, फ़िश-ईगल, काला-ईगल, नागिन-ईगल या माउंटेन-हॉक ईगल जैसे तमाम पक्षी भी प्रवास के लिये आते हैं।
गरुड़ ताल, सीता ताल, राम ताल, लक्ष्मण ताल, नल-दमयंती ताल, सूखा ताल, सुभाष धारा, तितली म्यूज़ियम आदि सातताल हिल-स्टेशन पर घूमने लायक प्रमुख जगहों में शुमार हैं। यहां आप प्रकृति को निहारते हुये पैदल ही घूमने का आनंद ले सकते हैं, या बोटिंग भी कर सकते हैं। यहां आये दुर्लभ पक्षियों को देखना एक अनूठा अनुभव हो सकता है। फोटोग्राफी के शौकीन लोग यहां बहुत कुछ अपने कैमरे में याददाश्त के तौर पर कैद कर सकते हैं।
9. रानीखेत, हिल स्टेशन
दिल्ली से मात्र 337 किलोमीटर दूर रानीखेत एक आकर्षक और मशहूर हिल-स्टेशन है। यहां के अद्भुत शांति से परिपूर्ण वातावरण में आकर जीवन की उलझनें भी काफी-कुछ शांत हो जाती हैं। समुद्र-तल से 6100 फीट की ऊंचाई पर स्थित रानीखेत बर्फ़ से ढकी पहाड़ियों की एक खूबसूरत सी वादी है। सो, यहां के नज़ारों को कैमरे में कैद कर लेने की लालसा सहज ही उठती है।
घूमने के लिये रानीखेत में रानी झील, असियाना पार्क, रानीखेत गोल्फ़-कोर्स, हैदाखान बाबा मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, भालू बांध, तारखेत, उपट कालिका मंदिर, बिंसर महादेव मंदिर खास हैं। रानीखेत में आप फ़िशिंग, बोटिंग, ट्रैकिंग वगैरह के अलावा गोल्फ़ का आनंद भी ले सकते हैं।
10. चैल हिल, स्टेशन

चैल दिल्ली से 340 किलोमीटर दूर है। 7300 फीट की ऊंचाई पर बसा चैल दुनिया में सबसे ऊंचे क्रिकेट-मैदान के लिये भी जाना जाता है। हिमालय की यह पहाड़ी दूसरी वादियों की अपेक्षा शांत है। क्योंकि यहां अभी शहरीकरण और औद्दौगीकरण की हवा भी नहीं लगी है। और इसीलिये गर्मियों का अवसाद दूर करने के लिये छुट्टियां मनाने को यह एक अच्छी जगह साबित हो सकती है।
चैल में देखने के लोकप्रिय स्थलों में चैल पैलेस, साधूपुल झील, स्कूल प्लेग्राउंड, काली का टिब्बा, सिद्ध बाबा मंदिर, गुरुद्वारा साहिब, चैल सैंक्चुअरी वगैरह ख़ास हैं। यहां की झीलों का नज़ारा अद्भुत है। यहां पर कई तरह के वन्य जीवों के दर्शन भी हो सकते हैं। इसके अलावा यहां के झरनों में मस्ती करते हुये खेलने का अपना ही आनंद है।
11. अल्मोड़ा, हिल स्टेशन
हिल-स्टेशन नैनीताल से करीब साठ किलोमीटर दूर स्थित अल्मोड़ा की सुहावनी पहाड़ियां समुद्र-तल से 5360 फीट की ऊंचाई पर बसी हैं। बर्फ़ से ढके पहाड़ यहां की ख़ूबसूरती में चार-चांद लगा देते हैं। दिल्ली से अल्मोड़ा करीब तीन सौ अस्सी किलोमीटर दूर है। अल्मोड़ा का सौ किलोमीटर के भीतर का नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो सीधे दिल्ली से जुड़ता है। चूंकि यह हिल-स्टेशन थोड़ा कम चर्चित रहता है, इसलिये यहां लोग इस जगह पर उतना नहीं आते है, जितना भीमताल और नैनीताल में जाना पसंद करते है।
पर इसका अच्छा पहलू ये है कि इसी वज़ह से आप अल्मोड़ा में कहीं अधिक शांति और सुकून पा सकते हैं। यहां की घूमने वाली ख़ास जगहों में स्वामी विवेकानंद का करबाला कब्रिस्तान पत्थर, कासार देवी मंदिर, नंदा देवी मंदिर, जाखन देवी मंदिर, चितई मंदिर, कांची मंदिर आदि शामिल हैं। भारत के सबसे खास सूर्य-मंदिरों में एक ‘कटारमल सूर्य मंदिर’ अल्मोड़ा से करीब सत्रह किलोमीटर दूर स्थित है। यह मंदिर आठ सौ साल पुराना बताया जाता है। अल्मोड़ा में आप एक लंबी पैदल यात्रा करें, तो यहां की पहाड़ियों की सुंदरता की सराहना ज़ुरूर करेंगे। यहां की बनी स्थानीय बाल मिठाई का स्वाद निराला होता है।
12. कौसानी, हिल स्टेशन
अल्मोड़ा के 53 किलोमीटर उत्तर में स्थित कोसी और गोमती नदी के बीच बसे कौसानी को ‘भारत का स्विट्ज़रलैंड’ भी कहा जाता है। बागेश्वर जिले के अंतर्गत आने वाला कौसानी पिंगनाथ की चोटी पर बसा है। यहां से बर्फ़ से ढकी नंदा देवी पर्वत-चोटी का भव्य नज़ारा दिखता है।
कौसानी में अनासक्ति आश्रम, लक्ष्मी आश्रम, पंत संग्रहालय, शॉल इम्पोरियम, बैजनाथ झील और लखुदियार ख़ास घूमने वाली जगहें हैं। यहां के चाय-बागानों की ख़ूबसूरती देखते ही बनती है। इसलिये कौसानी में सैर करने के साथ आप एक अच्छी फोटोग्राफी भी कर सकते हैं।
13. शिमला, हिल स्टेशन
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला समुद्र-तल से सात हजार फीट की ऊंचाई पर है, और घूमने के लिहाज़ से एक खूबसूरत हिल-स्टेशन है। कभी यह शहर गर्मियों के लिये देश की राजधानी हुआ करता था। गर्मियों में यहां आने का एक ख़ास सुखद अहसास होता है। दिल्ली से शिमला करीब 360 किलोमीटर दूर है। यहां आप बस, टैक्सी, ट्रेन या अपनी गाड़ी से कैसे भी पहुंच सकते हैं।
शिमला में क्राइस्ट चर्च, जाखू मंदिर, जाखू हिल, काली बारी मंदिर, राष्ट्रपति निवास, आर्मी हेरिटेज म्यूज़ियम, शिमला विरासत संग्रहालय, हिमाचल राज्य संग्रहालय, गार्टन कैसल, द ग्लेन, द रिज, अन्नडेल, टाउन हॉल, बैंटोनी कैसल, गैटी थियेटर, समर हिल और मॉल रोड जैसी घूमने के लिहाज़ से तमाम लोकप्रिय जगह है।
शिमला में रिज से खूबसूरत पहाड़ियों को देखते हुये घूमने का एक अलग ही अहसास है। यहां मॉल रोड पर शॉपिंग करना हो या बर्फ़ पर स्केटिंग करना या फिर कालका-शिमला टॉय-ट्रेन की सवारी, यह सब आपको एक सुखद अहसास से भर देता है।
14. कुफ़री, हिल स्टेशन
शिमला आने वाले कुफ़री जाना नहीं भूलते। यह शिमला से मात्र सत्रह किलोमीटर की दूरी पर है। सर्दियों में स्की-रिज़ॉर्ट की तरह नज़र आने वाला कुफ़री समुद्र-तल से 8600 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। गर्मियों में यह हिल-स्टेशन हरीभरी घास से ढक जाता है। हालांकि मौसम ठंडा बना रहता है। इसलिये गर्मियों में यहां पर्यटकों की अच्छी-खासी संख्या देखी जा सकती है।
दिल्ली से कुफ़री स्टेशन की दूरी 356 किलोमीटर है। यहां शिमला से बस-टैक्सी वगैरह के ज़रिये भी पहुंचा जा सकता है। हिमालयन नेचर पार्क, इंदिरा बंगला और महासु चोटी कुफ़री में ख़ास देखने लायक जगहें हैं।
कुफ़री ट्रैकिंग और अन्य ‘एडवेंचरस जर्नी’ के लिये काफ़ी प्रसिद्ध है। ट्रैकिंग के अतिरिक्त आप यहां घुड़सवारी, स्कीइंग, गो-कार्टिंग, कमांडो नेट, वैली क्रॉसिंग, रैपलिंग और फोटोग्राफी को भी ‘एंजॉय’ कर सकते हैं।
15. औली, हिल स्टेशन
दिल्ली के नजदीकी हिल-स्टेशनों की बात करते समय औली को नहीं भुलाया जा सकता। समुद्र-तल से करीब दस हजार फीट यानी लगभग 2800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित औली से बेहतर गर्मियों की छुट्टियां बिताने को और कुछ नज़र नहीं आता। दिल्ली से औली की दूरी 364 किलोमीटर है।दिल्ली से पहले आप रेल या बस से हरिद्वार पहुंचते हैं, फिर वहां से बस या टैक्सी के ज़रिये जोशीमठ या औली पहुंचा जा सकता है।
औली दिल्ली के आसपास स्थित सबसे ठंडी पहाड़ियों में से एक है। साल के ज्यादातर समय बर्फ़ से ढके रहने वाली उत्तराखंड की यह घाटी पर्यटकों को बहुत लुभाती है। यह जगह दुनिया भर में स्कीइंग के लिये जानी जाती है। गर्मियों में इस हिल-स्टेशन पर हरी घास की कालीन सी बिछ जाती है। उस पर खिलखिलाती धूप एक सुखद रोमांच पैदा करती है। पर माहौल सर्द ही बना रहता है।
औली में पुराने ओक और देवदार के वृक्ष और सेब के बाग मिलकर एक मनोहर प्राकृतिक दृश्य उत्पन्न करते हैं। जिनके बीच-बीच में ‘स्कीइंग-रिज़ॉर्ट्स’ दिखते हैं। स्कीइंग के अलावा आप औली में रोपवे, कैम्पिंग, ट्रैकिंग वगैरह का आनंद भी ले सकते हैं। गोंडोला की सवारी कर सकते हैं। औली में बनी ‘आर्टीफ़िशियल-झील’ भी देखने के लिहाज़ से ख़ास है।
उपरोक्त विवरण से ज़ाहिर है कि यदि आप दिल्ली में रहते हुये शहरी भीड़भाड़ भरी ज़िंदगी से ऊब गये हैं, तो प्रकृति की गोद में मनोरंजन के साथ ही शांति और सुकून पाने को इन हिल-स्टेशनों पर आसानी से जा सकते हैं। जो दिल्ली से बहुत दूर भी नहीं हैं। इन मनोरम पहाड़ियों की सैर आपको एक अद्भुत सौंदर्य व रोमांच से भर देती है।
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Conclusion
इस लेख में आपको 100 किलोमीटर के भीतर दिल्ली के पास पहाड़ी स्टेशनों की लिस्ट दी गयी है। हालाकिं आपको बता दें, की 100 किमी के भीतर दिल्ली के पास हिल स्टेशन नहीं है, अगर आप दिल्ली में रहते है और पहाड़ो में अपनी छुट्टियां बिताना चाहते है, तो आपको दिल्ली से लगभग 200 किलोमीटर की यात्रा तय करनी पड़ेगी तब जाकर आप अपने परिवार के साथ पहाड़ो में छुट्टियों का आनंद ले सकते है। इस लिस्ट में दिए गए सभी पहाड़ी स्टेशन के बारे में पढ़कर आप अनुमान लगा सकते है, की दिल्ली के पास सबसे अच्छा हिल स्टेशन आपके लिए कौन सा रहेगा। अगर आपका इस लेख से सम्बंधित कोई भी सवाल है, तो आप हमें कमेंट करके बता सकते है । अगर आपको यह लेख अच्छा लगा, तो कृपया इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, धन्यवाद।