Information About Sparrow in Hindi – इस लेख में आज हम एक ऐसी चिड़िया के बारे में जानेगे जो आपने अपने घरो में या घरो के आस पास जरूर देखी होगी। यह चिड़िया बहुत खूबसूरत होती है। गौरेया को घरेलु चिड़िया (House Sparrow in Hindi) के रूप में जाना जाता है। क्योकिं यह ज्यादातर घरो के आस पास ही रहती है। हम बात कर रहे है, गौरैया चिड़िया (Sparrow Bird in Hindi) की क्योकिं यह एक ऐसी चिड़िया है, जो की विलुप्त होने की कगार पर है।
बहुत से लोग गूगल में सर्च करते है, गौरैया चिड़िया के बारे में बताएं तो आज हम इस लेख में आपके इस सवाल का जबाब देने वाले है। जिसमे हम इस चिड़िया के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारियां आपके साथ साझा करेंगे। जिसमे गौरैया चिड़िया क्या खाती है, कैसी दिखती है, और गौरैया का वैज्ञानिक नाम क्या है? मुझे पूरी उम्मीद है, की अगर आप गौरैया चिड़िया के बारे में दी गयी इस जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़ते है, तो आपको कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिलने वाली है। तो आइये जानते है, गौरैया चिड़िया के बारे में जानकारी हिंदी में –
गौरैया चिड़िया के बारे में जानकारी | About Sparrow in Hindi
गौरेया आमतौर पर घरो के आप पास रहना पसंद करती है। यह छोटे छोटे पेड़ो पर रहती है, गौरेया का वैज्ञानिक नाम Scientific Name – Passeridae है, और इसका अंग्रेजी नाम English Name – Sparrow है। यह यूरोप और एशिया के क्षेत्रो में पायी जाती है। लेकिन इसके अलावा गौरेया चिड़िया विश्व के अन्य स्थानों पर भी पायी जाती है, जहाँ पर मनुष्य रहते है, वही पर यह चिड़िया रहती है, यह घने जंगलो और वनो में नहीं रहती है। गौरेया अमेरिका, आस्ट्रेलिया, और न्यूज़ीलैंड में भी पायी जाती है। गौरेया कई प्रकार की होती है, जिनमे स्पेनिश स्पैरो, सेट स्पैरो, डेड सी स्पैरो हाउस स्पैरो, और सिंड स्पैरो शामिल है। गौरेया की इन 6 प्रजातियों में से हाउस स्पैरो को गौरेया के नाम से जाना जाता है। गौरेया आमतौर पर कच्चे घरो और गांव में अपना घर बनाती है।
गौरैया चिड़िया कैसी होती है?
गौरेया चिड़िया का रंग हल्का भूरा और सफ़ेद होता है। इसके शरीर पर छोटे छोटे पंख होते है, पंखो का रंग हल्का भूरा होता है, और चोंच का रंग पीला होता है, वही अगर नर गौरेया की बात करें, तो नर गौरेया की चोंच का रंग काला होता है। मादा गौरेया भूरे रंग की होती है, और नर गौरेया के पंखो पर काले धब्बे होते है। गौरेया की लम्बाई लगभग 14 से 16 सेंटीमीटर होती है, जो की मनुष्य के बनाये गए घरो के आस पास रहती है। यह पहाड़ी क्षेत्रो में बहुत कम पायी जाती है। मादा गौरेया को चिड़िया के नाम से बुलाया जाता है, और वही पर नर गौरेया को चिड़ा के नाम से बुलाया जाता है। गौरेया की आयु लगभग 5 से 7 वर्ष तक होती है, इसके अंदर 30 से 40 ग्राम तक वजन होता है।
गौरैया चिड़िया क्या खाती है?
गौरेया एक सर्वाहारी पक्षी है, जो की सभी प्रकार के भोजन को खाना पसंद करती है। यह आमतौर पर अनाज, फलों से निकले बीज, और घास या पेड़ो के ऊपर होने पीला छोटे किट पतंगों आदि को अपना भोजन बनती है। इसके अलावा यह अनार के फूल या अन्य फलो के फूलों पर होने वाले कीड़ो को भी खाती है। अधिकतर यह शाकाहारी भोजन ही खाती है, ऐसा इसलिए है, क्योकिं यह इंसानो के बिच में ज्यादा रहती है। गौरेया के शरीर का आकर छोटा होने की वजह से इसको भोजन की ज्यादा आवश्यकता नहीं होती है। हालाकिं कभी कभी भोजन ना मिलने के कारण यह भोजन की तलाश में बहुत दूर भी निकल जाती है।
गौरेया चिड़िया की कम होती संख्या
वर्तमान समय में गौरेया चिड़िया विलुप्त होने की कगार पर है। क्योकिं पुराने समय की अपेक्षा आज की बड़ी इमारतों में गौरेया को रहने के लिए जगह नहीं मिल पाती है। क्योकिं दिन प्रतिदिन पुरानी दुकाने मकान आदि कम होते जा रहे है, जिसकी वजह से गौरेया के अलावा और भी पक्षियों को रहने के लिए जगह नहीं मिल पा रही है। साथ ही इन्हे खाने के लिए भी कुछ नहीं मिल पाता है। इसके अलावा जैसे जैसे नई तकनिकी के इंटरनेट जिसमे 4G और 5G टावर को लगाया जा रहा है, इनसे निकलने वाली तरंगे भी गौरेया के लिए बहुत नुक्सानदायक है।
जब किसी भी टावर से यह हानिकारक तरंगे निकलती है, तो इसकी वजह से दिशा खोजने वाली प्रणाली कार्य करना बंद कर देती है। इसके अलावा यह गौरेया के प्रजनन पर भी बहुत ज्यादा प्रभाव डालती है। जिससे की इनकी संख्या में बढ़ोत्तरी नहीं हो पा रही है, और दिन प्रतिदिन इनकी संख्या कम होती जा रही है। हालाकिं ग्रामीण क्षेत्रो में आज भी गौरेया पायी जाती है, क्योकिं गांव में आज भी इतने ज्यादा टावर आदि नहीं है। इसको ज्यादा तापमान में रहना पसंद नहीं होता है, यह ज्यादा तापमान में झुलस जाती है। हालाकिं प्रदूषण और विकिरण के कारण शहरों का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। गौरेया की कम होती संख्या को बचने के लिए दिल्ली सरकार ने गौरेया को राजपक्षी का दर्जा दे दिया है।
10 Lines on Sparrow in Hindi | गौरेया पर 10 वाक्य हिंदी में
01. गौरेया चिड़िया सुन्दर और आकर्षक होती है।
02. गौरेया चिड़िया आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्रो में पायी जाती है।
03. गौरेया को पहाड़ी इलाको में रहना पसंद नहीं है।
04. गौरेया चिड़िया दिल्ली की राजपक्षी है।
05. गौरेया की आयु लगभग 5 से 7 साल होती है।
06. गौरेया एक सर्वाहारी पक्षी है, जो अनाज के दाने और किट – पतंगे आदि कहती है।
07. हाउस स्पेरो प्रजाति को गौरेया के नाम से जाना जाता है।
08. गौरेया की चोंच पीले रंग की होती है, वही एक नर गौरेया की चोंच काले रंग की होती है।
09. नर गौरेया के शरीर पर काले और लाल (गेरुआ) रंग के धब्बे होते है।
10. गौरेया चिड़िया की आवाज बहुत मधुर होती है, जो की ची ची करके बोलती है।
Note – इस लेख में आपको गौरेया चिड़िया के बारे में जानकारी दी गयी है। जिसमे आपको गौरेया के बारे में विस्तार से बताया गया है। अगर आपका इस लेख से सम्बंधित कोई भी सवाल है, तो आप हमें कमेंट करके बता सकते है। अगर आपको यह लेख Information About Sparrow in Hindi अच्छा लगा, तो कृपया इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, धन्यवाद।