Morpankhi Ka Paudha – आज एक ऐसे पौधे के बारे में जानेगे जिसकी पत्तियों को कई लोगो ने बचपन में किताबो के बीच में जरूर रखा होगा। अगर आप ने भी इस पौधे की पत्तियों को कभी बचपन में अपनी किताबो की बीच में रखा है, तो जरूर बताएं। जिस पौधे के बारे में हम जानेगे उसका नाम Thuja है, इस पौधे को विद्या का पेड़ के नाम से भी जाना जाता है।
इसके अलावा Thuja Plant in Hindi को मोरपंखी के नाम से भी जानते है। तो चलिए जानते है, मोरपंखी का पौधा कैसा होता है, और मोरपंखी का पौधा कहां लगाना चाहिए इससे जुड़ी कई अन्य जानकारियां।
Table of Contents
मोरपंखी का पौधा की जानकारी Thuja Plant in Hindi
मोरपंखी का पौधा या विद्या का पेड़ शुरू परिवारी के शंकुधारी पेड़ो की प्रजाति से सम्बंधित है। मोरपंखी का वैज्ञानिक नाम
Platycladus Orientalis है। इसे अंग्रेजी भाषा में Thuja या Oriental Thuja, के नाम से जाना जाता है। इस जीनस में कुल पांच प्रजातियां पाए जाती है, जिसमे से तीन पूर्वी एशिया में, और दो उत्तरी अमेरिका में है। देवदार का पेड़ भी इसी प्रजाति से सम्बंधित होता है।
मोरपंखी का पौधा सदाबहार होता है, इसके ऊपर लाल और भूरे रंग की छाल होती है। इन पेड़ो की ऊंचाई लगभग 3 से 65 मीटर या इससे अधिक भी हो सकती है।
इसकी पत्तियां दोनों तरफ से प्लेन होती है, जिनकी लम्बाई लगभग 1 से 10 मिमी होती है। मोरपंखी के पौधे नर और मादा दोनों तरह के होते है। नर पोधो में शंकु छोटे होते है, और मादा पौधे का शंकु बड़ा होता है। जब पौधा लगभग एक वर्ष का होता है, तो प्रत्येक पक्ति की जोड़ी के पास एक या दो छोटे छोटे बीज होते है।
मोरपंखी Thuja की पांचो प्रजातियां सदाबहार तथा छोटे बड़े पेड़ो वाली होती है। सभी प्रजातियों में पौधों की पत्तियां चपटी पंखे की तरह होती है। इसके बीजो का रंग हल्का हरा होता है। बीज पकने के बाद काले रंग के हो जाते है। मोरपंखी को घर में लगाने के बहुत से फायदे भी होते है। इसके अलावा मोरपंखी को घर तथा बगीचों की शोभा बढ़ाने के लिए भी लगाया जाता है।
मोरपंखी के फायदे Morpankhi Plant Benefits in Hindi
1. मोरपंखी का पौधा घर की शोभा बढ़ाने के साथ साथ यह कई चीजों में फायदा भी पहुँचता है। मोरपंखी के पौधे को अगर वास्तु के अनुसार लगाया जाए, तो यह घर में सुख समृद्धि का भी प्रतिक माना जाता है। तो आइये जानते है, मोरपंखी के फायदे, और इसे घर में किस दिशा में लगाना चाहिए और भी कई जानकारियां –
2. मोरपंखी के पौधे को वास्तु के अनुसार जोड़े से लगाना चाहिए। अगर विद्या के पेड़ को जोड़े से घर में लगाया जाता है, तो इससे घर में सुख समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा उतपन्न होती है। और यह कई परशानियों से छुटकारा दिलाता है।
3. मोरपंखी के पौधे को ज्यादातार लोग घर की शोभा बढ़ाने के लिए अपने बगीचों में लगते है। लेकिन इसके कई औषधीय गुण भी होते है। इसका उपयोग कई होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक दवाइयों में किया जाता है। मोरपंखी के पौधे से निकलने वाली ऊर्जा कई बीमारियों से भी बचाती है।
4. मोरपंखी के पौधे के बारे में ऐसा भी माना जाता है, की इस पौधे को घर में लगाने से घर में श्री लक्ष्मी का वास होता है। और श्री लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है। अगर आपने अभी तक अपने घर में विद्या का पेड़ या मोरपंखी का पेड़ नहीं लगाया, तो कृपया इसे अपने घर में जरूर लगायें।
मोरपंखी का पौधा कहां या किस दिशा में लगाना चाहिए
- मोरपंखी के पौधे को हमेशा घर के मुख्य द्वार पर जोड़े में लगाना चाहिए।
- मोरपंखी के पौधे को कभी भी अकेला नहीं लगाना चाहिए।
- यह घर को हवादार बनाने के साथ साथ नारात्मक ऊर्जा को भी घर में आने से रोकता है।
- मोरपंखी के पौधे को कभी भी सूखने नहीं देना चाहिए।
- जब भी विद्या के पेड़ में पानी सूखने लगे, तो तुरंत पौधे को पानी देना चाहिए।
- वास्तु के अनुसार मोरपंखी के पौधे को उत्तर या पूर्व दिशा में लगाना चाहिए, इससे घर में श्री लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है।
- मोरपंखी के पौधे को हमेशा ऐसे जगह पर लगायें जहाँ पर पौधे को पर्याप्त धुप मिल सके।
मोरपंखी का पौधा उगाने के लिए बीज को कैसे तैयार करें
- मोरपंखी के पौधे पर गर्मियों के दिनों में बीज लगना शुरू हो जाते है।
- इसके बाद यह अगस्त और सितम्बर के महीनो में पककर तैयार हो जाते है।
- पकने के बाद इन बीजो का रंग काला और हल्का भूरा हो जाता है।
- जब मोरपंखी के बीज पक जाए, तो इन्हे पौधे से तोड़ लेना चाहिए, वरना यह कुछ दिन बाद पौधे पर ही फट जाते है, और इनके बीज जमीन पर गिर जाते है।
- मोरपंखी के पके हुए बीजो को तोड़ने के बाद इनके अंदर से बीज निकल लेने चाहिए।
- इसके बाद इन बीजो को लगभग तो से तीन दिन धुप या छाया में सुखना चाहिए।
- इन बीजो को जब तक सुखाये, जब तक इसके अंदर बनी नमी की मात्रा लगभग 10 % ना रह जाए।
- इसके बाद मोरपंखी के बीजो को किसी एयर टाइट वाले डब्बे में रख देना चाहिए। जिससे की बीज को हवा ना लगे।
- कुछ लोगो का सवाल होता है, की मोरपंखी के बीजो को लगाने का सही समय क्या है? इन बीजो को मई और जून के महीनो में लगाना चाहिये।
यह जानकारी भी पढ़ें
- नरगिस का फूल और पौधे की जानकारी
- छुई मुई के पौधे की जानकारी
- जरबेरा का फूल और खेती की जानकारी
- अंगूर की पूरी जानकारी
- तुलसी के पौधे की जानकरी
- नींबू घास की जानकारी
मोरपंखी का पौधा कैसे लगाए How to Grow Morpankhi Plant from Seeds
- मोरपंखी का पौधा बीज से लगाने के लिए आपको सबसे पहले एक मिटटी का बरता या फिर कोई भी प्लास्टिक की ट्रे लेनी है।
- गमला या ट्रे का चयन करते समय आपको एक बात का विशेष ख्याल रखना है, की उसके निचे पानी निकलने के लिए छेद होने बहुत जरुरी है।
- गमला लेने के बाद गमले के निचे वाले छेद पर कुछ कंकड़ रखकर ढक दें।
- अब एक अच्छी और उपजाऊ मिटटी का मिश्रण तैयार करें।
- उपजाऊ मिटटी बनाने के लिए बगीचे की सामान्य मिटटी और इसके अंदर बर्मीकम्पोस्ट को मिलकर भी अच्छा मिश्रण तैयार कर सकते है।
- मिटटी तैयार करने के बाद गमले में भर लें।
- इसके बाद गमले में भरपूर मात्रा में पानी डाल देना चाहिए।
- जब गमले में पूरी तरह से नमी हो जाए, तो अपने मोरपंखी के बीजो की संख्या के अनुसार किसी लकड़ी से मिटटी में एक एक इंच की दुरी पर गड्डे कर लेने चाहिए।
- इसके बाद मोरपंखी के बीजो को गमले में लगभग एक या डेढ़ इंच की गहराई में लगा दें।
- बीजों को लगाने के बाद एक हलकी सी मिटटी की परत फिर से गमले के ऊपर बिछा दें और गमले के पानी से भर दें।
- बीजों को लगाने के बाद गमले को ऐसी जगह पर रखें, जहाँ पर सूरज की रौशनी आती हो। ध्यान रहे की अगर ज्यादा गर्मी का मौसम है, तो ऐसे में गमले को हलकी छाया वाले स्थान पर रखे।
- जब तक बीजो से पौधे उगना शुरू नहीं हो जाते तब तक गमले में नमी बनाये रखे।
- लगभग एक से दो महीने में मोरपंखी के पौधे दूसरे बड़े गमले में लगाने लायक हो जाएंगे।
मोरपंखी का पौधा लगाने की विधि वीडियो में देखें
How to Grow Morpankhi Plant From Cutting
मोरपंखी का पौधा कटिंग से लगाना बहुत ही आसान है। यह अन्य पौधों की तरह ही कटिंग से लगाया जाता है। जैसे हम गुलाब का पौधा कटिंग से उगाते है, उसी तरह से मोरपंखी का पौधा भी उगाया जाता है। आइये जानते है, मोरपंखी का पौधा कटिंग से कैसे लगाते है।
- मोरपंखी का पौधा कटिंग से लगाने के लिए आपको सबसे पहले पांच से सात इंच की कटिंग लेनी है।
- इन सभी कटिंग को किसी तेज धार वाले ब्लेड से काटना है, इसके बाद इन कटिंग को लगाने के लिए एक गमले का चयन करना है।
- गमला लेने के बाद इन कटिंग को लगाने के लिए रेतीली मिटटी का उपयोग करें।
- गमले में रेतीली मिटटी भरने के बाद, उसमे भरपूर मात्रा में पानी डालें।
- जब सारा पानी गमले के निचे वाले छेद से बहार निकल जाए, तो गमले की मिटटी में कटिंग की गिनती के अनुसार किसी लकड़ी से छेद कर लें।
- इसके बाद सभी कटिंग को पानी में भिगोकर इनकी जड़ो पर रूटिंग हार्मोन पाउडर को लगाएं। इससे जड़ें बहुत जल्दी आती है।
- मोरपंखी की कटिंग पर रूटिंग हार्मोन पाउडर लगाने के बाद इन्हे गमले में किये गए गड्डो में लगाकर ऊपर से पानी गमले में पानी डाल देना चाहिए।
- इसके बाद गमले को किसी हलकी छाया वाले स्थान पर रखे, और रोज गमले के अंदर पानी का हल्का हल्का छिड़काब करें।
- इन सभी कटिंग से लगभग ढाई से तीन महीने में जड़ें निकल आएँगी।
- जब सभी कटिंग से जड़ें निकल आये, तो इन्हे किसी बड़े गमले में लगा देना चाहिए।
मोरपंखी का पौधा कटिंग से कैसे उगाएं वीडियो में देखें
Morpankhi Plant Care in Hindi मोरपंखी के पौधे की देखभाल कैसे करें
- मोरपंखी के पौधे की देखभाल के लिए सबसे ज्यादा जरुरी मिटटी होती है।
- शुरुआत में जब पौधा लगाए, तब एक अच्छी मिटटी का मिश्रण तैयार करें।
- मिटटी तैयार करने के लिए आप एक हिस्सा सामान्य मिटटी, एक हिस्सा वर्मीकम्पोस्ट, और एक हिस्सा कॉकपिट का लेकर मिश्रण तैयार करें। अगर आपके पास कॉकपिट नहीं है, तो उसकी जगह थोड़ी रेतीली मिटटी का उपयोग करें।
- मोरपंखी के पौधे को गर्मियों के दिनों में रोज पानी देना जरुरी होता है। लेकिन पानी कभी भी इतना ना दें, जिससे की पौधे की जड़ें खराब होना शुरू हो जाएँ।
- मोरपंखी के पौधों को धुप की बहुत आवश्यकता होती है। हमेशा पौधा लगाने के लिए एक ऐसी जगह का चयन करें, जहाँ पर दिन में लगभग चार से पांच घंटे धुप रहती हो।
- मोरपंखी को महीने में एक बार फर्टीलिज़ेर देना जरुरी होता है। इसके लिए आप गोबर की लगभग 1 किलो खाद को 10 लीटर पानी में दो से तीन दिन के लिए भिगोकर रख दें। इसके बाद आप इस लिक्विड खाद को सभी पोधो में उपयोग कर सकते है।
- इसके अलावा आप मोरपंखी के पौधों को सूखा गोबर खाद भी दे सकते है। इसके लिए आपको पौधे की जड़ से थोड़ी दुरी बनाकर चारो और थोड़ी मात्रा में गोबर का पुराना खाद डाल देना चाहिए।
- इस तरह से विद्या के पेड़ को खाद देने से यह बहुत अच्छी तरह से बढ़वार करता है। और इसकी पत्तियां हरी – भरी रहती है।
- मार्च और बरसात के बाद मोरपंखी के पोधो की कटिंग करना बहुत आवश्यक होता है। इससे पौधे शेप में रहते है, और ज्यादा झाड़ी की तरह नहीं फैलते है।
- गर्मियों के दिनों में मोरपंखी के पौधे की पत्तियां पीली पड़ने लगती है। इससे बचने के लिए गर्मियों सफ्ताह में एक या दो बार पौधों के ऊपर पानी का छिड़काब करना चाहिए।
- मोरपंखी के पौधे पर अगर किसी भी तरह के किट पतंगे लगते है, तो आप इसके लिए इसके ऊपर नीम के तेल को पानी में मिलकर पौधे पर स्प्रे कर सकते है।
मोरपंखी के पौधे की देखभाल सर्दियों में कैसे करें?
सर्दियों के मौसम में यह सबसे बड़ी समस्यां होती है। कुछ लोगो के पेड़ सर्दियों के दौरान ख़राब होना शुरू हो जाते है। तो आईये जानते है, मोरपंखी के पौधे की देखभाल करने के लिए सर्दियों में किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
सर्दियों में इस पौधे की ज्यादा देखभाल करने की आवश्यकता नहीं होती है। बस आपको सर्दियों के मौसम में मोरपंखी के पौधे को ज्यादा पानी नहीं देना चाहिए। ज्यादा पानी देने से इसकी पत्तियां ख़राब होने लगती है। इसके अलावा अगर आपका पौधा किसी ऐसे स्थान पर है, जहाँ पर धुप नहीं जाती है, तो गमले को उठाकर किसी धुप वाले स्थान पर रखे।
Note – यह पोस्ट मोरपंखी के पौधे (Morpankhi Ka Paudha) के बारे में थी। जिसमे मोरपंखी से जुड़ी कई जानकारियां आपको प्रदान की गयी। आपको यह पोस्ट Thuja Plant in Hindi कैसी लगी कृपया कमेंट करके जरूर बताएं, धन्यवाद।