छुई मुई के पौधे की जानकारी

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Touch me not plant information in hindi

Touch Me Not Plant in Hindi – छुई-मुई का पौधा झाड़ीदार होता है, इसे लाजवंती नाम से भी जाना जाता है। अगर कोई व्यक्ति इसको छूता है, तो यह सिकुड़ जाता है और कुछ समय बाद फिर से अपने पहले जैसे आकर मैं आ जाता है। इसी कारण छुई-मुई के पौधे को लाजवंती का नाम दिया गया है।

इसका वानस्पतिक नाम Mimosa Pudica है। आज हम इसके बारे मैं सभी जानकारी आपको देने वाले है, मुझे पूरी उम्मीद है, आपको यह लेख पढ़कर छुई-मुई के पौधे के बारे में सभी जानकारी मिल चुकी होगी, तो चलिए जानते है इस रोचक पौधे के बारे में रोचक जानकारी।

छुई मुई के पौधे का अंग्रेजी नाम Touch Me Not Plant है। यह पौधा लम्बे समय तक जीवित रहता है। यह झाड़ीदार होने के साथ साथ एक बारहमासी पौधा है। यह खुद को ऊपर की और नहीं बढ़ाता है, बल्कि इसकी झाड़ी धीरे धीरे जमीं पर चलती है। यह मौसम के अनुसार बहुत तेजी से वृद्धि करता है।

छुई मुई के पौधे की लम्बाई लगभग 15-50 सेंटीमीटर होती है। लेकिन अगर इस पौधे की तुलना अन्य पोधो से की जाए, तो इसकी लम्बाई एक मीटर तक जा सकती है। छुई मुई का पौधा छाया में वृद्धि नहीं करता है, इसको धुप की ज्यादा जरुरत होती है। यह कम पोषक तत्वों वाली मिटटी में भी उगाया जा सकता है।

इस पौधे को ज्यादा पोषक तत्व या उर्वरक की जरुरत नहीं होती है। इस पौधे को मध्य अमेरिका और दक्षिण अमेरिका का मूल निवासी माना जाता है। लेकिन वर्तमान समय में यह दक्षिण एशिया, दक्षिण अफ्रीका और पूर्वी एशिया, के उष्णकटिबंधीय जंगली घास के मैदानों में भी पाया जाने लगा है। छुई मुई का पौधा सूरज ढलने के साथ साथ अपनी पत्तियों को बंद कर लेता है, और जब अगली सुबह के साथ सूरज उगता है, तो यह फिर से अपनी पत्तियों को खोल लेता है।

इस पौधे की पत्तियों का रंग हरा होता है, पत्तियों पर छोटे छोटे पत्ते एक दूसरे के विपरीत निकले होते है। इन पतियों का आकर लगभग 1 से 1.5 सेंटीमीटर होता है, और इनकी चौड़ाई आधा सेंटीमीटर तक होती है। अगर छुई मुई के पत्तो को किसी दूसरे वृक्ष के साथ तुलना की जाए तो इसके पत्ते इमली के पत्तो की तरह होते है।

लेकिन आकर में उसके आधे होते है। इस पौधे पर बरसात के मौसम में फूल भी खिलते है। फूलो का रंग गुलाबी और सुनहरा होता है, यह फूल देखने में बहुत आकर्षक और सुन्दर होते है। जिनके अंदर कुछ लम्बी लम्बी कोरोली जैसी आकृति की सुइयां होती है।

जो की बहुत कोमल होती है, फूल के बिच में चार पुंकेसर होते है। छुईमुई के फूल अन्य फूलो के मुकलबले ज्यादा मुलायम नहीं होते है। इस पौधे की शाखाएं बहुत पतली होती है, शुरुआत में पौधा सीधा चलता है। लेकिन जैसे जैसे यह बड़ा होने लगता है, वैसे वैसे यह धरती पर गिर जाता है, और फिर एक झड़ी की तरह वृद्धि करता है।

छुईमुई के पौधे का जीवनकाल एक साल का होता है, जिसकी वजह से इसको बारहमासी पोधो की सूचि में रखा जाता है। इसके अलावा कई प्रजातियां ऐसी भी है, जो की एक साल से ज्यादा भी चल जाती है। अगर लाजवंती के पौधे की देखभाल सही तरीके से की जाए तो यह और भी ज्यादा दिन तक चल सकता है।

यह जितना पुराण होता जाता है, इसकी झाड़ियां उतना ज्यादा फैलती है। इस पौधे पर फलियां भी आती है। जब यह फलियां कच्ची होती है, तो इनका रंग हरा होता है, यह बहुत मुलायम होती है। जब यह पाक जाती है, तो इनका रंग हल्का काला हो जाता है। यह फलियां गुच्छों में आती है। पकने के बाद आप इन फलियों से बीज निकलकर किसी भी गमले में लगा सकते है, जिससे की आपका छुईमुई का पौधा बहुत आसानी से तैयार हो सकता है।

छुई मुई के उपयोग और फायदे 

छुईमुई के पौधे में बहुत से आयुर्वेदिक गुण पाए जाते है। इन्ही गुणों की वजह से इसको औषिधियों में इस्तेमाल किया जाता है। तो चलाइये जानते है छुईमुई में पाए जाने वाले गुणों और पोषकतत्वों के बारे में –

इस पौधे में एंटीफर्टिलिटी, एंटीवेनम, और एंटीडिप्रेसेंट जैसे कई औषधीय गुण एवं तत्व पाए जाते है, जिससे कई प्रकार के रोगो को ठीक किया जा सकता है।

छुईमुई के पौधे को मूत्र सम्बन्धी रोगो के लिए भी उपयोग में लाया जाता है। अगर शरीर पर कही घाव हो जाता है, तो इसका इस्तेमाल करके घाव को जल्दी ठीक किया जा सकता है।

Touch me not plant in hindi

कुछ अन्य जानकारी

छुईमुई का पौधा किसी भी मनुष्य के स्पर्श से अपनी पत्तियों को बंद कर लेता है, जिसकी वजह से इस पौधे को लाजवंती या शर्मीले पौधे का नाम दिया गया है।

छुईमुई के पौधे बहुत ही आसानी से आप अपने घरो में ऊगा सकते है। अगर आप किसी गांव में रहते है, तो यह आपको उन स्थानों पर आसानी से द्खेने को मिल जाती है। जहाँ पर मिटटी कठोर रहती है। जिन इलाको में खेती नहीं होती बंजर जगहों पर यह बहुत ज्यादा उगती है।

यह पौधे शुरुआत में सीधे चलते है, लेकिन जब धीरे धीरे बड़े होने लगते है। तो यह जमीन पर गिर जाते है, और एक झड़ी का आकर ले लेते है।

पौधे पर मानसून के दौरान फूल आते है, जो की दिखने में बहुत सुन्दर और आकर्षक होते है। फूलो के पक जाने पर यह फलियों में परिवर्तित हो जाते है।

छुई मुई के पौधे को कैसे उगाएं

इस पौधे को उगना बहुत ही आसान होता है। आप इसके बीजो की मदद से इसके पौधे को ऊगा सकते है, तो चलाइये जानते है, छुईमुई के पौधे को कैसे उगाएं

छुईमुई के बीजो को उगाने के लिए तैयार करना। इसके लिए आपको सबसे पहले पौधे से फलियों को तोडना है, अगर आपके पास पहले से ही बाजार से लाये हुए बीज है, तो अच्छा है। अब आप बीजो को निकालकर कम से कम एक दिन के लिए पानी में भिगोकर रख दे। जिससे की यह थोड़े नरम हो जाएँ।

क्योकिं छुईमुई के बीज बहुत कठोर होते है। एक दिन के बाद आप इन बीजो को पानी से निकलने के बाद ऊगा सकते है। बीजो को गमले में लगभग एक या दो इंच की गहराई पर ही रखे इसके बाद आप गमले में भरपूर मात्रा मलें पानी डाल दें।

छुई मुई के पौधे को उगने के लिए सबसे पहले यह जान लेते है, की यह कितने तापमान में सबसे अच्छी वृद्धि करता है। इस पौधे को शुरुरात में ज्यादा धुप की जरुरत नहीं होती है। आप पौधे को लगाने के बाद ऐसी जगह पर रख दे जहाँ पर दो तीन घंटे धुप रहती हो।

पौधे को लगाने के लिए आपको ज्यादा उपजाऊ मिटटी ढूंढ़ने की आवश्यकता नहीं होती है। आप इसके लिए कोई भी बगीचे की मिटटी का चयन कर सकते है। जब आपका पौधा थोड़ा बड़ा हो जाए तो, तो उसमे हमेशा हलकी नमि बनाकर रखे।

छुई मुई का पौधा कैसे उगाएं वीडियो देखें

छुईमुई के पौधे की देखभाल कैसे करें

जब छुई मुई पौधे को हम गमले में ऊगा देते है, तो यह दो हफ्ते में उगना शुरू हो जाते है। उसके बाद इसकी देखभाल करना बहुत जरुरी होता है। तो चलाइये जानते है, छुईमुई के पौधे की देखभाल कैसे करें।

जब पौधा अंकुरित होने के बाद, बड़ा होने लगता है, तो इस समय इसे धुप की जरुरत होती है। गमले में लगे पौधे को ऐसी जगह पर रखे जहाँ पर रखे जहाँ पर धुप आती हो।

गमले में हमेशा नमी बनाये रखे, अगर पौधे में पानी की कमी होती है, तो इससे अआप्के पौधे की जड़े सुख सकती है। जिससे की पौधा मर सकता है। ज्यादा पानी ना डाले, सिर्फ नमी बनाये रखे।

कभी कभी जब पौधा बड़ा होने लगता है, तो उस पर किट पतंगे आने लगते है। इसलिए समय समय पर कीटनाशक दवाइयों का उपयोग करते रहें।

जब पौधा पूरी तरह से बड़ा हो जाए, और निचे से इसकी पत्तियां या शाखाएं गलने लगे, तो उन्हें हटा देना चाहिए। साथ साथ ही समय समय पर इसकी कटिग भी करते रहें।

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