Sadabahar Flower सदाबहार का फूल Periwinkle Flower भारत के सभी घरो में पाया जाता है। भारत के कुछ क्षेत्रों में से सदाफूली के नाम से भी जाना जाता है। यह कई औषिधीय गुणों से भरपूर होता है। इसे आमतौर पर घरो में सजावटी पौधे Plant के रूप में लगाया जाता है। सदाबहार का English Name – Periwinkle Flower है, और इसका Hindi Name – सदाबहार या सदाफूली है। आज इस लेख में आपको इससे जुड़ी सभी जानकारियां मिलने वाली है।
अगर आप इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ते है, तो मुझे पूरी उम्मीद है, की आपको सदाबहार के फूल की जानकारी के लिए किसी और लेख को पढ़ने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इस लेख में हम Sadabahar Flower Uses और Benefits के अलावा कई और जानकारियों को शामिल करेंगे। जिसमे सदाबहार का फूल कैसा होता है, इसके पत्ते खाने के क्या फायदे है, और भी कई जानकारियां इस लेख में शामिल है। तो आइये जानते है Sadabahar Flower के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारियां –
Table of Contents
सदाबहार फूल की जानकारी Periwinkle Flower Information in Hindi
सदाबहार फूल या Periwinkle Flower बारह महीने खिलने वाले पौधों में से एक है। पश्चिमी भारत में इसे सदाफूली के नाम से भी जाना जाता है। यह एपोसाइनेसी कुल का सदस्य है, जो की एक प्रकार का Plant होता है। सदाबहार का वंश कैंथरैंथस इसे Madagascar Periwinkle भी कहते है, इसका वानस्पतिक या Scientific Name – Catharanthus Roseus केथारेन्थस रोजस है। इसकी एक प्रजाति को Periwinkle Vinca Minor भी कहते है, जिसके फूल देखने में सदाबहार की तरह ही लगते है।
सदाबहार के पौधे का अपना एक इतिहास है, बैंगनी रंग के Periwinkle Flower Plant के बारे में यूरोप के लोगो का एक अन्धविश्वास था। वह लोग बैंगनी रंग के Periwinkle Plant को जादूगरनी का वायलेट कहते थे। यूरोप के लोगो का मानना था, की बैंगनी रंग का Periwinkle Plant बुरी आत्माओं को दूर रखता है। उस समय इसकी दो मुख्य प्रजाति थी – Lesser Periwinkle (Vinca Minor) और Greater Periwinkle (Vinca Major)
Lesser Periwinkle की उत्पत्ति स्पेन, फ्रांस और यूरोप के अन्य क्षेत्रों हुई थी। लेकिन वर्तमान में यह दुनिया के कई हिस्सों में पाया जाता है। जबकि ग्रेटर पेरिविंकल को सिर्फ दक्षिणी यूरोप में ही देखा जा सकता है, इसलिए यह रोप का मूल निवासी है। आज भी दुनिया के कई हिस्सों में सदाबहार को सजावटी पौधों के रूप में उगाया जाता है। इसे भारत के अलग अलग क्षेत्रों अलग अलग नामो से जाना जाता है। जैसे तमिल में सदाकाडु मल्लिकइ, पंजाबी में रतनजोत, बांग्ला नयनतारा या गुलफिरंगी, मलयालम में उषामालारि, और उड़िया में अपंस्कांति कहते है।
सदाबहार के छोटे से झाड़ीदार पेड़ पर लगे सफ़ेद और बैंगनी रंग के छोटे छोटे गुच्छों में लगे फूल हर घर की शोभा बढ़ाते है। इसका पेड़ सर्दियों और गर्मियों के मौसम में भी हमेशा फूलों से भरा रहता है। इसके साफ सुथरे झाड़ीदार पौधों पर लगे अंडाकार हरे पत्ते बहुत ही सलीके से पौधे की शाखाओं पर लगे होते है, इन्हे ज्यादा कटाई की आवश्यकता भी नहीं पड़ती है।
सदाबहार फूल की प्रजातियां Types of Periwinkle Flowers
सदाबहार फूल की आमतौर पर 8 प्रजातियां पायी जाती है। जिनमे से एक प्रजाति भारतीय उपमहाद्वीप में और अन्य 7 प्रजातियां मेडागास्कर में पायी जाती है। इसके अलावा सदाबहार के पौधे के कई प्रकार होते है, जिनमे से कुछ मुख्य प्रकार की प्रजातियों के पौधों के नाम इस पारकर है –
1. Horizon (Multiflora)
इस प्रजाति के फूल गर्मी के दिनों में बहुत अच्छी तरह से बढ़वार करते है। यह पौधे लगभग 15 इंच ऊँचे हो जाते है। इसके फूलों का रंग लाल, नीला, और गुलाबी होता है। इसके एक पंखुड़ी में एक से अधिक रंग होते है।
2. Madness Perwinkle
यह फूल वसंत के दिनों तक ही खिलते है। इस प्रजाति में पौधे लगभग 12 इंच तक का फैलाव लेते है, और पौधे की ऊंचाई 15 इंच तक होती है। इसके फूलों का रंग लाल, नीला, बैंगनी, सफ़ेद, और लेवेंडर होता है।
3. Primetime (Multiflora)
सदाबहार फूल की इस प्रजाति को उगाना बहुत आसान होता है। इसकी पंखुड़ियां बहुत मुलायम और मखमली होती है। जिनका रंग आमतौर पर गुलाब के फूल और लैवेंडर के फूल की तरह होता है। इसके पौधे 5 फिट की चौड़ाई और 6 इंच की ऊंचाई तक बढ़ते है। इसको हम यह भी कह सकते है, की यह एक प्रकार से झाड़ीदार Plant की तरह फैलता है।
4. Supercascade (Grandiflora)
इस प्रजाति के सदाबहार के पौधों को धुप बहुत पसंद होती है। इसके फूलों की पंखुड़ियां बहुत बड़ी होती है, इन पंखुड़ियों की चौड़ाई 5 इंच तक हो जाती है। यह फूल गर्मियों से लेकर वसंत के अंत तक खिलते है। इन फूलों का रंग सफ़ेद होता है, जिसमे हल्का बैंगनी रंग का Sade इनकी पत्तियों पर देखने को मिलता है।
सदाबहार के पौधे की जानकारी Periwinkle Plant in Hindi
सदाबहार का पौधा Periwinkle Plant झाड़ीदार पौधे होते है, जिनकी ऊंचाई ज्यादा से ज्यादा 1 मीटर तक होती है। इसके Plant को ज्यादा देखरेख करने की आवश्यकता नहीं होती है। अगर सदाबहार के पौधे की जड़ में बिलकुल भी पानी ना रहे फिर भी यह कुछ दिन तक अच्छी तरह से फूल देता रहता है। यह पौधे जब पुराने हो जाते है, तो पूरी तरह से झाड़ी की तरह दिखने लगते है।
सदाबहार का फूल Periwinkle Flower ज्यादातार तीन रंगो में खिलता है, जिनमे गुलाबी, बैंगनी, और सफ़ेद मुख्य है। इसके अलावा भी यह कई रंगो में पाया जाता है। इसके फूल में पांच पंखुड़ियां होती है, इस फूल की लम्बाई लगभग 1 इंच और 1½ इंच तक होती है। पूरा फूल पांच पंखुड़ियों से मिलकर बना होता है। हालाकिं फूल आकार में छोटे होते है, लेकिन यह प्रतिदिन पौधें पर खिलते है। इन पौधों को धुप बहुत पसंद होती है। गर्मियों के दिनों में सदाबहार का पेड़ फूलों से लद जाता है।
सदाबहार के पत्ते Periwinkle Leaves का रंग गहरा हरा होता है, जिनकी Shape अंडाकार होती है। यह पत्ते तने पर एक दूसरे के विपरीत जुड़े होते है। इसकी पत्तियां बहुत साफ़ सुथरी और चमकदार होती है। जिनके बिच में एक सफ़ेद केंद्र शिरा बिलकुल साफ़ देखा जा सकता है। जब सदाबहार के पेड़ से इसकी पत्तियों और फूलों को तोड़ा जाता है, तो इनमे से एक प्रकार का दूध जैसा पदार्थ निकलता है।
सदाबहार के बीज Periwinkle Flower Seeds जब इसके सभी फूल पौधें से गिर जाते है, तो इसके ऊपर छोटी छोटी फलियां लगने लगती है। इन फलियों के अंदर बहुत सारे बीज होते है। इन बीजों का आकार गोल होता है। इन बीजो से आप सदाबहार का पौधा बहुत आसानी से ऊगा सकते है।
इसके अलावा आप कई सुगन्धित और खुशबूदार फूलों के बारे में पढ़ सकते है, इन फूलों को कैसे उगाया जाता है, और भी बहुत कुछ यह सभी फूलों के नाम इस प्रकार है – लिली का फूल, चंपा का फूल, रजनीगंधा का फूल, और मैग्नोलिया का फूल
सदाबहार के फायदे (Sadabahar Plant, Leaves Benefits in Hindi)
सदाबहार का फूल जितना ज्यादा देखने में आकर्षक और खूबसूरत होता है, उससे कई ज्यादा सदाबहार के फायदे होते है। इसका उपयोग औषधि बनाने के लिए भी किया जाता है। सदाबहार के फूल, पत्तियां, और जड़ खाने से कई प्रकार की बिमारियों से छुटकारा मिल सकता है। सबसे ज्यादा उपयोग सदाबहार के फूल का किया जाता है, क्योकिं इसकी तासीर सामान्य होती है। यह हर प्रकार के रोग से छुटकारा दिला सकता है। लेकिन आपको इसे किसी आयुर्वेदिक वैद्य या डॉक्टर से पूछकर ही उपयोग करना चाहिए। आइये जानते है, सदाबहार पौधे औषधीय गुणों के बारे में और सदाबहार के फूल खाने के क्या फायदे है –
1. बबासीर में सदाबहार के फायदे
अगर किसी व्यक्ति को बबासीर हो जाती है, और वह सदाबहार के पत्तो को पीसकर रात को सोते समय बबासीर बाले स्थान पर लगा लेता है, तो इससे बहुत जल्द आराम मिलता है। अगर इसका बहुत अच्छा परिणाम देखना है, तो इस प्रक्रिया को दिन में दो बार सुबह और शाम कर सकते है।
2. फोड़े फुंसी और घाव जल्दी भरने के लिए सदाबाहर के फायदे
यदि आपके कही पर घाव हो गया है, और वह ठीक नहीं हो पा रहा, तो ऐसे में आप सदाबहार की पत्तियों को पीसकर घाव वाले स्थान पर लगा लें। इससे घाव बहुत जल्दी भर जाता है। अगर आपके शरीर पर किसी स्थान पर फोड़े या फुंसियां हो गयी है। लेकिन वह पक नहीं रही है, इसके लिए आप सदाबाहर की पत्तियों को तेल में ग्राम करके फोड़े वाले स्थान पर लगाएं, इससे फोड़ा जल्दी पक जाएगा, और मवाद बहार आ जाएगी, जिससे की घाव बहुत जल्दी सुख जायेगा।
3. कैंसर के लिए सदाबहार के फायदे
कैंसर एक बहुत ही खतरनाक और जानलेवा बीमारी है। इस बीमारी के होने पर मनुष्य के शरीर की कोशिका कार्य करना बंद कर देती है। जिसकी वजह से शरीर कमजोर होने लगता है। साथ ही शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। लेकिन अगर आप सही समय पर ध्यान दे तो इससे छुटकारा पाया जा सकता है। कैंसर के रोग में अगर रोगी को सदाबहार के पत्तो की चटनी बनाकर सुबह खली पेट दी जाएँ तो इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगती है। जिसकी वजह से शरीर फिर से अच्छा होने लगता है, और कोशिकाएं फिर से कार्य करने लगती है।
4. एलर्जी के लाल निशान को ठीक करने के लिए सदाबाहर के फायदे
अगर किसी व्यक्ति के शरीर पर एलर्जी के लाल निशान हो गए है, और वह उनसे परेशान है। तो इसके लिए सदाबहार के कुछ पत्तो को तोड़कर उनका रस निकालें, इसके बाद वह रस एलर्जी वाली जगह पर लगाएं। इससे बहुत जल्द रहत मिलती है।
5. बालों के लिए सदाबहार के फायदे Sadabahar Benefits for Hair in Hindi
सदाबहार बालो के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके पौधे में मौजूद औषिधीय गुण बालों को मजबूत बनाते है। इसके लिए आपको सदाबाहर के लगभग एक कटोरी फूलों को लेकर उन्हें अच्छी तरह से धोना है। इसके बाद उन्हें धुप में सुखाकर फूलों का चूर्ण या पाउडर बना लें। सदाबाहर के चूर्ण को किसी ऐसे डिब्बे में बंद करें जिससे की इसे हवा ना लगे। जब भी आप अपने बालों में कोई हेयर पैक लगाएं, तो उसमे आप थोड़ा सा सदाबहार का चूर्ण मिलकर लगा सकते है। इसका उपयोग करते समय मात्रा का विशेष ध्यान रखें, क्योकिं ज्यादा मात्रा में यह आपके बालों को नुक्सान भी पंहुचा सकता है।
6. चेहरे के मुहसो को ठीक करने के लिए सदाबाहर के फायदे
अगर आपके चेहरे पर मुहासे हो गए है, और वह किसी भी तरह के साबुन, क्रीम, या फिर फेसवाश से नहीं ठीक हो रहे है, तो ऐसे में आप सदाबर के कुछ घरेलु उपयोग के द्वारा अपने चेहरे के मुहसो को ठीक कर सकते है। इसके लिए आपको सदाबाहर के कुछ फूल और कोमल पत्तियों को लेकर उन्हें अच्छी तरह से पीस लें। इसके बाद इसमें एक चुटकी हल्दी मिलकर मुहासे वाले स्थान पर दिन में दो बार लगाएं। इससे बहुत जल्द आराम मिलेगा। और चेहरे की त्वचा भी अच्छी हो जायेगी।
7. खाज खुजली को ठीक करें सदाबहार के औषिधीय गुण
अगर आप खाज खुजली से बहुत परेशान है, तो ऐसे में सदाबहार का पौधा आपके काम आ सकता है। इसके लिए आपको सदाबहार के पत्तो का लेप बनाकर खाज वाले स्थान पर दिन में दो बार लगाना है, आपकी खाज खुजली में बहुत आराम मिलेगा। और यह बहुत जल्द ठीक हो जायेगी।
8. मधुमखी या ततैया के काटने में आरामदायक सदाबहार के औषिधीय गुण
अगर आपके शरीर के इसी भी स्थान पर कभी मधुमखी या ततैया ने काट लिया है, और कटे हुए स्थान पर त्वचा बहुत ज्यादा लाल हो गयी है। तो ऐसे में आप सदाबहार के फूल या पत्तो का रस कटे हुए स्थान पर लगायें। इससे कटे हुए स्थान पर खुजली नहीं होगी, और दर्द में रहत मिलेगी।
सदाबहार के नुकसान Periwinkle Side Effects
- सदाबहार के पत्ते खाने के फायदे तो आपने पढ़ लिए लेकिन आपको सदाबहार के नुक्सान के बारे में भी जानना जरुरी है।
- आमतौर पर सदाबहार के नुक्सान नहीं होते है, लेकिन यह एक प्रकार की आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, तो इसके कुछ औषिधिये फायदों के साथ साथ नुक्सान भी हो सकते है।
- यह लेख आपको सिर्फ सदाबहार के फायदे के बारे में जानकारी देने के लिए लिखा गया है। और यहाँ पर ली गयी सभी जानकारी आयुर्वेदिक किताबो से इकठ्ठा की गयी है।
- आप जब भी कोई आयुर्वेदक घरेलु इलाज आपनाये तो किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर या वैद्य की सलाह जरूर लें। अन्यथा आपको नुकसान हो सकता है।
सदाबहार का पौधा कैसे लगाएं How to Grow Periwinkle Plant
सदाबहार के पौधे को उगना बहुत ही आसान होता है। यह पौधे दो तरिके से उगाये जाते है, पहला तरीका है, बीजो से उगाने का और दूसरा तरीका है, सदाबहार की Cutting करके उगाने का। यहाँ पर हम दोनों तरह पौधें को उगाने के बारे में जानेगे। सबसे पहले जानते है, की सदाबहार को बीजों से कैसे उगाया जाता है। बीज से Vinica Plant मतलब सदाबहार का पौधा उगाने से पहले हमें यह जानना जरुरी है, की इसके बीजो को हम इस प्रकार से Collect कर सकते है।
सदाबहार के बीज कैसे इकठ्ठा करें?
सदाबहार के पौधे पर गर्मियों के दिनों में बीज बनना शुरू हो जाते है। जब आपके पौधे पर छोटी छोटी फलियां बनना शुरू हो जाएँ, तो आप पौधे का ध्यान रखें। क्योकिं यह फलियां पकने पर बिच से खुल जाती है, और बीज इधर उधर बिखर जाते है। आपको सदाबहार की फली को फटने से पहले पौधे से तोड़कर उससे बीज निकाल लेने चाहिए। आपको बीज तोड़ने से पहले एक बात का विशेष ध्यान रखना है, की बीज पूरी तरह से काले हो और वह अच्छी तरह से पक चुके है। अब जानते है, की बीज से पौधा कैसे उगाया जाता है Pot के अंदर।
सदाबहार का पौधा बीज से कैसे उगाएं
- सदाबहार का पौधा बीज से लगाने के लिए आपको सबसे पहले एक मिटटी का गमला लेना है। इस गमले के निचे छेद होना बहुत जरुरी है। जिससे की पौधे में ज्यादा पानी होने पर निचे से निकल जाएँ।
- इसके बाद आपको गमले के निचे जो छेद होता है, उस पर कुछ कंकड़ रखकर उसे ढक देना है। और गमले में के लिए एक उपजाऊ और बेहतर मिटटी तैयार करनी है।
- पौधा लगाने के लिए आप 50% गार्डन की मिटटी और 50% बालू जिसे रेत कहते है। दोनों को अच्छी तरह से मिलाना है। आप चाहें तो इसमें वर्मीकपोस्ट, और कॉकपिट भी मिला सकते है। मिटटी को अच्छी तरह से मिलकर गमले में भर लें।
- इसके बाद गमले में ऊपर से बीजो को कुछ कुछ दुरी पर लगा दें। और ऊपर से लगभग आधा इंच की मिटटी की परत से ढक कर पौधे को Sprey से पानी लगा दें। और जब तक बीज उग कर नहीं आ जाते तब तक पौधे को छाया वाले स्थान पर रखे और गमले में हल्की नमी बनाये रखें।
- जब आपके पौधे थोड़े बड़े हो जाएँ, तो इन्हे किसी दूसरे गमले में लगा दें। इस तरह से आप आसानी से Pot में सदाबहार के पौधे को Seeds से Grow कर सकते है।
How to Grow Sadabahar Plant From Seed
सदाबहार का पौधा कटिंग से कैसे लगाये
- सदाबहार के पौधे को कटिंग से लगाने के लिए आपको सबसे पहले एक तेज धार वाला चाकू या कोई भी ब्लेड लेना है। इसके बाद आपको इसके पौधे से लगभग 4 से 5 इंच की की कुछ सदाबहार की कलम काट लेनी है। कटिंग लेते समय एक बात का विशेष ध्यान रखे, की वह पहली बार में ही काट जानी चाहिए।
- इसके बाद सभी कटिंग के निचे के पत्तो को हटा दें। और ऊपर के पत्तो को रहने दें।
- कटिंग को तैयार करने के बाद आपको एक मिटटी का Pot लेना है। इसके अंदर बगीचे की मिटटी और बालू का मिश्रण मिलकर गमले को भर लें।
- गमले में मिटटी भरने के बाद अगर आपके पास रूटिंग हार्मोन पाउडर है, तो कटिंग पर रूटिंग हार्मोन पाउडर लगाकार गमले में लगभग 2 इंच की गहराई तक लगा दें। अगर आपके पास रूटिंग हार्मोन पाउडर नहीं है, तो आप ऐसे भी इसकी कटिंग को लगा सकते है।
- इसके बाद आपको गमले में पानी डालकर गमले को किसी छाया वाले स्थान पर रख दें। जहां पर हल्की धुप आती हों।
- कुछ दिनों बाद आपके कटिंग से जड़े निकलना शुरू हो जाएंगी। जब पौधे थोड़े बड़े हो जाएँ, तो इन्हे दूसरे गमले में लगा दें।
- इस तरह से आप सदाबहार के पौधे को कटिंग से ऊगा सकते है। इसके अलावा Vinca Periwinkle Plant की कटिंग आप सिर्फ पानी में भी लगा सकते है। इसके लिए आप निचे दी गयी वीडियो को पूरा देखने। यह बहुत ही आसान तरीका है, पौधे की Cutting लगाने का।
How to Grow Sadabahar Plant at Home in Hindi
सदाबहार के पौधे की देखभाल कैसे करें
- अगर आप सदाबहार के Plant की Care अच्छी तरह से करते है, तो आपके पौधे पर बहुत सारे फूल आएंगे। तो चलिए जानते है, की किस तरह से Sadabahar Plant की Care करें। जिससे की पौधा पर बहुत ज्यादा फूल आएं।
- जब भी आप अपना सदाबहार का पौधा लगाएं, उसे कम से कम 10 या 12 इंच के गमले में लगाएं। अगर आप इसे किसी छोटे Pot में लगते है, तो इससे पौधे पर फूल कम आते है।
- इस पौधे को धुप बहुत ज्यादा पसंद होती है। आप हेमशा किसी धुप वाले स्थान पर पौधें को लगाएं। गर्मियों के दिनों में दिन में दो बार पौधें को पानी देना चाहिए।
- पौधे को पानी हमेशा सुबह या शाम के समय लगाना चाहिए। दोपहर के समय पौधों को पानी नहीं देना चाहिए।
- जब भी आप अपना पौधा गमले में लगाएं, तो उसे ऊपर तक मिटटी से ना भरें। इससे पौधें में पानी भरने के लिए जगह नहीं रहती है। अगर आप सदाबहार के पौधे को गर्मियों में अच्छी तरह से पानी देते है, तो इसके फूलों का रंग अच्छा होता है।
- इस पौधे को आप फरवरी से अगस्त के महीने के बिच में प्रूनिंग कर सकते है। इससे पौधा घना होता है। जिससे की इसके ऊपर और भी ज्यादा फूल आते है। जब आप इसकी किस शाखा को बिच से कटिंग करते है, तो वहां से दो नई शाखाएं निकलती है। इसी तरह से पौधा और ज्यादा घना हो जाता है, और इसके ऊपर जयादा फूल आते है।
- इस पौधे को ज्यादा फर्टीलिज़ेर की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन आप ज्यादा फूलों के लिए इसे महीने में एक बार वर्मीकम्पोस्ट या गोबर की खाद दें सकते है।
- इसके अलावा आप इस पौधे को हमेशा ऐसी जगह पर लगाएं जहाँ पर कम से कम 5 से 6 घंटे की धुप पौधें को मिलें। इस तरह से आप Sadabahar Plant की Care कर सकते है, जिससे की आपके पौधे पर बहुत सारे फूल आएंगे।
Sadabahar Flower FAQ
सदाबहार का वानस्पतिक नाम क्या है?
सदाबहार का वानस्पतिक या Scientific Names – Catharanthus Roseus इसे Madagascar Periwinkle भी कहते है।
सदाबहार के पत्ते चेहरे पर लगाने से क्या होता है?
अगर सदाबहार के पत्तो को चेहरे पर लगाया जाए, तो इससे चेहरे के दाग धब्बों को दूर किया जा सकता है। इससे चेहरे की त्वचा में सुधार आता है। इसके अलावा अगर सदाबहार के फूलों को चेहरे की त्वचा पर लगाया जाए, तो इससे चेहरे की त्वचा पर कसावट आती है।
सदाबहार के पत्ते खाने से क्या लाभ होता है?
सदाबहार के पत्तो का उपयोग करने से रक्त में शुगर की मात्रा नियंत्रित रहती है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसकी तासीर सामान्य होती है। इसका उपयोग हृदय सम्बन्धी मरीजों के लिए भी अच्छा होता है।
सदाबहार का पौधा कब लगाया जाता है?
अगर आप अपने घर में सदाबहार का पौधा लगाने की सोच रहे है, तो आपको सदाबहार का पौधा हमेशा शाम के समय लगाना चाहिए। अगर आप पौधे को सुबह के समय लगाते है, तो इससे पौधा गर्मी में ख़राब हो सकता है। शाम को पौधा लगाने से यह पूरी रात में जमीन पोषक तत्वों को सोख लेता है। जिससे की यह अगले दिन अच्छी तरह से धुप में हरा भरा रहता है।
Note – यह पोस्ट Sadabahar Flower Information in Hindi के बारे में थी। जिसमे आपको इससे सम्बंधित सभी तरह की जानकारियां दी गयी है। अगर आपको यह लेख Periwinkle Flower in Hindi पसंद आया है, तो कृपया कमेंट करके जरूर बताएं। इस लेख को अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूलें, धन्यवाद।
Bahut achchhi jankari.Thanks.