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Lily Flower Information in Hindi | लिली का फूल

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Lily Flower Information In Hindi
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फूलो के बारे में जानने की भावना प्रत्येक व्यक्ति के मन में होती है, आज हम जानेगे लिली के फूल की जानकारी (Lily Flower in Hindi) लिली का फूल दुनिया के सबसे खूबसूरत फूलो में आता है। इसके अंदर से बहुत ही मनमोहक खुशबु आती है। कुछ लोगो का सवाल होता है, की लिली का फूल कैसा होता हैं? लिली का फूल कई रंगो में होता है, यह अपनी प्रजाति के अनुसार रंग बदलता है। कुछ लोग Peace Lily को लिली का ही पौधा समझते है, लेकिन पीस लिली इंडोर प्लांट होता है। जबकि लिली को गार्डन में लगाया जाता है। 

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कुछ प्रजातियों में यह लाल रंग का होता है और कुछ में ऑरेंज या सफ़ेद आदि रंगो में पाया जाता है। यह लेख लिली के फूल के बारे में है, जिसमे हमने लिली के फूल से सम्बंधित सभी जानकारियां दी है। लिली का फूल बहुत ही आकर्षक और शानदार होता है। इसकी पुरे संसार में कई प्रजातियां पायी जाती है। अगर आप लिली के फूल को अपने घर में लगते है, तो इससे आपके घर की सोभा बढ़ती है।

आपको अपने घर में लिली का एक पौधा जरूर लगाना चाहिए। लिली का पौधा घर की हवा को शुद्ध करने में मदद करता है। यह पौधा पूरी तरह से शुद्ध होता है। इस पौधे को लगाने के लिए आपको ज्यादा चीजों की जरुरत नहीं पड़ती है। आप बहुत आसानी से लिली के पौधे को लगा सकते है। तो चलिए जानते है लिली के फूल के बारे में। 

लिली का फूल की जानकारी

यह पौधा सबसे ज्यादा घरो में लगाया जाता है। इसकी लगभग चालीस से ज्यादा प्रजातियां पायी जाती है।  यह दक्षिणपूर्वी एशिया और अमेरिका का मूल निवासी है। लिली के फूल आमतौर पर सबसे ज्यादा वसंत ऋतू में ही खिलते है। गर्मियों के दिनों में लिली के पौधे को छाया पसंद होती है। इनके फूलो का आकर छोटा होता है, यह देखने में बहुत ज्यादा आकर्षक और सुन्दर लगते है। 

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लिली के पौधे का जीवनकाल लगभग पांच साल रहता है। लेकिन कुछ लोग इस पौधे की देखभाल ज्यादा नहीं करते है। जिसकी वजह से यह सुख जाता है, और वह सोचते है, की शयद इसकी उम्र ख़त्म हो गयी है। लिली के पौधे की जितनी ज्यादा देखभाल करते है। यह उतने ज्यादा फूल देता है और हमेशा निखरता रहता है। 

लिली का फूल 

लिली के फूल को दुनिया के सभी हिस्सों में उगाया जाता है। खासकर यह भारत, अमेरिका, कनाडा जैसे देशो में ज्यादा देखने को मिलता है। यूरोप में लोग लिली के फूल को अपने घरो में सजावट के रूप में लगते है। लिली के फूल प्रजातियों के अनुसार अलग अलग रंग के होते है। लाल, सफ़ेद, पिले, गुलाबी, और नरगी रंग मुख्य है। इसकी सामान्य प्रजातियां टाइगर लिली, ईस्टर लिली, पीस लिली, और सफ़ेद लिली है। 

लिली के पौधे को बल्ब के द्वारा उगाया जाता है। यह एक प्रकार का तना होता है। जिसे की उचित मौसम में जमीन में आलू की तरह लगा दिया जाता है। इसी बल्ब से लिली का पौधा बड़ा होता है। लिली के पौधे लगभग पांच फिट तक बड़े हो जाते है, और कुछ प्रजातियों में यह थोड़े छोटे भी रह जाते है। लिली के फूल के रस को नेक्टर कहा जाता  है। इसके प्रत्येक फूल  में 6 पंखुड़ियां होती है, जिनमे रस पाया जाता है। लिली के पौधे की पत्तियां लम्बी होती है, जिनका रंग गहरा हरा होता है। पौधे पर फूल प्रजाति के अनुसार गुच्छे में या अलग अलग लगते है। 

लिली के फूल का परागण हवा के द्वारा भी होता है। इसकी पतियों में काफी मात्रा में रस होता है। जिससे की इस फूल की और कई कीड़े और पतंगे आकर्षित होते है। लिली के फूल को हिंदी में क्या कहते है? लिली के फूल का लिली नाम अंग्रेजी भाषा का है, और इसे हिंदी में कुमुदनी का फूल कहते है।

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लिली के प्रत्येक रंग का अपना एक महत्त्व होता है, अगर हम टाइगर लिली की बात करने तो यह धन का प्रतिक माना जाता है, इसी तरह से सफ़ेद लिली को पवित्रता का प्रतिक माना जाता है। लिली के फूल से मशीनों द्वारा तेल निकला जाता है, जिसका इस्तेमाल ज्यादातर त्वचा सम्बन्धी उत्पादों में किया जाता है। इसके तेल से त्वचा मुलायम और कोमल बनी रहती है। 

लिली का फूल एक तरह का प्राकृतिक एरोमा है, जो की तनाव की बीमारी को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल आयुर्वेद में भी किया जाता है। जापान में होने वाली ज्यादातर शादियों में लिली के फूल से सजावट की जाती है। साथ ही वहां के लोग एक दूसरे को फूल देकर गुड लक की बधाइयाँ देते है। 

लिली की सफ़ेद फूलो वाली प्रजाति में ही सुगंध होती है। बाकि फूलो में सुगंध नहीं पायी जाती है। लिली के फूल वसंत ऋतू के महीनो में खिलना शुरू करते है। बाकि मौसम में यह सुख जाते है। लिली फूल की कुछ प्रजातियां ऐसी भी है, जिन्हे कुछ जिव जंतु भोजन के रूप में खाना पसंद करते है। 

लिली के पोधो से बिल्लियों को हमेशा दूर रखना चाहिए। क्योकिं इसके अंदर ऐसे टॉक्सिन पाए जाते है, अगर बिल्ली इसके फूलो को या पत्तियों को खा लेती है, तो उसकी किडनी फ़ैल होने का खतरा हो सकता है। अगर अभी तक आपने अपने बगीचे या घर में लिली का फूल नहीं लगाया, तो आज ही इसके फूल अपने घर में लगाए। क्योकिं यह सजावटी होने के साथ साथ महत्वपूर्ण भी है। 

Lily Flower Meaning in Hindi

लिली का मीनिंग पवित्रता और भक्ति का प्रतिक होता है। हालाँकि लिली का फूल कई रंगो में पाया जाता है। इसके प्रत्येक रंग का अपना अलग महत्त्व होता है। इसके अलावा लिली को संस्कृति के अनुसार भी अलग अलग चीजों का प्रतिक में माना जाता है। हेरा और ज़ीउस के ग्रीक के एक कल्पना के अनुसार लिली को पुनर्जन्म और मातृत्व से जुड़ा हुआ भी माना जाता है। चीन के लोग लिली का उपयोग शादियों में करते है। चीन में लिली का उपयोग लगभग 100 साल से ज्यादा समय से किया जा रहा है। यह रिश्तो को मजबूत रखता है। लिली के कुछ अन्य नाम कुमुदनी, कमलिनी, और कुमुद।

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Lily Flower Information In Hindi

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लिली के फूल का पौधा घर पर कैसे लगाएं

लिली के फूल को घर में बहुत ही आसानी से उगाया जा सकता है, बीजो के द्वारा लेकिन इसमें एक समस्या बहुत आती है। अगर हम लिली को बीजो द्वारा उगते है, तो इसमें फूल आने में बहुत समय लग जाता है। इसलिए आपको हमेशा इसको बल्ब द्वारा ही लगाना चाहिए। कुछ लोग अक्सर ऐसे भी पूछते है, की लिली के पौधे को बल्ब से कैसे उगाया जाता है? तो चलिए जानते है, इसके बारे में सभी जानकारी –

लिली के पौधे को लगाने के लिए आपको सबसे पहले आप किसी भी नर्सरी से लिली के बल्ब को माँगा लीजिये। अगर आपके आस पास कोई नर्सरी नहीं है, तो आप यह बल्ब ऑनलाइन किसी भी शॉपिंग साइट से माँगा सकते है। लिली के बल्ब कई प्रकार के आते है। यह प्रजाति के अनुसार अलग अलग रंग के फूल देते है।

लिली के बल्ब मांगने के बाद आपको अपने गमलो के लिए मिटटी तैयार करनी है। मिटटी तैयार करने के लिए, आपको सामान्य बगीचे की मिटटी और गोबर का पुराना खाद या कॉकपिट भी ले सकते है। पौधे को फफूंदी से बचने के लिए आप इस मिटटी में नीमखली भी मिला सकते है। इन सबको एक जगह पर मिलकर तैयार कर ले।

मिटटी तैयार करने के बाद आप अपने गमलो को ले, और ध्यान रहे की गमले के निचे एक छेद होना बहुत जरुरी है। अगर आप किसी प्लास्टिक की बाल्टी में यह पौधा लगा रहे है, तो आप उसमे भी छेद करके ही पौधा लगाए। इसके बाद गमले के निचे वाले छेद पर कोई कंकड़ रखकर उसमे मिटटी भर ले। आधे गमले में मिटटी भरने के बाद उसको अच्छे से दबा ले जिससे की पौधा लगाने के बाद मिटटी बैठ ना जाये। आधा गमला मिटटी भरने के बाद उसमे बोनेमाल पाउडर की एक परत बना ले। इसके बाद उसके ऊपर फिर से मिटटी डालकर अपने बल्ब को लगा ले।

गमले में मिटटी भरने के बाद आप उसमे लिली फ्लावर के बल्ब को लगभग चार या पांच इंच की गहराई में लगा दे। जिससे की जब पौधा बड़ा हो जाये तो उसको किसी लकड़ी के सहारे से खड़ा ना करना पड़े। लिली के फूल के बल्ब लगाने के बाद आप गमले में भरपूर मात्रा में पानी भर दे।

गमले में पानी भरने के बाद आपने गमलो को एक ऐसी जगह पर रख दे जहाँ पर सीधी धुप ना आती हो। दो से तीन दिन ऐसी जगह पर रखने के बाद आप इन्हे धुप वाली जगह पर रख सकते हैं। इनमे पानी कभी भी ज्यादा ना दे बस नमी बनाये रखे। कुछ दिन बाद आपके पौधे बड़े हो जायेंगे।

लिली के पौधे की देखभाल कैसे करे 

लिली के पौधे को लगाने के लिए आपको हमेशा सुबह का समय चुनना चाहिए। क्योकिं इस समय पौधा बहुत अच्छा से चलता है। पौधा लगाने के लिए हमेशा ताज़ी मिटटी का चयन करें। पौधा लगाने के बाद आप, लिली के पौधे को भरपूर मात्रा में पानी दे जिससे की लिली का पौधा अच्छी तरह से नम हो जाए। 

इसके बाद आप ज्यादा पानी दे वरना पौधा गल सकता है। जब पौधा धीरे धीरे बड़ा होने लग जाए। तो आप इसको इतना पानी दे जिससे इसके अंदर नमि बनी रही है। पौधा लगाने के बाद इसे ऐसी जगह पर रखे जहाँ पर हलकी धुप आती है। अगर आप इसको सीधी धुप में रखते है, तो यह सुख सकता है। 

जब लिली का पौधा थोड़ा बड़ा हो जाए, तो महीने में एक बार पौधे को खाद जरूर देना चाहिए। इससे पौधा जल्दी से बढ़ने लगेगा। और फूल भी अच्छी मात्रा में देने लगेगा। इस तरह से आप लिली के पौधे की देखभाल कर सकते है।

लिली का पौधा कैसे लगाएं वीडियो में देखें

लिली के उपयोग एवं फायदे 

लिली के पौधे में हवा को शुद्ध करने की बेसुमार शक्ति होती है। यह आपके घर की हवा को शुद्ध करने में बहुत मदद करता है। इसके पौधे का उपयोग अमोनिया के रोग में भी किया जाता है। लिली के पौधे को घर में लगाने से घर की सुंदरता तो बढ़ती है। साथ में यह आपके बगीचे की सोभा भी बढ़ाता हैं। 

घर में होने वाली कुछ जहरीली गेसो जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड और फॉर्मलाडेहाइड को भी दूर करता है। जिससे आपके घर में किसी तरह की बीमारियां नहीं होती हैं। पौधे को लगाने के बाद, इसकी ज्यादा देखभाल नहीं करनी पड़ती है। यह बहुत ही सामान्य रखरखाव में चलता रहता है। अगर लिली के पौधे के गमले को सर्दियों और बरसात के दिनों में बाथरूम में रखा जाए, तो फफूंदी नहीं लगती है। 

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Lily Flower Frequently Asked Questions

लिली का फूल खास क्यों होता है?

लिली का फूल अन्य फूलो से खास इसलिए माना जाता है, क्योकिं यह पवित्रता का प्रतिक माना जाता है, हालाँकि इसके रंगो के अनुसार अलग अलग अर्थ होते है। इसके अलावा लिली को ग्रीक में पुनर्जन्म और मातृत्व से जुड़ा हुआ भी माना जाता है। चीन में लिली को लगभग 100 साल से शादियों में इस्तेमाल किया जाता है, जिसका अर्थ होता है, प्यार का बंधन।

लिली का फूल कहाँ से आया हैं?

लिली के फूल की उत्पत्ति उत्तरी अमेरिका, एशिया और यूरोप में सदियों साल पहले हुई थी। इसकी फूल की लगभग 100 से ज्यादा प्रजातियाँ पायी जाती है। यह फूल ज्यादातर सफ़ेद, लाल, नारंगी, गुलाबी, और पीले रंगो में पाया जाता है।

किस प्रकार की लिली वास्तव में लिली का पौधा नहीं है?

वास्तव में लिली का पौधा लिलियम जिनस का होता है, जो की बल्ब से उगाया जाता है। इसके अलावा लिली की कई प्रजातियां होती है, जिसमे डे लिली और कैना लिली शामिल है। लेकिन यह बल्ब के द्वारा नहीं उगाई जा सकती है। क्योकिं यह दूसरे जिनस के पौधे होते है, लेकिन इनका नाम भी लिली होता है।

लिली का फूल किस मौसम में खिलता है?

लिली के फूल सर्दियों की शुरुआत से खिलना शुरू हो जाते है, और यह मार्च के मध्य तक खिलते है। जब यह फूल बगीचों में खिलते है, तो पूरा वातावरण मनहोमक हो जाता है। इसके अलावा इस मौसम में सभी वह पुष्प खिलते है, जिन्हे कंद से लगाया जाता है।

लिली के फूल के बिच में क्या होता है?

लिली के फूल के बिच में एक छोटा मादा पुष्प होता है, जिसे पिस्टिल नाम से जाना जाता है। इस पुष्प के द्वारा ही परागण होता है। जिससे की पौधे पर ज्यादा फूल आते है। इसके अंदर एक पतली नली जैसा एक डंठल होता है। इसके ऊपरी हिस्से की नोक चिपचिपी होती है, जिसे कलंक के नाम से भी जाना जाता है।

Note – यह पोस्ट लिली के फूल की जानकारी पर आधारित थी। आपको यह पोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपको यह पोस्ट Lily Flower in Hindi अच्छी लगी, तो कृपया अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें, ध्यानवाद।

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