आज हम एक ऐसे पेड़ के बारे में जानेगे। जिसके बारे में आपने सुना तो जरूर होगा, लेकिन इसकी जानकारी नहीं होगी। जिस पेड़ की हम बात करने वाले है, वह नागकेसर का पेड़ है। कुछ लोगो का अक्सर एक सवाल होता है, की नागकेसर का पेड़ कैसा होता है? आज आपको इससे सम्बंधित सभी जानकारी मिलने वाली है।
इसके अलावा इस लेख में हम नागकेसर के आयुर्वेदिक लाभ और यह पेड़ कहाँ मिलता है। नागकेसर की पहचान कैसे करे और भी जानकारियां आपको प्रदान करने वाले है। अगर आप यह पोस्ट पूरी पढ़ते है, तो मुझे उम्मीद है, की आपको इससे सम्बन्धित सभी जानकारियां मिल चुकी होगी।
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Mesua Ferrea Tree Information in Hindi नागकेसर की जानकारी
नागकेसर का पेड़ सदाबहार पेड़ो में से एक है। नागकेसर का वानस्पतिक नाम Scientific Name – Mesua Ferrea है। और इसके English Language में Iron-wood, Indian Rose Chestnut, Steel Wood के नाम से जाना जाता है। नागकेसर का पौधा Calophyllaceae परिवार से सम्बंधित है। इस पेड़ की लकड़ियों का उपयोग कई काम के लिए किया जाता है। इसका सबसे बड़ा महत्त्व ये है, की नागकेसर के पेड़ की लकड़ियां मजबूत होती है।
नागकेसर के आयुर्वेदिक लाभ बताने से पहले इसकी सभी जानकारी को जान लेते है। इस औषधीय पेड़ की ऊंचाई लगभग 30 से 35 मीटर या इससे अधिक होती है। नागकेसर का पेड़ बड़ा होने पर धीरे धीरे चारो और फैलने लगता है। जब यह बड़ा हो जाता है, तो इसको एक छायादार वृक्ष के रूप में माना जाता है।
गर्मियों में इस पेड़ की छाया में आराम भी किया जा सकता है। इस पेड़ की शाखाये मजबूत होती है, जो की पेड़ के चारो और फैली हुई होती है। नागकेसर के पेड़ से इसकी छाल को निकाला जाता है। जिसका उपयोग आयुर्वेदिक औषिधियों में किया जाता है। इसकी छाल बहुत ज्यादा शख्त होती है। जि bसे पेड़ से हटाने के लिए यंत्रो का उपयोग किया जाता है।
इस वृक्ष की पत्तियों का रंग गहरा हरा होता है, और इनका निचला हिस्सा हलके सफ़ेद रंग का होता है। नागकेसर की पत्तियां सामान्यतौर पर एक से डेढ़ इंच चौड़ी और 4 से 6 इंच लम्बी होती है। इन पत्तियों की बनावट आगे की और से हलकी नोकीली होती है। पेड़ पर पत्तियों की मात्रा अधिक रहती है। जिसके कारण पेड़ के निचे हमेशा छाया रहती है।
Nagkesar Flower Plant in Hindi
Nagkesar Flower / Mesua Ferrea Flower नागकेसर के फूलों का रंग सफ़ेद और पीला होता है, लेकिन कुछ प्रजातियों में यह लाल रंग भी खिलते है। जो की दिखने में बहुत ही आकर्षक और सुन्दर होते है। इन फूलों का आकर बड़ा होता है, जिनके अंदर से एक सुगंध आती है। इन फूलों पर चार सफ़ेद पंखुड़ियां होती है, जिनके बिच में एक पीले रंग का केसर होता है। नागकेसर के फूल के फायदे भी अनेक होते है। इसका उपयोग भी आयुर्वेदिक दवाइयों में किया जाता है।
नागकेसर का फल खाने के लिए भी उपयोग में किया जा सकता है, इसका किसी भी तरह का कोई नुक्सान नहीं होता है। इस फल का रंग हरा होता है, लेकिन जब नागकेसर का फल पक जाता है, तो इसका रंग भूरा हो जाता है। इसके प्रत्येक फल के अंदर बीज होते है। बीजो की संख्या लगभग दो से तीन होती है। नागकेसर के फल अगस्त से सितम्बर के महीने में पककर तैयार हो जाते है। इन फलो का उपयोग भी कई औषिधियों में किया जाता है।
नागकेसर का पेड़ कहाँ पाया जाता है या कहाँ मिलता है।
नागकेसर के पेड़ो की सबसे ज्यादा पैदावार सिंगापुर, थाईलैंड, कंबोडिया, भारत, और म्यांमार जैसे कई देशो में होती है। यह सबसे ज्यादा उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगने वाला पेड़ है। इसके अलावा यह हिमालय के पूर्वी भागो में भी उगाया पाया जाता है।
नागकेसर के फायदे
नागकेसर एक औषधीय पौधा है। जिसका उपयोग कई बिमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा नागकेसर को कुछ घरेलु उपाय के रूप में उपयोग में लाया जाता है। तो आइये जानते है, नागकेसर के कुछ फायदों के बारें में।
अगर आपको दस्त लग जाते है, तो नागकेसर के सेवन से आपका पेट ठीक हो सकता है। दस्त होने पर नागकेसर से बने चूर्ण का सेवन करने से इसमें राहत मिलती है।
नागकेसर का उपयोग सर्दी जुकाम के लिए भी बहुत लाभकारी होता है। अगर आपको सर्दी जुकाम जैसी कोई समस्यां है, तो आप किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह के अनुसार नागकेसर के पत्तो से बने पेस्ट को अपने सर पर लगा सकते है। यह सर्दी जुकाम में बहुत फायदेमद होता है।
हिचकी एक ऐसी समस्यां है, अगर किसी को हीचिकियाँ ज्यादा आने लगे, तो वह परेशान हो जाता है। आमतौर पर सामान्य हिचकियाँ आपने पर हम पानी पी लेते है, और यह ठीक हो जाती है। लेकिन आपको ज्यादा हिचकियाँ आती है, तो ऐसे में आप नागकेसर का घरेलु रूप से उपयोग कर सकते है। इसके लिए नागकेसर का चूर्ण और शहद को एक साथ मिलकर चाटना चाहिए। इससे हिचकियों में आराम मिलता है। आपको नाग केसर का उपयोग हमेशा आयुर्वेदिक डॉक्टर की देखरेख में करना चाहिए। अन्यथा समस्यां भी हो सकती है।
नागकेसर जोड़ो के दर्द के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। पुराने समय में जोड़ो के दर्द की समस्यां इतनी ज्यादा नहीं हुआ करती है। लेकिन वर्तमान में यह समस्यां बहुत ज्यादा बढ़ गयी है। इस समस्यां को आर्थराइटिस कहते है। जोड़ो की समस्यां से राहत दिलाने में नागकेसर बहुत ही फायदेमंद होता है। इसके लिए नागकेसर के बीजो का तेल जोड़ो पर हो रहे दर्द वाली जगह पर मालिश करके लगाना चाहिए। यह बहुत हद तक आपको आराम पहुंचाता है।
अगर शरीर में किसी जगह पर घाव हो जाता है, और वह जल्दी ठीक नहीं होता है। ऐसे में नागकेसर का तेल बहुत फायदेमंद होता है। यह घाव भरने में बहुत सहायक है।
नागकेसर का तेल त्वचा सम्बंधित बिमारियों में भी बहुत फायदेमंद होता है। यह शरीर में होने वाली खाज खुजली को ठीक करने में मदद करता है।
नागकेसर पेट में होने वाली जलन को भी शांत करने में बहुत फायदेमंद होता है। अगर आपको अपचन की समस्यां है, तो नागकेसर आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इसके अंदर पाचन तंत्र को मजबूत करने वाले गुण पाए जाते है। जो की शरीर में भोजन को पचाने में मदद करते है।
नागकेसर दिल सम्बन्धी बिमारियों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। इसके अंदर पाचन को स्वस्थ रखने वाले गुण पाए जाते है। यह केलोस्ट्रोल को बनने से रोकता है। जिसकी वजह से दिल सम्बंधित बीमारियां नहीं होती है।
जैसा की आपको पहले ही बताया गया है, की नागकेसर जोड़ो के दर्द के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन इसे अलावा नागकेसर कमर दर्द के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होता है। इसके अंदर कई ऐसे गुण पाए जाते है, जो कमर दर्द में रहत दिलाते है। इसके लिए आप नागकेसर के बीजो से बने तेल की कमर पर मालिश करें। इससे आपके कमर दर्द में रहत मिलेगी।
नागकेसर के अंदर कई ऐसे तत्व पाए जाते है, जो सांप के जहर को दूर करने में मददगार होती है। आकर जब कही किसी को सांप काट लेता है, तो जल्दबाजी में कुछ भी नहीं मिल पाता नगर आपके घर के आस पास कही पर नागकेसर का पौधा है, तो आप उसकी कुछ पत्तियाँ को पीसकर जिस जगह पर काटा है। वहां पर लगा सकते है। इसे बाद तुरंत किसी डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
ध्यान रखने योग्य बातें : वैसे तो नागकेसर का उपयोग करने के कोई भी नुक्सान नहीं होते है। लेकिन यहाँ पर हमने नागकेसर के सभी फायदे और उपयोग सिर्फ जानकारी के लिए बताएं है। नागकेसर से सम्बंधित कुछ भी सेवन या उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक वैद्य या डॉक्टर से सलाह जरूर लें। अन्यथा आपको किसी भी प्रकार की समस्यां का सामना करना पड़ सकता है।
नागकेसर चूर्ण के फायदे वीडियो में देखे
नागकेसर की खेती की जानकारी
नागकेसर की खेती करने के लिए आपको एक लम्बा समय देने की आवश्यकता होती है। क्योकिं यह दूसरे बड़े पेड़ो की तरह तेजी से नहीं बढ़ता है। जिस तरह से यूकेलिप्टिस की हाइब्रिड प्रजातियां आती है, उस तरह से नागकेसर की कोई भी हाइब्रिड प्रजातियां नहीं आती है। जिसकी वजह से इसकी बढ़वार पूरी तरह से प्राकर्तिक रूप से होती है।
नागकेसर के वृक्ष को सामान्य जलवायु पसंद होती है। अगर आप एक ऐसी जगह पर रहते है, जहाँ पर बहुत अधिक ठण्ड होती है, तो ऐसी स्तिथि में नागकेसर का पेड़ अच्छी तरह से नहीं चलता है। आपको हमेशा एक सामान्य जलवायु में इस पेड़ को लगाना चाहिए।
नागकेसर के पेड़ को लगाने के लिए मिटटी कैसी होनी चाहिये? इस पेड़ को सबसे ज्यादा दोमट मिटटी पसंद होती है। अगर आप नागकेसर के पेड़ को दोमट मिटटी में लगते है, तो यह बहुत अच्छी तरह से बढ़वार करता है।
नागकेसर के पेड़ की देखभाल कैसे करें
- जिस तरह से दूसरे बड़े पेड़ो की देखभाल की जाती है, उसी तरह से नागकेसर की भी देखभाल करना बहुत ही आसान है।
- समय समय पर पौधे के अंदर खाद और पानी डालते रहे है।
- जब भी पौधे की मिटटी सूखने लगे, तो इसकी गुड़ाई करके पौधे को पानी डालें।
- कभी भी नागकेसर के पेड़ को जरुरत से ज्यादा पानी ना दें। ऐसा करने से पौधे की जड़े ख़राब हो सकती है।
- अगर पेड़ पर किसी तरह के कीटपतंगे पाटियों को ख़राब कर रहे है, तो पेड़ पर किसी भी कीटनाशक दवाई का उपयोग करना चाहिए।
- जब पेड़ की शाखाएं बड़ी होना शुरू हो जाए, तो इनकी समय समय पर कटाई छटाई करनी चाहिये। इससे पेड़ जल्दी बढ़वार करता है।
Mesua Ferrea Tree FAQ
नागकेसर का पेड़ कैसे उगाया जाता है?
नागकेसर को बीजों के द्वारा उगाया जाता है, इसके बीजो को आप पेड़ के निचे से इकठ्ठा कर सकते है। बीजों को बोन के लगभग 20 से 25 दिन बाद यह अंकुरित होना शुरू हो जाते है। और लगभग 2 से 3 महीने में नागकेसर का पौधा तैयार हो जाता है।
नागकेसर किस राज्य का का राजकीय वृक्ष है?
नागकेसर (Iron Wood) भारत के मिजोरम राज्य का राजकीय वृक्ष है।
नागकेसर को अंग्रेजी में क्या कहते है?
नागकेसर को अंग्रेजी भाषा में Mesua Ferrea कहते है।
नागकेसर का उपयोग किस लिए किया जाता है?
नागकेसर एक औषिधीय पेड़ है, जिसका उपयोग आयुर्वेदिक और हर्बल दवाइयों में किया जाता है।
नागकेसर के फूल किस मौसम में खिलते है?
नागकेसर के पेड़ पर लगभग चार साल बाद फूल खिलना शुरू हो जाते है, नागकेसर के फूल अप्रैल-जून और जुलाई के मौसम में खिलते है। और इनके ऊपर सितम्बर के महीने में बीज आना शुरू हो जाते है। नागकेसर के बीजो का रंग हल्का भूरा होता है।