Lotus Flower Information in Hindi | कमल का फूल की जानकारी

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Lotus Flower Information in Hindi : इस लेख में हम कमल के फूल की जानकरी के बारे में पढ़ेंगे। कमल का फूल बहुत सुन्दर और आकर्षक होता है। यह भारत देश का राष्ट्रीय पुष्प है। यह सुंदरता, ऐश्वर्य, ज्ञान, और शुद्धता का प्रतिक है इस फूल को भारत में ‘सेक्रेड लोटस’ के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म में कमल का बहुत महत्त्व होता है। यह हिन्दू धर्म में आध्यात्मिकता से जुड़ा हुआ है, क्योकिं हिन्दू धर्म में सबसे ज्यादा पूजे जाने वाली देवी श्री लक्ष्मी जी कमल के फूल पर विराजमान होती है।

इसके अलावा कमल का फूल भगवान ब्रह्मा जी को भी कमल के फूल से जन्म मिला था। इस फूल के सभी अंग पत्तियां, जड़ें, और बीज सभी आयुर्वेदिक औषिधियों में उपयोग किये जाते है। आइये जानते है, कमल के फूल की एक विस्तृत जानकारी। मुझे पूरी उम्मीद है, अगर आप यह पोस्ट पूरी पढ़ते है, तो आपको किसी और लेख पर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

कमल के फूल का रंग गुलाबी और सफ़ेद होता है। कमल के पेड़ को उगाने के लिए इसके बीज लगाए जाते है। भारत के कुछ हिस्सों में इसकी व्यावसायिक रूप से खेती भी की जाती है। यह रंग और आकर के अनुसार अलग अलग प्रजातियों में पाया जाता है। सामान्यतौर पर कमल के फूल सफ़ेद, गुलाबी और नील रंग के देखे जाते है।

कमल का फूल ज्यादातर कीचड़, तालाब, और झील के गंदे पानी में उगता है। ज्यादातर किसान कमल के फूल की खेती भी करते है। कमल के फूल की खेती इसके अंदर से निकलने वाले बीजों और कमलककड़ी के लिए की जाती है। साथ ही कुछ लोग इसे अपने घरो में भी लगाते है।

इसके अलावा इसकी कुछ प्रजातियों में पीले रंग के फूल भी खिलते है। इसके फूल का तना पानी से लगभग एक फुट ऊपर होता है। इस तने के अंदर से एक ख़ास प्रकार का रेशा निकला जाता है, इस रेशे का उपयोग दिए में लगने वाली बत्तियां और एक ख़ास प्रकार के कपड़े बनाने के लिए किया जाता है। कमल के रेशे से तैयार किये हुए, कपड़ो में कई ऐसे तत्व पाए जाते है, जिसे पहने से शरीर की बहुत सी बीमारियां दूर हो जाती है।

कमल का फूल की जानकारी

कमल का फूल सुन्दर और आकर्षक होता है। कमल के फूल का अंग्रेजी नाम Lotus Flower है, और इसका वानस्पतिक नाम नीलंबियन न्यूसिफ़ेरा (Nelumbian Nucifera) है। इस कमल के पौधे पर बड़े बड़े फूल खिलते है। यह एक मात्र ऐसा फूल है, जिसके संस्कृत में सबसे ज्यादा नाम है, या फिर हम इन नामो को कमल के पर्यावाची शब्द भी कह सकते है। जिनमे अंभोज, अब्ज, कमल, पद्म, सरसिज, सरोज, नीरज, वारिज, और पुंडरीक, जैसे कई नाम शामिल है।

इसके अलावा कमल को फ़ारसी भाषा में नीलोफर के नाम से भी जाना जाता है। भारत में इसे अंग्रेजी भाषा में इंडियन लोटस या सैक्रेड लोटस के नाम से भी जाना जाता है। साथ ही इसकी कुछ प्रजातियां होती है, जिन्हे चाइना में ईजिप्शियन, और चाइनीज़ वाटर-लिली के नाम से जानते है।

यह फूल सूरज की पहली किरण के साथ खिलना शुरू कर देता है, और सूरज के डूबने पर यह मुरझा जाता है। कमल के फूल का जीवनकाल लगभग तीन या चार दिन का होता है। इसके बाद इसकी सभी पत्तियों इसके तने से टूटकर गिरने लगती है। कमल की अन्य प्रजातियां पद्मिनी, कमलिनी, नलिनी सभी पानी में ही उगती है। हालाँकि यह फूल प्राय रूप से भारत में ही उगाया जाता है। लेकिन इसकी खेती अन्य देशो में भी की जाती है। यह भारतीय महाद्वीप, ऑस्ट्रेलिया और ईरान सहित कई अन्य देशो में भी उगाया जाता है।

कमल के फूल की पत्तियों का आकर बड़ा और गोलाकार होता है। यह कमल के तने से जुड़ी होती है। इन पत्तियों को “पुरइन” के नाम से भी जाना जाता है। इसके तने का निचला हिस्सा जो की पानी के अंदर रहता है, वह ऊपरी सतह की अपेक्षा बहुत नरम और मुलायम रहता है। इसके फूल के लम्बे डंठल पर लगते है।

जब इसके फूल को डंठल से अलग किया जाता है, तो आप उसके अंदर देखेंगे की उसमे बहुत बारीक़ बारीक़ छेद होते है, इन छेड़ो से ही कमल का रेशा निकला जाए है। कई आयुर्वेदिक किताबो और ग्रंथो के अनुसार ऐसा माना जाए है, की इस रेशे से निकली गयी सूत के कपड़े धारण करने से बुखार की समस्यां दूर होती है।

जब कमल का फूल खिलता है, तो इसकी पंखुड़ियों से घिरा हुआ एक छत्ता नजर आता हैं, जिसके चारो और पतले पतले केसर बिखरे रहते है। इसी छत्ते के अंदर कमल के बीज होते है। इन बीजो को कमलगट्टा के नाम से भी जाना जाता है। कमल का फूल मधुमक्खियों को अपनी और आकर्षित करता है।

अलग अलग प्रजाति के अनुसार कमल के फूल का आकर और रंग अलग होते है। इन्ही प्रजातियों में से उमरा नाम की प्रजाति पायी जाती है, जो की सामान्यतौर पर अमेरिका में उगाई जाती है। इस प्रजाति के फूल का आकर लगभग 15 इंच और इसके पाटो का व्यास लगभग 6 से 7 फुट तक होता है।

जब फूल की आयु पूरी हो जाती है, तो इसकी सभी पत्तियों टूटकर गिर जाती है। और इसका छत्ता बचा रहता है। इस छत्ते का रंग हरा होता है। लेकिन जैसे जैसे यह पकने लगता है, तो इसका रंग काला पड़ने लगता है। इसके अंदर गोल और थोड़े लम्बे आकर के बीज होते है। इन बीजो को अगर कच्चा खाया जाता है, तो इनका स्वाद मीठा होता है। लेकिन पकने के बाद यह बहुत कठोर हो जाते है। और इनका रंग पूरी तरह से काला पड़ जाता है।

कमल के बीजों को कमलगट्टा के नाम से भी जाना जाता है। कमलगट्टे का उपयगो सूखे मेवे के रूप में भी किया जाता है। इन बीजो से निकलने वाले मेवे को मखाना के नाम से जाना जाता है। कमल के पौधे की जड़ भी बहुत ही लाभदायक और फायदेमंद होती है। इसे भारतीय लोगो के बिच कमलककड़ी या भसींडा के नाम से जाना जाता है। कमलककड़ी की सब्जी भी बनायीं जाती है, जो की खाने में बहुत ही स्वादिष्ट और फायदेमंद होती है।

जब गर्मियों का मौसम आता है, और कमल की पौधे की जड़ो में पानी की कमी होने लगती है, तो यह मोटी होने लगती है। ऐसे में इनकी पैदावार और भी ज्यादा हो जाती है। माना जाता है, पुराने समय में जब सूखा पड़ता था। तो लोग कमल की इन्ही जड़ो को सुखाकर इनका आता बनानकर खाने के लिए इस्तेमाल करते थे। कमल के फूल का पौधा भारत के सभी हिस्सों में उगाया जाता है। इसके अलावा इसकी नील कमल प्रजाति कश्मीर और चीन में पायी जाती है।

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Lotus Flower Information in Hindi

 

कमल के फायदे और उपयोग

कमल का फूल बहुत ही चर्चित फूलों में से एक है। जिसके बारे में सभी लोग जानते है। लेकिन क्या आपको पता है, की कमल के फायदे और नुक्सान क्या है? इस लेख में हम इससे जुड़े फायदे और इसके उपयोग के बारें में जानेगे। कमल का फूल का प्रत्येक हिस्सा ओषिधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। और यह कई प्रकार की बिमारियों से दूर रखता है। अगर इसका इस्तेमाल सही विधि द्वारा किया जाए तो। जानते है, कमल का फूल, बीज, और जड़ो के फायदे –

कमल का फूल

कमल के फूल में कैल्शियम और आयरन समृद्ध मात्रा में पाया जाता है। यह गर्मियों के दिनों में शरीर को डिहाइड्रेट होने से बचता है। कमल की चाय पीने से सूजन जैसी कई समस्यांओ में लाभ मिलता है। आप इसकी पंखुड़ियों का भी उपयोग कर सकते है।

कमल का तना

कमल का तना भी हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके अंदर पाए जाने वाला एस्ट्रीजेंट मिनिरल्स किडनी और हृदय सम्बन्धी रोगो को दूर करते है। इसका उपयोग उन दवाइयों में सबसे ज्यादा किया जाता है, जो किडनी के लिए बनाई जाती है। इसके अलावा यह पेशाब सम्बन्धी समस्याओं में भी लाभदयक होता है।

कमल के बीज

कमल के बीजो को कमलगट्टा के नाम से भी जाना जाता है। यह कई पोषक तत्वों से भरपूर होते है। इनके अंदर पाए जाने वाले तत्व कैल्शियम, पोटेशियम, प्रोटीन, फॉस्फोरस, और कार्बोहाइड्रेट्स है। कमल के बीजो को खाने से मस्तिष्क सक्रीय रहता है। इसके अलावा यह हमारे ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित करने में फायदेमंद होते है। अगर कमल के फूलो के बीजो को सुखाकर इनका पाउडर बनाकर शहद के साथ चाटा जाए, तो इससे खासी की समस्यां में आराम होता है।

कमल के पत्ते

कमल के पत्तो के भी कई फायदे होते है। पुराने समय में जब स्टील और के बर्तन नहीं होते थे, तो कमल के पत्तो को खाने के ऊपर ढका जाता था। इसके अलावा कई बार इन पत्तो का इस्तेमाल खाना खाने के लिए भी किया जाता था। जब किसी व्यक्ति के शरीर का तापमान बुखार के कारण ज्यादा हो जाता था। तो शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए कमल के फूल के पत्तो को शरीर पर लगाया जाता था। इससे शरीर का तापमान धीरे कम होने लगता था। इसके अलावा कमल के पत्तो के अंदर ऐसे गुण भी पाए जाते है, जो की ब्लड सर्कुलेशन को नियंत्रित करने में मददगार होते है।

कमल की जड़ें या कमलककड़ी

कमल की जड़ो को कमलककड़ी के नाम से भी जाना जाता है, इन जड़ो की भारतीय घरो में सब्जी भी बनाई जाती है। कमल की जड़ों के अंदर एस्ट्रीजेंट नामक योगिक गुण पाए जाते है, जो की ब्लीडिंग के लक्षणों नियंत्रित करने में सहायक होती है। इसके अंदर पाए जाने वाले पोषक तत्व मानव शरीर के हानिकारक टॉक्सिन को बहार निकलने में कारगर होते है। इसके अलावा यह कोशिकाओं को रिपेयर करता है।

और परुषो के स्पर्म की संख्या को बढ़ाता है। इसके अलावा कमलककड़ी के खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। जिससे की जल्दी से कोई भी संक्रमण शरीर को नुस्क्सान नहीं पहुँचता। कमल की सौ ग्राम जड़ो में लगभग 74 कैलोरी, और फाइबर का भी अच्छा स्रोत होता है।

कमल का फूल स्वाथ्य के लिए तो लाभदायक होता ही है, इसके अलावा यह हमारे शरीर की त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। कुछ रीसर्च से पता चला है, की इसके पत्तो और इसके अन्य हिस्सों में ऐसे कई गुण पाए जाते है। जो की शरीर की त्वचा को नमी प्रदान करते है। और इससे त्वचा में लचीलापन आता है। इसके आलावा यह चेहरे की झुर्रियां और दाग धब्बे भी कम हो जाते है। जिससे की त्वचा स्वस्थ और खूबसूरत हो जाती है।

इस फूल के अंदर विटामिन ए और कई एंटी इन्फ्लामैटरी गुण पाए जाते है। जो की त्वचा की इरिटेशन में फायदा पहुंचते है। इसके अलावा यह घाव को भी जल्दी भरने में बहुत सहायक होते है।

अगर आपकी त्वचा तेलीय है, तो कमल का फूल आपकी त्वचा को अच्छा बना सकते है। इसके लिए इसका इस्तेमाल चाय के रूप में किया जा सकता है। इसकी चाय शरीर में सीबम प्रोडक्शन को नियंत्रित करके त्वचा को कील मुँहासे और आयल से छुटकारा दिलाती है। और यह चेहरे की त्वचा के पोर्स को खोलता है। जिससे की पसीने के कारण आपकी त्वचा के हानिकारक टॉक्सिन्स बहार आते है।

कमल के नुकसान

प्रत्येक चीज के कुछ ना कुछ फायदे होते है। लेकिन इसके नुक्सान भी होते है। किसी भी चीज को इस्तेमाल करने से पहले उसके फायदे और नुक्सान दोनों को ध्यान से पढ़ना बहुत जरुरी होता है। तभी वह चीज आपके स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है। चलिए जानते है कमल के पत्तो और बीजो के क्या नुक्सान होते है।

अगर आपको डायबिटीज की समस्यां है, तो आपको कभी भी कमल से बनी किसी भी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योकिं यह शरीर में शुगर के स्तर को घटा देता है। जिसे की समस्यां हो सकती है।

अगर कमल के बीजो यानि की कमल ककड़ी को कच्चा खाया जाता है, तो यह हानिकारक हो सकता है। क्योकिं इसके अंदर छोटे छोटे छेद होते है, जो की पूरी तरह से साफ़ नहीं होते है। इस वजह से आपको बैक्टीरियल संक्रमण होने का खतरा हो सकता है।

इसके अलावा अगर आपको किसी भी तरह की कोई समस्यां होती है। तो कमलककड़ी का इस्तेमाल या फिर कमल के फूल का इस्तेमाल कभी भी डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए।

इस लेख में कमल के पत्तो के फायदे और बीजो के फायदे बताने का मकसद सिर्फ आपको सामान्य जानकारी देना था। आप कभी भी कमल से बना कोई भी उत्पाद डॉक्टर की सलाह के बिना ना करें।

 

How to grow lotus plant in hindi

घर में कमल का पौधा कैसे उगाये

ज्यादातर लोग सोचते है, की कमल का पौधा घर पर नहीं उगाया जा सकता है। अगर उगाया भी जाए, तो कैसे। आज हम यही जानेगे की घर पर कमल का फूल कैसे उगाएं। बस आपको कुछ बातों का ध्यान रखना है, और निचे बताये गए स्टेप्स फॉलो करने है।

अगर आपको पढ़कर समझ नहीं आता तो आप कमल के पौधे को कैसे उगाया जाता है वीडियो में भी देख सकते है। वीडियो आपको इस लेख के निचे मिल जायेगी। चलिए जानते है, कमल के पौधे को बीज से उगाने की विधि –

Step 1. कमल के फूल को बीज से उगाना बहुत ही आसान होता है। लेकिन इसके लिए आपको बहुत ध्यान देना पड़ता है। बीज से कमल का पौधा उगाने के लिए आपको चार से पांच बीजों को लेकर उनके आगे के हिस्से को थोड़ा घिस लेना चाहिए।

Step 2. बीजों को घिसने से उसमे से बहुत ही आसानी से अंकुर निकल आते है। घिसे हुए बीजो को किसी कांच के गिलास में पानी भरकर उसमे डाल कर छोड़ दें। लगभग 10 से 15 दिन के भीतर आपके बीज से अंकुर निकलने लग जायेंगे।

Step 3. बीज को कांच के ग्लास में लगाने के बाद प्रत्येक दो दिन में उकसा पानी बदलते रहें। आपका बीज एक टब में लगाने के लिए लगभग एक महीने के अंदर तैयार हो जाता है।

Step 4. जब पौधा पूरी तरह से बड़ा हो जाएँ, तो आपको एक बड़ा पानी का टब लेना है। और इसके अंदर रखने के लिए एक और उससे छोटा मिटटी का गमला लेना है।

Step 5. मिटटी के गमले में चिकनी मिटटी डालकर उसमे पानी मिलाकर कीचड़ बना लें। इसके बाद अपने बीज को इस कीचड़ में लगभग एक या दो इंच की गहराई में लगा। कमल के पौधे को मिटटी के गमले में लगाने के बाद आपको इस गमले को बड़े टब में रख देना है।

Step 6. इसके बाद आपको बड़े टब में ऊपर तक पानी भरकर छोड़ देना है। और कुछ दिन बाद आपके पौधे की पत्तियां बड़ी होकर पानी के बहार आ जाएगी। फिर इसके ऊपर फूल आना भी शुरू हो जाएंगे।

कमल का बीज कैसे उगाएं वीडियो 

कमल के पौधे की देखभाल कैसे करें

1. कमल के पौधे को लगते समय हमेशा ऐसी जगह का चुनाव करें जहाँ पर पुरे दिन धुप आती हों। इससे पौधा स्वस्थ रहता है।

2. जब गर्मियों का मौसम आता है, तो इससे पौधे की पत्तियों किनारो से जलने लगती है, यह एक सामान्य प्रक्रिया होती है। इससे पौधे को किसी भी प्रकार का नुक्सान नहीं होता है। पौधे की सुखी पत्तियों को पौधे की जड़ में ही डाल देना चाहिए।

3. अगर आपने अपने पौधे को किसी बड़े टब में लगाया है, जिसमे ज्यादा पानी भरा हुआ है। तो आप उसके अंदर मछली भी डाल सकते है। मछलियों के होने से पौधे के पानी में मच्छर लगने का खतरा नहीं रहता।

4. आप अपने पौधे को महीने में एक बार एक चम्मच यूरिया खाद किसी कपड़े या फिर कागज में लपेटकर पड़े की जड़ से कुछ दुरी पर मिटटी में एक इंच की गहराई में दबा दें। इससे खाद बहुत धीरे धीरे पौधे को मिलेगा और यह ज्यादा दिन तक भी चलेगा।

5. कमल के फूल किस मौसम में खिलते है? कमल के फूल वसंत के मौसम खिलना शुरू होते है, इन फूलों को धुप बहुत पसंद होती है। जब फूलों पर सूरज की रौशनी पड़ती है, तो यह पूरी तरह से खिल जाते है। कमल के फूल सुबह से शाम तक खिलते है। शाम होने पर यह मुरझा जाते है।

Note – यह लेख कमल के फूल की जानकारी पर आधारित था, जिसमे आपको कमल के फायदे और कमल का बीज कैसे उगाएं आदि कई जानकारियां प्रदान की गयी। आपको यह लेख कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपको यह लेख पसंद आया तो कृपया अपने दोस्तो के सेहत शेयर जरूर करें ध्यानवाद।

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