Tulip Flower in Hindi – इस पोस्ट में हम ट्यूलिप के फूल की जानकारी के बारे में जानेगे। यह फूल अपने अंदर कई गहरे रहस्य समाये हुए है। ट्यूलिप का फूल बहुत समय से हमारे बिच में लोकप्रिय रहा है, इसका एक प्राचनी इतिहास है।
अगर आप इस लेख को पूरा पढ़ते है, तो मुझे पूरी उम्मीद है, की आप ट्यूलिप फूल के बारे में सभी जानकारी जान चुके होंगे। यह आकर्षक सुगंध और अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। ट्यूलिप का फूल कई रंगो में खिलता है। तो चलिए जानते है, ट्यूलिप से जुड़ी सभी जानकारियां।
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Tulip Flower Meaning in Hindi
ट्यूलिप का फूल बारहमासी उगने वाले फूलों की सूचि में से एक है, यह बल्ब द्वारा उगाया जाता है। ट्यूलिप का फूल गहरे प्यार को दर्शाता है, यह एक शानदार फूल है, जो की कई सालो से ये दो लोगो के बिच प्यार को दर्शाता आ रहा है, आप ट्यूलिप को अपने माता – पिता, भाई – बहिन, या किसी भी प्यार करने वाले व्यक्ति को भेंट कर सकते है।
ट्यूलिप के फूल और पौधे की जानकारी
ट्यूलिप का फूल वसंत ऋतू में खिलता है, यह लिली प्रजाति के परिवार से सम्बंधित है, इन पौधों का पौधों का वानस्पतिक कुल लिलिएसिई है। तुलिप की 100 प्रजातियों के लगभग 4,000 पौधों का वर्णन देखने को मिलता है।
इसकी पैदावार अफगानिस्तान, टर्की, चीन, जापान, साइबीरिया, भूमध्य सागर, तथा भारत के कश्मीर से कुमाऊँ के सभी हिमालय क्षेत्र में होती है। ट्यूलिप का वानस्पतिक नाम ट्यूलिया (Tulipa) है, जो ईरानी भाषा के शब्द टोलिबन से लिया गया है, जिसका अर्थ पगड़ी होता है। अगर ट्यूलिप के फूल को उल्टा करके देखा जाये, तो यह एक पगड़ी के सामान लगते है।
ट्यूलिप का पौधों टर्की से 1554 ई0 में ऑस्ट्रिया, से 1571 ई0 में हॉलैंड, और 1577 ई0 में इग्लैंड ले जाया गया था। इस फूल के पौधे का सर्वप्रथम वर्णन 1559 ई0 में गेसनर ने अपने कुछ लेखों और चित्रों में किया था, तब से चिलिप को ट्यूलिपा गेसेनेरियाना (Tulipa Gesenereana) के नाम से भी जाना जाने लगा। बीते कुछ समय से इसके फूलों की सुंदरता और रूपरंग की वजह से यह यूरोप के देशो में बहुत लोकप्रिय हो रहा है।
Information About Tulip Flower in Hindi
ट्यूलिप हमेशा से लोगो के बिच अपनी खूबसूरती और आकर्षण को लेकर लोकप्रिय रहा है। ट्यूलिप का फूल सामान्यतौर पर लाल, पीला, सफ़ेद, और गुलाबी जैसे कई रंगो में पाया जाता है।
ट्यूलिप की दुनिया में कई प्रजातियां पायी जाती है, यह आमतौर पर एक ही फूल होता है, जो की अपने तने के साथ बिलकुल सीधा खड़ा रहता है। लेकिन इसकी कई प्रजातियां ऐसी भी है, जो एक से ज्यादा फूल प्रदान करती है। ट्यूलिप के फूल का आकार देखने में एक कप की तरह होता है।
ट्यूलिप के फूल में 5 से 7 पंखुड़ियां होती है। जो की प्रजाति के अनुसार अलग अलग रंग की होती है। ट्यूलिप के प्रत्येक पौधे पर लगभग 3 से 7 पत्तियां होती है। इसके पौधे की पत्तियों का रंग हरा गहरा होता है। पत्तियों की लम्बाई लगभग 4 से 7 इंच तक होती है। पौधे की लम्बाई सामान्यतौर पर ट्यूलिप के पौधे की लम्बाई 6 इंच से 2 फिट तक बढ़ सकती है।
ट्यूलिप फूल के रंगो का मतलब Tulips Flower All Color Meaning in Hindi
जिस तरह से गुलाबी के फूल का प्रत्येक रंग कुछ कहता है, उसी तरह ट्यूलिप के फूल का प्रत्येक रंग का अपना अलग अर्थ होता है, जो की इस प्रकार है।
- गुलाबी रंग – गुलाबी रंग का ट्यूलिप आत्मविश्वास, और ख़ुशी का प्रतिक है।
- सफ़ेद रंग – सफ़ेद रंग का ट्यूलिप माफ़ी (क्षमा) का प्रतिक होता है।
- पीला रंग – ट्यूलिप का पीला रंग सकारात्मक ऊर्जा का प्रतिक होता है।
- बैंगनी रंग – बैंगनी रंग का ट्यूलिप वफ़ादारी का प्रतिक होता है।
- लाल रंग – ट्यूलिप का लाल रंग गहरे प्यार का प्रतिक होता है।
ट्यूलिप फूल की कहानी
ट्यूलिप का अर्थ पूर्ण रूप से प्रेम होता है। ट्यूलिप फ़ारसी और तुर्की किंवदंतियों से जुड़ा हुआ है। इसकी कहानी फरहाद और शिरीन नाम के दो लोगो से जुड़ी हुई है। यह कहानी कुछ इस प्रकार शुरू होती है।
फरहाद नाम का एक राजकुमार था, वह एक लड़की से प्यार करता था। जिसका नाम शिरीन था, वह बहुत खूबसूरत थी। शिरीन को दुश्मनो द्वारा फरहाद को एक संदेश भेजा जाता है, जिसमे शिरीन को ख़त्म कर दिया, ऐसा लिखा होता है। जिसकी वजह से फरहाद बहुत दुखी होता है।
लेकिन फरहाद फिर भी शिरीन की तलाश में निकल पड़ता है। और वह शिरीन के घर पहुंच जाता है। लेकिन शिरीन का पिता फरहाद और शिरीन को मिलाना नहीं चाहते थे। जिसकी वजह से शिरीन खुद की जान ले लेती है। जिस जगह पर शिरीन का खून गिरता है, वहां पर लाल रंग का ट्यूलिप का फूल उगता है। इस तरह से लाल ट्यूलिप को गहरे प्यार का प्रतिक माना जाता है।
Types of Tulips Flowers in Hindi
ट्यूलिप के फूल प्रजाति के अनुसार अलग अलग मौसम में खिलते है। लेकिन सामान्यतौर पर इसके फूल मार्च के अंत से अप्रैल के मध्य तक खिलते है। वैसे तो ट्यूलिप की लगभग 4000 से ज्यादा प्रजातियां पायी जाती है। लेकिन समहू के अनुसार यह 14 प्रकार के होते है। आप अपने यहाँ के मौसम के अनुसार ट्यूलिप की प्रजाति को चुन सकते है। ट्यूलिप के कुछ मुख्य समूह की प्रजाति इस प्रकार है।
1. Triumph
इस प्रजाति के पौधे ठन्डे तापमान में भी उगाये जा सकते है। इन पोधो का तना बहुत मजबूत होता है। इस प्रजाति के फूल गुलाबी रंग के होते है।
2. Species
इस प्रजाति के पौधों को जंगली ट्यूलिप के नाम से भी जाना जाता है। इस प्रजाति को “Jewel of the Garden” यानी की बगीचे का गहना भी कहा जाता है। यह पौधे भूमध्य सागर, एशिया माइनर के मूल निवासी है। इस प्रजाति के पोधों की ऊंचाई सामान्यतौर पर 3 से 8 इंच तक होती है। इसके फूलों का आकर छोटा होता है। अगर आप एक ऐसी प्रजाति की तलाश में है, जिसके फूल लम्बे समय तक चले, तो यह प्रजाति आपके लिए एक बेहतर विकल्प होगा।
3. Rembrandt
इस प्रजाति का नाम रेम्ब्रांट एक डच चित्रकार के नाम पर पड़ा है। इस प्रजाति में फूलों का रंग गहरा बैंगनी, या लाल धारियों वाला होता है। आप इस प्रजाति को ट्यूलिप के बल्ब द्वारा बहुत ही आसानी से ऊगा सकते है। अगर आप इसके फूलों के रंग का आनद लेना चाहते है, तो आपको इन पोधो को लगाने के लिए वसंत का इंतजार नहीं करना चाहिए। रेम्ब्रांट के फूल बहुत तेजस्वी होते है, इन्हे फूलों के गुलदस्तों में भी उपयोग किया जाता है।
4. Parrot Tulip
पैरेट ट्यूलिप अपनी सुंदरता और जीवंत रंगो के लिए जाना जाता है। यह बहुत ही खूबसूरत और आकर्षक होता है। इस प्रजाति के फूलों का कप बड़ा होता है। इनकी पंखुड़ियां पंखदार होती है। यह गुलाबी, नारंगी, सफेद, लाल, पीले, और बैंगनी रंगो में खिलता है। इसका तना अन्य प्रजाति की अपेक्षा बड़ा होता है, इसके फूल का आकर बड़ा होने के कारण यह बहुत ही नाजुक होते है।
4. Greigii
इस प्रजाति के फूल अपने बड़े आकर के फूलों के लिए जाने जाते है। इनके फूल का कप आकर में बड़ा होता है। ग्रैगी के फूल का कप लगभग 5 से 6 इंच बड़ा होता है। यह धुप में अपनी पत्तियों को खोलें रहते है। इन फूलों की पत्तियों का रंग मेरून होता है, जिसके ऊपर धारियां होती है। इसके पौधे की ऊंचाई लगभग 9 से 20 इंच तक होती है, यह सामान्यतौर पर अप्रैल के मध्य में खिलते है।
5. Darwin Hybrid
यह प्रजाति अपने मजबूत, और लम्बे तने के लिए जानी जाती है। अगर आप इसके ऊपर खिले फूलों की पत्तियों को नहीं हटाते है, तो यह प्रत्येक वर्ष घनी होती जाती है, जो की बहुत ही सुन्दर लगती है। इसके फूल मुख्य रूप से लाल, और नारंगी रंग में खिलते है।
6. Single Early
इस प्रजाति के फूल डैफोडील्स के फूलों के साथ खिलते है, यह लम्बे समय तक चलते है। Single Early प्रजाति के फूल अपने अनूठे कप के आकर और छह पंखुड़ी वाले फूल के लिए जाने जाते है। इन पौधों की ऊंचाई लगभग 10 से 18 इंच तक होती है। इनका उपयोग ज्यादार गुलदस्तों में किया जाता है।
12 Interesting Facts About Tulips in Hindi
- पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा ट्यूलिप के फूल नीदरलैंड में उगाये जाते है, यहाँ पर प्रत्येक वर्ष लगभग 2 से 5 बिलियन का निर्यात किया जाता है। जो की अन्य देशो की अपेक्षा सबसे अधिक है।
- पुराने समय में ट्यूलिप के फूल को बहुत कीमती माना जाता था। उस समय कोई भी सामान्य व्यक्ति ट्यूलिप नहीं खरीद पाता था।
- 1600 ईस्वी में ट्यूलिप की बढ़ती मांग के कारण इसकी कीमत इतनी ज्यादा हो गयी थी, की ट्यूलिप खरीदने के लिए एक घर तक बेचना पड़ सकता था।
- ट्यूलिप की पंखुड़ियों का उपयोग खाने के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा इन पंखुड़ियों को प्याज के स्थान पर भी सब्जी या अन्य चीजों में उपयोग किया जाता है। जिस समय द्वितीय विश्व युद्ध हुआ था, उन दिनों कई ऐसे परिवार थे, जो ट्यूलिप की पंखुड़ियां खाकर अपना गुजारा करते थे।
- ट्यूलिप एक ऐसा पौधा है, जिसे सिर्फ ठन्डे स्थानों पर ही उगाया जा सकता है। अगर इसको गर्म जलवायु वाले क्षेत्रों में उगाया जाए, तो यह पूरी तरह से फलता फूलता नहीं है।
- अकसर कई लोगो के मन में ट्यूलिप को लेकर एक सवाल आता है, की ट्यूलिप के फूल को हिंदी में क्या कहते है? ट्यूलिप के फूल को हिंदी में कंद-पुष्प कहते हैं।
- ट्यूलिप के फूल की कलियाँ अन्य पौधों की अपेक्षा बड़ी और मजबूत होती है।
- ट्यूलिप का फूल तुर्की और अफगानिस्तान का राष्ट्रीय पुष्प है।
- ट्यूलिप का फूल हमेशा प्रकाश की दिशा में झुका रहता है।
- यह फूल कई रंगो में पाए जाते है, लेकिन ट्यूलिप का फूल नील रंग में नहीं पाया जाता हैl
- भारत में सबसे बड़ा ट्यूलिप का गार्डन श्रीनगर में है, जो की एक पर्यटन स्थल में आता है।
- ट्यूलिप का एक फूल लगभग 3 से 7 दिन तक ही खिलता है। इसके अलावा ट्यूलिप के पौधे की आयु लगभग 1 से 2 साल होती है।
ट्यूलिप का पौधा कैसे उगाएं
- ट्यूलिप का पौधा उगाने के लिए सबसे पहले आपको एक अच्छी और उपजाऊ मिटटी का चयन करना है।
- अगर आप ट्यूलिप के पौधे को गमले में उगा रहे है, तो इसके लिए आपको रेतीली मिटटी और वर्मीकम्पोस्ट का अच्छा मिश्रण तैयार करना है। और अगर इसकी खेती के बारे में आप सोच रहे है, तो उसके लिए भी आपको खेत में गोबर की पुरानी खाद को मिलाना चाहिए।
- इसके बाद आपको ट्यूलिप के अच्छे और स्वस्थ बल्ब का चयन करना चाहिए।
- ट्यूलिप के पौधे को लगाने के लिए कम से कम 12 इंच का गमला ले, जिसके निचे पानी निकलने के लिए छेद होना बहुत जरुरी है।
- अब गमले में मिटटी को भरकर, इसमें लगभग 5 से 7 इंच गहरे छेद कर लें। इन सभी छेड़ो में एक एक करके कुछ दुरी पर बल्ब लगा दें।
- बल्ब लगाने के बाद मिटटी को अच्छी तरह से दबा दें, जिससे की गमले में हवा ना रह जाए, इससे आपके बल्ब खरब हो सकते है। अगर गमले की मिटटी में हवा रह जाती है, तो इससे बल्ब को फंगस लगने का खतरा बना रहता है।
- बल्ब को लगाने के बाद शुरुआत में भरपूर मात्रा में पानी दें। इसके बाद आप इसे किसी हलकी छाया वाले स्थान पर रख दें।
- जब तक पौधे उगने नहीं लगते तब तक गमले में नमी बनाये रखे। ध्यान रहे की इन पौधों को ज्यादा पानी पसंद नहीं होता है।
ट्यूलिप के पौधे की देखभाल कैसे करें
- गर्मियों के दिनों में ट्यूलिप के पौधे को हमेशा सुबह के समय पानी देना चाहिए।
- बरसात के दिनों में पौधे को पानी की जरुरत नहीं होती है ल
- कभी भी पौधे को ज्यादा पानी ना दें, जब पौधे के चारो और की मिटटी लगभग सूखने लगे तब ही पौधों में पानी डालना चाहिए।
- महीने में एक बार पौधों में एक चम्मच यूरिया खाद को लगभग एक लीटर पानी में मिलकर पौधों में डालना चाहिए।
- जब भी आपके पौधों के पत्ते सूखने लगे तो उन्हें तुरंत पोधो से अलग कर दें। यह सुखी हुई पत्तियां आप पौधों की जड़ो में भी डाल सकते है, यह पौधों में खाद का कार्य करती है।
- ट्यूलिप को हलकी धुप वाली जगह में ही उगाएं।
- अगर पोधों के पत्तो पर किसी भी प्रकार के किट पतंगे लग गए है, तो इसके लिए आप नीम के तेल को पानी में मिलकर पौधों पर स्प्रे कर सकते है।
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Note – यह लेख ट्यूलिप के फूल और पौधें की जानकारी पर आधारित था। आपको यह लेख Tulip Flower in Hindi कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा तो कृपया अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूलें, धन्यवाद।
Aapne bahut acche se bataya