Stock Exchange क्या है, और कैसे काम करता है?

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Stock Exchange Kya Hai

Stock Exchange क्या होता है? यह उन लोगो के लिए आज भी एक नया सवाल है, जो लोग हाल ही में Stock Exchange या शेयर मार्किट से जुड़े है। आज हम इस लेख में स्टॉक एक्सचेंज क्या है? और इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में जानेगे।

स्टॉक एक्सचेंज शेयर मार्किट का एक सबसे महत्वपूर्ण घटक है। जो की ट्रेडर्स और खरीदारों को Transactions की सुविधा प्रदान करता है। जिसके लिए इन्हे (SEBI) Securities and Exchange Board of India द्वारा निर्देशित सभी नियमों का पालन करना होता है।

और सभी इन्वेस्टर्स के हितो की रक्षा के लिए कार्य करता है। मुख्य रूप से स्टॉक एक्सचेंज शेयर बाजार को प्रोत्साहित करता है। आइये विस्तार से समझते है, स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है, और कैसे काम करता है :

स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है (Stock Exchange in Hindi)

शेयर एक्सचेंज (Stock Exchange) मुख्य रूप से दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है, जिसमे शेयर का अर्थ होता है स्टॉक, और एक्सचेंज का मतलब होता है खरीदना और बेचना। जिसका अर्थ हुआ स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसी संस्थान होती है, जिसके द्वारा शेयर बाजार को चलाया जाता है।

स्टॉक एक्सचेंज के द्वारा ही निवेशक और ट्रेडर स्टॉक और Securities को खरीदते और बेचते है। आपको बता दें, की इन्वेस्टर सिर्फ उन्ही स्टॉक को खरीद सकते है, जिन कंपनियों को Stock Exchange में लिस्ट किया गया होता है। स्टॉक एक्सचेंज SEBI के नियमो के अंतर्गत ही कार्य करता है।

यहाँ पर आमतौर पर वही कंपनियां होती है, जो शेयर मार्किट से बिज़नेस के लिए पैसा इकठ्ठा करती है। जिस कम्पनी को भी पैसो की आवश्यकता होती है, वह खुद को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट करवा लेती है। हालाकिं स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी को लिस्ट करने के लिए बहुत से नियम होते है।

लेकिन जब एक बार कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हो जाती है, तो यहाँ पर इन्वेस्टर अपना पैसा कम्पनी में निवेश कर सकते है। हालाकिं आप सीधे स्टॉक एक्सचेंज से किसी भी कंपनी के स्टॉक नहीं खरीद सकते है, इसके लिए या तो आपको किसी ब्रॉकर से संपर्क करना होता है, या फिर आप Demat Account या ट्रेडिंग अकाउंट बनाकर उसके जरिये भी स्टॉक में पैसे इन्वेस्ट कर सकते है।

क्योकिं सभी ब्रॉकर स्टॉक एक्सचेंज के सदस्य होते है, उनके द्वारा ही आपको स्टॉक में इन्वेस्ट करने की सुविधा प्रदान होती है। आपको बता दें, की स्टॉक मार्किट में आने से पहले कंपनी को IPO (Initial Public Offering) में आना पड़ता है। उसके बाद उसके शेयर, स्टॉक मार्किट में आते है। अगर आपको IPO के बारे में नहीं पता है, तो आप इस लेख को पूरा पढ़ सकते है IPO क्या है?

स्टॉक्स एक्सचेंज कैसे काम करता है

स्टॉक्स एक्सचेंज शेयर मार्किट में इन्वेस्ट करने वाले लोगो और कंपनी के बिच में मध्यस्थ की भूमिका निभाने का कार्य करता है। जब भी किसी कंपनी को अपने बिज़नेस को बड़ा करना होता है। तो उसके लिए कंपनी को फण्ड की आवश्यकता होती है। जिसके लिए कम्पनी अपने कुछ शेयर सार्वजानिक रूप से जनता के लिए खोल देती है।

जहाँ पर इन्वेस्टर पैसा लगा सकते है। लेकिन इससे पहले कम्पनी को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट करवाना पड़ता है। जब एक बार कंपनी स्टॉक एक्सचेंज की लिस्ट में रजिस्टर हो जाती है, तो इसके बाद इन्वेस्टर ब्रॉकर या Demat Account की मदद से स्टॉक खरीद सकते है। यहाँ पर प्रतिदिन लोग शेयर खरीदते और बेचते है।

अगर किसी इन्वेस्टर को कोई शेयर बेचना है, तो स्टॉक एक्सचेंज का ट्रेडिंग सिस्टम आटोमेटिक खरीदने वाले इन्वेस्टर के साथ जोड़ देता है। जिसके बाद वह इन्वेस्टर उस शेयर को आसानी के साथ बेच देता है, और बेचने और खरीदने वाले का आर्डर पूरा हो जाता है। मुझे उम्मीद है, की आपको आसानी के साथ यह समझ में आ गया होगा, की स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है।

कंपनी को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट करने के फायदे

जब एक कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होती है, तो उसके बहुत से फायदे होते है। इसमें कंपनी के साथ साथ आम जनता को भी बहुत फायदा मिलता है। आइये जानते है, जब कम्पनी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होती है, तो इसके क्या फायदे मिलते है –

1. कंपनी की वैल्यू बढ़ती है

स्टॉक एक्सचेंज में कम्पनी जब लिस्ट हो जाती है, तो उसकी वैल्यू बढ़ जाती है। शेयर बाजार में आने के बाद कम्पनी इन्वेस्टर के लिए शेयर प्रदान कर सकती है। इससे इन्वेस्टर का ट्रस्ट बढ़ता है, जो की कम्पनी के लिए विश्वास बढ़ाने का एक प्रभावी तरीका है।

2. फण्ड इकठ्ठा करना

जब कम्पनी स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर हो जाती है, तो इसके बाद कम्पनी के पास फण्ड इकठ्ठा होना शुरू हो जाता है। शेयर बाजार पूंजी प्राप्त करने का एक सबसे प्रतिष्ठा तरीका है। यहाँ पर जब इन्वेस्टर शेयर खरीदकर कम्पनी में पैसा इन्वेस्ट करते है, तो इस पैसे से कम्पनी खुद को और अच्छे तरीके से संचालित कर सकती है।

3. लिक्विडिटी

कंपनी लिस्टिंग के बाद तरलता को बढ़ाती है, जिससे शेयरधारकों को अपने इन्वेस्ट किये गए पैसे के मूल्य का आकलन होता रहता है। इसके अलावा शेयरधारक कम्पनी के शेयरों लेन-देन करने, और रिस्क को साझा करने या वृद्धि का लाभ उठाने की अनुमति भी मिलती है।

4. उचित मूल्य प्राप्त होना

स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिड Security की कीमत उसकी मांग और आपूर्ति को देखते हुए निर्धारित होती है। जिसकी वजह से इन्वेस्टर को सही कीमत पर शेयर मिलते है, तो कम्पनी को भी उनके शेयर का सही मूल्य प्राप्त होता है।

स्टॉक एक्सचेंज में निवेश के तरीके

भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में कोई भी नागरिक निवेश कर सकता है। यहाँ पर निवेश करने के मुख्य रूप से दो तरीके होते है, जो की निम्न प्रकार है –

1. प्राइमरी मार्किट

प्राइमरी मार्किट के अंतर्गत ऐसी कंपनियां आती है, जो अपने नई शेयर या स्टॉक बाजार में लाती है, जिसे IPO भी कहते है। जब इन्वेस्टर किसी नई कम्पनी के शेयर खरीदता है, तो उसे पहले प्राइमरी मार्किट से ही शेयर खरीदने पड़ते है। प्राइमरी मार्किट से ही प्रतिभूतियों या शेयर का निर्माण होता है।

2. सेकेंडरी मार्किट

सेकेंडरी मार्किट को स्टॉक मार्किट कहा जाता है। क्योकिं यहाँ पर इन्वेस्टर कंपनी को शामिल किये बिना ही शेयर में ट्रेडिंग कर सकता है। हालाकिं यहाँ पर इन्वेस्टर सीधे कम्पनी से स्टॉक नहीं खरीदता है, बल्कि शेयर खरीदने के लिए इन्वेस्टर को अन्य इन्वेस्टर से शेयर खरीदने होते है। सेकेंडरी मार्किट के दो भाग होते है, ऑक्शन मार्किट और डीलर मार्किट।

भारत के प्रतिष्ठित स्टॉक एक्सचेंज

भारत में मुख्यरूप से दो प्रतिष्ठित स्टॉक एक्सचेंज है :

1. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE):

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) दुनिया के 10 सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज की सूची में आता है। इसके अलावा यह एशिया का सबसे पुराण स्टॉक एक्सचेंज भी है। यह भारत के मुंबई शहर में दलाल स्ट्रीट में सन 1875 में कपास व्यापारी प्रेमचंद रॉयचंद, द्वारा स्थापित किया गया था, जो की एक जैन बिजनेसमैन थे।

जनवरी 2022 के अनुसार इसमें 5,439 कंपनियां लिस्टिड है, जिनका मार्किट कैप ₹276.713 लाख करोड़ रूपये है। BSE का परफॉरमेंस देखने के लिए सेंसेक्स का सहारा लिया जाता है। अगर सेंसेक्स बढ़ता है, तो इससे BSE अच्छा परफॉरमेंस करता है। वही अगर सेंसेक्स में गिरावट आती है, तो इसका परफॉरमेंस ख़राब होता है।

2. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE):

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) की स्थापना मुंबई में सन 1992 में हुई थी। जिसे देश में पहले डीमैटरियलाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज के रूप मान्यता प्राप्त हुई। हालाकिं NSE की स्थापना का एक उद्देश्य BSE के एकाधिकार को कम करना भी था।

NSE में लगभग 2000 से अधिक कंपनियां लिस्टिड है, और इसका मार्किट कैप सन 2022 के अनुसार US$3.4 Trillion है। NSE का सूचक NIFTY 50 है, जसके आधार पर दुनिया के सभी इन्वेस्टर भारत की पूंजी बाजार का पर्फोमन्स मापने के लिए करते है।

भारत में स्टॉक एक्सचेंज का इतिहास (History of Stock Exchange)

भारत में स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत सन 1875 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज BSE से हुई थी। जिसे Cotton मर्चेंट Premchand Roychand द्वारा स्थापित किया गया था। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज BSE एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। अगर हम दुनिया के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज की बात करे तो, दुनिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज Euronext Amsterdam Stock Exchange के नाम से जाना जाता है, इसकी स्थापना सन 1602 में Dutch East India Company के द्वारा नीदरलैंड में की गयी थी।

आज के समय में स्टॉक्स का लेन देन इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम द्वारा किया जाता है। जब पहले के समय में इंटरनेट नहीं था, उस समय स्टॉक एक्सचेंज का सभी कार्य कागजों पर किया जाता था। अगर कोई भी इन्वेस्टर शेयर खरीदता था, तो उसे इसके लिए सर्टिफिकेट दिया जाता था, जो की इस बात का प्रमाण पत्र होता था, की इन्वेस्टर के पास कंपनी के शेयर है। हालाकिं उस समय पूरी कागजी कार्यवाही में 6 महीने तक का समय लगा जाता था।

लेकिन आज के समय में जब से इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम की शुरुआत की गई है, कुछ ही दिन में स्टॉक एक्सचेंज से सम्बंधित सारा कार्य पूरा हो जाता है। स्टॉक एक्सचेंज के कंप्यूटराइज्ड होने की वजह से बहुत से नये इन्वेस्टर भी शेयर बाजार में आये है। इसके अलावा आज के समय में यह बहुत अधिक आधनिक हो चूका है। जिसकी वजह से कोई भी व्यक्ति स्टॉक में निवेश कर सकता है।

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स्टॉक एक्सचेंज की विशेषता और कार्य

  • स्टॉक एक्सचेंज द्वारा शेयर का सुरक्षित लेनदेन किया जाता है।
  • सभी ब्रोकर जो शेयर मार्किट से जुड़े होते है, वह स्टॉक एक्सचेंज के सदस्य होते है।
  • स्टॉक एक्सचेंज द्वारा ही शेयर का मूल्य निर्धारण होता है।
  • स्टॉक एक्सचेंज शेयर बाजार में तरलता प्रदान करता है, आप किसी भी समय शेयर को खरीद या बेच सकते है।
  • स्टॉक एक्सचेंज देश की आर्थिक प्रगति को दर्शाते है।

Note : यह लेख स्टॉक एक्सचेंज क्या है? इसके बारे में था। जिसमे आपको Stock Exchange क्या होता है, और कैसे काम करता है। इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में बताया गया है। अगर आपका इस लेख से सम्बंधित कोई भी सवाल है, तो आप हमें कमेंट करके बता सकते है। अगर आपको यह लेख पसंद आया, तो कृपया इस लेख को अपने सभी दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, धन्यवाद।

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