सेकंड हैंड कार लोन इंटरेस्ट रेट : क्या आप सेकंड हैंड कार खरीदने के बारे में सोच रहे हैं, मगर आपके पास कार खरीदने के लिए इकट्ठे इतने पैसे नहीं हैं? अगर हां, तो आप लोन लेने पर विचार कर सकते हैं। सेकंड हैंड कार हेतु लोन लेना फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि यह आपकी ज़रूरत के हिसाब से सही कार चुनते समय ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी की अनुमति प्रदान करता है।
इस आर्टिकल में, हम आपको सेकंड हैंड कार खरीदने के लिए लोन लेने की प्रक्रिया के बारे में बताएंगे, जिसमें यह भी शामिल है कि आपको किस इंटरेस्ट रेट की उम्मीद करनी चाहिए। आप अकेले नहीं हैं जो सेकंड हैंड कार खरीदने वाला है, इस फाइनेंसियल क्राइसिस के चलते इंडिया के लाखों लोग इन दिनों कार खरीदने के लिए लोन के लिए अप्लाई कर रहे हैं।
सेकंड हैंड कार लोन क्या होता है?
जब आप एक सेकंड हैंड कार खरीदने के लिए बैंक से लोन लेते हैं, तो उस लोन को सेकंड हैंड कार लोन कहते हैं। यदि बैंकिंग की भाषा में बात करें तो यह एक तरह का सेफ लोन है। क्योंकि जब आप बैंक से लोन लेते हैं, तो इसके बदले में आपके गाड़ी गिरवी रखी जाती है। यदि आप टाइम पर लोन नहीं चूकते हैं, तो ऐसे में बैंक आपकी कार को खींचकर ले जाएगी एवं उसे नीलाम कर देगी। इस प्रकार से बैंक का पैसा आपके पास सेफ रहता है, इसीलिए इसे सेफ लोन कहा जाता है।
सेफ लोन के आपको भी काफी बेनिफिट हैं, क्योंकि इसका इंटरेस्ट रेट कम रहता है एवं कम डॉक्यूमेंटेशन पर यह लोन प्राप्त हो जाता है। आपने एचडीएफसी बैंक का विज्ञापन तो सुना या देखा ही होगा, जिसमें बताया जाता है कि आप बिना इनकम प्रूफ के भी 30 मिनट के अंदर एचडीएफसी बैंक से सेकंड हैंड कार के लिए लोन ले सकते हैं।
सेकंड हैंड कार का फाइनेंस कैसे होता है?
इन दिनों छोटे से लेकर बड़े शहरों में सेकंड हैंड कार बेचने के लिए काफी सारे ब्रांड लाइन में लगे हुए हैं। इसमें से सबसे पॉपुलर नाम ट्रू वैल्यू का है। यहां पर आपको जैसे ही कार पसंद आती है, अगर आप खरीदने के लिए फाइनेंस करवाना चाहते हैं तो वहां पर आपको लोन के एजेंट मिल जायेंगे।
यदि आप अपने सभी बेसिक डॉक्यूमेंट साथ लेकर जाते हैं तो वह सही में आधे घंटे के भीतर आपकी गाड़ी का फाइनेंस करवा देंगे। यदि आप किसी पर्सनल गाड़ी मालिक से सीधे गाड़ी खरीदते हैं तब भी आपको यह एजेंट फाइनेंस करवा कर देंगे।
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सेकंड हैंड कार के लिए लोन कौन ले सकता है?
कोई भी भारतीय नागरिक सेकंड हैंड कार के लिए लोन ले सकता है, जिनकी उम्र 18 साल या ऊपर हो। आपको हम पहले ही बता चुके हैं कि यह एक तरह का सुरक्षित लोन होता है, इसीलिए यह लोन काफी सरलता से मिलता है। बेरोजगार इंसान भी सेकेंड हैंड कार के लिए लोन ले सकता है। जो अपना खुद का व्यापर करते हैं या फिर नौकरी करते हैं उन्हें यह लोन कम इंटरेस्ट रेट में मिल जाता है।
सेकंड हैंड कार के लिए लोन हेतु अप्लाई करते टाइम कुछ बातों का रखें ध्यान :-
आपको भी सेकंड हैंड कार लोन लेना है तो आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। अप्लाई करने से पहले लोन से जुड़ी जानकारियों की तहकीकात कर लें।
- लोन के लिए अप्लाई करने से पूर्व आपको यह जानकारी होनी चाहिए कि सेकंड हैंड कार के लिए सबसे कम इंटरेस्ट रेट किस बैंक से मिल रहा है।
- लोन टेन्योर की भी जानकारी आपको होनी चाहिए, क्योंकि कुछ बैंक्स सेकंड हैंड कार के लिए लोन 3 से 5 वर्ष तक की अवधि के लिए उपलब्ध करवाती है, तो वहीं कुछ बैंक्स के द्वारा 7 वर्ष की अवधि के लिए यह लोन दिया जाता है।
- लोन अप्लाई करते टाइम ब्याज दर के साथ-साथ लोन प्रोसेसिंग चार्जेज के बारे में भी अच्छे से जानकरी ले लें।
- सेकंड हैंड कार के लिए लोन लेते टाइम हमें मेंटेनेंस खर्च का भी हिसाब लगाना चाहिए।
- बैंक सेकंड हैंड कार लोन हेतु कार के प्राइज के 75 से 80% ही लोन देती है। बाकी अमाउंट आपको डाउन पेमेंट के रूप में देना पड़ता है।
- सेकंड हैंड कार लोन की इंटरेस्ट रेट नई कार के लोन की इंटरेस्ट रेट से ज्यादा होती है। इसलिए लोन टेन्योर को कम ही रखें।
- लोन के अप्लाई करने से पहले इस बात की जानकारी भी लें कि आपको आपके प्रोफाइल के आधार पर कितना लोन अमाउंट प्राप्त हो सकता है।
अलग-अलग बैंक्स के ज़रिये सेकंड हैंड कार के लिए दिए जाने वाले लोन का क्या-क्या भिन्न हो सकता है?
जैसा कि हम लोगों को पता है कि सभी बैंक्स एक ही इंटरेस्ट रेट, लोन टेन्योर, प्रोसेसिंग फीस एवं टर्म्स एंड कंडीशंस पर सेकंड हैंड कार प्रोवाइड नहीं करवाती है। कुछ बैंक्स 3 वर्ष से ज्यादा सेकंड हैंड कार के लिए लोन नहीं देती हैं। कुछ बैंक्स 5 साल से ज्यादा सेकंड हैंड कार के लिए लोन उपलब्ध नहीं कराती हैं।
सभी बैंक्स के लोन के इंटरेस्ट रेट अलग होते हैं कुछ बैंक्स सस्ते इंटरेस्ट रेट्स पर सेकंड हैंड कार के लिए लोन दे देती है, तो कुछ बैंक्स सेकंड हैंड कार लोन के लिए थोड़ा ज्यादा इंटरेस्ट रेट लेती हैं। सेकंड हैंड कार लोन के लिए आपको 7 से 16 प्रतिशत तक का इंटरेस्ट रेट देना पड़ सकता है। इसी के साथ कुछ प्रोसेसिंग फीस भी देनी होती है। सेकंड हैंड कार लोन आप ज्यादा से ज्यादा 7 साल की अवधि तक के लिए ले सकते हैं।
कोई भी बैंक लोन के लिए कितना इंटरेस्ट रेट लेती है, ये कई तरह के फैक्टर्स पर निर्भर करता है। इसमें क्रेडिट स्कोर सबसे मुख्य फैक्टर होता है यानी कि आपके लोन चुकाने का रिकॉर्ड कैसा रहा है।
इंटरेस्ट रेट कितने प्रतिशत लिया जाता है?
यदि आप सेकंड हैंड कार लोन लेने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको अलग-अलग बैंक्स के द्वारा लिए जाने वाले इंटरेस्ट रेट के बारे में भी पता होना चाहिए। ज्यादातर बैंक्स 5 लाख तक का अमाउंट सेकंड हैंड कार लोन के लिए देती हैं।
नीचे हम आपको अलग-अलग बैंक्स के द्वारा सेकंड हैंड कार लोन के लिए ली जाने वाली इंटरेस्ट रेट के बारे में लिस्ट प्रोवाइड करवा रहे हैं। यह आपके कार खरीदने के सपने को पूरा करने में आपकी मदद कर सकती है।
- एक्सिस बैंक – 7.45%-14.50%
- बैंक ऑफ़ बड़ोदा – 7% ऑनवर्ड्स
- बैंक ऑफ़ इंडिया – 6.85% ऑनवर्ड्स
- बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र – 6.40% ऑनवर्ड्स
- केनरा बैंक – 7.30% ऑनवर्ड्स
- सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया – 7.25%-7.70%
- फ़ेडरल बैंक – 7.65% ऑनवर्ड्स
- एचडीऍफ़सी बैंक – 7.95%-8.30%
- आईसीआईसीआई बैंक – 7.90% ऑनवर्ड्स
- आईडीबीआई बैंक – 7.50% ऑनवर्ड्स
- जम्मू एंड कश्मीर बैंक – 7.85% ऑनवर्ड्स
- कर्नाटक बैंक – 7.50% ऑनवर्ड्स
- करूर वयस्य बैंक – 7.80% ऑनवर्ड्स
- लक्ष्मी विलास बैंक – 7.05% ऑनवर्ड्स
- नैनीताल बैंक – 9.20% ऑनवर्ड्स
- पंजाब एंड सिंध बैंक – 7.10%-7.45%
- पंजाब नेशनल बैंक – 6.50% ऑनवर्ड्स
- आरबीएल बैंक – 12%-14%
- स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया – 7.20%-7.90%
- यूको बैंक – 7.25% ऑनवर्ड्स
- यस बैंक – 9.25% ऑनवर्ड्स
- यूनियन बैंक – 8.65% – 11%
- इंडियन बैंक – 8.05% ऑनवर्ड्स
बैंक्स के टर्म्स एंड कंडीशंस के आधार पर इंटरेस्ट रेट में कुछ डिफरेंस हो सकता है। टाइम टाइम पर इंटरेस्ट रेट बदलते रहते हैं, इसीलिए पहले ही आप इसकी पूरी जानकारी प्राप्त कर लें।
सेकंड हैंड कार लोन लेने के लिए के लिए हमें कौन-कौन से डाक्यूमेंट्स की ज़रूरत होती है?
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- ड्राइविंग लाइसेंस
- पासपोर्ट
एड्रेस प्रूफ –
- यूटिलिटी बिल्स
- पासपोर्ट
- वोटर आईडी कार्ड
- रेंट एग्रीमेंट
- पासपोर्ट साइज फोटो
- एप्लीकेशन फॉर्म सिग्नेचर किया हुआ
इनकम प्रूफ सैलरीड पर्सन्स के लिए
- सैलरी स्लिप ऑफ़ लास्ट 3 मंथ्स
- फॉर्म 16
- आईटीआर
इनकम प्रूफ सेल्फ एम्प्लॉयड के लिए
- बैलेंस शीट ऑफ़ लास्ट 2 इयर्स
- आईटीआर ऑफ़ लास्ट 2 इयर्स
- बिज़नेस प्रूफ
- रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
- सर्विस टैक्स रजिस्ट्रेशन
- आईटी असेसमेंट
- टीडीएस सर्टिफिकेट
- क्लीयरेंस सर्टिफिकेट
सेकंड हैंड कार लोन के लिए अप्लाई कैसे करते हैं?
- सेकंड हैंड कार लोन लेने के लिए आप ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों ही प्रकार से अप्लाई कर सकते हैं।
- ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए जिस बैंक से आप लोन लेना चाहता हैं सबसे पहले उसकी ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं।
- यदि ऑफलाइन अप्लाई करना चाहते हैं, तो बैंक के ब्रांच में जाकर अप्लाई करना होगा।
- एप्लीकेशन फॉर्म सही से भरने के बाद डाक्यूमेंट्स अटैच कर के एप्लीकेशन फॉर्म जमा कर दें।
- लोन अप्रूव होने के बाद लोन अमाउंट एप्लिकेंट के अकाउंट में भेज दिया जाता है। कुछ अमाउंट आपको डाउन पेमेंट करना होता है। इस तरह से आप सेकंड हैंड कार लोन ले सकते हैं।
इंडिया में सेकंड हैंड कार खरीदने के लिए लोन लेने का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है :
सेकेंड हैंड कारों की बढ़ती हुई मांग के चलते इन वाहनों को खरीदने के लिए लोन लेने वालों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। दरअसल कार ट्रेड की एक रिपोर्ट के अनुसार इंडिया में सेकेंड हैंड कार खरीदने हेतु लोन लेने का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसका कारण है कि कार डीलरशिप अब सेकंड हैंड कार्स के लिए आकर्षक कीमतों की पेशकश कर रही हैं एवं लोगों में एक सेकंड हैंड कार खरीदने के फायदों के बारे में जागरूकता भी बढ़ रही है।
इसके अतिरिक्त कई लोग अब उन अलग-अलग फाइनेंसियल ऑप्शंस के बारे में जानते हैं जो सेकेंड हैंड कार खरीदते टाइम उनके लिए मौजूद होते हैं। उदाहरण के तौर पर, अब लोन देने वाली कंपनियां हैं जो कम इंटरेस्ट रेट्स पर लोन देती हैं। इसके अतिरिक्त ऐसी कंपनियां भी हैं जो फ्लेक्सिबल रीपेमेंट प्लान्स की पेशकश करती हैं। इसके अतिरिक्त कई लोग अब सेकंड हैंड कारों की तलाश के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का भी इस्तेमाल करते हैं।
सेकंड हैंड कार खरीदने के लिए यदि बैंक से लोन ना मिले तब क्या करें?
प्रॉब्लम यह है कि बैंक उन लोगों को लोन नहीं दे रहे हैं, जो सेकेंड हैंड कार खरीदने के बारे में सोच रहे हैं। बैंक केवल उन्ही लोगों को लोन दे रहे हैं जो नई कार खरीद रहे हैं, तो यदि आपके पास बैंक से लोन नहीं है एवं आप सेकेंड हैंड कार खरीदना चाहते हैं तो ऐसे में आप क्या कर सकते हैं?
सेकेंड हैंड कार खरीदने के लिए लोन लेने के कुछ अल्टरनेट मेथड्स हैं। आप किसी प्राइवेट लेंडर से या फिर ऑनलाइन मार्केट के ज़रिये लोन प्राप्त कर सकते हैं। प्राइवेट लेंडर ज्यादा महंगे होते हैं, मगर वह आपको आपकी लोन शर्तों पर बेहतर सौदा देंगे।
आप एक ऑनलाइन मार्केटप्लेस की खोज करने की भी कोशिश कर सकते हैं, जो सेकेंड हैंड कारों को खरीदने के लिए लोन देने में माहिर हो।
सेकंड हैंड कार लोन की विशेषताएं और लाभ –
- कुछ लेंडर्स के द्वारा फ्लेक्सिबल रीपेमेंट टर्म्स की पेशकश की जाती है।
- डॉक्यूमेंटेशन प्रोसेस आसान है एवं कम से कम कागजी कार्रवाई प्रस्तुत करने की ज़रूरत होती है।
- नई कार की तुलना में सेकंड हैंड कार के लिए डेप्रिसिएशन रेट एवं बीमा लागत कम होती है।
- नई कार के लिए लोन की तुलना में सेकंड हैंड कार लोन का अमाउंट कम होगा। इसीलिए मासिक भुगतान भी कम हो जाएगा।
- कार की कीमत का 90% तक लोन के तौर पर प्रदान किया जा सकता है।
- लोन के लिए अप्लाई करना सरल है एवं ज्यादातर लेंडर्स आपको प्रक्रिया को ऑनलाइन पूरा करने की अनुमति प्रदान करते हैं।
- ज्यादातर बैंक लंबी रीपेमेंट टर्म प्रदान करते हैं।
भारत में सेकंड हैंड कार लोन की ब्याज दरों को प्रभावित करने वाले कारक –
भारत में सेकंड हैंड कार लोन की इंटरेस्ट रेट्स को प्रभावित करने वाले कुछ अहम कारकों का उल्लेख नीचे किया गया है।
डेब्ट टू इनकम रेशिओ : आपका डेब्ट टू इनकम रेशिओ एक अहम कारक है जिसे सेकंड हैंड कार लोन इंटरेस्ट रेट निर्धारित करते समय माना जाता है। रेशिओ निर्धारित करता है कि आप टाइम पर ईएमआई का भुगतान कर सकते हैं या नहीं। आपकी एप्लिकेशन को रिजेक्ट कर दिया जाएगा, या अगर आपका डेब्ट टू इनकम रेशिओ ज्यादा है तो इंटरेस्ट रेट ज्यादा होंगी।
रीपेमेंट टर्म : अगर आप लंबी अवधि चुनते हैं तो लेंडर कम इंटरेस्ट रेट्स की पेशकश करते हैं। हालाँकि, आप ज्यादा इंटरेस्ट का भुगतान करेंगे। भले ही छोटी अवधि के लिए इंटरेस्ट रेट्स ज्यादा हों, मगर कार के लिए आप जो टोटल अमाउंट चुकाएंगे वह कम होगी। इसीलिए, यह अहम है कि आप रीपेमेंट टर्म का चुनाव करने से पहले ईएमआई की जांच कर लें।
डाउन पेमेंट बढ़ाएं : अगर आप ज्यादा डाउन पेमेंट करते हैं तो लेंडर कम इंटरेस्ट रेट्स पर लोन देते हैं। मूल अमाउंट कम होने के चलते आपकी ईएमआई भी कम हो जाएगी। हाई डाउन पेमेंट देने से लेंडर्स को भी पता चलता है कि आप इकोनोमिकल रूप से मजबूत हैं एवं लोन चुका सकते हैं।
बैंक के साथ संबंध : किसी अन्य लेंडर को चुनने से पहले आप अपने वर्तमान बैंक के साथ संपर्क कर सकते हैं। अगर आपके बैंक के साथ अच्छे संबंध हैं, तो कम इंटरेस्ट रेट्स प्रदान की जा सकती हैं। इंटरेस्ट रेट्स पर आपके वर्तमान बैंक के साथ भी बातचीत की जा सकती है।
कार की ऐज एवं मॉडल : सेकंड हैंड कार लोन लेने पर कोई सेफ्टी प्रदान करने की ज़रूरत नहीं होगी। अगर मासिक भुगतान नहीं किया जाता है, तो लेंडर के द्वारा कार को जब्त कर लिया जाता है। इसीलिए इंटरेस्ट रेट्स निर्धारित करते टाइम कार की ऐज एवं मॉडल को ध्यान में रखा जाता है। नई कारों के लिए कम इंटरेस्ट रेट्स प्रदान की जाती हैं। यदि कार किसी रेप्यूटेड मैन्युफैक्चरर की है तो इंटरेस्ट रेट्स भी कम हो सकती हैं।
इनकम : जब लेंडर इंटरेस्ट रेट्स निर्धारित करते हैं, तो वह आपकी इनकम की भी जांच करते हैं। स्टेबल इनकम एवं स्टेबल बिज़नेस वाले व्यक्तियों को कम इंटरेस्ट रेट्स पर सेकंड हैंड कार लोन प्रदान किया जा सकता है। आप जिस कंपनी के लिए काम करते हैं, उस पर भी इंटरेस्ट रेट्स का निर्धारण करते टाइम विचार किया जाता है।
क्रेडिट स्कोर : इंटरेस्ट रेट्स का निर्धारण करते टाइम विचार किए जाने वाले सबसे अहम कारकों में से एक आपका क्रेडिट स्कोर भी है। क्रेडिट स्कोर यह भी निर्धारित करता है कि आप सेकंड हैंड कार के लिए लोन लेने के पात्र हैं या नहीं। अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले इंसान को कम इंटरेस्ट रेट्स पर लोन प्रदान किया जाता है। आपका लोन आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाएगा या फिर क्रेडिट स्कोर कम होने पर इंटरेस्ट रेट्स ज्यादा होंगी।
Note : यह लेख सेकंड हैंड कार लोन इंटरेस्ट रेट के बारे में थी। जिसमे आपको Car Ke Liye Loan Kaise Le इसके बारे में भी बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारियां दी गयी है। अगर आपका इस लेख से सम्बंधित कोई भी सवाल है, तो आप हमें कमेंट करके बता सकते है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा, तो कृपया इस लेख को अपने सभी दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, धन्यवाद।