Mutual Fund क्या है, और म्यूच्यूअल फण्ड में कैसे इन्वेस्ट करें?

0
Mutual Fund Kya Hai

क्या आप म्यूचुअल फंड क्या है (What is Mutual Fund in Hindi) इसके बारे में जानते है। अगर नहीं तो आज हम इस लेख में Mutual Fund Kya Hai इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में जानने वाले है। अगर आप अपने पैसे इन्वेस्ट करना चाहते है, तो आपके लिए म्युचअल फण्ड एक अच्छा तरीका हो सकता है। म्युचअल फण्ड आपको बैंक से अधिक वापिस पैसे देता है।

एक अच्छे इन्वेस्टर का प्रमुख लक्ष्य धन को सुरक्षित रखकर उसे बढ़ाना होता है। और वही उसे आवश्यकता पड़ने पर उपयोग में लाना होता है। आज कल के डिजिटल जमाने में इन्वेस्ट करना बहुत ही आसान हो गया है। म्युचअल फण्ड का नाम तो सभी ने सुना होता है, लेकिन उन्हें म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है? म्युचअल फण्ड क्या है, और म्यूच्यूअल फण्ड में कितना रिटर्न मिलता है? इससे जुड़ी जानकारी नहीं होती है।

आज हम इस लेख में इससे जुड़ी बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में जानने वाले है। मुझे पूरी उम्मीद है, अगर आप यह लेख पूरा पढ़ लेते है, तो आप बहुत ही आसानी से म्युचअल फण्ड में इन्वेस्ट कर सकते है। आइये सबसे पहले जानते है, म्युचअल फण्ड क्या होता है –

Table of Contents

म्यूचुअल फंड क्या है (What is Mutual Fund in Hindi)

Mutual Fund का मतलब होता है, एक ऐसा स्थान जहाँ पर एक से अधिक लोग निवेश करते है। यहां पर कोई भी एक व्यक्ति निवेश नहीं करता है। बल्कि एक से अधिक लोग यहाँ पर पैसा इन्वेस्ट करते है। म्युचअल फण्ड स्कीम का मुख्य उद्देश्य अपने निवेशकों को अच्छा रिटर्न देना होता है। आप जिस भी फण्ड में अपना पैसा निवेश करते है, उसकी पूरी जिम्मेदारी फण्ड के मैनेजर पर होती है, जो की आपके पैसे को अलग अलग जगह पर इन्वेस्ट करता है। जैसे शेयर मार्किट, बांड, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट आदि।

म्युचअल फण्ड क्या होता है उदाहरण से समझते है –

मान लीजिये की आपके पास एक पेन का पैकेट है और उसमे 20 पेन है। जिसकी कीमत 1000 रूपये है। लेकिन इसके साथ एक शर्त यह जुड़ी है, की इस पैकेट को कोई भी एक व्यक्ति नहीं खरीद सकता है। अब ऐसे में इसे 5 व्यक्ति मिलकर खरीदते है, तो यहाँ पर 200 रूपये एक व्यक्ति के होंगे।

अब ऐसे में इस पैकेट में जो 20 पेन है, इसमें से प्रतियेक व्यक्ति के 4 पेन होंगे। जिन्हे हम 4 यूनिट के रूप में भी मान सकते है। अब इन यूनिट से मिलने वाला रिटर्न भी इन 5 लोगो में ही बटेगा। मुझे उम्मीद है, की आपको म्युचअल फण्ड क्या होता है हिंदी में समझ आ गया होगा।

म्यूच्यूअल फंड को कौन मैनेज करता है?

जो लोग म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करना चाहते है, उनके मन में एक सवाल होता है। म्यूच्यूअल फण्ड को मैनेज कौन करता है। आपको बता दें, की म्यूच्यूअल फण्ड को मनी मैनेजर या फंड मैनेजर्स (Fund Managers) द्वारा मैनेज किया जाता है। आप जिस म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करना चाहते है, उसके पोर्टफोलियो में आपको मैनेज का नाम और वह कब से इस म्यूच्यूअल फण्ड में कार्य कर रहा है, इससे जुड़ी सभी जानकारियां मिल जाती है।

सभी म्यूच्यूअल फण्ड कंपनियों अपनी जरुरत के अनुसार फण्ड मैनेज को रखती है। जैसा की आपको ऊपर के लिए में बताया गया है, की म्यूच्यूअल फण्ड का पैसा अलग अलग क्षेत्रों में लगा हुआ होता है। यह पैसा अलग अलग क्षेत्रो में लगाना का कार्य फण्ड मैनेजर करता है। और सभी इन्वेस्टर को अच्छा लाभ देने के लिए यह ऐसी जगह पर पैसे इन्वेस्ट करते है, जहाँ से अच्छा रिटर्न मिल सकता है।

म्यूच्यूअल फण्ड कैसे काम करता हैं (How Mutual Fund Works)

आपने ऊपर के लिए में यह तो जान लिया है, म्यूच्यूअल फण्ड क्या होता है? आइये अब जानते है, म्यूच्यूअल फण्ड कैसे काम करता है। म्यूच्यूअल फण्ड शेयर मार्किट की तरह ही होता है। लेकिन शेयर मार्किट में जब हम इन्वेस्ट करते है, तो उस समय सारा जिम्मेदारी हमारी होती है। हमें शेयर मार्किट में इन्वेस्ट करने के लिए अधिक जानकारी का होना बहुत आवश्यक है। लेकिन म्यूच्यूअल फण्ड में जब हम इन्वेस्ट करते है, तो इसकी सारी जिम्मेदारी म्यूच्यूअल फण्ड मैनेजर पर होती है।

और ज्यादातर लोग ऐसी जगह पर ही इन्वेस्ट करना पसंद करते है, जहाँ पर उनके पैसे को कोई और व्यक्ति मैनेज करें, ऐसे में म्यूच्यूअल फण्ड इन्वेस्ट करने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इसमें लगा पैसा सभी निवेशकों की इन्वेस्टमेंट लागत के अनुसार अपने हिसाब से समान रूप से फायदे और नुक्सान के भागीदारी होते है। म्यूच्यूअल फण्ड का पैसा अलग अलग क्षेत्रों में इन्वेस्ट होता है, जिसकी वजह से यहाँ पर रिस्क कम हो जाता है।

इसमें इन्वेस्ट की मात्रा यूनिट के हिसाब से निर्धारित होती है। यूनिट का आधार NAV (Net Asset Value) होता है, इसी के आधार पर म्यूच्यूअल फण्ड को ख़रीदा और बेचा जाता है। आप म्यूच्यूअल फण्ड में जितना पैसा भी इन्वेस्ट करते है, वर्तमान समय के NAV के आधार पर आपके अकाउंट में उतनी यूनिट क्रेडिट कर दी जाती है। आइये एक छोटे से उदहारण से जानते है, NAV क्या है।

NAV क्या है (What Is NAV)

म्यूच्यूअल फण्ड की एक यूनिट को Net Asset Value (NAV) कहा जाता है। जो की Mutual Fund Scheme की Performance क्या चल रही है, इसके बारे में बताता है। आइये इसे एक उदहारण से समझते है – उदहारण के लिए मान जिलिये आप एक इन्वेस्टर है, और आप म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करना चाहते है। आप New Fund Offer (NFO) Period में 100 रूपये की एक म्यूच्यूअल फण्ड यूनिट को खरीद लेते है।

अब NFO Period के दौरान इस म्यूच्यूअल फण्ड की Net Asset Value (NAV) 100 रूपये होगी। अब मान लेते है, की आपकी तरह ही 9 अन्य लोगो ने भी म्यूच्यूअल फण्ड की यूनिट को ख़रीदा है। अब उस म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम ने कुल 10 यूनिट बेचे है, और इसमें कुल 1000 हजार रूपये इकठ्ठा हो गए है।

अब इस म्यूच्यूअल फण्ड का मैनेज 1000 रूपये के कुछ शेयर खरीद लेगा या फिर इन्हे कही और इन्वेस्ट कर देगा। मान लीजिये की आने वाले एक साल में आपके 1000 हजार रूपये की कीमत 1500 रूपये हो जाती है। तो अब उस म्यूच्यूअल फण्ड की प्रतियेक यूनिट की कीमत 1500 हो जायेगी 1500/10=150 अब आपके सभी यूनिट की Net Asset Value (NAV) 150 रूपये हो जायेगी।

अब मान लीजिये, की इसी म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम में 5 लोग और इन्वेस्ट करना चाहते है, तो इस म्यूच्यूअल फण्ड की Net Asset Value (NAV) 150 रूपये हो चुकी है, तो जो 5 लोग इसमें इन्वेस्ट करना चाहते है, उनके अब एक यूनिट के लिए 150 रूपये देने होंगे। म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी इन नई 5 लोगो क 5 यूनिट बेचकर 750 रूपये इकठ्ठा करेगी। अब म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी के पास कुल 1500+750=2250 रूपये है।

लेकिन इसमें यूनिट की संख्या 15 हो चुकी है। Mutual Fund Company अपने नई यूनिट जारी करके इन्वेस्ट की कीमत को बढ़ा भी सकती है। हालाकिं इससे पुराने इन्वेस्टर्स को किसी भी तरह का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। क्योकिं नए इन्वेस्टर्स को नई यूनिट नई कीमत पर मिलती है।

सभी Mutual Fund Company समय समय पर NAV की घोसना करती रहती है। अगर आप एक इन्वेस्टर है, और NAV की सभी Information प्राप्त करना चाहते है, तो आप इसके लिए Association of Mutual Funds in India (AMFI) की वेबसाइट पर जाकर चेक कर सकते है।

म्यूच्यूअल फण्ड में SEBI की भूमिका

SEBI का फुल फॉर्म Securities and Exchange Board of India (SEBI) होता है। सभी म्यूच्यूअल फण्ड SEBI के अंतर्गत पंजीकृत होते है, जो की भारत में मार्किट को नियंत्रित करता है। Mutual Fund में इन्वेस्ट सभी इन्वेस्टर्स का पैसा SEBI के द्वारा मार्किट में सुरक्षित होता है। आसान शब्दों में कहे तो SEBI इन्वेस्टर्स के पैसे को सुरक्षा प्रदान करता है।

SEBI द्वारा यह Assured किया जाता है, की कही कोई म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी इन्वेस्टर के साथ धोखा धड़ी तो नहीं कर रही है। हालाकिं भारत में Mutual Fund की शुरुआत सन 1963 से हुई थी, लेकिन आज भी बहुत से लोग ऐसे है, जिन्हे म्यूच्यूअल फण्ड क्या होता है? इसके बारे में नहीं पता है।

शुरुआत में लोगो का ऐसा मानना था, की म्यूच्यूअल फण्ड में सिर्फ आमिर लोग ही इन्वेस्ट कर सकते है। लेकिन आज के समय में यह लोगो की यह धारणा पूरी तरह से बदल गयी है। आज के समय में सभी लोग म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट कर सकते है। कई फण्ड ऐसे भी जिनमे आप 500 रूपये प्रति महीना की SIP से भी इन्वेस्ट कर सकते है।

म्यूच्यूअल फण्ड के प्रकार (Types of Mutual Funds)

What is Mutual Fund in Hindi

म्यूच्यूअल फण्ड कई प्रकार के होते है, जिनमे संरचना के आधार पर, Asset Class के आधार पर और रिस्क के आधार पर। यहाँ पर हम म्यूच्यूअल फण्ड के सभी प्रकार के बारे में जानेगे। आइये सबसे पहले हम म्यूच्यूअल फण्ड के प्रकार संरचना के आधार पर जानते है –

संरचना के आधार पर म्यूच्यूअल फण्ड के प्रकार –

संरचना के आधार पर म्यूच्यूअल फण्ड तीन प्रकार के होते है Open-Ended Funds, Close-Ended Funds, Interval Funds

Open-Ended Funds

Open-Ended ऐसे फण्ड होते है, जो की पुरे साल यूनिट Purchases/Redemption के लिए खुले रहते है। इन फण्ड में सभी यूनिट को Purchases/Redemption NAVs पर किये जाते है। अगर हम आसान शब्दों में कहे, तो यह ऐसे फण्ड होते है, जहाँ पर की भी इन्वेस्टर कभी भी पैसे लगा सकता है, और कभी भी निकल सकता है। इस तरह के फण्ड में आप कितना भी पैसा इन्वेस्ट कर सकते है, इसमें किसी भी तरह की कोई सीमा नहीं है। यहाँ पर पैसे की कोई सीमा नहीं होती है, इसलिए फण्ड मैनेज को अपने हिसाब से इन्वेस्ट करना होता है।

Close-Ended Funds

Close-Ended Funds ऐसे फण्ड होते है, जहाँ पर इन्वेस्टर्स New Fund Offer (NFO) Period के दौरान ही पैसे लगा सकते है। और इसके बाद Maturity पर ही अपने पैसे को इन फण्ड से निकाल सकते है। हालाकिं Close Ended म्यूच्यूअल फण्ड में यूनिट को सेकेंडरी मार्किट में ख़रीदा / बेचा जा सकता है। इस तरह के लेन-देन से म्यूच्यूअल फण्ड कम्पनी का कोई भी वास्ता नहीं होता है, और ना ही म्यूच्यूअल फण्ड में जमा पैसे पर कोई फर्क पड़ता है।

Interval Funds

इंटरवल फंड्स में ओपन-एंडेड और क्लोज-एंडेड फंड्स की विशेषताएं होती है। जिन्हे फण्ड अवधि के दौरान Different Intervals पर शेयर की Repurchase के लिए खोला जाता है।

Asset Class के आधार पर म्यूचुअल फंड के प्रकार

Asset Class के आधार पर तीन प्रकार के म्यूच्यूअल फण्ड होते है, जो की निम्न प्रकार है –

Equity Funds : Equity Funds ऐसे फण्ड होते है, जो की इक्विटी स्टॉक और कंपनियों के शेयर में इन्वेस्ट करते है। यह High Risk Fund होते है। लेकिन यह High Risk के साथ साथ High Return भी प्रदान करते है। इक्विटी फंड के अंतर्गत फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स, इंफ्रास्ट्रक्चर और बैंकिंग जैसे फण्ड शामिल होते है।

Debt Funds : Debt Funds ऐसे फण्ड होते है, जो की Debt Instruments में इन्वेस्ट करते है, उदहारण के लिए सरकारी बांड, और निश्चित आय संपत्ति आदि। यह फण्ड सुरक्षित माने जाते है, और इनमे आपको निश्चित रिटर्न मिलता है। यह फण्ड टैक्स नहीं लगाते है, अगर आपके इन्वेस्मेंट की कमाई रूपये से अधिक है।

Money Market Funds : मनी मार्केट फंड्स ऐसे फण्ड होते है, जो Liquid Instruments में इन्वेस्ट करते है। यह फण्ड उन लोगो के लिए सुरक्षित इन्वेस्टमेंट माने जाते है, जो की तत्काल एक माध्यम रिटर्न प्रदान करना चाहते है। मनी मार्केट फंड्स को कॅश मार्किट भी कहते है, जिसमे रिस्क अधिक होता है।

Hybrid Funds : हाइब्रिड फंड ऐसे फण्ड होते है, जो Asset Class से मिश्रण में इन्वेस्ट करते है।

इन्वेस्टमेंट उद्देश्य के आधार पर म्युचुअल फंड के प्रकार

अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करना चाहते है, तो उसके उद्देश्य से म्यूच्यूअल फण्ड के प्रकार अगल होते है। आइये जानते है, Types of Mutual Funds by Investment Objective –

Growth Funds : ग्रोथ फण्ड अधिक प्रॉफिट के लिए इक्विटी शेयरों में पैसा लगाते है। यह लम्बे समय के लिए इन्वेस्ट करने वाले इन्वेस्टर्स के लिए High Risk Fund होते है। यह Very High Risk Fund है, इसलिए यहाँ पर इन्वेस्ट करने पर आपको High Return भी मिलता है। जो लोग High Return की तलाश में है, उनके लिए यह फण्ड आदर्श विकल्प है।

Income Funds : इन फंड्स के अंतर्गत पैसे को मुख्य रूप से Fixed-Income Instruments में इन्वेस्ट किया जाता है। उदहारण के लिए इन्वेस्टर्स के पैसो की सुरक्षा और नियमित आय प्रदान करने के उद्देश्य से Bonds, Debentures आदि।

Liquid Funds : Liquid Funds स्कीम के अंतर्गत मुख्य रूप से Short Term or Very Short Term Instruments में इन्वेस्ट किया जाता है। उदहारण के लिए T-Bills, CPs आदि। यह Moderate Returns वाले फण्ड होते है, जिनमे Risk भी कम होता है। यह फण्ड इन्वेस्टर्स के लिए Short Term Investment के लिए आदर्श है। अगर आप शार्ट टर्म्स के लिए इन्वेस्ट करना चाहते है, तो आपके लिए यह फण्ड आदर्श विकल्प है।

Tax-saving Funds (ELSS) : Tax-saving Funds या ELSS (Equity Linked Savings Schemes) ऐसे फण्ड होते है, जो इक्विटी शेयरों में इन्वेस्ट कर सकते ही। इन फण्ड इन्वेस्ट Income Tax Act के तहत कटौती के पात्र है। इन्हे Very High Risk वाला फण्ड माना जाता है। लेकिन यह फण्ड Best Performance प्रदान करके अच्छा Return प्रदान करते है।

Capital Protection Funds : यह ऐसे फंड्स होते है, जिन्हे Fixed Income Instruments and Equity Markets में इन्वेस्ट के बीच विभाजित किया जाता है। यह इन्वेस्ट किये गए Principal Amount की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है।

Fixed Maturity Funds : फिक्स्ड मैच्योरिटी फंड्स ऐसे फंड्स होते है, जिनमे Debt and Money Market Instruments में इन्वेस्ट किया जाता है। जहाँ पर Maturity की तारीख या तो फण्ड के समान होती है, या फिर उससे पहले की होती है।

Pension Funds : पेंशन फंड्स म्यूच्यूअल फण्ड है, इन फण्ड में Long Term Goals को ध्यान में रखकर इन्वेस्ट किया जाता है। मुख्य रूप से यह एक नियमित रिटर्न प्रदान करने के लिए होते है, जब इन्वेस्टर रिटायर होने के लिए तैयार होता है। इस तरह के फण्ड में पैसे को Equities and Debt Markets के बीच बांटा जा सकता है, जहाँ पर Equities में इन्वेस्ट के जोखिम के रूप में कार्य करता है, और High Return प्रदान करता है, वही Debt Markets रिस्क को संतुलित करता है, लेकिन एक स्थिर रिटर्न प्रदान करता है। पेंशन के रूप में इस तरह के फण्ड को एक अच्छा विकल्प माना जाता है।

रिस्क के आधार पर म्युचुअल फंड के प्रकार

Low Risk : यह म्यूच्यूअल फण्ड उन लोगो के लिए होते है, जो अपने पैसे को जोखिम में नहीं डालना चाहते है। ऐसी जगह पर इन्वेस्मेंट Debt Market में किया जाता है, और लम्बी अवधि के लिए इन्वेस्ट किया जाता है। Low Risk होने की वजह से इन फण्ड में रिटर्न भी कम मिलता है। इन फण्ड का पैसा आमतौर पर Government Securities में लगा हुआ होता है।

Medium Risk : यह म्यूच्यूअल फण्ड उन इन्वेस्टर्स के लिए होते है, जो कुछ Risk लेने के लिए तैयार रहते है। यहाँ पर इन्वेस्टर्स को अच्छा रिटर्न भी मिल जाता है। Medium Risk Mutual Fund का उपयोग लम्बे समय के इन्वेस्मेंट के लिए किया जाता है।

High Risk : यह म्यूच्यूअल फण्ड उन लोगो के लिए होते है, जो High Risk के साथ अपने पैसे को इन्वेस्ट करना चाहते है, और अच्छा पैसा कमाना चाहते है। High Risk वाले म्यूच्यूअल फण्ड भले ही अधिक रिस्क के होते है, लेकिन यह इन्वेस्टर्स को अधिक रिटर्न प्रदान करते है।

सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाला म्यूच्यूअल फण्ड

अगर आप सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाला म्यूच्यूअल फण्ड ढूंढ रहे है, तो इसमें आपको Risk भी ध्यान रखना पड़ेगा। जैसा की आपको ऊपर के लेख में बताया गया है, जो म्यूच्यूअल फण्ड सबसे ज्यादा रिटर्न देते है, उनका रिस्क भी हाई होता है। अगर आप अपने रिस्क को ध्यान में रखकर इनमे पैसा इन्वेस्ट करते है। तो आपको यहाँ पर अच्छा रिटर्न मिल जाता है। आइये जानते है, सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाला म्यूच्यूअल फण्ड कौन सा है –

ICICI Prudential Technology Direct Plan-Growth : यह म्यूच्यूअल फण्ड हमेशा से सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाली लिस्ट में सबसे ऊपर रहा है। ICICI Prudential Technology Direct Plan-Growth एक लार्च कैटेगरी का फंड हैं, जो की अपनी अधिक पूंजी इक्विटी में इन्वेस्ट करता हैं। इस म्यूच्यूअल फण्ड का ज्यादातर पैसा Technology और IT Secter में भी इन्वेस्ट रहता है।

जिन लोगो को ऐसा लगता है, की आने वाले समय में टेक्नोलॉजी से जुड़ी कंपनियां अच्छा परफॉर्मेंस करेंगी, वह लोग इसमें इन्वेस्ट कर सकते है। अगर आप ICICI Prudential Technology Direct Plan-Growth Mutual Fund में इन्वेस्ट करना चाहते है, तो यहाँ पर आप 1000 रूपये महीने की SIP और 5000 रूपये Lump Sum अमाउंट के साथ इन्वेस्ट कर सकते है।

यह जानकारी भी जरूर पढ़ें

म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कैसे करें

अगर आप एक शुरूआती इन्वेस्टर्स है, तो आपको म्यूच्यूअल फण्ड क्या होता है? यह जानने के अलावा यह भी जानना जरुरी है, म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट कैसे करें (Mutual Fund Mein Paise Invest Kaise Karen) आज के समय में म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करना बहुत आसान है।

अगर हम पहले समय की बात करें, तो उस समय पर इन्वेस्टमेंट करने के लिए हमें सारा प्रोसेस ऑफलाइन करना होता था। लेकिन आज के समय में बहुत सारी ऐसी App है, जो की आपको म्यूच्यूअल फण्ड और स्टॉक में इन्वेस्ट करने का विकल्प प्रदान करती है। आइये जानते है, Mutual Fund Mein Paise Invest Kaise Karen –

आपको किसी भी फण्ड में निवेश करने से पहले अपना एक गोल बनाना चाहिए। आप किस लिए इन्वेस्ट कर रहे है, और कितने साल के लिए निवेश कर रहे है। आपको म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करने के लिए SIP का चुनाव करना चाहिए। ऐसे बहुत सारे म्यूच्यूअल फण्ड है, जिनमे आप 500 रूपये की SIP से शुरुआत कर सकते है। हालाकिं अगर आप चाहे तो Lump Sum अमाउंट भी इन्वेस्ट कर सकते है।

आपको इन्वेस्ट करने से पहले एक प्रोटफोलिओ बनाना चाहिए, इसके लिए इंटरनेट पर सीधा सर्च कर सकते है, म्यूचुअल फण्ड पोर्टफोलियो कैसे बनाएं? आपको बहुत सारे लेख और वीडियो मिल जाएंगी जहाँ से आप अपना प्रोटफोलिओ बनाना सीख सकते है। जब आप म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करते है, तो बहुत बार मार्किट के उतार चढ़ाव की वजह से आपके पोर्टफोलियो पर भी पड़ता है। लेकिन लॉन्ग टर्म में इन्वेस्टर्स को कम्पाउंडिंग का अच्छा फायदा होता है।

आप किसी भी म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करने के लिए अपना गोल बना सकते है, जैसे बच्चो की पढ़ाई, रिटायरमेंट, एक नया घर, या शादी आदि के लिए अपना गोल बनाकर उसमे उसी हिसाब से SIP शुरू कर सकते है। आप Groww App की मदद से आसानी के साथ म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट कर सकते है। शुरूआती इन्वेस्टर्स को हमेशा लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्ट करना चाहिए। इसके लिए आप ब्लू चिप कंपनी या लार्ज कैप फंड्स में इन्वेस्ट कर सकते है।

आपको किसी भी म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करने से पहले एक बार यह जरूर देख लेना चाहिए, की उस म्यूच्यूअल फण्ड ने पिछले एक साल, तीन साल और 5 साल में कितना रिटर्न दिया है। और उसका पैसा किन किन क्षेत्रों में इन्वेस्ट है। इसके बाद ही आपको उसमे इन्वेस्ट करना चाहिए।

भारत में म्यूचुअल फंड का इतिहास

भारत में म्युचुअल फंड की शुरुआत सन 1963 में होती थी, जब भारत सरकार ने यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) लॉन्च किया था। यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) आज भी भारत की एक Leading Mutual Fund Company है। इसे एक खास कानून, यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया एक्ट, 1963 के द्वारा मैनेज किया जाता है।

म्यूच्यूअल फण्ड को सन 1987 में सरकारी बैंकों और बिमा कंपनियों के लिए खोला गया था। इस समय तक म्यूच्यूअल फण्ड से 6 सरकारी बैंक जुड़ चुके थे, तथा इसमें दो बिमा कम्पनी भी शामिल थी, जिसमे एलआईसी (LIC) और जीआईसी (GIC) जिन्होंने अपने म्यूच्यूअल फण्ड शुरू किये।

Securities and Exchange Board of India (SEBI) ने म्यूच्यूअल फण्ड रेगुलेशन 1993 के तहत भारत में पहली बार म्यूच्यूअल फण्ड बिज़नेस के लये एक Comprehensive Regulatory Framework तैयार किया। हालाकिं इस समय तक बहुत सारे सरकारी और निजी म्यूच्यूअल फण्ड की स्थापना हो चुकी थी।

आज के समय में दुनिया के सभी विकसित देशो की तरह भारत में भी म्यूच्यूअल फण्ड निवेश में तेजी आयी है। इसका मुख्य कारण है, म्यूच्यूअल फण्ड इन्वेस्टर्स को शायर मार्किट में आसानी से इन्वेस्ट करने का विकल्प प्रदान करता है, इसके अलावा यहाँ पर सामान्य इन्वेस्टर्स को भी Diversification और Money Management का फायदा आसानी से मिल जाता है।

हालाकिं पहले समय में यह सारी सुविधाएँ सिर्फ उन्ही लोगो को मिल पाती थी, जिनके पास अधिक पैसा होता था। जिसकी वजह से एक सामान्य व्यक्ति म्यूच्यूअल फण्ड में पैसा नहीं लगा पाता था। लेकिन आज के डिजिटल ज़माने में कोई भी व्यक्ति आसानी के साथ म्यूच्यूअल फण्ड और स्टॉक में इन्वेस्ट कर सकता है।

म्यूच्यूअल फण्ड के फायदे और नुक्सान

जिस चीज के फायदे होते है, उसके कुछ ना कुछ नुक्सान भी जरूर होते है। इसी तरह से जो लोग म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करना चाहते है। उनके मन में भी एक सवाल जरूर होता है, म्यूच्यूअल फण्ड के फायदे और नुक्सान क्या है (Advantages and Disadvantages of Mutual Funds) आइये सबसे पहले हम म्यूच्यूअल फण्ड के फायदे के बारे में जानते है –

म्यूच्यूअल फण्ड के फायदे

1. काम पैसे में इन्वेस्टमेंट का विकल्प

म्यूच्यूअल फण्ड में आप कम पैसे के साथ भी इन्वेस्ट कर सकते है। यहाँ पर आपको बहुत सारे ऐसे अच्छे म्यूच्यूअल फण्ड मिल जाते है, जो आपको महीने की 500 रूपये से लेकर 1000 रूपये तक की SIP का विकल्प प्रदान करते है। अगर आप Lump Sum अमाउंट इन्वेस्ट करना चाहते है, तो आपको 1000 रूपये कम से कम इन्वेस्ट कर सकते है। साथ ही आपको यहाँ पर इन्वेस्ट करने के लिए इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है। आप यहाँ पर अपनी मर्जी से SIP को घटा या बढ़ा भी सकते है।

2. मैनेजमेंट सुविधा

आपने Mutual Fund में इन्वेस्ट करते समय एक शब्द जरूर सुना होगा Expense Ratio जो की आपकी पूंजी में से ही काटा जाता है। इस पैसे को फण्ड मैनेजर को दिया जाता है। जो की आपके प्रोटफोलिओ को मैनेज करता है। यह फण्ड मैनेजर आपको अपने अनुभव से अधिक रिटर्न दिलाने में मदद करता है। हालाकिं Expense Ratio बहुत कम होता है, ऐसा इसलिए क्योकिं जितने भी लोग म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करते है, यह सभी लोगो में विभाजित होता है।

3. पॉवर ऑफ़ कम्पाउंडिंग के साथ हाई रिटर्न

म्यूच्यूअल फण्ड में अगर आप इन्वेस्ट करते है, तो यहाँ पर अन्य इन्वेस्टमेंट स्कीम की अपेक्षा ज्यादा रिटर्न मिलता है। यहाँ पर आपको पॉवर ऑफ़ कम्पाउंडिंग देखने के लिए मिलती है। आप जितने लम्बे समय तक इन्वेस्टमेंट को होल्ड करेंगे, आपका रिटर्न उतनी तेजी से बढ़ेगा। SIP में आप बहुत अधिक पॉवर ऑफ़ कम्पाउंडिंग देख सकते है।

4. लक्ष्य प्राप्त करने में सहायक

म्यूच्यूअल फण्ड आपको आपके गोल को प्राप्त करने में भी बहुत सहायक होते है। उदहारण के लिए अगर आपको एक नया घर खरीदना है, तो आप उस घर की कीमत के अनुसार महीने की SIP और रिटर्न का अनुमान लगाकर इन्वेस्ट करना शुरू कर सकते है।

5. इन्वेस्ट करना आसान

म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करना भी बहुत ही आसान है। आप खुद से इसे आसानी के साथ KYC पूरी करके इन्वेस्टमेंट करना शुरू कर सकते है। म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करने के लिए सबसे पॉपुलर एप्लीकेशन Groww App है। जिसकी मदद से आप आसानी के साथ इन्वेस्मेंट करना शुरू कर सकते है। इसके साथ ही आप अपने इन्वेस्मेंट को Live ट्रैक भी कर सकते है। जिसमे आपको रिटर्न और भी लाइव दिखाया जाता है।

6. सुरक्षित इन्वेस्मेंट

म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करना पूरी तरह से सुरक्षित है। म्यूच्यूअल फण्ड को रेगुलेट करने वाली संस्था SEBI है। जिस तरह से सभी बैंको को RBI रेगुलेट करता है, उसी तरह से सभी म्यूच्यूअल फण्ड को SEBI रेगुलेट करता है।

7. आसानी से पैसा निकाल सकते है

म्यूच्यूअल फण्ड से पैसा निकलना भी बहुत आसान है। इसके अलावा इसका सबसे बड़ा फायदा यह भी है, की अगर आपको बिच में कभी भी पैसो की आवश्यकता होती है, तो आप निकाल सकते है।

म्यूचुअल फंड के नुकसान

जैसा की आपको ऊपर बताया गया है, जिस चीज के कुछ फायदे होते है। उसके कुछ ना कुछ नुक्सान भी होते है। उसी तरह से म्यूच्यूअल फण्ड के भी उच्च नुक्सान है। आइये जानते है, म्यूच्यूअल फण्ड के नुक्सान क्या है –

1. निश्चित रिटर्न ना मिलना

मार्किट में बहुत सारी ऐसी इन्वेस्टमेंट स्कीम है, जो आपको एक निश्चित रिटर्न ऑफर करती है। लेकिन म्यूच्यूअल फण्ड में ऐसा नहीं है, यह स्टॉक मार्किट से जुड़ा हुआ है। यहाँ पर हमेशा उतार-चढ़ाव लगा रहता है, जिसकी वजह से रिटर्न में भी उतार-चढ़ाव होता है। लेकिन अगर आप धैर्य के साथ लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्टमेंट करते है, तो आपको निश्चित रूप से बड़ा फायदा होता है।

2. स्टॉक मार्केट से कम रिटर्न मिलना

म्यूच्यूअल फण्ड में स्टॉक मार्किट की अपेक्षा अधिक रिटर्न मिलता है। लेकिन स्टॉक मार्किट में इन्वेस्ट करने के लिए आपको अच्छी जानकारी होना बहुत आवश्यक है। अगर आप बिना किसी नॉलेज के Stock Market में इन्वेस्ट करते है, तो आपका पैसा डूब भी सकता है। अगर आपको स्टॉक मार्किट की जानकारी नहीं है, तो आपको ऐसे में म्यूच्यूअल फण्ड में ही इन्वेस्ट करना चाहिए।

3. Expense Ratio

म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करते समय आपके इन्वेस्टमेंट में से प्रतिशत Expense Ratio के रूप में फण्ड हाउस के लिए भी काटा जाता है। हालाकिं शुरुआत में यह बहुत थोड़ा लगता है, लेकिन अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्ट करते है, तो यह अधिक हो जाता है। जब भी आप म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करें, तो पहले उसका Expense Ratio जरूर चेक करें। इसके अलावा अगर आप अपना इन्वेस्मेंट एक साल के अंदर अंदर रीडीम करते है, तो आपको 1% Exist Load भी देना पड़ता है।

4. Lock-in-Period

हालाकिं म्यूच्यूअल फण्ड में ज्यादातर Lock-in-Period नहीं होता है। लेकिन अगर कोई ऐसी स्कीम है, जहाँ पर आप इन्वेस्ट करना चाहते है, तो पहले उसका Lock-in-Period चेक करें, और देखे की आपको उसके Lock-in-Period के बिच में रीडीम करने की आवश्यकता तो नहीं पड़ेगी।

5. रिटर्न पर टैक्स

जब आप म्यूच्यूअल फण्ड में लॉन्ग टर्म्स के लिए इन्वेस्ट करते है, तो आपके रिटर्न पर टैक्स लगता है। जिसकी वजह से आपका कुछ प्रतिशत मुनाफा कम हो जाता है। मुझे उम्मीद है, की आपको म्यूच्यूअल फण्ड के नुक्सान समझ में आ गए होंगे। हालाकिं यह एक तरह से म्यूच्यूअल फण्ड की टर्म्स एंड कंडीशन है। जिन्हे हमने नुक्सान के रूप में देखा है।

म्यूच्यूअल फण्ड के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –

म्यूच्यूअल फण्ड में कितना रिटर्न मिलता है?

अगर आप लॉन्ग टर्म्स के लिए म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करते है, तो बहुत सारे ऐसे फण्ड है, जो की आपको 12% तक का सालाना रिटर्न प्रदान करते है। आप अपनी SIP को कैलकुलेट करने के लिए Grow App के SIP कैलकुलेटर की मदद भी ले सकते है। जहाँ पर आप अपनी महीने की SIP डालकर उसमे 12% का रिटर्न और समय अवधि डालकर चेक कर सकते है। हालाकिं कई Very High Risk वाले फण्ड ऐसे भी है, जो लगभग 40 प्रतिशत तक का रिटर्न भी प्रदान करवाते है।

म्यूचुअल फंड में कितने साल में पैसा डबल हो जाता है?

बहुत सारे ऐसे म्यूच्यूअल फण्ड है, जो की 4 से 5 साल में ही आपका पैसा डबल कर देता है। लेकिन इसके लिए आपको रिस्क लेना होगा। अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड से पैसा डबल करना चाहते है, तो आपको Very High Risk Mutual Fund में अपने पैसे को इन्वेस्ट करना चाहिए।

म्यूचुअल फंड क्या है इसके बारे में बताएं?

अगर हम आसान भाषा में म्यूच्यूअल फण्ड क्या है? इसके बारे में समझे तो आपको बता दें, म्यूच्यूअल फण्ड के अंतर्गत बहुत सारे लोगो का एक फण्ड होता है। इस फण्ड को मैनेज करने के लिए एक फण्ड मैनेजर भी होता है। जो की थोड़ा थोड़ा करके अलग अलग क्षेत्रों में पैसे को इन्वेस्ट करता है। यह पैसा शेयर मार्किट, गोल्ड मार्किट, और कई तरह की मार्किट में लगा होता है।

कौन सा म्यूच्यूअल फण्ड सही है?

यह कहना मुश्किल है, कौन सा म्यूच्यूअल फण्ड सही है? अगर आप हाई रिटर्न की सोच रखकर म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कर रहे है, तो आपके लिए High Risk वाले फण्ड सही है। वही अगर आप अपने पैसे को बिलकुल सुरक्षित रखकर रिटर्न लेना चाहते है, तो आपको अपने पैसे को Low Risk वाले फण्ड में इन्वेस्ट करना चाहिए। यह आपके ऊपर निर्भर करता है, की आप किस तरह से रिटर्न चाहते है। आप अपनी जरुरत के अनुसार अपनी पसंद का म्यूच्यूअल फण्ड चुन सकते है।

Disclaimer : म्युचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं, योजना से संबंधित सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें। ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव सहित प्रतिभूति बाजार को प्रभावित करने वाले कारकों और शक्तियों के आधार पर योजनाओं के एनएवी ऊपर या नीचे जा सकते हैं। म्युचुअल फंड का पिछला प्रदर्शन आवश्यक रूप से योजनाओं के भविष्य के प्रदर्शन का संकेत नहीं है।

 

म्युचुअल फंड किसी भी योजना के तहत किसी भी लाभांश की गारंटी या आश्वासन नहीं दे रहा है और यह वितरण योग्य अधिशेष की उपलब्धता और पर्याप्तता के अधीन है। निवेशकों से अनुरोध है कि वे प्रॉस्पेक्टस की सावधानीपूर्वक समीक्षा करें और योजना में निवेश/भागीदारी के विशिष्ट कानूनी, कर और वित्तीय प्रभावों के संबंध में विशेषज्ञ पेशेवर सलाह प्राप्त करें।

Note : यह लेख म्यूच्यूअल फण्ड क्या होता है? इसके बारे में था। जिसमे आपको म्यूच्यूअल फण्ड क्या है इन्वेस्ट कैसे करें? और इससे जुड़ी और भी बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में बताया गया है। अगर आपका Mutual Fund Ke Bare Mein बताई गयी इस जानकारी से सम्बंधित कोई भी सवाल है, तो आप हमें कमेंट करके बता सकते है। अगर आपको यह लेख पसंद आया, तो कृपया इस लेख को अपने सभी दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, धन्यवाद।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here