Cloud Computing क्या है | What is Cloud Computing in Hindi

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Cloud Computing Kya Hai

Cloud Computing क्या है? (Cloud Computing in Hindi) आज हम इस लेख में क्लाउड कंप्यूटिंग क्या होता है? इसके बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में जानेगे। जैसे जैसे समय बदल रहा है, उसी तरह से दुनिया में कई टेक्नोलॉजी भी बदल रही है। पहले लोग एक दूसरे तक अपना सन्देश पहुंचाने के लिए पत्र का उपयोग करते थे, इसके बाद फ़ोन आया और आज लोग वीडियो कॉल पर एक दूसरे से बात कर लेते है।

इसी तरह से कई टेक्नोलॉजी के बाद Cloud Computing Technology का भी निर्माण हुआ है। जो की आज के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग मुख्यतौर पर Information को स्टोर करने के लिए किया जाता है। हालाकिं हम डाटा को स्टोर करने के लिए कंप्यूटर और हार्ड ड्राइव का भी उपोग कर सकते है। लेकिन हम हार्ड ड्राइव और कंप्यूटर में स्टोर किये गए डाटा कोई किसी भी स्थान से मैनेज नहीं कर सकते है।

आज के समय में हम जितनी भी एप्लीकेशन का उपयोग कर रहे है, उसमे कही ना कही क्लाउड कंप्यूटिंग का ही उपयोग किया गया है। इस लेख में हमारे लिए Benefits of Cloud Computing और Types of Cloud Computing के बारे में जानने से पहले, यह जानना बहुत जरुरी है, क्लाउड कंप्यूटिंग क्या है? आइये जानते है, इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां –

Table of Contents

Cloud Computing क्या है | What is Cloud Computing in Hindi

Cloud Computing एक प्रकार की Technology है, इसके अंतर्गत इंटरनेट का उपयोग करके विभिन्न तरह की सर्विस प्रदान करायी जाती है। यह सर्विस ऑनलाइन डाटा या स्टोरेज जुड़ी कुछ भी हो सकती है। अगर आप किसी सॉफ्टवेयर का का उपयोग कर रहे है, तो यह भी क्लाउड स्टोरेज पर आधारित है।

इसके अलावा किसी भी सर्वर पर आपको दी गयी स्टोरेज भी क्लाउड कंप्यूटिंग के अंतर्गत ही आती है। अगर हम क्लाउड कंप्यूटिंग को आसान भाषा में समझे तो, क्लाउड कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी एक इंटरनेट सर्वर होता है, जिसे क्लाउड कहा जाता है। यहाँ पर स्टोरेज सर्विस प्रदान की जाती है।

Cloud से यूजर स्टोरेज खरीदकर वहां पर अपना डाटा अपलोड कर सकता है, यह डाटा कुछ भी हो सकता है, इसके बाद इस डाटा को यूजर दुनिया के किसी भी हिस्से में एक्सेस कर सकता है। आइये Cloud Computing को और आसानी से समझने के लिए इसके कुछ उदहारण भी जानते है।

क्लाउड कंप्यूटिंग के उदाहरण (Cloud Computing Examples)

वर्तमान समय में पूरी दुनिया में Cloud Computing Technology के बहुत से उदहारण है, लेकिन यहाँ पर हम क्लाउड कंप्यूटिंग के कुछ ही उदहारण के बारे में जानेगे –

YouTube : यूट्यूब दुनिया का सबसे पॉपुलर वीडियो शेयरिंग प्लॅटफॉम है। जिसे आज के समय में सभी लोग जानते है, यहाँ पर प्रतिदिन लाखो से ज्यादा वीडियो अपलोड किये जाते है। इस डाटा को स्टोरेज करने के लिए यूट्यूब क्लाउड कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है।

Messenger Application : Messenger Application के अंतर्गत सभी ऐसी App आती है, जिनके द्वारा हम ऑनलाइन चैट करते है। यह Application हमारे द्वारा सेंड किये गए सन्देश को क्लाउड स्पेस में स्टोर करके सामने वाले को भेजती है। जिसे हम कभी भी और किसी भी जगह से एक्सेस कर सकते है।

Facebook : फेसबुक एक Messenger App है, इसके अलावा फेसबुक के ऊपर वीडियो, फोटो, और शार्ट वीडियो आदि को भी अपलोड किया जाता है। अगर हम अपने फेसबुक अकाउंट में किसी भी वीडियो या फोटो को अपलोड करते है, तो उसे हम दुनिया के किसी भी हिस्से में अपने फेसबुक अकाउंट को लॉगिन करके एक्सेस कर सकते है। यह सारा डाटा Cloud Storage पर होता है, जिसे हम आसानी से एक्सेस कर लेते है।

Emails : Email Service कई कंपनियां प्रदान करवाती है, जिनमे Gmail, Rediff, Yahoo और Microsoft आदि शामिल है। यह कंपनियां अपनी ईमेल सर्विस के डाटा को स्टोरेज करने के लिए क्लाउड का उपयोग करती है। जिसमे Dropbox Media Fire और मेगा आदि कंपनियां भी शामिल है।

Website : आज हम इंटरनेट पर बहुत बड़ी बड़ी वेबसाइट और पोर्टल देखते है, जहाँ पर हमें बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारियां पढ़ने के लिए मिलती है, आपको बता दें, इन सभी वेबसाइट को इंटरनेट पर एक सर्वर लेकर उस पर अपलोड किया जाता है, जिसे हम Hosting कहते है। होस्टिंग प्रदान करने वाली सभी कंपनियां Cloud Computing का उपयोग करती है। यह कुछ Cloud Computing के उदहारण थे, जिनकी मदद से आपको आसानी से समझ में आ गया होगा, क्लाउड कंप्यूटिंग क्या होता है।

Cloud Computing कैसे काम करता है (How Cloud Computing Works)

क्लाउड कंप्यूटिंग के माध्यम से जुड़ी सभी Devices और Computers के बिच Seamless Connectivity को जोड़ने के लिए यहाँ पर एक विशेष प्रकार के सॉफ्टवेयर मिडलवेयर का उपयोग किया जाता है। यह मुख्य रूप से Dual Layers Technology पर कार्य करता है। जहाँ पर सर्वर को मैनेज करने के लिए एक अलग लेयर होती है, जिसे Back End लेयर कहते है,

और वही दूसरी लेयर जो की Client के लिए होती है, जिसे Fornt End लेयर कहते है। इन दोनों लेयर से मिलकर Cloud Couputing Server तैयार होता है। Cloud Computing Service Provider डाटा सुरक्षा और मैलवेयर आदि जैसी समस्याओं को कम करने के लिए बहुत सी एडवांस तकनीकियों का भी उपयोग करते है।

क्लाउड कंप्यूटिंग के उपयोग (Uses of Cloud Computing)

क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग आज के समय में ज्यादातर लोग कर रहे है। बढ़ते इंटरनेट के विस्तार की वजह से सभी चीजे ऑनलाइन हो चुकी है। यहाँ पर हम Cloud Computing Uses के बारे में जानेगे, क्लाउड कंप्यूटिंग का Use हम Daily Life में भी कही ना कही जरूर करते है, हालाकिं कुछ लोगो को इसके बारे में नहीं पता है। तो आपको यहाँ पर बताये गए उपयोग के बाद आसानी से पता चल जाएगा, की आप किस समय क्लाउड से जोड़े होते है। आइये जानते है, क्लाउड कंप्यूटिंग के उपयोग –

1. फाइल स्टोरेज

आप अपने डाटा को स्टोर और एक्सेस करने के लिए अपने कंप्यूटर पर हार्ड ड्राइव का भी उपयोग कर सकते है, इसके अलावा डाटा ट्रांसफर, और डाटा बैकअप के लिए भी हम कई तरह की बाहरी हार्ड ड्राइव जैसे USB Drive और नेटवर्क फाइल शेयर का उपयोग करते है। वास्तव में इतने सारे स्टोरेज विकल्प होने के बाद भी क्या क्लाउड स्टोरेज हमारे लिए उपयोगी है।

क्लाउड स्टोरेज इसलिए अधिक लोक्रपिय है, क्योकिं यहाँ पर फाइल को आसानी से एक्सेस करके इन्हे एडिट किया जा सकता है। आपको क्लाउड में स्टोर फाइल को एक्सेस करने के लिए एक इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होती है, और आप किसी भी जगह से अपनी डिवाइस के माध्यम से अपनी फाइल को एक्सेस कर सकते है।

क्लाउड कंप्यूटिंग स्टोरेज ब्लॉक, फाइल और ऑब्जेक्ट स्टोरेज सही बैकअप और कई अलग अलग मामले में भी फिट होते है। आप फाइल स्टोरेज के लिए ड्रॉपबॉक्स, वनड्राइव, गूगल ड्राइव, और अमेज़ॅन S3 आदि क्लाउड कंप्यूटिंग सर्विस का उपयोग कर सकते है। यह आपके डाटा को बिलकुल सुरक्षति रखते है। आप अपने डाटा के अनुसार स्टोरेज बढ़ा भी सकते है।

2. सोशल नेटवर्किंग

क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग शायद ज्यादातर सोशल नेटवर्किंग एप्लीकेशन के द्वारा ही किया जाता है। क्लाउड कंप्यूटिंग के सबसे बड़े उदहारण फेसबुक, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, और ट्विटर है। सोशल नेटवर्किंग की मदद से आप अपने किसी भी जानने वाले को कोई भी ऑडियो, वीडियो और डॉक्यूमेंट फाइल भेज सकते है। इसके अलावा आप यहाँ पर सन्देश भी भेज सकते है। सोशल नेटवर्किंग की मदद से सभी लोग कही ना कही क्लाउड कंप्यूटिंग से जुड़े हुए है।

3. सॉफ्टवेयर टेस्टिंग और डेवलेपमेंट

अगर आप पहले की बात करें, तो पहले किसी भी एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर बनाने के लिए बहुत समय लगता था, क्योकिं सॉफ्टवेयर बनाने के बाद उसे टेस्ट करना और उसकी निरंतर ट्रेनिंग की आवश्यकता भी होती थी। यह प्रक्रियार लम्बी और महंगी होती थी। लेकिन क्लाउड कंप्यूटिंग सर्विस प्रोवाइडर Continuous Integration और Continuous Delivery के लिए बहुत से Tool प्रदान करता है,

जो की सॉफ्टवेयर के Development and Testing के कार्य को तेज गति से करने में सहायक होते है, जिनकी मदद से कार्य बहुत जल्दी हो जाता है, और आपके पैसे भी कम लगते है। आप सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन बनाने के लिए AWS के डेवलपर टूल के बारे में भी देख सकते है।

4. बिग डेटा एनालिटिक्स

Big Data Analytics में क्लाउड कंप्यूटिंग का बहुत बड़ा योगदान है। अगर आप अपने बिज़नेस के लिए Data इक्कठा नहीं कर रहे है, तो आपके बिज़नेस को इससे बहुत बड़ा नुक्सान होने वाला है। यह डाटा आपके लिए कुछ भी हो सकता है, जैसे फ़ोन नंबर, ईमेल आईडी, बिक्री परफॉरमेंस और भी बहुत कुछ।

सभी तरह की छोटी बड़ी कंपनियां अपने बिज़नेस को बेहतर बनाने के लिए डाटा इकठ्ठा करती है। हालाकिं बड़ा डाटा इकठ्ठा करना और फिर उसका Analysis करना आसान कार्य नहीं है। यह बड़े Computing Resources के उपयोग की मांग करता है, जिन्हे लिए आपको भारी कीमत देनी होती है।

लेकिन अगर आप क्लाउड कंप्यूटिंग के लिए Necessary Resources खरीदना चाहते है, तो आपका बजट कम हो जाता है। क्लाउड कंप्यूटिंग का मुख्य लाभ है, यह है, की यह भुगतान के रूप में Pricing Strategy के साथ में आता है। इसका मतलब होता है, आपको Idle Time के लिए किसी भी तरह का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होती है।

जिसकी वजह से आपके बिज़नेस को बचत हो जाती है। आप सिर्फ Resources का उपयोग करते है, और उनके लिए भुगतान करते है। जब भी आपको किसी Resources की आवश्यकता होती है। वास्तव में Cloud Computing Big Data Analytics को सस्ता और उपयोगी बनता है।

5. डेटा बैकअप और आर्चिविंग

आज के समय में सभी कंपनियों का डाटा कही ना कही ऑनलाइन स्टोर होता है, लेकिन अगर आपके सर्विस प्रोवाइडर की सुरक्षा सही नहीं है, तो ऐसे में आपका डाटा चोरी हो सकता है। अगर आप Cloud Based Backup और Storage का उपयोग करते है, तो आप इन सभी समस्याओं से बच सकते है।

Cloud Backup को शुरू करना आसान होता है, आप जिस कम्पनी से क्लाउड स्टोरेज खरीदते है, आप उनसे संपर्क करके बैकअप इनेबल करवा सकते है, हालाकिं ज्यादातर आपको यह आटोमेटिक इनेबल मिलता है। आप अपनी सभी Sensitive Files को Cloud-based Storage System में Backup कर सकते है। अगर आपके लाइव डेटा को किसी भी तरह की कोई समस्यां आती है, तो आपके पास आपके डेटा का बैकअप होता है।

कुछ क्लाउड कंप्यूटिंग सर्विस प्रोवाइडर आपको बैकअप बैकअप शेड्यूल की सुविधा भी प्रदान करती है। इसके अलावा आप अपने क्लाउड बैकअप को Encrypt भी कर सकते है, जिसके बाद आपके डाटा को किसी भी हैकर्स के लिए एक्सेस कर पाना असंभव हो जाएगा। क्लाउड स्टोरेज के साथ आप उतनी स्टोरेज खरीद सकते है, जितनी आपको जरुरत होती है, और आपको भुगतान भी उसी स्टोरेज का करना होगा, जितनी स्टोरेज आप वास्तव में उपयोग कर रहे होंगे।

6. कम्युनिकेशन

क्लाउड कंप्यूटिंग लोगो को कम्युनिकेशन के लिए भी Cloud-based Communication Tools प्रदान करता है, जिसमे कैलेंडर और ईमेल मुख्य है। इसके अलावा व्हाट्सप्प, फेसबुक, और स्काइप जैसे मैसेजिंग और कालिंग एप्लीकेशन भी शामिल है। यह सभी क्लाउड कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर बने हुए है।

आप जो भी सन्देश किसी को भेजते है, या फिर प्राप्त करते है, वह सभी सन्देश क्लाउड सर्विस में स्टोर होते है, ना की आपकी डिवाइस में। अगर आप उस App को किसी अन्य डिवाइस में ओपन करते है, तो वहां पर भी आप पुरे डेटा को एक्सेस कर सकते है। ऐसा इसलिए क्योकिं आपके सारे सन्देश क्लाउड में स्टोर होते है।

7. वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म

एक सवाल बहुत बार पूछा जाता है, (Use of Cloud Computing in Daily Life) हमे दैनिक जीवन में क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग किस प्रकार है। आपको बता दें, की हमारे दैनिक जीवन में क्लाउड का सबसे ज्यादा उपयोग दो तरह से होता है, चैटबॉट, के रूप में और वीडियो स्ट्रीमिंग के रूप में।

जब हम लाइव इवेंट देखने के लिए ऑन-डिमांड स्ट्रीमिंग सर्विस का उपयोग करते है, तो उस समय हम क्लाउड कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी से जुड़े होते है। जिसकी वजह से यूजर सस्ती सर्विस से जुड़े होते है, भले ही सर्विस प्रोवाइडर अपनी Procedures के दौरान महंगे सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर का उपयोग करते है।

Cloud computing के प्रकार | Types of Cloud Computing in Hindi

Types of Cloud Computing in Hindi

क्लाउड कंप्यूटिंग सिस्टम को कार्य के अनुसार अलग अलग तरह से डिज़ाइन किया गया है। जिसके अनुसार यह कई प्रकार के होते है। आइये जानते है, Types of Cloud Computing in Hindi –

1. Public Cloud Computing

Public Cloud Computing जैसा की इसके नाम से ही पता चलता है, यह सभी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध है। इस सर्विस को सर्विस प्रोवाइडर द्वारा मैनेज किया जाता है। इसे उपयोग करने के लिए यूजर को बहुत कम भुगतान करना होता है, कई बार कुछ कंपनिया इसे फ्री में भी उपयोग करने के लिए देती है। Public Cloud Computing के मुख्य उदहारण AWS और Microsoft azure है।

2. Private Cloud Computing

Private Cloud Computing के नाम से भी बिलकुल स्पष्ट होता है, इसके द्वारा प्रदान कराई जाने वाली सभी सर्विस एक प्राइवेट क्लाउड नेटवर्क पर स्टोर होती है। इसमें यूजर अपने क्लाउड स्टोरेज कोई किसी भी अन्य व्यक्ति के साथ शेयर नहीं कर सकता है। यहाँ पर आपको अच्छी सुरक्षा के साथ कम भुगतान में स्टोरेज मिल जाती है। Google Drive इसका एक अच्छा उदहारण है, जहाँ पर आपको फ्री में भी अच्छी स्टोरेज मिल जाती है, बाद में आप चाहे तो अपनी जरुरत के अनुसार भुगतान करके स्टोरेज को बढ़ा सकते है। यह पूरी तरह से प्राइवेट होती है।

3. Community Cloud Computing

Community Cloud Computing को एक ग्रुप के लिए तैयार किया जाता है। इसमें सिर्फ वही लोग जुड़े होते है, जिन्हे इस Community Cloud Computing में Add किया जाता है। उदहारण के लिए कई बड़े ऑफिस में ऐसे क्लाउड कंप्यूटिंग नेटवर्क बनाये जाते है, जिसमे पूरा ऑफिस जुड़ा हुआ होता है, इसमें किसी भी बाहरी व्यक्ति को नहीं जोड़ा जा सकता है। इस तरह के क्लाउड कंप्यूटिंग नेटवर्क को Community Cloud Computing नेटवर्क कहते है।

4. Hybrid Cloud Computing

Hybrid Cloud Computing कंप्यूटिंग के अन्य दो नेटवर्क Public Cloud और Private Cloud से मिलकर बना होता है। इसका उपयोग बड़ी कंपनियां करती है, जहाँ पर किसी भी वेबसाइट या पोर्टल की जानकारी रजिस्टर हुए लोगो के लिए होती है, जो लॉगिन करके वेबसाइट से Information निकाल सकते है, और कुछ जानकारी सार्वजानिक रूप से वेबसाइट पर होती है, जिसे कोई भी पढ़ सकता है।

क्लाउड कंप्यूटिंग के प्रकार सर्विस के आधार पर (Types of Cloud Computing Services)

ऊपर हमने Different Types of Cloud Computing के बारे में जाना है। आइये अब जानते है, क्लाउड कंप्यूटिंग के प्रकार सर्विस के आधार पर –

1. Iaas (Infrastructure as a service)

Iaas क्लाउड सर्विस का उपयोग मुख्य रूप से बिज़नेस के लिए किया जाता है। इसमें क्लाउड कंप्यूटिंग को मैनेज करने की सारी पावर यूजर के पास होती है, जैसे सॉफ्टवेयर, स्टोरेज, और नेटवर्क आदि। इसका मुख्य उदहारण VPS (Virtual Private Server) जिसमे आपको नेटवर्क और सॉफ्टवेयर के अलावा Cloud Computing पावर भी मिलती है।

2. Paas (Platform as a service)

Paas(Platform as a service) क्लाउड सर्विस में यूजर के हाथो में पूरा कण्ट्रोल नहीं होता है। इस सर्विसेज में यूजर के कण्ट्रोल में सिर्फ स्टोरेज को कण्ट्रोल करने की पावर होती है, बाकि सारा कण्ट्रोल क्लाउड सर्विस प्रोवाइड के पास होता है। इसका मुख्य उदहारण जीमेल है।

3. Saas (Software as a service)

Saas (Software as a service) का उपयोग मुख्य रूप से छोटे बिज़नेस के लिए किया जाता है। यहाँ पर यूजर को एक रिमोट सर्वर पर होस्टेड एक सॉफ्टवेयर मिलता है। जिसका उपयोग यूजर अपने किसी भी निश्चित कार्य के लिए कर सकता है। Shopify, Google Applications (G Suite), Netflix, Zoom इसके उदहारण है।

क्लाउड कंप्यूटिंग के फायदे (Benefits of Cloud Computing in Hindi)

अभी तक हमने क्लाउड कंप्यूटिंग क्या है? इसके बारे में बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में जाना है। अब हम जानेगे Cloud Computing Pros and Cons क्लाउड कंप्यूटिंग के फायदे और नुक्सान। जिस चीज के फायदे होते है, उसके कुछ ना कुछ नुक्सान भी जरूर होते है। आइये सबसे पहले क्लाउड कंप्यूटिंग के फायदे क्या है इसके बारे में जानते है –

  • क्लाउड यूजर को अनलिमिटेड स्टोरेज की सर्विस प्रदान करता है। जिसकी मदद से यूजर के लिए इसका उपयोग करना आसान हो जाता है।
  • क्लाउड में यूजर अपने सभी डॉक्युमेंट्स वीडियो, फोटो, ऑडियो, फाइल आदि को क्लाउड में स्टोर कर सकता है, आवश्यकता पड़ने पर वहां से डाउनलोड भी कर सकता है।
  • अगर आपको कभी भी स्टोरेज की कमी दिखाई देती है, तो आप बहुत कम शुल्क में क्लाउड की स्टोरेज को बढ़ा सकते है।
  • आप अपने डाटा को क्लाउड में स्टोर करने के बाद आसान से पुरे डेटा का बैकअप ले सकते है, और जब चाहे इसे रिस्टोर भी कर सकते है।
  • क्लाउड को यूजर अपने स्मार्टफोन की मदद से भी एक्सेस कर सकता है।
  • आपको अपने डेटा को प्राप्त या एक्सेस करने के लिए अपने साथ किसी भी तरह की हार्ड ड्राइव रखने की आवश्यकता नहीं है, आप सिर्फ इंटरनेट की मदद से दुनिया के किसी भी हिस्से में क्लाउड में स्टोर डाटा को एक्सेस कर सकते है।
  • क्लाउड कंप्यूटिंग को मैन्टन करने में अधिक लगात नहीं लगती है।
  • क्लाउड पर आपका डेटा पूरी तरह से सुरक्षति होता है, क्लाउड कंप्यूटिंग आपके डेटा की सुरक्षा के लिए कई एडवांस सर्विस प्रदान करता है।

क्लाउड कंप्यूटिंग के नुकसान (Disadvantages of Cloud Computing in Hindi)

अभी तक हमने क्लाउड कंप्यूटिंग के फायदे के बारे में जाना है। लेकिन आपको बता दें, की इसके कुछ छोटे छोटे नुक्सान भी होते है। आइये जानते है, Disadvantages of Cloud Computing के बारे में –

  • क्लाउड कंप्यूटिंग आप डाटा स्टोर करने के बाद अगर उसे एक्सेस करना चाहते है, तो उसके लिए आपको अच्छे इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यता होती है।
  • आप बिना इंटरनेट कनेक्शन के अपने डाटा को एक्सेस नहीं कर सकते है।
  • क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर को पूरी तरह से क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर मैनेज करते है। आप इसे मैनेज नहीं कर सकते है।
  • आप जिस क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर का उपयोग कर रहे है, और उसे छोड़कर किसी और क्लाउड में जाना चाहते है, तो उसके लिए आपक ज्यादा शुल्क देना पड़ सकता है। क्योकिं सभी Cloud Service Provider अपने प्लेटफार्म पर अलग अलग एप्लीकेशन प्रदान करते है।

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क्लाउड कंप्यूटिंग के कोर्स (Cloud Computing Courses)

अगर आपको Information Technology में रूचि है, तो आप क्लाउड कंप्यूटिंग में अपना करियर बना सकते है। इसमें सभी छात्रों के लिए एक सुनहरा अवसर है। क्योकिं आने वाले समय में पूरी तरह से सभी चीजे क्लाउड पर शिफ्ट होने वाली है। आइये जानते है, क्लाउड कंप्यूटिंग के कोर्स के बारे में। निचे आपको सभी तरह के कोर्स के बारे में बताया है, जिन्हे आप ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी तरह से कर सकते है –

Certificate, Diploma Course in Cloud Computing

  • Cloud Computing and DevOps
  • FDP on Cloud Computing
  • Advanced Certification in DevOps & Cloud Computing
  • Advanced Certification in Cloud & DevOps
  • Cloud Computing with AWS
  • Recent Advances in Network and Cloud Security
  • PG Certificate Program in Cloud Computing

Note: आप Cloud Technology से BTech और MTech भी कर सकते है। आपको हमेशा एक अच्छा कॉलेज चुनना चाहिए, जिसने अपने सभी छात्रों का प्लेसमेंट करवाया हो। हालाकिं अगर आप क्लाउड कंप्यूटिंग से अगर सर्टिफिकेट या डिप्लोमा कोर्स भी करते है, तो भी आपकी जॉब आसानी से लग जाती है।

Cloud Computing Career Scope

क्लाउड कंप्यूटिंग की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। भारत के अलावा विदेशो में भी कंप्यूटर और ब्रांडेड टेक्नोलॉजी में क्लाउड टेक्नोलॉजी के छात्रों की मांग बढ़ रही है। अगर आप क्लाउड कंप्यूटिंग कोर्स करते है, तो आपको MNC कंपनी में आसानी से जॉब मिल सकती है।

यहाँ तक की गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, HCL और विप्रो जैसी कंपनियों में क्लॉउड कंप्यूटिंग के विशेषज्ञों की बहुत अधिक आवश्यता होती है। अगर आप क्लाउड कंप्यूटिंग से एमएससी की डिग्री लेते है, तो आपको विदेश में भी नौकरी मिल सकती है।

क्लाउड कंप्यूटिंग में जॉब और सैलरी

क्लाउड कंप्यूटिंग के बाद आपको विभिन्न क्षेत्रो में जॉब मिल सकती है, जॉब के अनुसार आपकी सैलरी कितनी होनी चाहिए। इसके बारे में आपको निचे बताया गया है –

क्लाउड कंप्यूटिंग कोर्स करने के बाद आपको बिग डाटा एनालिस्ट, क्लाउड आर्किटेक्ट, साइबर सिक्योरिटी स्पेशलिस्ट, क्लाउड कंप्यूटिंग इंजीनियर, क्लाउड नेटवर्क इंजीनियर के पद पर जॉब मिलती है। यहाँ पर आपको शुरूआती सैलरी 31 हजार रूपये के आस पास होती है, और यह आपके अनुभव के साथ साथ बढ़ती जाती है। आने वाले कुछ समय बाद आपकी सैलरी 65 लाख रूपये प्रति वर्ष तक हो जाती है।

Google Cloud Developer Salary

अगर हम भारत में एक Google Cloud Developer की सैलरी की बात करें। तो एक Google Cloud Developer की सैलरी 2.5 से 4 लाख रूपये प्रति महीना तक होती है। और यह भी अनुभव के साथ साथ बढ़ती जाती है।

Note : यह लेख क्लाउड कंप्यूटिंग क्या है? इसके बारे में था। जिसमे आपको Cloud Computing Definition से जुड़ी बहुत सी महातपवूर्ण जानकारियों के बारे में भी बताया गया है। अगर आपका इस लेख से सम्बंधित कोई भी सवाल है, तो आप हमें कमेंट करके बता सकते है। अगर आपको यह लेख पसंद आया है, तो कृपया इस लेख को अपने सभी दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, धन्यवाद।

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