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गांव में पैसे कैसे कमाएं | गांव में पैसे कमाने का तरीका

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Gaon Me Paise Kaise Kamaye
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गांव में पैसे कैसे कमाएं : जो लोग आज के समय में गांव में रहते है। उनके में में एक सवाल हमेशा रहता है, गांव में पैसे कैसे कमाएं? क्योकिं ज्यादातर सभी तरह की कंपनियां और ऑफिस आदि शहरों में ही होते है। लेकिन अगर आप गांव में रहते है, तो चिंता की कोई बात नहीं है। क्योकिं आप गांव में रहकर भी अच्छे पैसे कमा सकते है। आज इस लेख में हम गांव में पैसे कमाने का तरीका क्या है? इसके बारे में जाएंगे। आप आज के समय में भी गांव में रखकर अच्छा पैसा कमा सकते है।

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ज्यादा पैसा कमाने के लिए शहर का रूख़ करने की अनिवार्यता अब गुजरे दिनों की बात हो चुकी है। आजकल के वसुधैव कुटुंबकम् या ‘ग्लोबलाइज़ेशन’ के इस दौर में अब पैसे कमाने के लिए शहर का आसरा लेना ज़रूरी नहीं रह गया है। यातायात व सूचना प्रौद्योगिकी की पहुंच आज देश-दुनिया में कोने-कोने तक हो गई है। और यही वज़ह है कि आज हम गांव में रहते हुए भी अच्छे मुनाफे वाला कोई काम शुरू कर सकते हैं, और साथ ही इस तरह एक बड़ा ‘बिज़िनेस-ऑर्गेनाइज़ेशन’ खोलने की सोच सकते हैं।

गांव में रहते हुए हम तमाम तरह के काम शुरू कर सकते हैं जो बहुत बढ़िया मुनाफा दे सकते हैं, और जिनका भविष्य भी बेहतर होता है, जैसे– सब्जियों और फूलों की खेती। ये न केवल ऐसे काम हैं जो गांव में रहते हुए बेहतर तरीके से किये जा सकते हैं, बल्कि इन्हें गांव में रहकर ही कायदे से किया जा सकता है। इन कामों को आपकी अनुपस्थिति में घर का कोई दूसरा सदस्य भी देख सकता है।

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इसके अलावा सब्जियों और फूलों की खेती जैसे फायदेमंद कामों में आपको कॉरपोरेट जगत के गलाकाट प्रतियोगिता जैसे संघर्षों का भी सामना नहीं करना पड़ता। न ही इसमें प्रदूषण वगैरह का कोई झंझट; बल्कि बागवानी आपके अपने स्वास्थ्य के लिए भी काफी मुफ़ीद होगी। तो आइये क्रमवार देखते हैं कि सब्जियों और फूलों की खेती से हम कैसे अच्छा फायदा पा सकते हैं –

1. सब्जियों की खेती करके

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साग-सब्जियों का हमारे दैनिक भोजन में एक विशेष स्थान है। विशेषज्ञों के मुताबिक हर व्यक्ति को रोजाना 300 ग्राम हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए। लेकिन मालूम हो कि हमारे देश में प्रति व्यक्ति सब्जियों की खपत अभी इस मानक की आधी भी नहीं पहुंच पाई है। इसलिए भी सब्जियों के धंधे में यहां बहुत सारी संभावनाएं मौजूद हैं। खासकर तब, जब आप गांव में रहते हुए अच्छे पैसे कमाना चाहते हों।

सब्जियों की खेती से फायदा पाने के लिए जरूरी बातें 

सब्जियों की खेती करते समय अच्छा फायदा पाने के लिए हमें ‘सीजन’ का ख़ास ख्याल रखना चाहिए। अक्सर हम देखते हैं कि उसी सब्जी का रेट किसी महीने बहुत कम रहता है और कभी आसमान छूता है। इसलिए हमें हिसाब से उसी समय किसी सब्जी की बुवाई या पौधरोपण का काम शुरू कर देना चाहिए कि उपज आने के वक्त उसका बाजार भाव बढ़िया मिल सके। इसके मद्देनजर सब्जियों की अगेती या फिर बेमौसम की पैदावार काफी मुफ़ीद साबित हो सकती है।

इसके अलावा सब्जियों की खेती से बढ़िया मुनाफा कमाने के लिए उपज के रख-रखाव और भण्डारण की सुविधा भी बेहतर होनी चाहिए। ताकि यदि फिलवक्त बाजार में कीमत नीची चल रही हो तो अच्छा भाव आने तक उसे सुरक्षित रखा जा सके। सब्जियों की खेती से बढ़िया मुनाफा कमाने के लिए जरूरी है कि उसकी नर्सरी या बुवाई से लेकर भण्डारण और विपणन तक के सभी कार्य पूरी तरह वैज्ञानिक और व्यवस्थित तरीके से हों।

2. सब्जियों की नर्सरी लगाना 

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सब्जियों की खेती में कुछ पौधे तो सीधे बीजों की बुवाई करके उगाये जाते हैं, और कुछ की नर्सरी यानी पौध तैयार की जाती है। ऐसे पौधों को फिर नर्सरी से लेकर खेतों की क्यारियों में रोप दिया जाता है। बहुत से सब्जी उत्पादक किसान खुद नर्सरी नहीं डालते, बल्कि बाजार से पौधों की खरीद करते हैं। सब्जियों के इन पौधों की खरीद-बिक्री आप किसी भी सब्जी-मंडी में होते आमतौर पर देख सकते हैं।

इसलिए नर्सरी डालकर और मंडी या खुले बाजार में पौधे बेचकर भी काफी कमाई की जा सकती है। क्योंकि जो किसान सब्जियों की खेती के लिए नर्सरी लगाते हैं उनमें भी बहुत से लोगों की पौध अच्छी नहीं आती, या फिर उनमें रोग लग जाते हैं। ऐसे में वो भी बाजार से सब्जियों के पौधे खरीदने को बाध्य होते हैं। इस तरह नर्सरी उत्पादन से भी गांव में रहकर अच्छे पैसे कमाए जा सकते हैं।

सब्जियों के पौधे या नर्सरी लगाने के लिए खेत की तैयारी कैसे करें 

सब्जी की खेती के लिए नर्सरी तैयार करने में हमें वैज्ञानिक विधि का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके लिए सबसे पहले भूमि पर मौजूद खर-पतवार वगैरह हटाकर उसकी करीब एक फीट या थोड़ी ज्यादा गहराई तक हल अथवा कुदाल की सहायता से जुताई करें। इसके बाद खेत में गोबर की खाद डालकर कायदे से हर तरफ उसे फैला दें। फिर आपको जो सब्जी लगानी है उसके अनुसार पैंतालीस से साठ सेंटीमीटर की दूरी पर क्यारियों को बनायें।

सब्जियों की खेती में बुवाई व पौधों का रोपण 

सीधे बीजों से बुवाई की जाने वाली सब्जियों, जैसे भिंडी, लोबिया आदि को खेत में मेढ़ी या क्यारी बनाकर कुछ-कुछ दूरी पर बोया जा सकता है। ऐसे में अमूमन दो पौधों के बीच की दूरी एक फीट यानी तीस सेंटीमीटर रखी जाती है।

पर टमाटर और मिर्च जैसी ‘प्रतिरोपित फसल’ वाली सब्जियां जिनकी पहले नर्सरी तैयार करनी होती है उनके पौधों को लगाने के करीब एक माह पहले से ही तैयार करना शुरू कर दिया जाता है। इस नर्सरी को आप बेड या मटके में भी डाल सकते हैं।

नर्सरी में बीजों को डालकर ऊपर से लगभग ढाई सौ ग्राम नीम की फली का पाउडर छिड़क दें। यह पौधों की चींटियों वह दूसरे जंतुओं से सुरक्षा प्रदान करता है। ध्यान रखें कि टमाटर के पौधों को बुवाई के एक माह बाद, और बैंगन, मिर्च आदि के पौधों को बुवाई के पैंतालीस दिन बाद नर्सरी से निकाल लिया जाता है।

नर्सरी में बीज डालने के तीसरे दिन सिंचाई की जाती है। इसके बाद शुरुआती दौर में दो दिनों के अंतराल पर और फिर चार दिन के अंतराल पर पानी देते रहें।

सब्जी का बगीचा कहां बनायें 

अगर आपके घर के आसपास सब्जियों का बगीचा है तो इससे न केवल वर्ष भर आपको ताजी हरी सब्जियां मिलती रहती हैं, बल्कि साथ ही इससे आप अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं।

अगर आप अपने घर के पिछवाड़े या पानी निकलने वाली भूमि पर सब्जियां उगाते हैं तो इससे आपके घर से निकले अपशिष्ट जल का इस्तेमाल भी हो जाता है, और आपको ताजी सब्जियां भी मिला करती हैं। इस तरीके में सबसे अच्छी बात ये है कि इसमें आपको कीटनाशकों का प्रयोग नहीं करना पड़ता।

अगर आप अपने घर के पिछवाड़े या पानी निकलने वाली भूमि पर सब्जियां उगाते हैं तो इससे आपके घर से निकले अपशिष्ट जल का इस्तेमाल भी हो जाता है, और आपको ताजी सब्जियां भी मिला करती हैं। इस तरीके में सबसे अच्छी बात ये है कि इसमें आपको कीटनाशकों का प्रयोग नहीं करना पड़ता, जिससे सब्जियां अपेक्षाकृत हानिरहित होती हैं।

आमतौर पर बगीचा समकोण वाला अच्छा माना जाता है। और एक चार-पांच सदस्यों वाले परिवार के लिए सामान्यतः घर के केवल 1/20 एकड़ भू-भाग में पर्याप्त सब्जियां उगाई जा सकती हैं। बगीचे के छोरों पर और किनारे-किनारे केला, पपीता, करी-पत्ता आदि बारहमासी पौधे और क्यारियों के रास्तों के किनारों पर धनिया, मिर्च, पालक, पुदीना, मूली, गाजर आदि की फसल ली जा सकती है।

इस तरह हम अपने घर के आसपास की खाली पड़ी जमीन का सब्जी-उत्पादन के लिए बेहतर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका एक फायदा यह भी होता है कि मौका लगने पर घर का कोई भी सदस्य पौधों की सिंचाई व अन्य देखभाल कर सकता है। हालांकि व्यावसायिक उद्देश्य से सब्जी-उत्पादन खेतों में ही करना उचित रहता है।

3. फूलों की खेती करके

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हमारे समाज में हर ख़ास अवसर पर फूल इस्तेमाल में आते हैं, फिर वह शादी-विवाह, जन्मदिन आदि खुशी का मौका हो कि किसी की मृत्यु का। पूजा-पाठ और स्वागत-सत्कार के कार्यक्रम भी फूलों के बिना पूरे नहीं होते। इसलिए भारत में फूलों का एक बड़ा बाजार है, और फूलों की खेती में संभावनाएं अपार हैं। एक अनुमान के मुताबिक भारत में साल 2026 तक फूलों का कारोबार 661 अरब रूपए तक पहुंचने की उम्मीद है।

फूलों का कारोबार कैसे करें (विपणन) –

फूलों का बिजनेस करने के लिए हर कृषि-उत्पाद की तरह इसे बेचने को भी आपको मंडी से जुड़ना होगा। इसके अलावा आप अपने आसपास के बाजारों में फूलों की दुकान और इत्र या अगरबत्ती बनाने वाली कंपनियों को भी फूलों की बिक्री कर सकते हैं। अगर आप सीधे बाजार में फूलों को बेचने की व्यवस्था बना सकें तो आपको कहीं ज्यादा लाभ हो सकता है।

फूलों की खेती में लागत और मुनाफा 

यूं तो फूलों की खेती में लागत व उससे मिलने वाला मुनाफा फूल की किस्म और आपके काम करने के तरीके पर निर्भर करता है, इसलिए अनिश्चित होता है। फिर भी मोटे तौर पर फूलों की खेती में एक हेक्टेयर भूमि पर पच्चीस-तीस हजार रूपए की लागत आएगी।

जिसमें बीज, खाद, जुताई, बुवाई, सिंचाई आदि सारे मर्द शामिल हैं। वहीं, अगर आप खेत भी ‘लीज़’ यानी किराये पर लेते हैं तो उसका शुल्क भी लागत में ही जुड़ेगा। हालांकि इस तरह पच्चीस हजार रूपए लागत लगाकर फूलों की खेती से आप एक बार में करीब 75,000/- रूपए बना सकते हैं।

फूलों की खेती करने का तरीका 

फूलों की खेती करने के लिए सबसे पहले तो आपको जिस भी किस्म के फूल लगाने हैं उन्हें ध्यान में रखते हुए कायदे से एक ‘प्लानिंग’ कर लें। जैसे कि ‘इनडोर’ और ‘आउटडोर’ फूलों के पौधे एक दूसरे से अलग-अलग लगायें। इसी तरह ‘मेडिसिनल-वैल्यू’ वाले फूलों को भी विशेष देखभाल की जरूरत होती है। ध्यान रखें कि आपके बगीचे में हर फूल की कुछ ख़ास विशेषता है, और उसी अनुसार उसकी देखभाल होनी चाहिए।

इस बात का ख्याल रखें कि अगर आप ‘कॉमर्शियल लेवल’ पर यानी कि व्यावसायिक स्तर पर फूलों की खेती करना चाहते हैं तो इसके लिए किसी ख़ास तरह की जमीन या मौसम की जरूरत नहीं। आप साल भर फूलों की खेती कर सकते हैं, बस वहां सिंचाई की बेहतरीन सुविधा होनी चाहिए। इसके अलावा आप ‘पॉली-हाउस’ बनाकर भी फूलों की खेती कर सकते हैं। ‘मल्चिंग बेड’ का तरीका भी खेतों में फूलों के रोपण के लिए काफी मुफ़ीद माना जाता है।

गुलाब, चमेली, अपराजिता, बोगनवेलिया आदि फूलों को साल में कभी भी लगाया जा सकता है। ऐसे ही, सूरजमुखी, गुलमेंहदी, जेरेनियम जैसे फूलों की खेती सीजन के हिसाब से होती है।

फूलों की खेती के लिये खेत की तैयारी कैसे करें 

फूलों के लिए खेत तैयार करने के लिए सबसे पहले जमीन से खर-पतवार साफ करके प्रति-हेक्टेयर पच्चीस-तीस टन गोबर की देशी सड़ी हुई खाद डालें और उसे फैला दें। यदि देशी खाद न उपलब्ध हो तो प्रति हेक्टेयर 50 किलो नाइट्रोजन, 200 किग्रा फास्फोरस और 200 किलोग्राम पोटाश का इस्तेमाल कर सकते हैं।

मिट्टी की तैयारी के बाद उसमें बीज डालिए। नर्सरी डालते वक्त ख्याल रखें कि पौधों के बीच कम से कम दस सेंटीमीटर की खाली जगह रहे। इसके बाद पौधों की नियमित सिंचाई करें; जिसके लिए आप ड्रिप विधि का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा धूप में सूखने से बचाने के लिए पौधों के ऊपर ‘नेट’ लगा सकते हैं।

अमूमन फूलों की खेती में फूलों की एक फसल की अवधि दो महीने की होती है। इस तरह अगर आप सही ढंग से योजना बनाएं तो आप अपने ग्राहकों को वर्ष भर ताजे फूल सप्लाई कर सकते हैं। अपने फूलों की बिक्री के लिए आप मीडिया और सोशल मीडिया का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

कुल मिलाकर देखें तो गेहूं/धान वगैरह की पारंपरिक खेती के मुकाबले सब्जियों या फूलों की खेती में कई गुना ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है। हालांकि सब्जियों और फूलों आदि की खेती में अपेक्षाकृत लागत भी अधिक आती है। इसके अलावा सब्जियों व फूलों की खेती में पौधों के रख-रखाव और विशेष देखभाल की भी जरूरत होती है।

बता दें कि सब्जियों व फूलों आदि की खेती सफलतापूर्वक करने लिए सरकार एवं इस दिशा में सक्रिय कुछ अन्य संस्थाओं द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जाता है, जिसे प्राप्त करके आप ये काम और भी कुशलता से कर सकते हैं। गांव में रहकर अच्छे पैसे कमाने का इससे अच्छा और कोई रास्ता नहीं।

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Note : यह लेख गांव में पैसे कैसे कमाए? इसके बारे में था। जिसमे आपको गांव में खेती करके पैसे कमाने के बारे में बताया गया है। अगर आप पास थोड़ी सी जमीन है, तो आप इन तरीको से गांव में पैसे कमा सकते है। अगर आपका इस लेख से सम्बंधित कोई भी सवाल है, तो आप हमें कमेंट करके बता सकते है। अगर आपको यह लेख पसंद आया, तो कृपया इस लेख को अपने सभी दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, धन्यवाद।

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