Dahlia Flower in Hindi – इस लेख में हम डहेलिया के फूल की जानकारी के बारे में जानेगे। डहेलिया का फूल देखने में बहुत सुन्दर और आकर्षक होता है। जब यह खिलता है, तो इसके ऊपर तितलियाँ मडराती है। क्योकिं इसका विशेष रंग तितलियों को अपनी और आकर्षित करता है।
डहेलिया का फूल कई रंगो में पाया जाता है। जिसमे लाल, पीला, सफ़ेद, नारंगी, और बैंगनी रंग शामिल है। इस फूल के पौधे को घरो में शोभा बढ़ाने के लिए गमलो और बगीचों में लगाया जाता है। इस लेख में हम डहेलिया के फूल से जुड़ी सभी जानकारी को कवर करेंगे। जिसमे डहेलिया के पौधे को कैसे उगाया जाता है।
डहेलिया के पौधे की सर्दियों में कैसे देखभाल करनी चाहिए, इसके पौधे को बीजो और कलम के द्वारा कैसे उगाया जाता है। इसके अलावा कई और जानकारियां इस लेख में शामिल है। मुझे पूरी आशा है, की आप अगर यह लेख पूरा पढ़ लेते है, तो आपको इस फूल के बारे में जानने के लिए कही और नहीं जाना पड़ेगा। इसके अलावा आप गुलाब के फूल की विस्तृत जानकारी के बारे में भी पढ़ सकते है। तो चलिए सबसे पहले डहेलिया के फूल सामान्य जानकारी को जानते है।
डहेलिया के फूल की जानकारी
डहेलिया के पौधे को डैलिया या डहेलिया के नाम से जाना जाता है। यह सूरजमुखी के फूल की ही प्रजाति का एक पौधा है। इसका मूल स्थान मध्य अमरीका और मेक्सिको है। डहेलिया की पुरे विश्व में लगभग 50000 से ज्यादा प्रजातियां पायी जाती है।
इसका फूल सफ़ेद, लाल, बैंगनी, और नारंगी रंगो में खिलता है। डहेलिया का फूल नील रंग का नहीं होता है। यह एक बड़े आकार वाला फूल होता है। जब यह खिलता है, तो बहुत ही आकर्षक और सुन्दर लगता है। इसके अनेक रगो के कारण इस पौधे को ज्यादातर लोग अपने घरो में सोभा बढ़ाने के लिए लगाते है।
वानस्पतिक वैज्ञानिक कार्ल लीनियस ने एक डाहल (Dahl) नामक स्वीडिश वृक्ष वैज्ञानिक की स्मृति इस पौधे का नाम डहेलिया रखा था। डहेलिया के पौधे की ऊंचाई लगभग दो से तीन मीटर तक हो जाती है। लेकिन यह प्रजाति के अनुसार अलग अलग आकर के होते है। इसकी एक प्रजाति छोटी भी होती है, जो की सिर्फ आधा मीटर की ऊंचाई तक ही बढ़ती है।
डहेलिया के पौधे की जड़ो में बल्ब भी होते है, जिनसे यह पौधे उगाये जाते है। इन पोधो की जड़े इसके बल्ब के कारण मोटी हो जाती है। इसके फूलो सूरजमुखी के फूल की तरह होते है। इसकी नई प्रजातियों के फूलो का आकर गेंद की तरह गोल होता है, जिन पर रंग बिरंगे फूल लगते है।
डहेलिया की सभी नये पोधो की प्रजातियां बीजो द्वारा उगाई जाती है। डहेलिया के पौधे की जड़ो में जो बल्ब होते है, उन्हें कलियाँ भी कहा जाता है। इन कलियों को निकल कर इन्हे छोटे छोटे टुकड़ो में काटा जाता है। इन कलियों को काटते समय एक बात का विशेष ध्यान रखा जाता है, की प्रतियेक टुकड़े में एक कली होनी जरुरी होती है।
उस ही कली से पौधा उगता है। इसके अलावा डहेलिया का पौधा कलम के द्वारा भी उगाया जाता है। इन पोधो को सबसे ज्यादा बलुई मिटटी पसंद होती है। अगर इन्हे बलुई मिटटी में उगाया जाता है, तो यह बहुत अच्छे से बढ़वार करते है। इन पोधो को खुली जगह में लगाना सबसे अच्छा होता है।
अगर इनके ऊपर ज्यादा सर्दियाँ पड़ जाती है, तो इसकी वजह से डहेलिया के फूल सूखने लगते है। जब इसका पौधा पूरी तरह से सुख जाता है, तो उसके निचे से जड़ो को निकलकर रख लिया जाता है। और यह अगले वर्ष पौधे उगाने के काम में आती है। इन पोधो को किट पतंगे भी लगते है। जिसके कारण इसके पत्ते ख़राब होने लगते है।
डहेलिया का पौधा कैसे लगाएं
डेहलिया का पौधा एक ऐसा पौधा है, जिसे तीन तरह से उगाया जाता है। यहाँ पर हम डहेलिया के पौधे को उगाने के तीनो तरीको के बारे में जंगेगे, जिसमे डहेलिया का पौधा बीज से कैसे उगाएं? डहेलिया का पौधा कलम से कैसे उगाएं? और डहेलिया का पौधा बल्ब से कैसे उगाएं? इन तीनो विधि को हम जानेगे। यह तीनो तरीके अपने अपने समय पर काम आते है। सबसे पहले हम जानते है, की इस पौधे को बीज से कैसे उगाया जाता है। इससे पहले जानते है, डहेलिया को उगाने का सही समय क्या है?
डहेलिया के पौधे को उगाने का सही समय सर्दियों का होता है। इस पौधे को आप सर्दियों की शुरुआत में उगा सकते है। पौधे को अच्छे से उगने के लिए मिटटी का तापमान 10-35°C. के बीच होना चाहिए। इस पौधे को उगने में लगभग 10-15 दिन लग जाते है।
डहेलिया का पौधा बीज से कैसे उगाएं
Step 1. डहेलिया के पौधे को बीजो से लगाने के लिए सबसे पहले आपको मिटटी तैयार करनी है। जिसमे आपको 70% बगीचे की सामान्य मिटटी, 20% गोबर का पुराना खाद और 10% कॉकपिट मिलानी है। इन सभी को अच्छे से मिलकर तैयार करें।
Step 2. मिटटी को तैयार करने के बाद आपको इसे गमले में भरना है। जिसे गमले में आप डहेलिया के पौधे को उगा रहें, उसमे एक बात का हमेशा ध्यान रखे की गमले के निचे छेद होना बहुत जरुरी है। यह आपके पौधे के लिए बहुत फायदेमंद होता है। मिटटी को भरने के बाद आपको डहेलिया के बीजों के लेकर गमले में दो दो इंच की दुरी पर रख दें।
Step 3. बीजों को गमले में रखने के बाद इसके ऊपर लगभग एक इंच की कॉकपिट की परत ढक दें। आपको इन बीजो के ऊपरी ज्यादा मोटी परत नहीं बनानी है, वरना आपके सभी बीज ख़राब हो सकते है। इसके बाद आपको अपने गमले को पानी देना है।
Step 4. गमले को पानी देने के लिए आपको हमेशा किसी स्प्रे की मदद लेनी चाहिए। बीजों वाले गमले में कभी भी धार बनाकर पानी नहीं डालना चाहिए। आप इसके लिए अपने गमले को किसी परात में पानी भरकर उसमे भी रख सकते हैं। इससे गमले के निचे वाला छेद अपने आप गमले में पानी पहुँचता रहता है।
Step 5. गमले में पानी देने के बाद आप अपने गमले को कही खुले स्थान पर रख दें जहाँ पर धुप आती हों। जब इसके अंदर पानी की कमी दिखने लगे तो आप इसमें फिर से गमले को पानी से भरी परात द्वारा पानी दे सकते है। यह बीज दस दिन के अंदर ही उगना शुरू हो जाते है।
Step 6. जब आपके बीजों से पौधे उगना शुरू हो जाएँ, तो इन्हे किसी छाया वाले स्थान में रख देना चाहिए। जब आपके पौधे एक महीने के हो जाएँ, तो आप इन्हे किसी बड़े गमलो में लगा दें। बड़े गमले में लगाने के लिए आप एक हिस्सा मिटटी और एक हिस्सा गोबर का पुराना खाद दोनों को अच्छी तरह से मिलाकर गमले में भरकर पोधो को लगा सकते है।
डहेलिया के बल्ब को कैसे संभाल कर रखें
डहेलिया (Dahlia) के बल्ब को सेव करने के लिए आपको इसके सभी बल्बों को गमले से बहार निकल लेना चाहिए। जिस समय इसके पौधे सुख जाते है। इसके बाद आपको इसकी मिटटी को अच्छी तरह से साफ़ करके इन बल्ब को एक ऐसी जगह पर रख दें जहाँ पर धुप ना आती हो। आप चाहे तो इन्हे घर के अंदर भी रख सकते है।
इन्हे हवा की बहुत जरुरत होती है। आप डहेलिया के बल्ब को किसी टोकरी में रखकर उसे टांग सकते है। इससे इसके अंदर हवा भी लगेगी और यह जमीन से भी नहीं भिड़ेंगे। क्योकिं आगरा यह बल्ब जमीन पर रखे जाते है, तो इनके अंदर सिलावी आने का खतरा बना रहता है। जिससे की यह ख़राब हो जाते है।
अगर आपने अपने डहेलिया के पौधे जमीन में लगा रखे है, तो आप पोधो को सूखने के बाद इन्हे जमीन से अलग कर दें, और बल्ब को जमीन में ही रहने दें। इससे अगले सीजन में अपने आप ही इन बल्ब से पौधे उगना शुरू हो जायेंगे और आप इन्ही से डहेलिया की कलम लेकर गमलो में लगा सकते है।
कटिंग के लिए डहलिया बल्ब कैसे लगाएं
डहेलिया के बल्ब (Tubers) कैसे लगाएं? इसके लिए आपको अपने पुराने डहेलिया के बल्ब को लेना है, जो आपने संभल कर रखे हुए है। इन बल्ब को लेकर एक उपजाऊ मिटटी को तैयार करना है। इसके बाद आप इस मिटटी को गमलो में भरकर सभी बल्ब का जड़ो वाला हिस्सा निचे की और करके गमले में लगभग दो से तीन इंच की गहराई में लगा दें। इसके बाद इन गमलो को जब तक पानी देते रहें।
जब तक इन बल्बों के अंदर से शाखाएं निकलना शुरू ना हो जाएँ। जब आपके सभी बल्ब से डहेलिया की शाखाएं निकलने लगे, तो आपको इसकी शाखा को बीच से काट देना है। दो पत्तियां छोड़कर। इससे पौधे के अंदर और कई शाखाएं बनेगी। इन शाखाओं को आप अक्टूबर से नवंबर के बीच डहेलिया की कलम बनाकर गमले में लगा सकते है।
डहेलिया का पौधा कलम से कैसे लगाएं
Step 1. डहेलिया के पौधे को कटिंग से लगाने के लिए आपको सबसे पहले उस पौधे को पानी देना चाहिए। जिस पौधे से आप कटिंग काटने वाले है। पानी देने के लगभग पांच घंटे बाद आप उस पौधे से कटिंग को काटे यह कटिंग बहुत अच्छी होती है। कटिंग हमेशा 6 या 7 लगाएं।
Step 2. कटिंग का आकर लगभग पांच इंच का रखे। जिसके ऊपर 5 या 6 पत्तियां होनी चाहिए। कटिंग को लगाने के लिए आप सामान्य बगीचे की मिटटी कॉकपिट और गोबर का पुराना खाद ले सकते है। अगर आपके पास कॉकपिट नहीं है, तो आप बिना कॉकपिट के भी इन कटिंग को गमले में लगा सकते है।
Step 3. इसके बाद आपको अपने गमले में पहले से ही कटिंग की गिनती के अनुसार किसी लकड़ी से गड्डे कर लेने है। गड्डे करने के बाद आप अपनी सभी डहेलिया की कलम के निचले हिस्से पर रूटिंग हॉर्मोन पाउडर को लगाएं। इससे आपकी कटिंग जल्दी बढ़वार करती है। इसके अलावा यह पाउडर कलम को गलने और फंगस से भी बचता है।
Step 4. रूटिंग हॉर्मोन को लगाने के बाद सभी कटिंग को गमले में लगा दे। कटिंग को लगाने के बाद आपको इसमें अच्छे से पानी लगा देना चाहिए। इसके बाद आप अपने गमले को किसी बड़े गमले की साइड में रख दें जिससे की वह कुछ दिन धुप से बचा रहे उसके ऊपर सीधी धुप ना पड़ें।
Step 5. जब तक आपकी कटिंग से जड़ें निकलना शुरू नहीं हो जाती तब तक गमले में नमी बनायें रखे। पोधो को बड़ा होने के बाद सभी को किसी बड़े गमले या जमीन में लगा देना चाहिए।
डहेलिया के पौधे की देखभाल कैसे करें
1. डहेलिया के पौधे को हमेशा एक उपजाऊ और भुरभुरी मिटटी में लगेने जिससे की इसकी बढ़वार बहुत जल्दी हो।
2. इस पौधे को सर्दियों के दौरान बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है। जब भी पौधे को पानी दें, उसके कुछ दिन बाद पौधे की अच्छे से गुड़ाई जरूर करें।
3. एक महीने में दो बार डहेलिया के पौधे को लिक्विड फर्टीलिज़ेर देना बहुत जरुरी होता है। इस फर्टीलिज़ेर में आप सरसो की खल का या फिर केले के छिलको से बना फर्टीलिज़ेर दें सकते है।
4. जब पौधे पर कलियाँ आना शुरू हो जाएँ, तो आप इसको जड़ो में गोबर खाद जरूर डालें। यह गमले को चारो और पौधे की जड़ से लगभग दो इंच की दुरी पर डालना है। जब पौधे पर फूल खिलना शुरू हो जाएँ तो आपको इसके अंदर खाद नहीं डालना है।
6. डहेलिया सर्दियों में फूल देने वाला पौधा है, इस पौधे को धुप की ज्यादा जरुरत होती है। आप पौधे को ऐसी जगह पर उगाएं जहाँ पर सुबह की धुप जरूर आती हों। इन सभी चीजों को अगर आप फॉलो करते है, तो आपके पौधे पर बहुत बड़े बड़े डहेलिया के फूल आएंगे।
यह जानकारी भी पढ़ें
- चमेली का फूल की जानकरी
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