Goldfish का नाम आपने कही ना कही जरूर सुना होगा, लेकिन क्या आप Goldfish Ka Scientific Naam Kya Hai? अगर नहीं तो चिंता की कोई बात नहीं है। क्योकिं आज के इस लेख में हम गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है? इसके बारे में जानेगे।
आपको बता दें, की Goldfish को सुनहरी मछली के नाम से भी जाना जाता है। ज्यादातर इसका Scientific या वैज्ञानिक नाम Exam में पूछा जाता है। जिन लोगो को इसका नाम नहीं पता होता है, वह तो गूगल पर सर्च भी करते है, गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है हिंदी में बताइये। आपको इस लेख में इस मछली के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में मिलने वाली है।
मुझे पूरी उम्मीद है, की अगर आप इस लेख को पूरा पढ़ते है, तो आपको Goldfish के बारे में जानकारी लेने के लिए किसी और लेख को पढ़ने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। क्यों यहाँ पर हम जानेगे Goldfish क्या है, इसकी कुल कितनी प्रजातियां पायी जाती है, और इसका आकर कैसा होता है। तो आइये जानते है, गोल्डफिश से जुड़ी सभी Information और Details हिंदी में –
गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है?
Goldfish या सुनहरी मछली का Scientific नाम Carassius Auratus है। अगर गोल्डफिश के Scientific Name को हिंदी में बताएं, तो गोल्डफिश का वैज्ञानिक नाम “कारासिउस औराटस” है। यह ताजे पानी में रहने वाली साईप्रिनीडाई परिवार की मछली है। Goldfish दुनिया की सबसे पहले पालतू बनाये जाने वाली मछली है, और इसे घरों और ऑफिसों में सबसे ज्यादा Aquarium रखा जाता है। इस मछली को सबसे पहले चीन में पाला गया था।
गोल्डफिश पूर्वी एशिया की मूल निवासी है। इस मछली की पहचान यूरोप में 17वीं सदी के दौरान हुई थी। इस मछली को Hindi Name – सुनहरी मछली है। इसके अलावा इसके “क्रूसियन कार्प” के नाम से भी जाना जाता है। यह समुन्द्र में पायी जाने वाली बहुत ही दुर्लभ मछलियों की प्रजातियों में से एक है। गोल्डफिश साईप्रिनिड प्रजातियों से जन्मी है। जिन्हे आम कार्प और टेंच के कारण भी जाना जाता है। Goldfish की कई अलग अलग प्रजातियां है, जिन्हे Aquarium में पाला जाता है।
गोल्डफिश की Scientific Classification जानकारी (Goldfish Information in Hindi)
गोल्डफिश का वैज्ञानिक नाम (Scientific Name) | कैरासियस औराटस (Carassius Auratus) |
अंग्रेजी नाम | Goldfish |
हिंदी नाम | सुनहरी मछली |
लैटिन नाम | कैरासियस गिबेलियो फॉर्मा ऑराटस |
अन्य नाम | गोल्डन क्रूसियन कार्प (Golden Crucian Carp) |
जाति | Carassius |
निवास स्थान | मीठा पानी |
मूल निवासी | पूर्वी एशिया |
प्रथम बार पालतू बनाया | चीन में |
आकार | 36 सेमी |
PH पीएच स्तर | 7.0 से 8.4 |
वजन | 4.5 किलो तक |
लंबाई | 59 सेंटीमीटर तक |
भोजन | शैवाल,लार्वा,कीट आदि (सर्वाहारी) |
सम्भोग का समय | वसंत और गर्मियों की शुरुआत |
रहने के लिए जल का तापमान | 21° से 23° सेल्सियस |
सुनहरी मछली का इतिहास History of Goldfish
चीन में प्राचीन समय में कार्प (Goldfish) की विभिन्न प्रकार की प्रजातियों को पाला जाता था। जिसे उपयोग हजारो सालो तक खाने के रूप में किया गया। इन प्रजातियों में आमतौर पर Grey, Silver, Red, Orange और Yellow रंग की मछलियां होती थी। तांग राजवंश के शासन (618-907), के दौरान कार्प प्रजातियों की मछलियों का पालन सजावटी तालाबों, और जलउपवनों में किया जाता था, उस समय इन्हे पलना एक शौक था।
कुछ समय बाद लोगो ने Silver Goldfish के बजाएं सुनहरी रंग की मछली पलना शुरू कर दिया। वह Silver कार्प से प्रजनन द्वारा सुनहरी मछलियों की संख्यां बढ़ाने लगे। आमतौर पर जब भी किसी के घर मेहमान आते थे, तो Goldfish को तालाब से निकलकर किसी कांच के पात्र में घर में प्रदर्शनी के लिए रख दिया जाता था।
इसके कुछ समय बाद सन 1162 में सांग राजवंश की महारानी ने Red और Gold सुनहरी मछलियों की किस्म को इकठ्ठा करने के लिए एक तालाब का निर्माण कराया। क्योकिं उन दिनों Yellow रंग शाही हुआ करता था, जिसकी वजह से शाही परिवार के अलावा कोई भी व्यक्ति Yellow Goldfish को नहीं पाल सकता था।
अगर किसी व्यक्ति के घर में Yellow Goldfish पायी गयी, और वह शाही परिवार का नहीं है, तो उसे इसके लिए सजा भी दी जाती थी। शायद उस समय यही एक कारण था जिसकी वजह से पीली सुनहरी मछलियां बहुत कम पायी जाती थी, और Orange Goldfish ज्यादा पायी जाती थी।
सर्वप्रथम Red Goldfish और Golden Goldfish के अलावा अन्य रंगो की गोल्डफिश मछली को 1276 में दर्ज किया गया था। इसके अलावा सबसे पहली बार Golden Goldfish को मिंग राजवंश के दौरान जाना गया था। सन 1502 में जापान में Golden Goldfish की पहचान कराई गयी थी। जिसके बाद र्युकिन और तोसाकिन किस्मों को विकसित किया गया। फिर धीरे धीरे Golden Goldfish दूसरे देशों में भी पहुंचने लगी, सन 1611 में सुनहरी मछली पुर्तगाल और वहां से यूरोप के अन्य हिस्सों में भी पहुंच गयी।
सुनहरी मछली के स्केल्स धातु के होनी वजह से इसे सन 1620 के दौरान दक्षिणी यूरोप में उच्च सम्मान दिया जाने लगा, और यह मछली धन और किस्मत का प्रतिक मानी जाने लगी। विवाहित पुरषों के लिए यूरोप में यह एक परम्परा बन चुकी थी, की जब वह अपनी शादी की पहली सालगिरह बनाये, तो अपनी पत्नी को एक सुनहरी मछली जरूर भेंट करें, जिसकी वजह से उनका आने वाला जीवन सुख समृद्धि भरा रहें।
लेकिन कुछ समय बाद इस परम्परा को ख़त्म कर दिया गया, ऐसा इसलिए हुआ, क्योकिं इस समय तक सुनहरी मछली अधिक तादाद में पायी जाने लगी थी। जिसकी वजह से उसकी प्रतिष्ठा खो गयी। सन 1850 में पहली बार Golden Goldfish का परिचय उत्तरी अमेरिका में कराया गया, और देखते ही देखते यह संयुक्त राज्य अमेरिका में लोकप्रिय बन गयी।
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Goldfish कैसी दिखती है, और इसका आकर कैसा होता है
Goldfish बहुत ही सुन्दर और आकर्षक मछली होती है। इसका उपयोग आमतौर पर घरों और ऑफिसों में Aquarium में रखने के लिए किया जाता है। यह घर को सुन्दर बनाती है। इसके पंखों का आकर छोटा होता है, और इसका शरीर लम्बा होता है। यह ज्यादा से ज्यादा 36 सेंटीमीटर तक लम्बी हो सकती है। गोल्डफिश Golden रंग के अलावा लाल, पीली, बैंगनी, सफ़ेद, नारंगी सहित करि रंगो में पायी जाती है। Goldfish का उपयोग सजावटी मछली के रूप में भी किया जाता है और इसका शरीर लंबा और पंख छोटे होते हैं । इनका शरीर काफी आकर्षक और सुंदर होता है ।
Goldfish कैसे वातावरण में रहती है
Goldfish बहुत ही नरम स्वाभाव की मछली होती है, इसे अनुकूल परिस्थिति में रहना पसंद है। अगर गोल्डफिश को इसके अनुसार परिस्थिति मिल जाएँ, तो यह लगभग 35 से 40 साल तक भी जीवित रह सकती है। लेकिन आमतौर पर Aquarium में पल रही गोल्डफिश के साथ ऐसा देखा गया है, की यह 7 से 8 साल से ज्यादा जीवित नहीं रह पाती है। गोल्डफिश को मीठे पानी रहना ज्यादा पसंद होता है, हालाकिं कुछ प्रजातियां खारे पानी में भी पायी जाती है।
अगर इसके खाने की बात करें, तो गोल्ड़गीश सर्वाहारी मछली है। इसके खाने को लेकर कुछ मछली विषेशज्ञों का ऐसा मानना है, की इसे दिन में दो बार सिर्फ इतना ही भोजन देना चाहिए, जितना यह खा सकती है। ऐसा इसलिए है, क्योकिं ज्यादा भोजन से इसकी आंतो में समस्यां हो सकती ही। हालाकिं गोल्डफिश के गले में कुछ ऐसे अंग होते है, जिससे की कठोर भोजन को भी यह आसानी से खा सकती है।
अगर गोल्डफिश के वातारण की बात करें, तो इसे Aquarium में या फिर किसी भी जगह पर 21° से 23° सेल्सियस के तापमान पर पाला जाना चाहिए। और कभी भी एक दम से इसके तापमान में बदलाब नहीं करना चाहिए, वरना यह मर भी सकती है। अगर गोडफिश की समुन्द्र में रहने की बात करें, तो यह समुद्र के अंदर मध्य गहराई में पायी जाती है। समुन्द्र में यह ज्यादा दिनों तक जीवित रहती है, क्योकिं वहां पर प्राकृतिक पोषक तत्वों से भरपूर भोजन इसे मिलता है।
Goldfish की कितने साल तक जिन्दा रहती है
अगर गोल्डफिश एक अनुकूल वातावरण में रहती है, तो यह लगभग 35 से 40 साल तक जिन्दा रह सकती है। लेकिन आमतौर पर इसे Aquarium में रखा जाता है, ऐसी स्तिथि में यह 7 से 8 साल तक ही जीवित रहती है। लेकिन Aquarium में भी इसकी आयु को ज्यादा समय तक बढ़या जा सकता है। इसके लिए आपको पानी के तापमान और PH स्तर का विशेष ध्यान रखना होगा।
जिस Aquarium में आप इसे रख रहे है, उसके पानी का PH स्तर हमेशा 7.0 से 8.4 के बिच होना चाहिए, और इसका तापमान 21° से 23° सेल्सियस के बिच होना चाहिये। अगर आप इस तरह से गोल्डफिश का ख्याल रखते है, तो इससे इसकी उम्र में कुछ समय का अंतर जरूर पड़ेगा। और यह ज्यादा समय तक जीवित रहेगी।
Goldfish क्या खाती है
गोलफिश या सुनहरी मछली क्या खाती है, जैसा की आपको ऊपर के लेख में पहले ही बताया जा चुका है, की गोल्डफिश एक सर्वाहारी मछली है। अगर इसको शाकाहारी Food दिया जाएँ, तो यह उसे भी खा लेती है। अगर गोल्डफिश को मांसाहारी खाना दिया जाएँ, तो यह उसे भी खा लेती है। आमतौर पर समुन्द्र या तालाबों में यह मछली कीड़े मकोड़े, या फिर समुंद्री पौधों से अपना भोजन ग्रहण करती है।
अगर आपने अपने घर में Indoor Aquarium में Goldfish को पाला हुआ है, तो इसे आप हरी पत्तेदार सब्जियों, उबले हुए चावल, और कुछ मुलायम फल भी खिला सकते है। इसके अलावा इसका Food आप Market से Online भी मंगा सकते है।
गोल्डफिश बिना Food के कितने दिन रह सकती है
गोल्डफिश बिना खाना खाये कितने दिन तक रह सकती है। आपको बता दें की अगर आपने Goldfish को अपने घर या ऑफिस में Aquarium में रखा हुआ है, तो यह लगभग 2 सफ्ताह तक बिना Food के जीवित रह सकती है। लेकिन आपको बता दें, की आपको गोल्डफिश को दिन में 2 बार भोजन जरूर देना चाहिए। अगर आप कहीं बहार जा रहे है, तो मछलियों को भोजन खिलने के लिए अपने किसी पडोसी या दोस्त से कहकर जा सकते है। क्योकिं इन मछलियों को लम्बे समय तक भूंखे रखना इनकी सेहत के लिए सही नहीं होता है।
तालाब में पल रही Goldfish को दिन में कितनी बार Food खिलाना चाहिए?
आमतौर पर Goldfish या सुनहरी मछली को दिन में एक या दो बार Food खिलाना चाहिए। क्योकिं यह अपने भोजन को लगभग 2 से 5 मिनट के अंदर ही खा जाती है। गोल्डफिश को Food देने की मात्रा मौसम पर निर्भर करती है।
Example – गर्मियां और वसंत के मौसम में तालाब का पानी गर्म होता है, ऐसे में मछलियां Active रहती है। इस मौसम में आपको इन्हे दिन में दो बार भोजन खिलाना चाहिये। वही अगर हम सर्दियों के मौसम की बात करें, तो सर्दियों में इन्हे कम भोजन की आवश्यकता होती है।
क्या Goldfish Intelligence होती है
गोल्डफिश मछलियां विभिन्न रंगो और संकेतो को पहचान सकती है, और इनकी प्रतिक्रिया के अनुसार इन्हे सिखाया भी जा सकता है। गोल्डफिश की याद करने की क्षमता कम से कम तीन माह तक होती है। यह अलग अलग प्रकार की आवाजों और वस्तुओं को भी पहचान लेती है। अगर इन मछलियों को लगातार कुछ महीने तक एक ही समय पर भोजन दिया जाएँ, तो यह भोजन का समय भी याद कर लेती है।
गोल्डफिश और अन्य सभी मछलियों की प्रजातियों भोजन के कुछ रंगो को पहचान लेती है। अगर Goldfish को कुछ तकनिकी प्रशिक्षण दिया जाएँ, तो इन्हे कुछ करतब दिखने के लिए सिखाया भी जा सकता है। जिस तरह से Dolphin Fish को करतब दिखने के लिए तैयार किया जाता है। आमतौर पर सुनहरी मछलियों को जाल में गेंद गिरने जैसे कुछ करतब दिखे के लिए तैयार भी किया जाता है। कुछ प्रयोगो के अनुसार ऐसा भी देखा गया है, की जो व्यक्ति सुनहरी मछली को प्रतियेक दिन Food खिलता है, उसे यह पहचान जाती है, और उसे देखकर उत्साहित होने लगती है।
Goldfish कब प्रजनन करती है?
गोल्डफिश प्रजनन सही पोषण और पर्याप्त पानी में ही करती है। जिस तालाब में इन्हे रखा गया है, वहां पर पर्याप्त पानी और सही पोषण होता है, तो यह Breeding आसानी से करती है। वही अगर आप इन्हे छोटे Aquarium में रखते है, तो ऐसी स्तिथि में यह Breeding नहीं कर पाती है। सुनहरी मछलियों का प्रजनन आमतौर पर तापमान और मौसम पर निर्भर करता है। यह वसंत और गर्मियों की शुरुआत में प्रजनन करती है।
सुनहरी मछलियां अंडे देती है, जब यह अंडे देती है, तो इनके अंदर पानी के अंदर वनस्पतियों के साथ चिपक जाते है, अगर आपके Aquarium में गोल्डफिश में अंडे दिए है, तो इन्हे किसी दूसरे टैंक के अंदर शिप्ट कर सकते है। ऐसा इसलिए क्योकिं बड़ी मछलियां अंडे से निकली मछलियों को खा जाती है। गोल्डफिश के अंडे 48 से 72 घंटे के अंदर फुट जाते है, और इनसे मछलियों के बच्चे बहार आ जाते है। इस प्रकार से Goldfish प्रजनन करती है।
गोल्डफिश मछली के प्रकार (Types of Goldfish With Names)
अगर आपने Ok Google Goldfish Ka Scientific नाम बोल के बताओ क्या है? यह गूगल से पूछा है, तो आपको इसका जबाब मिल गया होगा। और इसके अलावा भी आपको सुनहरी मछली के बारे में कई जानकारियां मिल गयी है। तो आइये अब जानते है, सुनहरी मछली कितने प्रकार की होती है, और इनके क्या नाम होती है –
1. आम गोल्डफिश (Common Goldfish)
कॉमन गोल्डफिश एक आम प्रजाति है, जो की Prussian Carp की तरह दिखती है। ज्यादातर नई Goldfish Breed इसी नस्ल से तैयार की जाती है।
2. शुबुकिंन गोल्डफिश (Shubunkins Goldfish)
शुबुकिंन गोल्डफिश को क्रॉसब्रीडिंग के द्वारा जापान में पैदा किया गया था। यह दिखने में धूमकेतु, और कॉमन गोल्डफिश की तरह होती है। इसके अलावा क्रॉसब्रीडिंग के लिए सुनहरी मछली की कुछ और प्रजातियों को भी लिया गया था, जिनमे गोल्डफिश, कॉमन गोल्डफिश, और कैलिको टेलिस्कोप आई गोल्डफिश शामिल थी।
3. रयुकिन गोल्डफिश (Ryukin Goldfish)
रयुकिन गोल्डफिश के सर के पीछे एक बड़ा कूबड़ होता है, और इसका सर नुकीला और कठोर होता है। यह बहुत आकर्षक और सुन्दर होती है। इस मछली की पूछ कर प्रकार की होती है। आमतौर पर यह छोटे पंख या फिर ट्रिपल पूछ के साथ देखने को मिलती है।
4. टेलीस्कोप गोल्डफिश (Telescope Goldfish)
टेलीस्कोप गोल्डफिश की आँखे बड़ी और थोड़ी बहार की तरफ निकली हुई रहती है। इस किस्म को सन 1700 में चीन में तैयार किया गया था। इसके शरीर पर कुछ पंख छोटे और कुछ बड़े होते है। इसकी पंच का पंख बड़ा होता है।
5. कैलिको गोल्डफिश (Calico Goldfish)
कैलिको गोल्डफिश के ऊपर कई तरह धब्बे पाए जाते है। आमतौर पर इसके पंखो और शरीर पर पीले, काले, भूरे, और लाल रंग के गहरे धब्बे होते है।
6. बबल आई गोल्डफिश (Bubble Eye Goldfish)
बबल आई फैंसी गोल्डफिश के आँखों के ऊपर दो बड़ी थैलियां होती है, जो की एक किस्म के तरल पदार्थ से भरी होती है। यह फैंसी गोल्डफिश की एक छोटी किस्म है। इसकी आँखे इसके शरीर के रंग की तरह होती है।
7. ऐग्ग-फिश गोल्डफिश (Egg – Gish Goldfish)
यह एक प्रकार की फैंसी किस्म है, जिसके पंख नहीं होते है, इसका आकर अंडे की तरह होता है। यह दिखने में रांचु गोल्डफिश की तरह होती है,लेकिन इसका सर रांचु गोल्डफिश से अलग होता है।
8. ओरांडा गोल्डफिश (Oranda Goldfish)
ओरांडा गोल्डफिश के सर पर एक बड़ा हुड होता है, जिसे इसका ताज भी कहा जाता है। इसकी पूछ पर बड़ा पंख होता है, और इसकी पीठ पर भी एक बड़ा पंख होता है।
9. फैंटेल गोल्डफिश (Fantail Goldfish)
फैंटेल गोल्डफिश आमतौर पर पश्चिमी देशों में पाई जाती है। इसके शरीर का आकर अंडाकार होता है, इसकी पीठ पर ऊँचे पंख और पूँछ पर बड़ा पंख भी होता है।
10. पॉम्पॉम गोल्डफिश (Pompom Goldfish)
पॉम्पॉम गोल्डफिश का आकार ओरांडा और लॉयन हैड की तरह होता है। इसकी आँखों के पास दोनों और मास की गांठ होती है।
11. सेलेशियल आई गोल्डफिश (Celestial Eye Goldfish)
सेलेशियल आई गोल्डफिश की दो पूँछ होती है, इसकी दोनों आँखों पर छोटी छोटी बॉल होती है, जिस तरह से बबल आई गोल्डफिश पर होती है।
12. कॉमेट गोल्डफिश (Comet Goldfish)
कॉमेट या धूमकेतु पूछ वाली सुनहरी मछली को अमेरिका में Breed किया गया था। यह आमतौर पर कॉमन गोल्डफिश की तरह ही दिखती है, लेकिन इसकी लम्बी कांटेदार पूछ इसे गोल्डफिश से अलग बनाती है। इसके अलावा कॉमेट गोल्डफिश कई रंगो में पायी जाती है।
13. रैंचू गोल्डफिश (Ranchu Goldfish)
इस प्रजाति की मछली को जापान में “King of Goldfish” के नाम से भी जाना जाता है, यह एक प्रकार की हुड वाली किस्म है। इसका इतिहास कोरियाई गोल्डफिश के रूप में भी जाना जाता है।
14. लॉयनहैड गोल्डफिश (Lionhead Goldfish)
लॉयनहैड गोल्डफिश की पीठ धनुषाकार होती है। इसके जबरदस्त हुड या हेडग्रोथ और मोटे गाल इसे आकर को किसी कुत्ते के पिल्लै की तरह का आकर देते है। इसकी पीठ पर पंख नहीं होते है।
15. बटरफ्लाई टेलिस्कोप गोल्डफिश (Butterfly Telescope Goldfish)
बटरफ्लाई टेलिस्कोप गोल्डफिश, के पंख तितली की तरह होते है, इसकी आँखे थोड़ी बड़ी और बहार की तरफ उभरी हुई होती है। इसके पंखो पर काले, नीले, लाल, और ऑरेंज रंग के धब्बे होते है। यह बहुत सुन्दर और आकर्षक होती है।
16. वीलटेल गोल्डफिश (Veiltail Goldfish)
वीलटेल गोल्डफिश की लम्बी पूछ होती है, जिसका आकर मछली से दुगना बड़ा होता है। इसी पीठ धनुषाकार होती है। पीठ पर एक बड़ा और आकर्षक पंख भी होता है। पानी में किसी जलपरी की तरह लहराती हुई दिखती है।
Concluston
यह लेख सुनहरी मछली के बारे में था। जिसमे आपको Goldfish Ka Scientific Naam Kya Hai इसके बारे में बताया गया है। इसके अलावा इसमें गोल्डफिश कहाँ पायी जाती है, और इसके कितने प्रकार होते है, यह क्या खाती है। सभी की जानकारी आपको इस लेख में दी गयी है। मुझे उम्मीद है, आपको यह लेख गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है जरूर पसंद आया होगा। अगर इससे सम्बंधित आपका की भी सवाल है, तो आप कमेंट करके बता सकते है। इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।