Sunflower in Hindi – आज हम सूरजमुखी का फूल के बारे में जानेगे। सूरजमुखी का फूल सुन्दर और आकर्षक होता है। जितना ज्यादा यह आकर्षक होता है। उससे ज्यादा स्वास्थ्य के लिए यह लाभदायक होता है। इसके स्वास्थ्य के इतने ज्यादा लाभ है, की पूरी दुनिया के कई हिस्सों में सूरजमुखी की खेती की जाती है।
इसके अलावा हम इस लेख में जानेगे, सूरजमुखी के बीज कैसे खाएं जाते है, इन बीजो के क्या फायदें है। साथ में हम इस फूल का पूरा इतिहास जानेगे। मुझे पूरी आशा है, की अगर आप यह लेख पूरा पढ़ लेते है, तो आप फिर कभी किसी दूसरे लेख पर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
इस लेख में हम सूरजमुखी के फूल की विस्तृत जानकारी आपको देंगे, जिसमे इसके फायदे से लेकर सूरजमुखी के पौधे को कैसे उगाया जाता है, और सनफ्लॉवर के पौधे की देखभाल कैसे की जाती है। चलिए सबसे पहले हम इससे जुड़ी सामान्य जानकारी और इसका इतिहास जान लेते है।
सूरजमुखी का फूल की जानकारी Sunflower Information in Hindi
सूरजमुखी का फूल देखने में सुन्दर और आकर्षक होता है, इस फूल को सूरजमुखी या सूर्यमुखी के नाम से भी जाना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम हेलियनथस एनस है। इस फूल की खेती दुनिया के सभी देशो में की जाती है। यह अमेरिका का देशज माना जाता है। अमेरिका में इस पौधे को वार्षिक पौधे के रूप में भी माना जाता है। वहां पर इससे वर्ष के सभी महीनो में उगाया जाता है। सूरजमुखी कंपोजिटी कुल के हेलिएंथस गण का एक सदस्य है। इस गण में लगभग साठ प्रजातियां पायी जाती है।
सूरजमुखी मूल रूप से अमरीका का निवासी माना जाता है, लेकिन इसके आलावा इस पौधे को डेनमार्क, स्वीडन, रूस, अमरीका, मिस्र, भारत और ब्रिटेन सहित कई देशो में उगाया जाता है। सूरजमुखी का नाम सूरजमुखी क्यों पड़ा? सूरजमुखी को सूर्यमुखी इसलिए कहा जाता है, क्योकिं यह सूरज की पहली किरण से लेकर सूर्यास्त के समय तक सूर्य की और झुका रहता है। इस नज़ारे को आप करीब से देख सकते है। हलाकि जायदातर पौधे सूरज की और झुकते है, लेकिन सूरजमुखी के फूल को आप कुछ देर लगातार देखे तो आप इसको घूमता हुआ महसूस कर सकते है।
सूरजमुखी के फूल की खेतो में उगाएं जाने वाली सिर्फ दो प्रजातियां ही होती है। इसके पौधे की लम्बाई लगभग एक से पांच मीटर तक बढ़ जाती है। इन पोधो के डंठल बहुत ही नाजुक होते है। हलकी हवा के झोके से भी यह बीच में से टूट जाते है। जब यह पौधे तीन मीटर से ज्यादा ऊंचाई पर जाने लगते है, तो इन्हे किसी लकड़ी के सहारे से रोकना पड़ता है।
वरना यह तेज हवा में जड़ से भी उखड़ जाते है। सूरजमुखी के पौधे की पत्तियों की लम्बाई लगभग 7-30 सेंटीमीटर तक होती है। इसकी कुछ प्रजातियां एक बर्षीय होती है, और कुछ प्रजातियां बहुवर्षी होती है। इसके अलावा इन्ही प्रजातियों में कुछ पौधे बड़े कद के और कुछ पौधे छोटे कद के होते है।
सूरजमुखी के फूल सभी पीले फूलो की प्रजाति में सबसे बड़े होते है। इन फूलो की चौड़ाई लगभग 7-15 सेंटीमीटर तक होती है। जब इनका बीच का भाग पूरी तरह से खुल जाता है, तो यह 30 सेंटीमीटर से भी ज्यादा चौड़े हो जाते है। यह घरो और बगीचों में सुंदरता बढ़ाने के लिए लगाएं जाते है।
अगर इन फूलो की अच्छे से देखभाल की जाए, तो यह बहुत बड़े और चौड़े खिलते है। सूरजमुखी के फूल की पंखुड़ियों का रंग पीला होता है, और इनके मध्य में हल्का भूरे रंग का कला चक्र होता है। जिसके अंदर इसके बीज चिपके रहते है, इसके बीजो का रंग काला होता है।
सूरजमुखी के बीजों से उच्च गुणवत्ता वाला खाद्य तेल निकला जाता है। तेल निकलने के बाद इसकी बची हुई खल मुर्गी का दाना बनाने के काम में आती है। सूरजमुखी के पेड़ की पत्तियों में कभी कभी रोग भी लग जाता है।
इसके अंदर ज्यादातर रितुआ नमक रोग लगता है, यह पौधे की पत्तियों को निचे से ख़राब कर देता है। जिसकी वजह से पत्तियों के निचे भूरे रंग के धब्बे हो जाते है, इस रोग को दूर करने के लिए पौधे पर गंधक छिड़कने से पौधा स्वस्थ हो जाता है।
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सूरजमुखी का फूल का इतिहास
सूरजमुखी का फूल आकर्षक होने के साथ साथ इसका इतिहास भी बहुत ही रोचक है। सूरजमुखी ज्यादातर पीले रंग में पाया जाता है। लेकिन इसकी कई प्रजातियां ऐसी भी है, जो की अलग अलग रंगो में पायी जाती है। कुछ प्राचीन लेखकों द्वारा ऐसा लिखा गया है, की सूरजमुखी को पहली बार मेक्सिको उगाया गया था।मेक्सिको में इसे 2600 ई.पू. तक इसकी खेती की गयी थी।
इसके अलावा विद्यमानों का ऐसा माना है, की सूरजमुखी को दूसरी बार मध्य मिसिसिपी घाटी में उगाया गया था। दक्षिण अमेरिका के इंकास और मेक्सिको के एज़टेक्स, और ओटोमी सहित अमेरिकी लोग इसका प्रयोग अपने सौर देवता (ऊर्जा देने वाला) के रूप में किया करते थे। फ्रांसिस्को पिज़ार्रो सूरजमुखी से मिलने वाला पहला यूरोपीय फूल था। 16 वीं सदी की शुरुआत में यूरोप से फूल के सुवर्ण चित्र और इसके बीजों को स्पेन ले जाया गया।
कुछ विद्यमानों का आज भी यह कहना है, की स्पेन के स्थानीय लोग सूरजमुखी की खेती को दुनिया के सामने दिखाना नहीं चाहते है, क्योकिं यह उनके सौर देवता और धर्म से सम्बन्ध रखता था। जैसे जैसे सूरजमुखी की लोकप्रियता बढ़ती गयी, वैसे वैसे ही 18 वीं शताब्दी के आते आते सूरजमुखी के तेल का प्रयोग भी अधिक लोकप्रिय होने लगा।
सूरजमुखी की कुछ सामान्य प्रजातियां
- टेडीबिअर
- टाइटन
- वैलन्टाइन
- लेमन क्वीन
- ड्वार्फ सनस्पोट
- स्ट्राबेरी ब्लोंड
- सनी हाईब्रीड
- आर्निका
- ऑटम ब्यू
- ऑरेंज सन
- ब्लेक ओइल
- टाइयो
- ताराहमारा
- इवनिंग सन
- एज़्टेक सनइतालवी वाईट
- लार्ज ग्रे स्ट्राइप
- अमेरिकी जाइंट हाईब्रीड
- आयरिश आइज़
- पीरीडोविक
- पीच पैशन
- इंडियन ब्लेंकेट हाईब्रीड
- मंगोलियाई जाइंट
- जाइंट प्रिमरोज़
- काँग हाईब्रीड
- मेमोथ सूरजमुखी
- वेलवेट क्वीन
- येलो एम्प्रेस
- रोस्टोव
- स्कायस्क्रेपर
- रेड सन
- रिंग ऑफ़ फायर
- सोराया
सूरजमुखी के बीज के फायदे और नुक्सान
सूरजमुखी अपने फूल के अलावा बीजो के लिए भी जाना जाता है, इसके बीजो का इस्तेमाल आयुर्वेदिक ओषिधि बनाने के लिए किया जाता है। यह बीज आप फूल के सूखने पर इसके अंदर से निकल सकते है। इन बीजो को निकलने के लिए आपको सूरजमुखी के फूल के बीज के हिस्सों को तोड़ना पड़ता है। इस हमसे में लगभग दो हजार से ज्यादा बीज पाए जाते है। सूरजमुखी के बीज तो प्रकार के होते है। एक खाने वाले और दूसरे बीजो से तेल निकला जाता है।
यह बीज पोषक तत्वों से भरपूर होते है, इनके अंदर कई औषिधीय गुण पाए जाते है। सूरजमुखी बीज के अंदर निम्न तत्व प्रोटीन, विटामिन, ज़िंक, और कैल्शियम आदि। यह हमारे शरीर को कई बिमारियों से छुटकारा दिलाता है। जानते है, सूरजमुखी बीज के फायदे।
सूरजमुखी बीज के फायदे
1. इसके बीजो में पाया जाने वाला एंटी-माइक्रोबियल,और एंटी-इन्फ्लेमेटरी में कई ऐसे गुण पाए जाते है, तो हमारे शरीर में हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करते है। जिसकी वजह से शरीर की कई बीमारियां खत्म हो जाती है, और शरीर स्वस्थ रहता है।
1. एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी के अलावा सूरजमुखी के बीजो में घाव भरने की भी क्षतमा होती है। यह मानव शरीर के हृदय के लिए भी बहुत लाभकारी होते है। इसके अंदर पाए जाने वाला पॉलीसैचुरेटेड फैटी एसिड, विटामिन्स और फ्लेवोनॉइड दिल से जुड़ी समस्यांओ के लिए लाभदायक होता है।
3. सूरजमुखी के बीजो में लिगनेन पाया जाता है, यह एक तरह का पॉलीफेनोल होता है। यह शरीर के लिए एंटीऑक्सीडेंट का कार्य करता है। यह कैंसर जैसी समस्याओं को होने से रोकता है।
4. कुछ लोगो को कोलेस्ट्रॉल की समस्यां होती है। उनका कोलेस्ट्रॉल स्तर बढ़ता है, जिससे की उन्हें कई बिमारियों से गुजरना पड़ता है। अगर आप इन सबसे बचना चाहते है, तो सूरजमुखी के बीजो का सेवन इसके लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह शरीर से हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।
5. डाइबिटीज वाले व्यक्तियों को हमेशा खाने की चिंता रहती है। ऐसे में सूरजमुखी के बीज उनके लिए बहुत फायदेमंद होते है। डाइबिटीज वाले व्यक्ति इन बीजो को नाश्ते में खा सकते है। यह उनके स्वस्थ पर किसी भी तरह का बुरा असर नहीं करते है। इससे शरीर स्वस्थ बना रहता है।
6. अक्सर बढ़ती उम्र के कारण हड्डियों में या जोड़ो में दर्द की समस्यां हो जाती है। इसका सबसे बड़ा कारण होता है, भोजन में एक पोषक आहार ना लेना। अगर आप अपने आहार में सूरजमुखी के बीजो को जोड़ लेते है। तो इससे आपके शरीर की हड्डियां मजबूत रहती है। इसके अंदर कैल्शियम, आयरन, और जिनक हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत रखने में मदद करता है।
7. सूरजमुखी के बीजो में एंटी-इन्फ्लेमेटरी होते है, जिसके सेवन से हमारे शरीर में सूजन की समस्यां नहीं होती है। अगर हमारे शरीर में सूजन बढ़ता है, तो इससे कई बीमारियां होने का खतरा रहता है।
8. जब हमारी उम्र बढ़ने लगती है, तो इससे धीरे धीरे हमारा मस्तिष्क कमजोर होने लगता है। जिसका असर हमारे दिमाग पर पड़ता है। दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए एक भरपूर पोषक तत्व वाला भोजन बहुत जरुरी होता है। अगर हम अपने दैनिक आहार में पोषक तत्व नहीं मिलते तो इससे हमें कई बीमारियां भूलना, सोचने की शक्ति का कम होना आदि। जैसी कई बीमारियां होने लगती है। इन सब से बचने के लिए, सूरजमुखी के बीज बहुत फायदेमंद होते है। इसके अंदर कैल्शियम और ज़िंक मसितष्क के लिए बहुत फायदेमंद होते है।
9. शरीर में अगर ऊर्जा बढ़ानी होती है, तो अक्सर लोग सूखे मेवे का इस्तेमाल करते है। लेकिन सुराजूखी के बीज भी पोषक तत्वों से भरपूर होते है। अगर सूरजमुखी के बीजो का सेवन किया जाए, तो यह शरीर में ऊर्जा का संतुलन बनायें रखते है।
10. गर्मियों में हमारी त्वचा पानी की वजह से सुख जाती है। अगर आप गर्मियों में इस तरह की परेशानी से बचना कहते है, तो इसके लिए सूरजमुखी के बीज का तेल बहुत फायदेमंद होता है। इसके अंदर पाए जाने वाला लिनोलिक एसिड त्वचा को डिहाइड्रेट होने से बचता है। जिससे की शरीर की त्वचा की चमक बढ़ती है, और यह मुलायम रहती है।
11. सूरजमुखी के बीजों के अंदर फाइबर पाया जाता है, जो की कब्ज जैसी समस्यां से छुटकारा दिलाता है। आप सूरजमुखी के बीजो को छीलकर इनका सेवन कर सकते है। यह कब्ज में बहुत फायदेमंद होते है।
12. जब भी हम कही बहार घूमने जाते है, तो हमारे बालो में धूल के कारण बहुत डैमेज हो जाते है। जो की बालों को रुखा और बेजान बना देती है। इसके अलावा हमारे बल पोषक तत्वों की कमी के कारण भी ख़राब होने लगते है। बालो की सभी समस्यां से बचने के लिए आप सूरजमुखी के बीजो का सेवन कर सकते है। इससे बालों का झड़ना भी बंद हो जाता है। इसके अंदर पाए जाने वाले विटामिन, कैल्शियम, आयरन, और ज़िंक जैसे कई पोषक तत्व हमारे बालों के लिए फायदेमंद होते है। आप अपने बालो में सूरजमुखी के तेल से भी लगा सकते है।
सूरजमुखी के तेल के फायदे
जिस तरह से सूरजमुखी के बीज के फायदे होते है, उसी तरह से सूरजमुखी के तेल के फायदे भी बहुत होते है। इसका तेल खाना बनाए के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा सूरजमुखी के तेल में कई पोषक तत्व पाए जाते है, जिनमे विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन ई, पामिटिक एसिड, ओलिक एसिड, और लिनोलिक एसिड शामिल है।
यह सभी पोषक तत्व हमारे शरीर की त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होते है। जो हमारी त्वचा को साफ़ सुथरा बनाने में मदद करते है। चलिए जानते है, सूरजमुखी के तेल को खाने के फायदे और सूरजमुखी के तेल के फायदे त्वचा के लिए
गर्मियों में ज्यादातर बहार रहने से शरीर की त्वचा बेजान और रुकी हो जाती है। अगर आप अपने हाथो पर सूरजमुखी का तेल लगते है, तो इससे आपके हाथो की त्वचा को नमी मिलती है।
जब भी मुँह के किसी हिस्से में सूजन जैसी समस्यां होती है, तो इससे छुटकारा पाने के लिए आप सूरजमुखी के तेल से कुल्ला कर सकते है। इसके अंदर पाए जाने वाले एंटी-फंगल गुण मुँह के अंदर की कई बिमारियों में फायदेमंद होते है।
सूरजमुखी बीजों के नुकसान
1. सूरजमुखी के बीजो को हमेशा छिलका उतारकर खाना चाहिए। अगर आप इन बीजों को बिना छिले कहते है, तो यह नुकसानदायक होते है। इससे आपको किसी भी तरह की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
2. सूरजमुखी के बीजो का ज्यादा सेवन, और इसके तेल का इस्तेमाल सेंसेटिव त्वचा वाले लोगो के लिए नुकसानदायक हो सकता हैं। इससे शरीर की त्वचा पर एलर्जी की समस्यां हो सकती है।
3. कभी भी सूरजमुखी के बीजो को बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं खाना चाहिए। इससे आपको नुक्सान हो सकता है। किसी भी चीज को ज्यादा इस्तेमाल करने से उसके नुक्सान हो सकते है। इसी तरह से अगर आप सूरजमुखी के बीजो का इस्तेमाल अधिक मात्रा में करते है, तो इससे आपको नुक्सान हो सकता है।
4. इस लेख में सूरजमुखी के नुक्सान बताकर हमारा मकसद आपको डरना नहीं है। बल्कि जागरूक करना है। कभी भी किसी भी आयुर्वेदिक उपयोग को करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी जरुरी होती है। क्योकि प्रत्येक व्यक्ति की त्वचा और हार्मोन्स अलग होते है। जिसकी वजह से नुक्सान का खतरा हो सकता है।
सूरजमुखी के बीज का उपयोग
- सूरजमुखी के बीजो को हमेशा सही तरीके से खाना चाहिए। जब भी आप इसके बीजो का सेवन करें हमेशा छिलका उतार कर खाएं।
- सूरजमुखी के बीजो को छीलकर इन्हे मिक्सर में मिलकर पेस्ट बना ले। इस पेस्ट को किसी बंद डिब्बे में रख दे। इसको आप एक सफ्ताह तक इस्तेमाल कर सकते है।
- इसके बीजो का इस्तेमाल आप नाश्ते में भी कर सकते है।
- सूरजमुखी के बीजो को हेमशा ऐसे डिब्बे में रखे, जिसके अंदर हवा ना जा पाएं। इन बीजों को डिब्बे में रखकर फ्रिज में रख दें। अगर इन बीजों से किसी भी तरह की दुर्गन्ध आने लगे, तो इनका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- यह लेख सिर्फ आपकी जानकारी के लिए है, आप सूरजमुखी के बीजो का उपयोग हमेशा डॉक्टर की सलाह लेकर ही करें।
सूरजमुखी का पौधा कैसे लगाएं
सूरजमुखी की खेती बहुत अधिक मात्रा में की जाती है। लेकिन कुछ लोगो का सवाल रहता है, की सूरजमुखी का पौधा कैसे लगाया जाता है? सूरजमुखी के पौधे को घर के गमले में कैसे लगाया। तो हम सूरजमुखी को लगाने की सभी विधि के बारे में जानेगे। सबसे पहले जान लेते है, की अगर हम सूरजमुखी के बीज लगा रहें है, तो इसके बीजो को उगाने के सही समय क्या है?
सूरजमुखी के बीजों को उगाने का सही समय फरवरी महीने के अंत से लेकर मार्च और अप्रैल की शुरआत तक होता है। इन दिनों आप अपने सूरजमुखी को बीजो द्वारा ऊगा सकते है। इसके अलावा इस पौधे को कटाई द्वारा भी उगाया जाता है। सबसे पहले हम जानते है, सूरजमुखी को बीजो से उगाने की विधि –
सूरजमुखी का पौधा बीज से कैसे उगाएं
Step 1. सूरजमुखी का पौधा बीज से उगाने के लिए आपको सबसे पहले सूरजमुखी के बीजो को लेना है। अगर आपके पास इसके बीज नहीं है, तो आप किसी नर्सरी से भी लेकर आ सकते है। बीजो को लाने के बाद आपको इसके लिए मिटटी तैयार करनी है।
Step 2. इन बीजो को लगाने के लिए आपको वर्मीकम्पोस्ट, कॉकपिट, और समय बगीचे की मिटटी तीनो को बराबर मात्रा में मिलाकर गमले में भर ले। इसके बाद सूरजमुखी के बीजों को उसके ऊपर कुछ कुछ दुरी पर लगा दे। इन बीजो का नुकीला हिस्सा निचे की तरह रखे।
Step 3. बीजो को गमले में लगाने के बाद ऊपर से लगभग एक इंच से ढक दें। और किसी स्प्रे से इन बीजो को अच्छी मात्रा में पानी दे। हमेशा गमले में स्प्रे की सहायता से ही पानी देना चाहिए। इन पोधो को बड़े होने में लगभग एक महीने का समय लगेगा।
Step 4. जब पौधे बड़े हो जाएँ, तो इन पोधो को किसी बड़े गमले में लगा दें। बड़े गमले में लगाने के लिए आपको एक हिस्सा सामान्य बगीचे की मिटटी और एक हिस्सा वर्मीकम्पोस्ट को लेना है। दोनों को अच्छी तरह से मिलकर गमले में भरकर, पोधो को लगा देना चाहिए।
सूरजमुखी के पौधे की देखभाल कैसे करें
1. सूरजमुखी के पौधे को हमेशा फरवरी के अंत से लेकर मार्च के महीने के अंत तक लगा देना चाहिए। यह मौसम सूरजमुखी के पेड़ के लिए सबसे अच्छा होता है।
2. इस पौधे को लगाने के लिए जब भी मिटटी तैयार करें, मिटटी में वर्मीकम्पोस्ट, कॉकपिट, और सामान्य बगीचे की मिटटी तीनो को बराबर मात्रा में मिलकर लगाना चाहिए। जिस गमले में आप पौधे को लगा रहें है, एक बात का हेमशा ध्यान रखे की उसके निचे छेद होना बहुत जरुरी है।
3. जब भी आप सूरजमुखी के पौधे को उगाएं, तो इससे पहले यह देख लेना चाहिए, की आपके पौधे के फूल की प्रजाति क्यां है। अगर आपका पौधा बड़े फूल वाला है, तो उसको हमेशा कम से कम बारह इंच के गमले में लगाएं।
4. पौधे को लगाने के बाद जब तक आपके पौधे पर फूल खिलना शुरू ना हो जाएँ, तब तक अपने गमले की मिटटी की समय समय पर गुड़ाई करते रहें। गुड़ाई करने के बाद इसके अंदर पानी डाल दें। जब तक पौधे पर फूल नहीं आते तब तक इसके अंदर नमी रहनी चाहिए। जब पौधे पर फूल आना शुरू हो जाएँ तो आप पौधे को सफ्ताह में दो या तीन बार पानी दे सकते है।
5. सूरजमुखी के पेड़ को खाद की ज्यादा जरुरत नहीं होती है। आप इस पौधे को महीने में एक या दो बार एक मुट्ठी वर्मीकम्पोस्ट डाल सकते है। इससे इस पौधे की सभी जरुरत पूरी हो जाती है।
6. सूरजमुखी के पौधे को धुप बहुत पसंद होती है। आप हमेशा इस पौधे को ऐसी जगह पर लगाएं जहा पर धुप आती हो। अगर आप इस पौधे को किसी छाया वाले स्थान पर रखते है, तो इससे पौधे में पत्तियों की संख्यां और आकर बढ़ेगा लेकिन इस पर फूल नहीं आएंगे। हमेशा सूरजमुखी के पौधे को धुप वाले स्थान पर लगाएं।
7. इस पौधे को किसी भी तरह के किट पतंगे नहीं लगते है। लेकिन जिस समय इसके फूल खिलते है, तो इसके ऊपर कुछ छोटे छोटे किट पतंगे आना शुरू हो जाते है। इन से बचने के लिए आप नीम के तेल का इस्तेमाल कर सकते है। इस पौधे को अगर जरुरत से ज्यादा पानी दिया जाता है, तो इसमें फंगस लेंगे का खतरा रहता है। पौधे में फंगस लेंगे पर फंगस साइड पाउडर का इस्तेमाल करें।
Note – यह पोस्ट सूरजमुखी का फूल और इसके पौधे से सम्बंधित थी। आपको यह पोस्ट Information About Sunflower in Hindi कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी तो कृपया अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूलें, ध्यानवाद।