स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले किसी को क्या सावधानी रखनी चाहिए?

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स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले किसी को क्या सावधानी रखनी चाहिए

स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले किसी को क्या सावधानी रखनी चाहिए? आपने अक्सर देखा होगा कि कुछ लोग स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करके अमीर बन जाते हैं, तो वहीं कुछ कंगाल हो जाते हैं। आखिर ऐसा क्यों होता है, इसके पीछे क्या कारण हैं? किसी कंपनी के शेयर आम आदमी को अमीर बना देते हैं तो वहीं कुछ पेनी स्टॉक्स आपका सारा पैसा ले डूबते हैं।

यह एकदम सही है कि शेयर मार्किट में 90% नए इन्वेस्टर्स किसी खबर को पढ़ने या किसी के कहने पर, खुद से बिना कोई रिसर्च किए खराब शेयर्स में इन्वेस्ट कर देते हैं एवं अपने पैसों से हाथ धो बैठते हैं। जबकि वहीं दूसरी तरफ 10% लोग ऐसे होते हैं

जो समझदारी से किसी भी कंपनी के शेयर्स के बारे पर पूरी तरह रिसर्च करने के बाद इन्वेस्ट करते हैं। ये लोग कंपनी के बिजनेस मॉडल, बैलेंस शीट कैश फ्लो स्टेटमेंट, फंडामेंटल एवं इनकम स्टेटमेंट पर अच्छी तरह से रिसर्च करते हैं। ऐसे ही लोग शेयर मार्केट में पैसा लगाकर लखपति और करोड़पति बनते हैं।

अब सवाल यह उठता है कि आखिर स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने से पहले हमे क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए, जिससे कि हम अपने लगाए गए पैसों पर ज्यादा से ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकें?

आइए जानते हैं, स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले किसी को क्या सावधानी रखनी चाहिए?

एक आम इन्वेस्टर जब पहली बार शेयर मार्केट बाजार में पैसा लगाने की सोचता है, तो उसे यह पता नहीं होता कि आखिर इन्वेस्ट करते समय उसे कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए, जिससे वह शेयर मार्केट में अपना नुकसान होने से बचा सके।

यदि आप भी किसी के कहने पर किसी शेयर में पैसा लगा देते हैं, तो आप ज़रूर अपना पैसा गवा देंगे। हो सकता है आपको किसी के बताए हुए शेयर पर शॉर्ट टर्म में अच्छा लाभ प्राप्त हो जाए, मगर लॉन्ग टर्म में आपको हमेशा नुकसान ही उठाना पड़ेगा।

ऐसा इसलिए, क्योंकि जिस कंपनी का शेयर आपने लिया है ना तो उस कंपनी के बारे में आपको कुछ पता है एवं ना ही उसके बिजनेस मॉडल के बारे में। इसलिए जब भी शेयर के दाम गिरेंगे तो आप उसे बेचने के बारे में सोचेंगे, जबकि एक समझदार इन्वेस्टर हमेशा इसके उलट करता है।

यानी अगर आपने अच्छे से रिसर्च करके मजबूत कंपनी का शेयर खरीदा है, तो यदि वह आपके खरीदे हुए दाम से काफी नीचे भी गिर जाता है तब भी आप उसे और खरीदने के बारे में सोचेंगे ना कि बेचने के।

क्योंकि यदि आपको उस कंपनी के बारे में जानकारी होगी तो आपको यह भी पता होगा कि उस शेयर का दाम ऊपर-नीचे क्यों हो रहा है। कहीं कोई सीरियस प्रॉब्लम है या सिर्फ न्यूज़ के कारण शेयर की कीमतों पर प्रभाव पड़ रहा है।

इस बात का ध्यान रहे कि शेयर मार्केट ऊपर-नीचे होता रहता है। इससे आपको डरने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि एक समझदार इन्वेस्टर कभी भी ऐसी कंपनी में इन्वेस्ट नहीं करता जिसके बारे में उसे बेसिक जानकारी नहीं होती।

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शेयर मार्केट में निवेश करते समय रखें यह सावधानियां :

1. सही डिमैट अकाउंट चुने

प्रत्येक नए इन्वेस्टर को शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए सबसे पहले डिमैट अकाउंट खुलवाना होता है। मगर कई बार कुछ नए इन्वेस्टर विश्वसनीय डिमैट अकाउंट की जगह ऐसी कंपनियों के डिमैट अकाउंट खुलवा बैठते हैं, जिसके कारण उन्हें बाद में बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे सही कस्टमर सपोर्ट ना मिलना, छुपे हुए टैक्स और चार्ज लगना, बैंक अकाउंट से पैसे ऐड करते या निकालते समय एरर आना।

ऐसी परेशानियां अक्सर तभी आती हैं, जब आप कोई गलत डिमैट अकाउंट खुलवा लेते हैं। इसीलिए हमेशा शेयर मार्केट में शुरुआत करते समय कुछ विश्वसनीय ब्रोकर जैसे कि; जीरोधा, अपस्टोक्स, एंजल ब्रोकिंग आदि के साथ ही अपना डिमैट अकाउंट ओपन करें।

2. केवल चार्ट पेटर्न देखकर इन्वेस्ट ना करें

एक बार डीमैट अकाउंट ओपन हो जाने के बाद आपका सबसे पहला कदम होता है सही शेयर खरीदना। मगर कुछ लोग गलती करते हैं कि जिस शेयर का दाम बढ़ता हुआ नज़र आ रहा होता है या जो शेयर लगातार ऊपर जा रहा होता है उसे खरीद लेते हैं। यानि अधिकतर लोग केवल शेयर का चार्ट पेटर्न देखकर उसे खरीद लेते हैं। ऐसे लोगों को आगे जाकर नुकसान उठाना पड़ता है। क्योंकि उन्हें ना तो कंपनी के बिजनेस के बारे में कोई जानकारी होती है एवं ना ही कंपनी के मैनेजमेंट के बारे में।

यदि किसी शेयर के दाम लगातार ऊपर जा रहे हैं, तो आपको सबसे पहले यह जानकारी प्राप्त करनी चाहिए कि इसके पीछे क्या कारण है कि उसके दाम ऊपर ही ऊपर जा रहे हैं। प्रत्येक शेयर के ऊपर-नीचे होने का कोई ना कोई कारण अवश्य होता है एवं वह आपको पता होना चाहिए। ज्यादातर शेयर का दाम तब ऊपर-नीचे होता है, जब कंपनी के फाइनेंसियल नंबर का अनाउंसमेंट होता है।

यानि जब कंपनी अपने क्वार्टरली रिजल्ट को प्रस्तुत करती है तो उसके अगले दिन से ही उस कंपनी के शेयर्स में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं। यह हर कंपनी के शेयर्स के साथ होता है, इसीलिए कभी भी केवल शेयर्स का चार्ट पेटर्न देखकर इन्वेस्ट नहीं करना चाहिए।

3. खुद से रिसर्च करके शेयर्स खरीदने चाहिए

कुछ लोग केवल दूसरों की बात सुनकर या फिर टीवी एवं न्यूज़ चैनल्स पर किसी की सलाह सुनने के बाद शेयर्स खरीद लेते हैं, क्योंकि उन्हें कहा जाता है कि आगे चलकर उन शेयर्स की कीमत बढ़ने वाली है। जबकि सच में यदि देखा जाए तो ऐसा काफी बार नहीं होता है, कई बार तो इसका उल्टा हो जाता है। मगर फिर ये लोग आखिर ऐसे शेयर्स खरीदने की सलाह क्यों देते हैं जिसमें लोगों को नुकसान उठाना पड़ता है।

देखिए हर बार ऐसा हो यह ज़रूरी नहीं है, हो सकता है कि आपको एक्सपर्ट के द्वारा बताए गए शेयर्स पर कुछ टाइम के लिए प्रॉफिट मिल जाए। मगर फिर भी आपको खुद से रिसर्च करना सीखना चाहिए, तभी आप एक सफल इन्वेस्टर बन सकते हैं। आपको फंडामेंटल एवं टेक्निकल रिसर्च के बारे में थोड़ा बहुत ज्ञान होना आवश्यक है। यदि आप स्टॉक मार्केट में एक सफल इन्वेस्टर बनना चाहते हैं, तो आपको शेयर्स का फंडामेंटल एनालिसिस करना सीखना होगा।

यदि आप एक सफल ट्रेडर बनना चाहते हैं, तो आपको टेक्निकल एनालिसिस को सीखने की ज़रूरत है। इसमें शेयर्स के अलग-अलग चार्ट पेटर्न्स, जैसे कैंडलेस्टिक चार्ट्स एवं इंडिकेटर, टारगेट प्राइस, स्टॉप लॉस एवं मूविंग एवरेज आदि के बारे में सिखाया जाता है।

एक बात का ध्यान रहे कि आज तक शेयर मार्केट में यदि कोई अमीर बना है एवं जिसने अच्छा खासा पैसा कमाया है, तो उसने पहले शेयर मार्केट के बारे में सीखा है इसके बाद इन्वेस्ट किया है। तो यदि आप केवल दूसरों के कहने पर या फिर बिना किसी रिसर्च के शेयर खरीदना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए नहीं है। क्योंकि ऐसे लोगों को जुआरी कहा जाता है ना कि इन्वेस्टर।

एक मजे की बात तो यह है कि अधिकतर लोग ऐसे ही हैं जो शेयर मार्केट को अपना पैसा दोगुना करने का ज़रिया समझते हैं एवं ऐसे ही लोग शेयर मार्केट में नुकसान झेलते हैं। शायद इसी के चलते आज भी इंडिया में केवल 4% लोग ही स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं, जबकि वहीं बात करें अमेरिका कि तो 45% लोग शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं।

4. कंपनी का बिजनेस समझने की कोशिश करें

यदि आपको कंपनी के बिजनेस के बारे में अच्छी समझ है, तो आप शेयर्स के दामों में होने वाले उतार-चढ़ाव से कभी नहीं घबराएंगे। आपको जानकारी होनी चाहिए कि कंपनी कौन सा प्रोडक्ट या फिर सर्विस बेचती है जिससे वह पैसा कमाती है।

उदाहरण के तौर पर यदि आपने नेस्ले कंपनी में इन्वेस्ट किया है तो आपको जानकारी होनी चाहिए कि येे कंपनी कौन-कौन से उत्पाद बेचती है, सबसे अधिक पैसा कंपनी को कौन से प्रोडक्ट से मिलता है, कहीं ऐसा तो नहीं है कि कंपनी का पूरा रिवेन्यू केवल एक ही उत्पाद पर निर्भर है, क्या गवर्नमेंट का उस कंपनी पर कोई दबाव है जिसके कारण कंपनी के बिजनेस पर प्रभाव पड़ सकता है।

आपको इन सभी बातों का ध्यान होना चाहिए एवं हर सफल इन्वेस्टर सबसे पहले इन सभी सवालों की जांच पड़ताल करता है। इसके बाद ही वह किसी कंपनी में इन्वेस्ट करता है।

कंपनी के बिजनेस को समझने का मतलब है कंपनी का बिजनेस मॉडल समझना। इसका मतलब है कि अगर हम टीसीएस और इंफोसिस का बिजनेस मॉडल देखें तो यह कंपनियां सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट का काम करती हैं, जोमैटो, स्विग्गी जैसी कंपनियां फूड डिलीवरी कि सर्विस देती हैं, ओला एवं उबर टैक्सी सर्विस प्रोवाइड करवाती हैं, हिंदुस्तान युनिलीवर रोज़ाना काम में आने वाली कंजूमर प्रोडक्ट बेचता है, एक्साइड इंडस्ट्रीज बैटरी निर्माण करती है, टाटा पावर सोलर एवं रिन्यूएबल एनर्जी पर काम करता है।

तो इस तरह की बेसिक जानकारियां आपको प्रत्येक कंपनी के शेयर्स में इन्वेस्ट करने से पहले पता कर लेनी चाहिए। क्योंकि इससे आपको बिजनेस को समझने का थोड़ा बहुत आईडिया मिल जाता है। आपको ऐसा लग रहा होगा कि आप तो शेयर्स में इन्वेस्ट कर रहे हैं यानि आप एक इन्वेस्टर हैं तो आपको बिज़नेस को समझने की क्या आवश्यकता है। क्योंकि बिजनेस को समझना तो बिजनेसमैन का कार्य होता है एवं आप तो इन्वेस्टर हैं ना कि कोई बिजनेसमैन।

आप विचार कर रहे होंगे कि हम यहां पर बिजनेस तो नहीं कर रहे, फिर बिजनेसमैन बनने की क्या आवश्यकता है। इसके लिए बहुत सारी चीजें सीखनी पड़ेगी, बिजनेस करना सीखना पड़ेगा मगर ऐसा नहीं है। आप कंपनी के बारे में थोड़ी बहुत रिसर्च करके भी अच्छा पैसा कमा सकते हैं जैसा कि हर सफल इन्वेस्टर करता है।

5. सुनिश्चित कर लें कि कंपनी का नेट प्रॉफिट साल दर साल बढ़ रहा है

कंपनी का नेट प्रॉफिट ही उसकी ग्रोथ दिखता है एवं जिस कंपनी का नेट प्रॉफिट साल दर साल बढ़ता है, आपको ऐसी ही कंपनियों के शेयर्स में इन्वेस्ट करना चाहिए। आपको ध्यान रखें की ज़रूरत है कि जो प्रॉफिट कंपनी ने कमाया है वह इस कारण से कमाया है, यानि कहीं ऐसा तो नहीं है कि कंपनी ने अपना कोई बड़ा एसेट बेच डाला हो जिसके चलते अचानक से कंपनी का प्रॉफिट उस साल बढ़ा हुआ नज़र आ रहा हो।

मगर आप यह कैसे पता लगाएंगे कि कंपनी ने सही में बिजनेस से पैसा कमाया है या कोई एसेट बेचा है। इसका पता लगाने के लिए आपको कंपनी की एन्युअल रिपोर्ट या फिर इनकम स्टेटमेंट को पढ़ना होगा। इसमें कंपनी के सेल्स एवं प्रॉफिट से जुड़ी सभी जानकारियों के बारे में विस्तार से बताया जाता होता है।

नेट प्रॉफिट के अतिरिक्त आप और भी सटीक मुनाफा जानने के लिए ग्रॉस प्रॉफिट के बारे में जानकारी प्राप्त करें, क्योंकि ग्रॉस प्रॉफिट केवल कंपनी के मैन प्रोडक्ट इनकम एवं खर्चों का अंतर होता है। एक ही सेक्टर की कंपनियों की तुलना करते समय आपको ग्रॉस प्रॉफिट को ही ध्यान में रखना चाहिए ना कि नेट प्रॉफिट को। क्योंकि ग्रॉस प्रॉफिट में अमोरटाइजेशन, डेप्रिसिएशन, इंटरेस्ट एवं टैक्स शामिल नहीं होते हैं इसीलिए यह कंपनी के बिजनेस की सही पिक्चर प्रस्तुत करता है।

6. कंपनी पर ज्यादा लोन नहीं होना चाहिए

डेट या फिर लोन किसी भी कंपनी में इन्वेस्ट करने से पहले प्रत्येक इन्वेस्टर को देखना चाहिए। क्योंकि अधिकतर कंपनियां ज्यादा लोन लेने के कारण ही बैंकरप्ट या दिवालिया हो जाती हैं, क्योंकि वह लोन की भरपाई नहीं कर पाती हैं। इसीलिए जब भी आप कंपनी की बैलेंस शीट चेक करें, तो उसके एसेट्स के अतिरिक्त लायबिलिटीज अवश्य देखें चाहे वह शॉर्ट टर्म हो या फिर लोंग टर्म।

7. कंपनी का कैश फ्लो पॉजिटिव हो

कैश फ्लो का अर्थ होता है कंपनी में कितना पैसा आ रहा है एवं कितना पैसा जा रहा है। कुछ लोग केवल इनकम स्टेटमेंट को देखकर शेयर्स खरीदने का फैसला कर लेते हैं, जो कि कंपनी की पूरी पिक्चर को नहीं दर्शाता है। क्योंकि उसमें यह नहीं लिखा जाता कि कंपनी ने उधार सामान बेचा है या नगद।

इसका पता लगाने के लिए आपको कैश फ्लो स्टेटमेंट देखें की ज़रूरत पड़ती है, जिसमें यदि माल नगद बेचा गया है तो कैश फ्लो पॉजिटिव होगा एवं यदि उधार बेचा है तो नेगेटिव होगा।

8. शेयर्स की इंटरिंसिक वैल्यू पता करके इन्वेस्ट करें

इंटरिंसिक वैल्यू किसी भी शेयर की रियल वैल्यू या फिर वास्तविक कीमत को दिखाती है। यानि किसी शेयर की सही कीमत क्या है इसका पता आपको इंटरिंसिक वैल्यू के ज़रिये चलता है। जिस तरह PE Ratio बताता है कि कोई शेयर महंगा है या सस्ता, ठीक उसी तरह इंटरिंसिक वैल्यू को कैलकुलेट करके आप किसी भी शेयर की वास्तविक कीमत क्या होनी चाहिए यह पता कर सकते हैं।

9. पेनी स्टॉक्स या सस्ते शेयर्स खरीदने के चक्कर में नहीं फंसे

ज्यादातर नए इन्वेस्टर 1 रुपये वाले शेयर्स, 10 रुपये से कम की प्राइस वाले शेयर्स या फिर 20 रुपये से कम के शेयर्स के पीछे पड़े रहते हैं। क्योंकि सस्ती चीजें लोगों को बेहद जल्द अपनी तरफ आकर्षित कर लेती हैं, इन्हे पेनी स्टॉक्स या फिर भंगार शेयर्स कहा जाता है।

जितना हो सके आपको इस तरह के सस्ते सहारा के चक्कर से बचना चाहिए एवं मजबूत फंडामेंटल वाले शेयर्स खरीदने चाहिए। क्योंकि आपको पता होना चाहिए कि यदि किसी कंपनी के शेयर्स इतने सस्ते हैं, तो इसके पीछे कोई ना कोई वजह अवश्य होती है।

Note : यह लेख स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले किसी को क्या सावधानी रखनी चाहिए? इसके बारे में था। जिसमे आपको स्टॉक मार्किट में निवेश करने से पहले क्या सावधानियां रखनी चाहिए। इसके बारे में बताया गया है। अगर आप इन सभी बातो का ध्यान रखते है, तो आपको स्टॉक मार्किट में ज्यादा नुक्सान नहीं होगा। अगर आपका इस लेख से सम्बंधित कोई भी सवाल है, तो आप हमें कमेंट करके बता सकते है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा, तो कृपया इस लेख को अपने सभी दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, धन्यवाद।

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