पृथ्वी का वजन कितना है?

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पृथ्वी का वजन कितना है

पृथ्वी का वजन कितना है : पृथ्वी एक बहुत सुन्दर ग्रह है, जहाँ पर मनुष्य रहते है। पृथ्वी के अलावा किसी भी ग्रह पर अभी तक जीवन की संभावनाएं नहीं है। कई लोगो का एक सवाल होता है, हमारी पृथ्वी का वजन कितना है? गूगल पर सभी लोग इस सवाल को बार बार पूछते है, गूगल पृथ्वी का वजन कितना है बोलकर बताइए?

आज हम इसी के बारे में जानेगे। पृथ्वी के वजन के अलावा हम पृथ्वी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में भी जानेगे। एक बात तो सभी लोग जानते है, पृथ्वी के वजन को किसी भी तराजू से नहीं तोला जा सकता है। आइये जानते है, पृथ्वी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां और पृथ्वी का वजन कितना है, इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां हिंदी में –

पृथ्वी का वजन कितना है?

पृथ्वी का वजन 5.972 × 10^24 Kg है, जिसे हम आसान भाषा में समझे है, 5,974,000,000,000,000,000,000,000 किलोग्राम है। पृथ्वी के वजन को किसी तराजू से नहीं तोला जा सकता है। इसलिए वैज्ञानिक पृथ्वी के वजन का पता गणित और गुरुत्वाकर्षण के नियमों का उपयोग करके लगाते है। अगर हम बात करें, पृथ्वी का वजन कितने टन है, तो आपको बता दें, की पृथ्वी का वजन 5,972,000,000,000,000,000,000 टन है।

पृथ्वी के बारे में जानकारी (Information About Earth in Hindi)

Information About Earth in Hindi

पृथ्वी एक ऐसा ग्रह है, जहाँ पर जीवन जीना संभव है। इसके अलावा पुरे ब्रह्माण्ड में ऐसा कोई भी ग्रह नहीं है, जहाँ पर मनुष्य अपना जीवन यापन कर सकता है। पृथ्वी के 71% हिस्से पर जल है, और 29% हिस्सा भूमि से ढका हुआ है। पृथ्वी की सतह कई प्लेटो से मिलकर बनी हुई है, पृथ्वी पर जल तीन अवस्थाओं में पाया जाता है। पृथ्वी के दोनों ध्रुवो पर बर्फ की एक मोटी परत जमी हुई है।

रेडियोमेट्रिक डेटिंग और कुछ अन्य रीसर्च के अनुसार ऐसा माना जाता है, की पृथ्वी की उत्पत्ति करीब 4.54 अरब साल पहले हुई थी। जिस समय पृथ्वी की उत्पत्ति नहीं हुई थी, उस समय कई अरब साल पहले जीवो का विकास महासागरों में हुआ था। धीरे धीरे जीवो ने पृथ्वी के वायुमंडल को प्रभावित करना शुरू किया, और बाद में अवायुजीवी और वायुजीवी जीवो का प्रसार होना शुरू हुआ।

कुछ Geological Evidence Indicates के अनुसार ऐसा माना जाता है, की पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत 4.1 अरब वर्ष पहले हुई होगी। जिस समय पृथ्वी पर जीवन का विकास हुआ उस दौरान जैवविविधता का भी अत्यंत विकास हुआ। हजारो प्रजातियां इस दौरान लुप्त हुई और हजारो नई प्रजातियों का जन्म हुआ। सूर्य से पृथ्वी की उत्तम दुरी और रहने के लिए सही जलवायु और तापमान ने पृथ्वी पर जीवो की विविधता को बढ़ाया।

अगर हम पृथ्वी के वायुमंडल की बात करें, तो यह भी पृथ्वी की सतह की तरह कई परतों से बना हुआ है। पृथ्वी के वायुमंडल में सबसे अधिक मात्रा में नाइट्रोजन और ऑक्सीजन पायी जाती है। इसके अलावा पृथ्वी के वायुमण्डल में एक ओजोन गैस की परत भी मौजूद है, जो की सूरज से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों को रोकती है।

वायुमंडल घना होता है, जिसके कारण सूर्य का प्रकाश कुछ मात्रा में परिवर्तित हो जाता है। इससे सूर्य का तापमान नियत्रित रहता है। अगर कोई उल्कापिंड ब्रह्माण्ड से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर जाता है, तो वह हवा के घर्षण से जल कर नष्ट हो जाता है या फिर छोटे छोटे टुकड़ो में टूट जाता है।

पृथ्वी की सबसे ऊपरी सतह बहुत अधिक कठोर है, जो की पत्थरों और मिटटी से बनी हुई हिअ। इसका ऊपरी भू-भाग विवर्तनिक प्लेटों में विभाजित है, जो की इतिहास के दौरान एक स्थान से दूसरे स्थान पर विस्थापित हुआ था। इसकी सतह पर पठार, महाद्वीप, द्वीप, नदियां, सागर, और कई प्रकार की प्राकृतिक सरंचनाएँ मौजूद है।

पृथ्वी की आंतरिक संरचना तीन परतो से मिलकर बनी है, जो की भूपटल, भूप्रावार और क्रोड। पृथ्वी की बाह्य क्रोड परत तरल अवस्था में है, और एक परत ठोस अवस्था में है, जिसमे लोहा और निकल के साथ आंतरिक कोर में क्रिया करके चुम्बकीय क्षेत्र को पैदा करती है। पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र भिविन्न प्रकार के आवेशित कणों को प्रवेश करने से रोकता है।

पृथ्वी से सूर्य की दुरी लगभग 5 करोड़ किलोमीटर है। दुरी के आधार पर सूर्य से पृथ्वी तीसरा ग्रह है। जो की सौर मंडल में सबसे बड़ा चट्टानी पिंड है। पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर लगाने में 365 दिनों का समय लगता है। पृथ्वी पर भिविन्न प्रकार के मौसम इसलिए बदलते है, क्योकिं यह अपने लम्बवत 23.5 डिग्री झुकी हुई है।

पृथ्वी अपने अक्ष पर 24 घंटे में एक चक्कर पूरा करती है। जिसकी वजह से दिन और रात होते है। पृथ्वी का एक मात्र उपग्रह चन्द्रमा है, जो की पृथ्वी के निकट मौजूद है, जिसके कारण यहाँ पर ज्वार-भाटा उत्पन्न होता है।

पृथ्वी का नाम पृथ्वी कैसे पड़ा

पृथ्वी एक संस्कृति भाषा का शब्द है, जिसे पृथिवी भी कहा जाए है, इसका अर्थ होता है “एक विशाल धरा”। इसके अलावा पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऐसा माना जाता है, महाराज पृथु के नाम पर धरती का नाम पृथ्वी रखा गया। इसके अलावा पृथ्वी को धरा, रसा, महि, मेदिनी, वसुन्धरा, विकेशी, अवनि, धरती, धरणी, आदि नमो से भी जाना जाता है।

Note – यह लेख पृथ्वी का वजन कितना है? इसके बारे में था। जिसमे आपको धरती के वजन के अलावा पृथ्वी से जुड़ी और भी कई महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में बताया गया है। अगर आपका इस लेख से सम्बंधित कोई भी सवाल है, तो आप हमें कमेंट करके बता सकते है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा, तो कृपया इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, धन्यवाद।

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