आज हम एक ऐसी विषय के बारे में जानेगे जो बहुत ही रोमांचक है। हम इस लेख में दुनिया के सात अजूबे 7 Wonders of the World Names in Hindi के बारे में जानेगे। क्योकिं आज भी कई ऐसे लोग है, जिन्हे विश्व के सात अजूबे का नाम अभी तक नहीं पता है।
कुछ लोगो को इन अजूबो के नाम के बारे में तो पता होता है, लेकिन वह इनके बारे में पूरा इतिहास नहीं जानते है। दुनिया में सबसे पहले अजूबो को चुनने का निर्णय हेरोडोटस और कल्लिमचुस ने लिया था।
संसार के सबसे पहले सात अजूबे की सूचि लगभग 2 शताब्दी ईसा पूर्व जारी की गयी थी। इसी को देखते हुए, सन 2000 में एक स्विस फाउंडेशन ने विश्व के सात अजूबो की सूचि में कुछ नए अजूबे जोड़ने की बात भी की थी। ऐसा इसलिए किया गया था, क्योकिं पुराने सभी अजूबे नष्ट हो चुके है।
वर्तमान में सिर्फ ग्रेट पिरामिड ऑफ़ गिज़ा ही बचा हुआ है। लेकिन जो लिस्ट स्विस फाउंडेशन ने निकली थी, उसे पूरी तरह से कोई मंजूरी नहीं मिली थी। जिसकी वजह से इस लिस्ट को सहमति नहीं मिली। आइये जानते है, दुनिया के सात अजूबे कौन से है।
दुनिया के सात अजूबे 7 Wonders of the World Names in Hindi
- चीन की दीवार
- माचू पिच्चु
- ताजमहल
- पेट्रा
- चिचेन इत्जा
- क्राइस्ट रिडीमर
- कोलोज़ीयम
दुनिया के सात अजूबो को कैसे चुना गया था?
दुनिया में सिर्फ सात ही अजूबो को क्यों चुना जाता है? यह सवाल कई लोगो के मन में आता है। क्योकिं दुनिया में बहुत सी सुन्दर और आकर्षक चीजे है, सभी को दुनिया के अजूबो में क्यों नहीं शामिल किया जाता है। आपको बता दे की ऐसा इसलिए होता है, क्योकिं 7 संख्या को यूनानियों द्वारा एक भाग्यशाली संख्या माना जाता है।
सात संख्या समृद्धि और प्रतिनिधित्व का प्रतिक होता है। जैसे की इंद्रधनुष की बात करें, तो उकसे अंदर भी सात रंग होते है। शादी होते समय पति पत्नी सात फेरे लेते है। ऐसा इसी लिए है, की 7 संख्या समृद्धि का प्रतिनिधित्व करती है।
अब बात करते है, की दुनिया के सात अजूबो को कैसे चुना जाता है? जो संसार के सबसे पहले सात अजूबे है, उनमे से कुछ नष्ट हो चुके है। इसलिए 1999 से 2000 के बिच नए अजूबो को चुनने का विचार किया गया। दुनिया की कुछ शानदार और आश्चर्यजनक चीजों को चुनने के लिए एक फॉउण्डेशन को तैयार किया गया।
इस फाउंडेशन की एक ऑफिसियल वेबसाइट भी बनाई गयी थी। इस वेबसाइट पर पूरी दुनिया से लगभग 200 धरोहरों को शामिल किया गया था। इसके बाद एक ऑनलाइन वोटिंग का मॉडल बनाया गया। इस मॉडल के अंदर लगभग करीब 100 मिलियन लोगो ने ऑनलाइन वोटिंग की यह वोटिंग कई साल तक चलती रही। अंत में 2007 में दुनिया के कुछ नए अजूबे भी सामने आये जिन्हे लोगो ने वोटिंग से चुना था।
दुनिया के सात अजूबे Duniya Ke Saat Ajoobe Ke Naam
1. चीन की दीवार Great Wall of China
चीन की विशाल दिवार के बारे में सभी लोग जानते है, यह दुनिया के सात अजूबो में से एक है। चीन की दिवार का निर्माण पाँचवीं शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर सोलहवी शताब्दी तक पूरा हुआ था। चीन की इस दिवार की कुल लम्बाई 6400 किलोमीटर, ऊंचाई लगभग 35 फिट और चौड़ाई एक बड़े हाइवे की बराबर है।
इस दिवार की महानता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, की यह दिवार अंतरिक्ष से भी बिलकुल साफ़ नजर आती है। इस दिवार को बनाने का उद्देश्य उत्तरी हमलावरों से बचने के लिए था। जिसे कई अलग अलग राज्यों के शासको द्वारा बनाया गया था। चीन की दिवार को युनेस्को द्वारा 1949 से विश्व धरोहर के रूप में घोषित किया गया था।
2. माचू पिच्चु Machu Picchu (Peru)
माचू पिच्चू दुनिया के सात अजूबो में शामिल है। माचू पिच्चू दक्षिण अमेरिका के कुज़्को क्षेत्र, पेरू में स्तिथ है। यह एक ऐतिहासिक स्थल है, जिनकी ऊंचाई 2430 मीटर है। हालाँकि माचू पिच्चू कुज़्को क्षेत्र से लगभग 80 किलोमीटर दूर है।
इसे ऐतिहासिक स्थल को “इंकाओं का खोया शहर “ के नाम से भी जाना जाता है। माचू पिच्चू को 1430 ई. के आस पास इंकाओं ने इसका निर्माण अपने शासकों के आधिकारिक स्थल के रूप में किया था। लेकिन 100 साल बाद इस स्पेन के लोगो ने इंकाओं पर जीत हासिल कर ली थी।
जिसके बाद माचू पिच्चू को ऐसे ही छोड़ दिया गया था। इस स्थल के बारे में सभी लोग जानते थे, लेकिन इसे विश्व स्थल के रूप में दर्जा दिलाने का कार्य हीरम बिंघम ने किया था। 1983 में महक पिच्चू को विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया गया। इसके बाद माचू पिच्चू को 7 जुलाई 2007 को विश्व के नए सात अजूबो में भी शामिल किया गया था।
3. ताजमहल Taj Mahal
ताजमहल पूरी दुनिया में अपनी सुंदरता के लिए लोकप्रिय है। ताजमहल मुग़ल काल की वास्तु का एक शानदार नमूना है। ताजमहल भारत के आगरा शहर में स्तिथ है, इसका निर्माण सन 1632 – 1653 में पूरा हुआ था। जिसकी ऊंचाई 73 मीटर है।
उस्ताद अहमद लाहौरी द्वारा बनाया गया था (यह जानकारी उस्ताद अहमद लाहौरी के लुत्फुल्लह मुहांदी द्वारा लिखित एक दावे के अनुसार है) ताजमहल को मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में एक प्यार की निशानी के लिए बनाया था।
ताजमहल के निर्माण के लिए उस समय दुनिया के कई हिस्सों से सफ़ेद संगमरमर पत्थर को मंगवाया गया था। ताजमहल को सन 1963 में युनेस्को विश्व धरोहर की सूचि में शामिल किया गया था। इसके अलावा इसे भारत की इस्लामी कला का रत्न भी माना जाता है।
4. पेट्रा Petra
पेट्रा एक ऐतिहासिक नगरी है, जो की अपनी पत्थर से तराशी गयी इमारतों के लिए पूरी दुनिया में लोकप्रिय है। पेट्रा जॉर्डन के मान म’आन प्रान्त में स्थित है। कुछ विद्यमानो का ऐसा मानना है, की पेट्रा का निर्माण 1200 ईसा पूर्व हुआ था। यह नबातियों ने अपनी राजधानी के लिए स्थापित की थी।
पेट्रा एक “होर” के पर्वत की ढलान पर बनी हुई है। इसके चारो और ऊँचे ऊँचे पहाड़ है। यह पहाड़ी इलाका मृत सागर की “वादी अरबा” घाटी की पूरबी सीमा है। पेट्रा यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल की सूचि में शामिल है। जो की संसार के सात अजूबो में शामिल है।
5. चीचेन इट्ज़ा Chichen Itza
चिचेन इत्ज़ा मैक्सिको में स्तिथ एक प्राचीन मयान मंदिर है। Chichén Itzá एक स्पेनी शब्द है, जिसका मतलब “इट्ज़ा के कुएं के मुहाने पर” होता है। चिचेन इत्ज़ा मेक्सिको की सबसे प्राचीन स्थलों में से एक है। इसका निर्माण 600 ईसा पूर्व में किया गया था। यहाँ का माया मंदिर लगभग 5 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
जिसकी ऊंचाई 79 फिट है, जिसका आकर पिरामिड की तरह है। इस मंदिर में ऊपर जाने के लिए चारो और सीढ़ियां बनी हुई है। जिसमे कुल 365 सीढ़िया है। इस तरह से इसके चारो कोनो में 91 सीढ़ियां है। कुछ लोगो का ऐसा भी माना है, की प्रत्येक सीढ़ी एक दिन का प्रतिक है। इसके अलावा चीचेन इट्ज़ा माया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला क्षेत्र है, जो की जनसँख्या के साथ साथ क्षेत्रफल में भी अन्य शहरों से बड़ा है।
6. क्राइस्ट रिडीमर Christ the Redeemer Statue
क्राइस्ट द रिडीमर ब्राजील के रियो डी जेनेरो शहर में स्तिथ एक शानदार प्रतिमा है। जिसे दुनिया की लोकप्रिय धरोहरों में शामिल किया गया है। यह दुनिया की सिर्फ एक ही येशु मसीह की इतनी बड़ी मूर्ति है, जिसकी ऊंचाई लगभग 130 फिट और चौड़ाई 30 मीटर है। क्राइस्ट द रिडीमर में लगे मटेरियल की बात करें तो इस मूर्ति के अंदर कुल 635 टन वजन है।
यह प्रतिमा कांक्रीट और सोपस्टोन से बनी हुई है। क्राइस्ट द रिडीमर का निर्माण सन 1922 में शुरू किया गया था, और यह 12 अक्टूबर 1931 को ब्राजील के रियो डी जेनेरो शहर में स्थापित की गयी थी। इस प्रतिमा को बनाने वाला एक फ्रैंच का महान मूर्तिकार लेनदोव्सकी था। क्राइस्ट द रिडीमर पूरी दुनिया में ईसाई धर्म का एक बड़ा प्रतिक मानी जाती है।
7. कोलोज़ीयम The Roman Colosseum
कोलोज़ीयम The Roman Colosseum इटली देश के रोम में स्तिथ एक विशाल स्टेडियम या खेल का मैदान है। इसका निर्माण 70 से 72 ईसा पूर्व में शुरू हुआ था, और 80 ईसा पूर्व तक सम्राट टाइटस ने इसे पूरी तरह से बनबाकर तैयार कर दिया था। यह स्टेडियम इतना विशाल था, की एक साथ इसमें लगभग 50000 लोग बैठ सकते थे।
इस स्टेडियम का आकर अंडाकार था। यह मात्र लोगो के मनोरंजन के लिए बनाया गया था। इसके अंदर खुनी लड़ाईया कराई जाती है। जिसमे योद्धाओं को कभी कभी जानवरो से भी लड़ना पड़ता था। कुछ विद्यमानो का ऐसा मत है, की इस स्टेडियम में इन खुनी खेलों के दौरान लगभग 5 लाख पशु और 10 मनुष्य मारे गए है।
इसके अलावा इस स्टेडियम में कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी कराये जाते थे। लेकिन पूर्व मध्यकाल में कोलोज़ीयम स्टेडियम को सार्वजानिक उपयोग पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया। इस स्टेडियम का कुछ हिस्सा भूकंप और प्राकृतिक आपदाओं की वजह से नष्ट हो गया है। वर्तमान समय में यह पूरी दुनिया में लोकप्रिय है। यहाँ प्रत्येक वर्ष हजारो की संख्या में पर्यटक आते है।
दुनिया के सात अजूबे के नाम, निर्माण और स्थान
अजूबा का नाम | निर्माण | स्थान |
चीन की दीवार | 8वीं शताब्दी | चीन |
माचू पिच्चु | 1430 ई. | पेरू |
ताजमहल | सन 1632 | भारत |
पेट्रा | 309 ई.पू | जोर्डन |
चिचेन इत्जा | 514 ई.पू | मैक्सिको |
क्राइस्ट रिडीमर | सन 1931 | ब्राजील |
कोलोज़ीयम | 80 ई.पू | इटली |
दुनिया के अजूबो के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न
दुनिया का पहला अजूबा कौन सा है?
दुनिया का पहला अजूबा ताजमहल है, जिसे शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में बनवाया था। यह मुग़ल कला का एक उत्कृष्ट नमूना है, जो अपनी खूबसूरती की वजह से दुनिया के सात अजूबो में से पहले स्थान पर आता है।
दुनिया का आठवां अजूबा कौन सा है?
वर्तमान में दुनिया के अंदर सिर्फ साथ अजूबे जॉर्डन का पेट्रा, चिचेन इटजा, चीन की दीवार, रोम-ईटली का कोलेजियम, ब्राजील का क्राइस ऑफ रिडीमर, माचू पिच्चू, और भारत का ताजमहल शामिल है। लेकिन अगर दुनिया में आठवां अजूबा इस सूचि में शामिल किया गया, तो उसमे सरदार पटेल की प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को शामिल किया जाएगा।
दुनिया का सबसे बड़ा अजूबा कौन सा है?
दुनिया का सबसे बड़ा अजूबा चीन की दिवार को माना जाता है। इसका निर्माण संयुक्त रक्षा प्रणाली के लिए किया गया था। जिसका उद्देश्य मंगोल जनजाति के दुश्मनो को चीन से बहार रखना था। चीन की महान दिवार अंतरिक्ष से भी नजर आती है। इसलिए इसे दुनिया का सबसे बड़ा अजूबा कहा जाता है।
दुनिया का दूसरा अजूबा कौन सा है?
दुनिया का दूसरा अजूबा माचू पिच्चू है।
भारत में किनते अजूबे है?
पुरे विश्व में सात अजूबे है, जिसमे से एक ताजमजहल भारत में है। वर्तमान में भारत के अंदर आठवां अजूबा भी शामिल हो गया है। जिसका नाम स्टेचू ऑफ़ यूनिटी (सरदार बल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा) है। कुल मिलकर भारत में दो अजूबे शामिल है।
क्या ग्रैंड कैन्यन दुनिया के 7 अजूबों में से एक हैं?
जी नहीं, ग्रैंड कैन्यन दुनिया के सात अजूबों की सूचि में नहीं आती है। दरसल ग्रैंड कैन्यन कोलोरेडो धारा से बनी एक घाटी है। जो की 277 मिल लम्बी है, और यह ग्रैंड कैन्यन नेशनल पार्क का केंद्रबिंदु है। लेकिन आपको बता दें, की यह दुनिया के सात प्राकृतिक अजूबों में से एक जरूर है।
Conclusion
मुझे उम्मीद है, की आपको यह लेख दुनिया के सात अजूबे बहुत पसंद आया होगा, और अब आप 7 Wonders of the World Names in Hindi यानी की दुनिया के सात अजूबे कौन से है। इनके बारे में पूरी तरह से जान चुके होंगे। सभी लोग दुनिया के सात अजूबे देखना चाहते है, लेकिन हमें एक बात का गर्व हमेशा होना चाहिए, की दुनिया के सात अजूबो में भारत का नाम भी शामिल है, जिसमे ताजमहल को लिया गया है। भले ही हम दुनिया के सात अजूबे ना देख पाए लेकिन एक तो सभी भारतीय लोगो को जरूर देखना चाहिए, जो हमारे देश में मौजूद है। आपको यह लेख कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपके पास इस लेख से सम्बंधित कोई भी सुझाव है, तो वह भी आप हमें बता सकते है। इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, धन्यवाद।
Nice article
Aapne har ek cheez ko acche se explain Kiya hai saaf alfaaz mai bataya hai aur saath mai website ki design simple hai .
धन्यवाद दिलशाद जी इस पोस्ट को अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ जरूर शेयर करें।
बहुत सुन्दर एवं ज्ञानवर्धक जानकारी ,
और इस मेहनत एवं सराहनीय प्रयास के लिए आप निश्चित ही बधाई के पात्र है ।
आपने तस्वीरों के साथ – साथ शब्दों को इस लेख में इस तरह पिरोया है की , लगभग हर व्यक्ति न सिर्फ इसे आसानी से पहचान और समझ सकता है , बल्कि दूसरों को भी आसानी से समझा सकता है , और यही एक लेखक की खासियत होती है ।
आगे भी आप इसी तरह की ज्ञान वर्धक जानकारियों के साथ अपने पाठकों के सामान्य ज्ञान में वृद्धि करते रहें , यही शुभकामना है ..
धन्यवाद ..