भारत की सबसे ऊँची चोटी कौन सी है (Highest Mountain Peak in India) : भारत पूरी दुनिया में अपने इतिहास और कई चीजों के लिए जाना जाता है। लेकिन सबसे ज्यादा भारत अपनी खूबसूरत के लिए जाना जाता है। भारत में कई सुन्दर पहाड़, नदियां और झरने आदि है। जिन्हे देखने के लिए विदेशो से भी पर्यटक भारत में घूमने के लिए आते है। आज हम इस लेख में भारत में सबसे ऊँचा पर्वत कौन सा है?
और भारत की सबसे ऊँची चोटी के बारे में जानेगे। भारत में पर्वतो को आध्यात्मिक रूप से भी पूजा जाता है। जैसे की कैलाश पर्वत जिसे भगवान् शिव को समर्पित माना जाता है। इसी तरह से भारत में कई ऐसे पर्वत है, जिनका धार्मिक रूप से बहुत अधिक महत्त्व है। यहाँ पर हम भारत की सबसे ऊँची चोटी कौन सी है? इसके अलावा भारत के 10 सबसे ऊंचे पर्वत और उनसे जुड़ी और कई महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में जानेगे –
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भारत की सबसे ऊँची चोटी कौन सी है (Highest Mountain Peak in India)
भारत की सबसे ऊँची चोटी कंचनजंगा है, जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 8,586 मीटर (28,169 फीट) है। कंचनजंगा हिमालय में स्तिथ दुनिया की तीसरी सबसे ऊँची चोटी है। कंचनजंगा हिमाल पश्चिम में तमूर नदी, उत्तर में ल्होनक नदी और जोंगसांग ला, पूर्व में तीस्ता नदी से घिरा हुआ है। कंचनजंगा का कुछ हिस्सा सिक्किम राज्य की सीमा पर नेपाल में भी आता है। कंचनजंगा को सन 1852 तक दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माना जाता था।
लेकिन सन 1849 में ग्रेट ट्रिगोनोमेट्रिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा जब पर्वतो की गणना और मापन किया गया तब पता चला की दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवेरेस्ट है, जिसे उस समय पीक XV के नाम से जाना जाता था। कंचनजंगा भारत के सिक्किम राज्य में स्तिथ एक पवित्र पर्वत है, इस पर्वत पर पहली बार 25 मई 1955 को जो ब्राउन और जॉर्ज बैंड द्वारा चढ़ाई गई थी। यह सन 1955 में चल रहे ब्रिटिश कंचनजंगा अभियान का हिस्सा थे।
कई लोगो को यह तो पता है, की कंचनजंगा दुनिया की सबसे ऊँची चोटियों में आती है, लेकिन कंचनजंगा के बारे में सभी जानकारी बहुत कम लोगो को पता पता है। कंचनजंघा का नाम तिब्बती भाषा के चार मूल शब्दों से हुआ है, जो की “कांग-छेन-दजों-ंगा या यांग-छेन-दजो-ंगा” इन शब्दों का अर्थ सिक्किम में “विशाल हिम की पाँच निधियाँ” माना जाता है। नेपाल में कंचनजंघा को कुंभकरन लंगूर कहते है।
कंचनजंगा की पांचो चोटियों के नाम Kangchenjunga Main (8586M), Kangchenjunga West (Yalung Kang) (8505M), Kangchenjunga Central (8482M), Kangchenjunga South (8494M), Kangbachen (7903M) है। पौराणिक कथाओं के अनुसार कंचनजंगा पर्वत का धार्मिक अनुष्ठानों में अत्यधिक महत्त्व है। टूरिज्म और अन्य सर्वेक्षण से पहले कंचनजंगा चोटी चरवाहों और व्यापारियों के लिए जानी जाती थी।
कंचनजंगा का पर्यटन महत्त्व
कंचनजंगा चोटी ट्रेककेरस के बिच में काफी लोकप्रिय है। हालाकिं नेपाल और भारत के कारन आने वाली कई कठिनाइयों की वजह से कंचनजंगा के क्षेत्र को अभी तक पूरी तरह से नहीं खोजा गया है। इसलिए अभी भी कंचनजंगा क्षेत्र की प्राचीन सुंदरता जीवित है। पहले कंचनजंगा क्षेत्र में ट्रैकिंग करने की अनुमति नहीं थी।
लेकिन अब ट्रेककेरस कंचनजंगा क्षेत्र में ट्रैकिंग के लिए जा सकते है। इसके अंदर के नेशनल पार्क भी है, जिसका नाम Khangchendzonga National Park इसे सन 2016 में UNESCO World Heritage Site में घोषित किया गया था। कंचनजंगा की विशाल चोटी के दक्षिणपूर्व मुख के ठीक सामने गोइचा ला दर्रे, जहाँ पर ज्यादातर ट्रेककेरस ट्रैकिंग के लिए जाते है।
भारत के 10 सबसे ऊंचे पर्वत (Top 10 Highest Mountain in India)
अभी तक हमें भारत की सबसे ऊँची चोटी के बारे में जाना है। अब जानते है, भारत के 10 सबसे ऊँचे पर्वत (Top 10 Highest Mountain in India) के बारे में –
1. Kanchenjunga Peak
Kanchenjunga Peak भारत की सबसे ऊँची चोटी और पर्वत है। इसके अलावा यह पूरी दुनिया की तीसरी सबसे ऊँची चोटी है। जो की समुद्र तल से 8,586 मीटर (28,169 फीट) की ऊंचाई पर स्तिथ है। यह भारत में सिक्किम राज्य में स्तिथ है, इसका कुछ क्षेत्र नेपाल में भी आता है। कंचनजंगा का अर्थ होता है, विशाल बर्फ की पांच चोटियां।
2. Nanda Devi Peak
नंदा देवी पर्वत भारत का दूसरी सबसे ऊँची चोटी और पर्वत है, जो की समुद्र तल से 7816 मीटर की ऊंचाई पर स्तिथ है। इसके अलावा यह दुनिया का 23 वां सबसे ऊँचा पर्वत है। नंदा देवी का पूरा भाग भारत के अंदर ही स्तिथ है। सन 1808 में गणना से पहले नंदा देवी को दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत माना जाता था, लेकिन सन 1975 में हुई गणना के अनुसार भारत का सबसे ऊँचा पर्वत सिक्किम का कंचनजंगा है। नंदा देवी पर्वत भारत के उत्तराखंड राज्य में चमोली गढ़वाल जिले में स्तिथ है। इसके पश्चिम में ऋषिगंगा घाटी और पूर्व में गोरीगंगा घाटी स्तिथ है। नंदा देवी पर्वत को कुमाऊं हिमालयन की संरक्षक करने वाली देवी के रूप में माना जाता है।
3. Kamet Peak
कामेट चोटी भारत की तीसरी सबसे ऊँची चोटी है, जो की समुद्र तल से हिमालय में 7756 मीटर की ऊंचाई पर स्तिथ है। कामेट चोटी भारत के उत्तराखंड के गढ़वाल जिले के चमोली में स्तिथ है। इस श्रृंखला में सबसे ऊँची चोटी जास्कर पर्वत है। कामेट चोटी तिब्बत के बहुत निकट स्तिथ है। जिसकी वजह से इस चोटी पर पहुंचना बहुत मुश्किल है, यहाँ पर हवाएं भी बहुत तेज होती है। इस शिखर पर चढ़ने का प्रयास सन 1855 में शुरू हुआ था, और पहली बार कामेट की चोटी पर 1931 तक फ्रैंक स्मिथ, एरिक शिप्टन विजय हासिल की।
4. Saltoro Kangri Peak
साल्टोरो कांगरी भारत की चौथी सबसे ऊँची चोटी है, जिसे पहले Peak 36 के नाम से भी जाना जाता था। साल्टोरो कांगरी हिमालय में समुद्र तल से 7742 मीटर की ऊंचाई पर स्तिथ है। साल्टोरो कांगरी पर्वत काराकोरम का एक हिस्सा है, इस इस पर्वत को यह नाम इसलिए दिया गया है, क्योकिं साल्टोरो कांगरी दो चोटियां है।
साल्टोरो कांगरी काराकोरम रेंज के सुदूर इलाको में स्तिथ विश्व की 31 वीं सबसे ऊँची चोटी है। यह पर्वत सियाचिन क्षेत्र में भारतीय नियंत्रित क्षेत्र, और साल्टोरो रेंज के पश्चिम में पाकिस्तानी नियंत्रित क्षेत्र के बीच वास्तविक ग्राउंड पोजीशन लाइन के भारतीय क्षेत्र में स्तिथ है। यह क्षेत्र भारत के जम्मू और कश्मीर में के अंतर्गत आता है।
5. Saser Kangri Peak
ससेर कांगरी काराकोरम रेंज की ससेर मुज़ताग़ नामक उपश्रेणी के एक पुंजक का नाम है। ससेर कांगरी भारत की पांचवी सबसे ऊँची चोटी है, जो की भारत के लद्दाख क्षेत्र में समुद्र तल से 7672 मीटर की उचाई पर स्तिथ है। लद्दाखी भाषा में ससेर शब्द का अर्थ “पीला रंग” होता है, लद्दाख़ी व बलती भाषाओं में कांगरी शब्द का अर्थ “बर्फीला पर्वत” होता है। जिसका शाब्दिक अर्थ होता है “पीली हिम वाला पर्वत”।
6. Mamostong Kangri Peak
मामोस्तोंग कांगरी या मामोस्तंग कांगरी का सर्वेक्षण K35 के रूप में किया गया है। Mamostong Kangri भारत के लद्दाख क्षेत्र में राकोरम रेंज की एक उप-श्रेणी, सुदूर रिमो मुज़तघ में स्तिथ सबसे ऊँची चोटी है। जो की हिमालय में समुद्र तल से 7516 मीटर की ऊंचाई पर स्तिथ है। जो की सियाचिन ग्लेशियर के थूथन से लगभग 30 किमी पूर्व-दक्षिण, पूर्व में स्थित है।
मामोस्तोंग कांगरी एक दूरस्थ स्थान पर स्तिथ है, जो की सैन्य स्तिथि और अस्थिर राजनैतिक की वजह से यहाँ पर अधिक यात्रायें नहीं की गयी है। मामोस्तोंग कांगरी को पहली यूरोपीय खोज सन 1907 में आर्थर नेव और डी जी ओलिवर द्वारा की गई थी। मामोस्तोंग कांगरी पर पहली चढ़ाई सन 1984 में एक इंडो-जापानी अभियान द्वारा पूर्वोत्तर रिज के माध्यम से की गयी थी।
7. Rimo I Peak
Rimo I Peak भारत में लद्दाख के सियाचिन क्षेत्र में समुद्र तल से 7385 मीटर की ऊंचाई पर स्तिथ है। यह करमकोराम रेंज की एक उप-श्रेणी, रिमोट रिमो मुजतघ के उत्तरी भाग में स्थित है। जो की सियाचिन ग्लेशियर के थूथन से लगभग 20 किलोमीटर की दुरी पर उत्तर पूर्व में स्तिथ है। Rimo I Peak भारत की सातवीं सबसे ऊँची और दुनिया कली 71 वीं सबसे ऊँची चोटी है।
Rimo पर्वत से निकलने वाला रीमो ग्लेशियर लदाख में श्योक नदी में जाकर मिलता है। Rimo I Peak का क्षेत्र बहुत काम जाने वाला स्थान था, जिसे खोजकर्ताओं ने फिलिपो डी फिलिपी सन 1914 और फिलिप और जेनी विसर सन 1929 में यहाँ पर अपना दौरा किया।
8. Hardeol Peak
हरदेओल भारत की आठवीं सबसे ऊँची चोटी है, जो की हिमालय में समुद्र तल से 7151 मीटर की ऊंचाई पर स्तिथ है। हरदेओल पीक को भगवान् का मंदिर भी कहा जाता है, यह भारत के उत्तराखंड राज्य की एक प्रमुख चोटियों में से एक है। जो की नंदा देवी अभ्यारण्य की रक्षा करने वाली चोटी के वल्य के उत्तरी किनारे पर स्तिथ सबसे ऊँची चोटी है। Hardeol Peak भारत के उत्तराखंड राज्य में पिथौरागढ़ जिले में मिलम घाटी के उत्तरी छोर पर स्तिथ है। Hardeol Peak को त्रिशूली दक्षिण के नाम से भी जाना जाता है।
9. Chaukhamba Peak
Chaukamba Peak भारत की नौवीं सबसे ऊँची चोटी है, जो की हिमालय में समुद्र तल से 7138 मीटर की ऊंचाई पर स्तिथ है। यह पर्वत गढ़वाल हिमालय में गंगोत्री समूह में एक पर्वत पुंज है। जिसमे से सबसे प्रमुख और ऊँची चोटी चौखम्बा है। यह गंगोत्री ग्लेशियर के शीर्ष पर स्तिथ है। चौखम्बा पर्वत हिन्दुओं के पवित्र शहर बद्रीनाथ के पश्चिम की और स्तिथ है।
चौखम्बा में चार चोटियां है, जो की निम्न प्रकार है –
- Chaukamba I 7,138 M (23,419 Ft)
- Chaukamba II 7,070 M (23,196 Ft)
- Chaukamba III 6,995 M (22,949 Ft)
- Chaukamba IV 6,854 M (22,487 Ft)
10. Trisul Peak
त्रिशूल भारत के उत्तराखंड राज्य के श्चिमी कुमाऊं में स्तिथ तीन हिमालय पर्वत चोटियों का एक समूह है। जिसकी सबसे ऊँची चोटी त्रिशूल है, जो की समुद्र तल से 7120 मीटर की ऊंचाई पर स्तिथ है। त्रिशूल नंदा देवी से पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में 15 किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ है। त्रिशूल की तीन चोटियों की ऊंचाई Trisul I 7,120 मीटर, Trisul II 6,690 मीटर और Trisul III 6,007 मीटर है।
Note – यह लेख भारत की सबसे ऊँची चोटी कौन सी है? (Highest Mountain Peak in India) इसके बारे में था। जिसमे आपको भारत के सबसे ऊँचे पर्वत और भारत की 10 सबसे ऊँची चोटियों के बारे में भी बताया गया है। अगर आपका इस लेख से सम्बंधित कोई भी सवाल है, तो आप हमें कमेंट करके बता सकते है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा, तो कृपया इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, धन्यवाद।