कटहल का पेड़ और फल की जानकारी

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इस लेख में हम कटहल के पेड़ की जानकारी के बारे में जानेगे। कटहल का पेड़ (Jackfruit Tree in Hindi) भारत और इसके आस पास के देशो में उगाया जाता है। भारत में इस कटहल की सब्जी भी बनायीं जाती है। कुछ लोग कटहल की सब्जी बनाना बहुत पसंद करते है। यह खाने में बहुत स्वादिष्ट होती है। इसके अलावा हम इस लेख में कटहल के पेड़ से जुड़ी सभी जानकारियां जानेगे।

कटहल के पेड़ की जानकारी (Jackfruit in Hindi) 

कटहल का पेड़ भारत में अति लोकप्रिय पेड़ो में से एक है। ज्यादातर लोग इस पेड़ को अपने घरो में इससे लगने वाले फलो के लिए लगते है। यह भारत के कई हिस्सों में उगाया जाता है। जिनमे छोटानागपुर का पठारी क्षेत्र, बंगाल, उत्तर-पूर्व का पर्वतीय क्षेत्र, और बिहार सहित कई प्रदेशो में इसकी खेती भी की जाती है।

कटहल की सब्जी लोग बहुत शोक से कहते है। इस पौधे को कटहल या फनस के नाम से जाना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम औनतिआरिस टोक्सिकारीआ (Antiaris Toxicaria) और अंग्रेजी भाषा में इसे जैकफ्रूटके नाम से जाना जाता है। कटहल पेड़ पर उगने वाला दुनिया का सबसे बड़ा फल है।

इसकी बहार की और हरे रंग के कांटे होते है। इस तरह के कांटे वालो फलो को वैज्ञानिक भाषा में सोरोसिस कहा जाता है। इस फल को लेकर अक्सर लोगो का एक सवाल रहता है। कटहल किस देश का राष्ट्रीय फल है? कटहल श्रीलंका और बांग्लादेश का राष्ट्रीय फल है। कटहल भारत में बहुत अधिक मात्रा में उगाया जाता है, इसको तमिलनाडु और केरल में भी प्रदेश फल का दर्जा प्राप्त है।

कटहल का पेड़ बारहमासी होता है। जो की सदैव हरा भरा रहता है। इसके ऊपर बहुत बड़े आकर के फल लगते है। यह हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक होते है। इस पेड़ की शाखाएं अधिक फैलती है। इस पेड़ की ऊंचाई लगभग 12 से 15 मीटर तक हो जाती है। यह बहुत घाना और विशाल होता है। जिन इलाको में कटहल की खेती की जाती है। वहां पर इसके पेड़ की छाया में इलायची, काली मिर्च आदि चीजों की खेती की जाती है।

क्योकिं इसके घने पत्तो की वजह से जमीन पर सीधी धुप नहीं पड़ती है। जिसकी वजह से वह सभी खेती इसकी छाया में की जा सकती है। जिन्हे ज्यादा धुप की जरुरत नहीं होती है। जब पेड़ की आयु पूरी हो जाती है, तो यह सूखने लगता है। इसके बाद इसकी लकड़ियों का इस्तेमाल घरलू फर्नीचर बनाने के लिए किया जाता है। इसकी लकड़ी अन्य कई लड़कियों से ज्यादा मजबूत होती है।

कटहल के पेड़ की पत्तियों की लम्बाई लगभग 10 से 20 सेंटीमीटर और चौड़ाई लगभग 5 से 10 सेंटीमीटर तक होती है। इन पत्तियों का आकर गोल और हल्का अंडाकार होता है। इन पत्तियों का रंग ऊपर से हरा और निचे से हल्का हरा होता है। यह ऊपर से चिकनी और निचे से हलकी खुदरी होती है।

कटहल की पत्तियों का इस्तेमाल पालतू पशुओं को खिलने के लिए भी किया जाता है। शरद ऋतु के दौरान इसकी सभी पत्तियां पौधे से गिर जाती है। जिसे पतझड़ भी कहा जाता है । वसंत ऋतू आने पर फिर से कटहल पर नई कोपल से पातियाँ बनना शुरू हो जाती है। एक बार फिर से पेड़ हरा भरा हो जाता है।

कटहल के पेड़ पर लगने वाला फल जिसे लोग कटहल या जैकफ्रूट कहते है। इसे घरो में सब्जी के रूप में बनाया जाता है। इसका स्वाद लाजबाब होता है। इसके अलावा इसका उपयोग कटहल का अचार बनाने के लिए भी किया जाता है। कुछ घरो में इसके पकोड़े भी बनाये जाते है।

इस फल के छिलके के ऊपर छोटे छोटे नुकीले कांटे होते है। यह कांटे बहुत ही सख्त होते है। इस फल के ऊपरी छिलके का रंग हरा होता है। इस फल की सब्जी को इसका छिलका उतार कर बनाया जाता है। यह अंदर से सफ़ेद रंग का होता है। इसके अंदर का हिस्सा मांस की तरह दिखता है। जिसे बनाकर खाया जाता है।

जब कटहल पक जाता है, तो इसका रंग पीला हो जाता है। पके हुये फल को खाने पर इसका स्वाद मीठा लगता है। इसके अंदर कई औषधीय गुण पाए जाते है। इसके अलावा इसमें कई पोष्टक तत्व भी मौजूद होते है, जो की शरीर के लिए बहुत लाभदायक होते है। अगर कटहल का इस्तेमाल मौसमी सब्जी की तरह किया जाता है, तो यह कई बिमारियों से छुटकारा दिलाता है।

जिस तरह से सभी फलो के अंदर बीज पाए जाते है, उसी तरह कटहल के अंदर भी बीज होते है। इन बीजो की लम्बाई लगभग 3 से 4 इंच तक होता है। इन बीजो का रंग सफ़ेद होता है। बीजो के ऊपर एक सख्त परत का छिलका होता है।

जब कटहल की सब्जी बनायीं जाती है, तो यह सब्जी में भी नहीं गलते है। इसके बीजो को छीलकर खाया जाता है। इसके बीजो में समृद्ध मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते है। एक कटहल के अंदर लगभग 50 से 100 बीज होते है। यह बीज कटहल के आकर पर भी निर्भर करते है।

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कटहल खाने के फायदे और नुक्सान (Benefits of Jackfruit in Hindi) 

कटहल खाने के फायदे बहुत होते है। इस फल को अचार के रूप में खाया जाता है। कुछ लोग इसकीइसकी कटहल की सब्जी भी खाते है। लेकिन उन्हें कटहल की सब्जी खाने के फायदे नहीं पता होते है। तो आज हम कटहल से जुड़े सभी फायदों के बारें में जानेगे –

1. कटहल के अंदर एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन सी समृद्ध मात्रा में पाया जाता है, इसकी सौ ग्राम मात्रा में लगभग 17% विटामिन सी पाया जाता है। जिससे हमारी दैनिक जीवन में पड़ने वाली विटामिन सी की जरुरत पूरी हो जाती है। इसके अलावा यह बैक्टीरियल संक्रमणों से भी शरीर को बचाये रखता है।

2. जैकफ्रूट के फायदे त्वचा के लिए भी बहुत सारे होते है। त्वचा पर समय से पहले झुर्रिया पड़ना और त्वचा पर कालापन आना। यह सभी परेशानियों के लिए जैकफ़्रूट बहुत फायदेमंद होता है। इसके अंदर विटामिन सी जो की त्वचा के लिए बहुत लाभदायक होता है। इसके अलावा एंटीऑक्सीडेंट गुण तनाव और प्रदुषण के कणों से हमारी त्वचा को बचाते है।

3. कटहल के अंदर ग्लूकोज की मात्रा भी पायी जाती है, जो की शरीर की त्वचा को हाइड्रेटेड रखने में मदद करती है। इससे त्वचा स्वस्थ रहती है।

4. इसके अंदर आयरन की मात्रा भी अधिक रहती है। अगर शरीर में आयरन की कमी होती है, तो इसकी वजह से एनीमिया रोग होने का खतरा बना रहता है। अगर आप इसकी सब्जी का या फिर किसी भी तरह जैकफ्रूईट का सेवन करते है, तो इससे शरीर में आयरन की कमी की पूर्ति होगी। जिससे आपको कई रोगो से छुटकारा मिलेगा।

5. कटहल के सेवन से कब्ज की समस्यां से भी बचा जा सकता है। इसके अंदर मौजूद फाइबर आपके पाचन तंत्र को मजबूत बनता है। जिसकी मदद से आंते पूरी तरह से कार्य करना शुरू कर देती है। और आपको कब्ज की समस्यां से छुटकारा मिल जाता है।

6. अगर आप एक एथिलीट है, और आपको ऊर्जा की ज्यादा जरुरत है, तो आपको अपनी दिनचर्या में जैकफ्रूट को शामिल करना चाहिए। इसके अंदर शर्करा की बहुत ही सरल मात्रा होती है, जो आपके अंदर शुगर के लेवल को नियंत्रित रखने हुए ऊर्जा प्रदान करती है।

7. इसका इस्तेमाल शरीर के खून को नियंत्रित करने में बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा यह हृदय के सुधार में भी बहुत कारगर होता है। इसके अंदर विटामिन सी और बिटामिन बी 6 ब्लड में होमोसिस्टीन (यह एक प्रकार का एमिनो एसिड होता है, जिसके बढ़ने पर हृदय सम्बन्धी रोग होते है) के स्तर को नियंत्रित करता है। इसके अलावा इसके अंदर पोटेशियम भी माशपेशियों को मजबूत रखने में मदद करता है।

8. मैग्नीशियम शरीर की हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह हड्डियों को मजबूत बनता है। अगर आप कटहल का सेवन करते है, तो इसके अंदर पाए जाना वाला मैग्नीशियम हदीयों को मजबूत करता है।

कटहल के नुकसान (Side Effects of Jackfruit in Hindi) 

वैसे तो इसे खाने के कोई भी नुक्सान नहीं होते है, लेकिन आपक अधिक मात्रा में इसका सेवन करते है, तो ऐसे में कटहल खाने के नुसकान भी हो सकते है। पेट में खाना ना पचना, जी मितलाना आदि।

कभी भी सर्दी जुकाम और खांसी वाले लोगो को पके हुए कटहल का सेवन नहीं करना चाहिए।

गर्वभती महिलाओं को कटहल का सेवन नहीं करना चाहिए।
यह लेख सिर्फ जानकारी के लिए है। अगर आपको किसी तरह की कोई भी बीमारी है, तो डॉक्टर की सलाह लेकर ही इसका सेवन करें।

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कटहल का पेड़ कैसे लगाएं

कटहल के पौधे को लगाने की विधि – कटहल का पेड़ ज्यादातर ऐसी जगह पर लगाया जाता है। जहाँ पर खुली जगहं हो। लेकिन आज हम आपको बताएँगे की कटहल का पेड़ गमले में कैसे लगाएं? कटहल के पेड़ को लगाने के दो तरीके होते है। पहला तरीका है, कटहल के पेड़ को बीज से ऊगा सकते है। और दूसरा तरीका है, की आप बारहमासी कटहल को ग्राफ्टिंग के द्वारा ऊगा सकते है। ग्राफ्टिंग के द्वारा उगाएं गए कटहल के पौधे पर बहुत जल्दी फल आते है। सबसे पहले हम जानते है, कटहल को बीज से कैसे उगाएं?

कटहल को बीज से लगाने का सही समय क्या है? कटहल को बीज से लगाने का सही समय जून से अगस्त के बीच का होता है। इन दिनों आपको बहुत ही आसानी से पके हुए कटहल के बीज मिल जाते है।

कटहल के पेड़ को बीज से कैसे उगाएं

Step 1. कटहल का पौधा बीज से उगाने के लिए आपको सबसे पहले पके हुए कटहल से बीज निकलने है। जब भी आप बीज निकाले, तो एक साथ लगभग 8 से 10 बीज लें। जिससे की अगर कुछ बीज ख़राब भी हो जाएँ, तो आपके पोधो पर किसी भी प्रकार का कोई फर्क ना पड़ सकें।

Step 2. बीजों को निकलने के बाद आप इन्हे ज्यादा दिन के लिए ना रखे। हो सकें तो इन्हे तुरंत ही लगा देना चाहिए। क्योकिं यह बीज कटहल से निकलने के बाद ख़राब होना शुरू हो जाते है। जिसकी वजह से इनसे पौधा नहीं निकल पाता।

Step 3. बीजों को निकलने के बाद आपको एक ऐसा गमला लेना है, जिसके निचे छेद हो। गमला लेने के बाद आपको इसके अंदर 80% बगीचे की सामान्य मिटटी और 20% पुरानी गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट मिला सकते है। मिटटी को अच्छी तरह मिलाने के बाद इसे गमले में भर लें। मिटटी भरते समय एक बात का खास ख्याल रखें की गमले के निचे जो छेद है, उनके ऊपर कुछ कंकड़ ढक दें। उसके बाद गमले में मिटटी को भरें।

Step 4. गमले में मिटटी को भरने के बाद आपको कटहल के बीजों को लगभग दो इंच की गहराई में लगा दें। सभी बीजों को गमले में थोड़ी थोड़ी दुरी पर लगाएं।

Step 5. बीजों को गमले में लगाने के बाद आपको इसके अंदर पानी डालना है। और गमले को एक ऐसी जगह पर रख देना है, जहाँ पर धुप आती हो। दूसरी बार पानी जब डालना जब गमले की ऊपरी सतह सुख जाएँ। ज्यादा पानी देने से इसके बीज गल जाते है।

Step 6. यह बीज लगभग एक सफ्ताह में उगना शुरू हो जाते है। जब पोधो पर तीन से चार पत्तियां आ जाएँ, तो इन्हे गमले से निकल कर किसी बड़े गमले में या फिर जमीन लगा दें।

Step 7. पौधा गमले से निकलते समय ध्यान रखे की पौधे की जड़ें ज्यादा हिलनी नहीं चाहिए। इसको मिटटी सहित ही दूसरे गमले में या जमीन ट्रांसप्लांट कर दें।बीज से तैयार किया गया जैकफ्रूट का पौधा लगभग 8 से 10 साल में फल देने लगता है।

बीज से कटहल का पौधा कैसे उगाएं वीडियो में देखें

कटहल के पेड़ को ग्राफ्टिंग से कैसे लगाएं

Step 1. कटहल के पौधे को ग्राफ्टिंग या कटाई के द्वारा उगाना बहुत आसान होता है। इसके लिए आपको पहले बीजों द्वारा उगाया गया एक कटहल का पौधा लेना है

Step 2. इसके बाद आपको एक बड़े कटहल के पेड़ की कटिंग लेनी है। जिस पर पहले से अधिक मात्रा में कटहल आतें हों। कटिंग आपको लगभग तीन इंच की लेनी है। जिसकी मोटाई पेन्सिल की बराबर होनी चाहिए।

Step 3. कटिंग को लेने के बाद आपको कटहल के पौधे के तने को बीच में से काटकर। उसके अंदर लगभग तीन इंच का चीरा लगाना है। और जो कटिंग आपने बड़े कटहल के पेड़ से ली है। उसको भी दोनों साइड से छीलकर पेना कर लेना है। जिससे की यह चीरा लगे हुए तने में आसानी से चली जाएँ।

Step 4. कटिंग को पेना करते समय आपको एक बात का विशेष ध्यान रखना है, की आपको छिले हुए स्थान को हाथो से ज्यादा नहीं छूना है। वरना इससे कटिंग पर फंगस लगने का खतरा बना रहता है। कटिंग को पेना करके चीरा लगे हुए तने के अंदर फसा दें।

Step 5. इसके बाद आपको इसके ऊपर कसकर टेप या फिर पॉलीथिन बांध देनी है। जिससे की इसके अंदर हवा ना जा पाएं। पॉलीथिन बांधने के बाद आपको इसके ऊपर से एक और पॉलीथिन को ढककर उसको तने से कसकर बांध देना है। इससे यह बहुत जल्दी बढ़वार करेगी। और जल्दी ही नहीं शाखाएं आयेंगी

ग्राफ्टिंग या कटिंग द्वारा तैयार किये गए कटहल के पौधे पर लगभग तीन से चार साल में फल आना शुरू हो जाते है।

कटहल के पौधे की देखभाल कैसे करें 

1. गर्मियों के दिनों में पौधे को महीने में प्रतिदिन या फिर पौधे की जड़ की मिटटी सूखने के बाद पानी देना सकते है। सर्दियों में पौधे को पानी की ज्यादा आवश्यकता नहीं होती है।

2. जब पौधे पर फूल आना शुरू हो जाएँ, और जब तक यह फल ना बन जाएँ तब तक पेड़ को पानी नहीं देना चाहिए। जब पौधे पर फल पूरी तरह से बड़ा हो जाएँ। तो इसके बाद आप इस पेड़ को पानी दे सकते है। इसके लिए पेड़ के आस पास की लगभग दो से तीन फिट जगह छोड़कर हल्का गड्डा बना लें। फिर इसके अंदर सिचाई करें।

3. पौधे को खाद देने के लिए भी आप इसी गड्डे का उपयोग करें। इसके लिए आपको वर्मीकम्पोस्ट और सरसो की खल को लेकर अच्छी तरह से मिलाना है। दोनों को अच्छे से मिलाने के बाद पेड़ की जड़ो से थोड़ी दुरी पर थोड़ा थोड़ा सभी पेड़ो में डाल दें। इससे आपके पेड़ पर फलो की वृद्धि होगी।

कटहल के पेड़ पर ज्यादा कटहल कैसे आयेंगे

1. जनवरी से फरवरी महीनो के बीच कटहल के पेड़ से नई कोपल निकलना शुरू हो जाती है। इन्ही कोपलों पर पर फूल लगते है, जिनसे कटहल बनते है। इन दिनों आपको अपने पौधे का सबसे ज्यादा ख्याल रखना है।

2. यह कोपल सबसे ज्यादा तने पर आती है। जब तने पर कोपल आना शुरू हो जाएँ, तो आपको पेड़ पर चढ़ना नहीं चाहिए और यह भी ध्यान रखे की आपके कटहल के पेड़ से कोई भी जानवर रगड़ ना करें। इससे आपके पौधे की सभी कोपल टूट सकती है। जितनी ज्यादा कोपल आप बचाकर रखते है। उतना ज्यादा इसके ऊपर फल आतें है।

3. जिस समय कटहल के तने पर नई कोपल आना शुरू होती है। आप उन दिनों इसके तने पर पानी का छिड़काब कर सकते है। इससे तने की चाल थोड़ी मुलायम हो जाती है। जिससे की कोपल को निकलने में सहायता मिलती है।

4. अगर आपके पौधे के तने में किसी तरह की फंगस लग गयी है, तो इसका जल्दी से जल्दी उपचार करें। इसके लिए आप नीम के तेल को पानी में मिलकर उसका स्प्रे कर सकते है।

5. जिस समय पेड़ पर कटहल बनना शुरू हो जाते है। उस समय आपको पौधे के चारो और गुड़ाई करके उसके अंदर गोबर का खाद डालकर उसके ऊपर से पुराल या फिर पत्तियां ढक दें। इससे पेड़ को धीरे धीरे भोजन प्राप्त होता रहेंगे। इस तरह से आप कटहल के पेड़ पर बहुत अधिक मात्रा में कटहल ले सकते है।

कटहल का पेड़ कितने दिन में फल देता है?

जिस कटहल के पेड़ को बीज के द्वारा उगाया जाता है, वह कम से कम 7 से 8 साल बाद फल देने लगता है, वही अगर कलमी कटहल के पेड़ की बात करें, तो इस पर 4 से 5 साल बाद फल आने लगते है। कटहल के पेड़ पर 12 साल तक अच्छी मात्रा में फल आते है, इसके बाद यह फलो की मात्रा कम कर देता है। और जैसे जैसे पेड़ पुराना होने लगता है पेड़ पर फलों की संख्या कम होने लगती है।

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Jackfruit FAQ

कटहल किस रंग का होता है?

सामान्यतौर पर कटहल हरा और पीले रंग का होता है, जब यह पकने लगता है, तो इसका रंग नारंगी होने लगता है। पकने के बाद इसके अंदर खाने योग्य बीज निकलते है। इसके अंदर से एक तीखी सुगंध आती है।

कटहल किस प्रकार का पौधा है?

कटहल सदाबहार पौधों की सूचि में आता है, यह Moraceae परिवार का पौधा है। यह एशिया के अंदर सबसे ज्यादा उगाया जाता है। कटहल अपने बड़े फल के लिए अधिक लोकप्रिय है।

कटहल फल है या सब्जी?

कटहल को दक्षिण पूर्व एशिया, और ब्राजील में उगाया जाता है, यह एक प्रकार का फल है। लेकिन इसके सब्जी के रूप में भी खाया जाता है।

क्या कटहल के पत्तों को खाया जा सकता है?

कुछ शोध के मुताबिक कटहल के सभी भाग खाने योग्य है। कटहल के पत्तो इस सेवन चने के साथ उबाल कर किया जा सकता है।

क्या कटहल को गमलों में उगाया जा सकता है?

कटहल को गमले में बहुत आसानी से उगाया जा सकता है। इसको उगाने के लिए आपको एक बड़े गमले का चयन करना चाहिए। गमले का आकार लगभग 20 इंच का होना चाहिए। बड़े आकर के गमलो में यह अच्छे फल भी देने लगता है।

कटहल किस मौसम में मिलता है?

एशिया में कटहल का मौसम अप्रैल से सितंबर, या मार्च से जून, और अगस्त के मौसम तक मिलता है। इसके अलावा इसकी पैदावार जलवायु पर निर्भर करती है। इसके अलावा यह कुछ हिस्सों में ऑफ-सीजन यानी की सितंबर से दिसंबर तक भी मिलता है।

 

Note – यह लेख कटहल के पेड़ की जानकारी पर आधारित था। जिसमे आपको कटहल का पेड़ (Jackfruit Tree) को कैसे लगाया जाता है, कटहल के बीज खाने के फायदे क्या है। और भी कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी गयी है। अगर आपका इस लेख से सम्बंधित कोई भी सवाल है, तो आप हमें कमेंट करके बता सकते है। अगर यह लेख आपको अच्छा लगा तो कृपया इस लेख को अपने किसी भी एक दोस्त के साथ जरूर शेयर करें, धन्यवाद। 

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