भारतीय रिजर्व बैंक का पुराना नाम क्या था?

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भारतीय रिजर्व बैंक का पुराना नाम

क्या आप भारतीय रिजर्व बैंक का पुराना नाम जानते है? अगर नहीं तो आज हम इस लेख में RBI Bank से जुड़े कई महत्वपूर्ण सवालो के बारे में आपको बताने वाले है। क्योकिं आरबीआई भारत के सभी बैंको को चलता है, एक तरीके से हम आरबीआई को भारत के सभी बैंकों का मालिक भी कह सकते है। इस लेख में भारतीय रिजर्व बैंक का पुराना नाम क्या था, इसके अलावा रिजर्व बैंक की स्थापना कब हुई और भारतीय रिजर्व बैंक के संस्थापक कौन थे और भी कई महत्वपूर्ण सवालों के बारे में जानेगे। तो आइये सभी पहले हम जानते है भारतीय रिजर्व बैंक का पुराना नाम –

भारतीय रिजर्व बैंक का पुराना नाम

अगर आप गूगल पर सर्च करते है, तो आपको भारतीय रिजर्व बैंक का पुराना नाम “The Imperial Bank Of India” ज्यादातर वेबसाइट पर बताया जायेगा। तो आपको बता दें, की यह पूरी तरह से गलत है। क्योकिं भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया पहले भी इसी नाम से जाना जाता था। हालाकिं भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना ब्रिटिस्ट राज्य में की गयी थी लेकिन उस समय भी यह “Reserve Bank Of India” के नाम से ही जाना जाता था।

इस बैंक का राष्ट्रीयकरण होने के बाद भी यह भारतीय रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के नाम से जाना जाता है। मुझे उम्मीद है, की आपको पता चल चुका होगा की भारतीय रिजर्व बैंक का पुराना नाम कोई नहीं था। बल्कि इसे शुरू से ही “भारतीय रिजर्व बैंक” के नाम से ही जाना जाता है।

अगर हम बात करें “The Imperial Bank Of India” की तो यह “State Bank Of India” का पुराना नाम था। जिसे आजाद भारत में 30 अप्रैल सन 1955 में इम्पीरियल बैंक का नाम बदल कर भारतीय स्टेट बैंक या “स्टेट बैंक ऑफ इंडिया” रख दिया गया था।

रिजर्व बैंक की स्थापना कब हुई?

भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के अधिनियम 1934 के द्वारा 1 अप्रैल, 1935 को हुई थी। रिज़र्व बैंक का केंद्रीय कार्यालय शुरुआत में कोलकाता में बनाया गया था। लेकिन सन 1937 में स्थायी रूप से मुंबई में स्थानांतरित कर दिया गया था। रिजर्व बैंक का केंद्रीय कार्यालय वह कार्यालय है जहां गवर्नर बैठते हैं और यही से सारी नीतियां निर्धारित की जाती हैं। हालाकिं रिज़र्व बैंक शुरुआत में एक निजी स्वमित्व वाला बैंक था, लेकिन सन 1949 में इसका राष्ट्रीयकरण होने के बाद यह पूरी तरह से भारत सरकार के अंतर्गत हो गया।

भारतीय रिजर्व बैंक के संस्थापक कौन थे?

भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना के लिए सन 1926 में रॉयल कमीशन ने केंद्रीय बैंक के लिए मांग की थी। इसके बाद ब्रिटिस्ट राज्य में आरबीआई की स्थापना सन 1935 में की गयी। उस समय RBI का गवर्नर पद सर ओसबोर्न स्मिथ को दिया गया था। इन्होने गवर्नर पद पर 1 अप्रैल 1935 से 30 जून 1937 तक कार्य किया था। इसके बाद सर जेम्स ब्रेड टेलर को 5 वर्ष के लिए गर्वरनर बना दिया गया था, जो की 1 जुलाई से 1937 से 17 फरवरी 1943 तक रहे थे। इसके बाद सी डी देशमुख को RBI का गवर्नर पद दिया गया था। लेकिन इस समय तक भारत स्वतंत्र हो चुका था, इसके कुछ दिन के बाद ही 1949 में आरबीआई का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया था। जिसके बाद आरबीआई पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा संचालित किया जाने लगा।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर 2022

भारतीय रिजर्व बैंक के सभी गवर्नरों की सूचि इस प्रकार है –

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर

भारतीय रिजर्व बैंक के कार्य

भारतीय रिजर्व बैंक सभी बैंकों का बैंक है, इसलिए सभी प्रमुख कार्य भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ही किये जाते है, तो आइये जानते है भारतीय रिजर्व बैंक के कार्य क्या है –

करेंसी छापना

भारतीय रिजर्व बैंक देश में करेंसी छपने का कार्य करता है, जो की सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक है। लेकिन आपको बता दें, की भारतीय रिजर्व बैंक एक रूपये के नोट की करेंसी नहीं छापता है, एक रूपये के नोट सिर्फ वित्त मंत्रालय द्वारा छापे जाते है, एक रूपये के नोट पर वित्त सचिव के हस्ताक्षर होते हैं। नोट छपने के लिए कौन सी प्रणाली का उपयोग किया जाता है, आपको बता दें, की नोट छपने के लिए न्यूनतम रिजर्व प्रणाली का उपयोग किया जाता है।

विदेशी मुद्रा भंडार की सुरक्षा

आरबीआई इंटरनेशनल करेंसी को सुरक्षित रखने का भी कार्य करता है, इसके अलावा यह विदेशी मुद्रा को बेचने और खरीदने का भी कार्य करता है। जब विनिमय बाजार में विदेशी मुद्रा की आपूर्ति कम हो जाती है, तो ऐसे में आरबीआई Market में विदेशी मुद्रा को बेचता है, और इससे मुद्रा की आपूर्ति बढ़ जाती है।

बैंको के लिये लोन प्रदान करता है

आरबीआई सभी अनुसूचित बैंको को आवश्यकता पड़ने पर लोन प्रदान करता है। मान लीजिये किसी भी बैंक को अगर कोई भी लोन चाहिए, तो इसके लिए उस बैंक को आरबीआई से ही लोन मांगना पड़ता है।

सभी बैंकों का बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक सभी बैंकों का बैंक है, जिस तरह से एक सामान्य बैंक अपने ग्राहकों के लिए कार्य करती है। ठीक उसी तरह से सभी कमर्शियल बैंको के लिए भारतीय रिजर्व बैंक कार्य करता है। यह सभी कमर्शियल बैंको को पैसे लोन पर देती है, या फिर हम कह सकते है, की RBI सभी बैंको को पैसे उधार देता है।

बैंकों को मैनेज करना

अगर कोई भी भारत के अंदर बैंकिंग का कारोबार करना चाहता है, तो उसे सबसे पहले RBI से लाइसेंस प्राप्त करना होता है। इसके बाद ही वह बैंक खोल सकता है। क्योकिं भारीतय रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया बैंकों के अधिनियम की दूसरी अनुसूची में बैंको को शामिल करके उन्हें कण्ट्रोल करता है। इसके अलावा सभी दिशा निर्देश भी RBI ही जारी करता है।

भारतीय रिजर्व बैंक के प्रतीक चिन्ह पर कौन सा पशु अंकित है?

भारतीय रिजर्व बैंक के प्रतीक चिन्ह पर कौन सा पशु या जानवर बना हुआ है। यह एक सामान्य प्रश्न है, जो की बहुत बार परीक्षाओं में भी पूछा जाता है। तो आपको बता दें, की रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के प्रतीक चिन्ह में बाघ और ताड़ का पेड़ अंकित है। यह लोगो ईस्ट इंडिया कम्पनी द्वारा लिया गया है।

आपको बता दें, की शुरुआत में ईस्ट इंडिया कंपनी ने रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के चिन्ह में शेर और ताड़ के पेड़ को चिन्हित करने का फैसला लिया था। लेकिन यह विचार सरकार के करीबी में नहीं था, इसके अलावा भारत सरकार चाहती थी, की चिन्ह का डिज़ाइन भारतीय होना चाहिए। इसलिए बाद में शेर की जगह RBI Logo में बाघ और ताड़ के पेड़ को छापा गया, क्योकिं उस समय भारत में बाघों की संख्या भी बहुत अधिक थी।

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Note – इस लेख में आपको भारतीय रिजर्व बैंक का पुराना नाम और इससे सम्बंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में बताया गया है। अगर आपका इस लेख से सम्बंधित कोई भी सवाल है, तो आप हमें कमेंट करके बता सकते है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा, तो कृपया इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, धन्यवाद।

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